मेरी सगी भाभी की चुदाई की कहानी

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यह मेरी सगी भाभी की चुदाई की कहानी है जो मैं आपको बता रहा हूँ.

मेरा नाम अंकित है, मैं कॉलेज स्टूडेंट हूँ और पार्ट टाइम जॉब भी करता हूँ. बात यह है दोस्तो कि मेरी भाभी और मैं बहुत हंसी मज़ाक करते हैं. मेरी भाभी बहुत ही सेक्सी टाइप की हैं, और उन्हें हंसने खेलने की आदत है, भैया जॉब करते हैं और मम्मी पापा घर पे हैं, हम सब साथ ही रहते हैं. भैया की शादी हुए 2 साल हो गये है. भैया जॉब में ही ज़्यादा बिज़ी रहते है और रात को घर आते हैं, वे भाभी से बहुत प्यार करते हैं.

बात उस समय की है जब गर्मियों के दिन थे, भैया किसी काम से बाहर गये थे, मैं घर में ही था और मुझे गर्मी के कारण रहा नहीं जा रहा था. अब मैं क्या करूँ? यही सोच रहा था.

एक दिन हुआ ऐसा कि मैं टीवी देख रहा था और भाभी मेरे बगल में बैठी सब्जी काट रही थी, पंखा चल रहा था. मैंने शॉर्ट नेकर पहना था मेरा और भाभी का ध्यान टीवी में था.

तभी मुझे अचानक क्या हुआ पता नहीं, मेरा लंड खड़ा होने लगा, शायद गर्मी की वजह से… भाभी सब्जी काट रही थी तो मैंने भी अपने लंड की तरफ ध्यान नहीं दिया और एकदम खड़ा होने लगा अचानक से भाभी की नज़र मेरे लंड पर गई, भाभी देखने लगी और सब्जी भी काट रही थी. फिर भाभी शायद सोचने लगी कि देवर जी का लंड खड़ा क्यों हो रहा है. गर्मी ज़्यादा थी तो एकदम खड़ा हो गया, फिर मैं घूमा और लंड को दबा दिया, फिर टीवी देखने लगा, उस समय से भाभी भी सोच में पड़ गई कि शायद देवर जी को चूत की भूख है.

भाभी उठी, किचन में खाना बनाने लगी.

उस दिन से भाभी का ध्यान भटक गया था.

दूसरे दिन मैं और भाभी अकेले घर पर थे तो भाभी सुबह को नहा कर नाश्ता बनाने के लिए चली गई और फिर हमने नाश्ता किया और भाभी अपने रूम में चली गई. उस दिन गर्मी कुछ ज़्यादा ही हो रही थी, दिन के करीब 2 बजे हम साथ ही बैठे थे, भाभी बोली- आज गर्मी ने तो हाल बहाल कर दिया है! मैंने भी कहा- हाँ भाभी, गर्मी तो बहुत हो रही है!

उन दिनों भैया भी 4-5 दिन के लिए बाहर गये थे तो अब भाभी को शायद सेक्स की भी चाह हो रही थी, और पहले दिन मेरा लंड खड़े होते हुए भाभी ने देखा था तो मैं सोच रहा था कि आज गर्मी ज़्यादा ही है, अगर आज मेरे लंड को कोई ठंडा कर सकता है तो वो भाभी है. अब मैं सोचने लगा कि लेकिन ऐसा होगा कैसे?

उसी दिन शाम को करीब 4 बजे भाभी अपने रूम से उठ कर आई. मैं हाल बैठा था, जैसे ही मैंने भाभी को देखा, देखता ही रह गया, भाभी ने शॉर्ट टाइप का सफ़ेद कुर्ता पहना था और नीचे से जालीदार टाइप का पैंट… आज तक मैंने भाभी को ऐसे कपड़ों में नहीं देखा था.

भाभी बोली- टाइम क्या हुआ है अंकित? मैं बोला- भाभी 4 बजे हैं.

भाभी ने कहा- तुम सोए नहीं दिन में? मैं बोला- नहीं भाभी! और भाभी बाथरूम में चली गई, जैसे ही बाहर आई तो मैं भाभी को देख कर पागल हो गया, भाभी ने हाथ मुँह धोया था, बाल गीले हुए थे और सफ़े कुर्ता थोड़ा गीला भी हुआ था. भाभी क्या मस्त लग रही थी!

भाभी बोली- अंकित, तुम्हें गर्मी नहीं हो रही क्या? मैंने कहा- हो तो रही है भाभी… लेकिन क्या करूँ? भाभी ने कहा- अच्छा!

अब तो मैं सोच रहा था कि एक बार भाभी आज गर्मी शांत कर दे तो मजा आ जाएगा. इतनी सेक्सी भाभी आज ही देखी थी.

मैंने भाभी से कहा- भाभी आज तो आपने कुछ अलग ही कपड़े पहने हैं? भाभी ने कहा- हाँ, आज गर्मी भी बहुत हो रही है!

तभी भाभी उठी और जूस पीने लगी. मैंने कहा- भाभी थोड़ा मुझे भी दो!

जैसे ही भाभी जूस ग्लास में डालने लगी तो जूस एकदम से उनके हाथ से फिसल गया और उनके बदन पर गिर गया. भाभी ने कहा- शिट! मैं उठा और भाभी के पास गया, मैंने, जो जूस नीचे गिरा था, साफ करने के लिए कपड़ा डाल दिया.

भाभी ने कहा- रहने दो अंकित, मैं कर लूँगी! भाभी के शरीर पर तो पहले जूस गिरा हुआ था, मैंने कहा- भाभी आप चेंज कर लो!

वो हंस कर बोली- इतनी गर्मी हो रही है, जूस गिरा तो थोड़ी शांति मिली मेरे शरीर को! मैंने कहा- भाभी कमाल हो आप भी? भाभी ने कहा- मैं नहा लेती हूँ!

फिर भाभी बाथरूम में चली गई, बाथरूम में तो पानी और भी गर्म हुआ पड़ा था, भाभी ने आवाज़ लगाई- अंकित, थोड़ा सा बर्फ ले के आओ! मैंने कहा- ठीक है भाभी लाया!

जैसे ही मैं बर्फ लेकर गया तो भाभी ने दरवाजा लॉक किया था, मैंने बाहर से कहा- भाभी बर्फ! भाभी ने थोड़ा सा दरवाजा खोला और हाथ दरवाजे से बाहर निकाला. जैसे ही मैंने बर्फ के टुकड़े उनके हाथ में दिए तो भाभी के हाथ से फिसल गये और ज़ोर से आवाज़ आई- आअहह! मैंने सोचा कि भाभी गिर गई. मैंने दरवाजा खोल दिया. भाभी बोली- तुम क्यों आए यहाँ?

भाभी को तो मैं देखता ही रह गया, भाभी ने सिर्फ़ ब्रा और पेंटी पहनी थी, क्या कमाल की लग रही थी. मैंने कहा- अरे भाभी, मुझे लगा आप गिर गई हो! भाभी ने कहा- बेवकूफ़!

अब मैं क्या करता… एक तरफ भाभी इतनी हॉट दिख रही थी कि कोई भी पागल हो जाता! फिर भाभी ने खुद ही बोल दिया- अच्छा अब आ ही गये हो तो रूको और ये बर्फ मेरी पीठ में थोड़ा सा लगा दो!

मैं तो ख़ुशी से पागल हो गया. भाभी ने कहा- तुम किसी कहना मत!

मैं तो बस अब भाभी को चोदना चाहता था. मैं बर्फ लगाने लगा, भाभी बोली- क्या मज़ा आ रहा है वाव अंकित! यह भाभी की चुदाई की चुदाई की कहानी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!

मैं भी खुश होने लगा, मैंने कहा- भाभी, थोड़ा आप भी मेरी पीठ में लगा दो ना… गर्मी हो रही है! भाभी ने कहा- क्या बात है… रुक जा, लगाती हूँ, पहले कपड़े तो उतार! मैंने कहा- भाभी सिर्फ़ टीशर्ट उतारूँ? वो बोली- अरे, पैंट भी उतारो!

मैंने कहा- नहीं भाभी, अभी नहीं! वो बोली- अरे पागल, पानी सारा पैंट में गिरेगा! फिर मैंने उतार ही दी, जैसे ही पैंट उतारी, मेरा लंड तो इतना खड़ा हो चुका था कि कच्छा भी खिंच गया. भाभी भी देखती ही रह गई.

अब क्या था… जब लंड पहलवान तो किस चीज़ दी देरी… भाभी बोली- अंकित. ये इतना बड़ा कैसे हो गया? मैंने कहा- पता नहीं भाभी!

वो बोली- बापा रे! सारी गर्मी तो तेरे यहाँ है! मैंने कहा- भाभी, अब क्या करूँ? भाभी बोली- करना क्या है, अब तू दिखा अपने लंड की गरमी!

भाभी ने मेरा लंड पकड़ा और दबाने लगी, आगे पीछे किया तो मुझे मज़ा आया, मैंने कहा- भाभी एक बार और करो ना! फिर उन्होंने बिना कुछ बोले लंड को ज़ोर से आगे पीछे किया कि मुझे दर्द होने लगा था!

मैं भाभी के पीछे खड़ा हुआ और लंड को उनसे टच करने लगा तो वो बोली- टच ही करोगे या अब जन्नत भी दिखाओगे? मैंने कहा- क्या मतलब? भाभी बोली- तुम्हें भी गर्मी से राहत मिलेगी और मुझे भी… एक काम कर. तू आज मुझे ही चोद दे!

मैं तो पागल हो गया, मैंने कहा- भाभी तुम कितनी सुंदर हो! ‘आज पता लगा तुझे?’

अब मैं भाभी के आगे आया. भाभी तो एक्सपर्ट थी, वो ज़मीन पर लेट गई, मैं भी उनके चूत के सामने अपना खड़ा लंड लेकर लेट गया, मैंने भाभी की ब्रा को खींच कर हुक तोड़ कर निकाला, पेंटी को उतारा. भाभी बोली- अरे भूक्के… आराम से… मैं अभी यहीं हूँ!

मैं तो पागल हुआ जा रहा था, मैं कहाँ रुकने वाला था, मैंने उनकी चुची को आटे की तरह गूँथ डाला और चूत में जैसे ही लंड डालने लगा तो जा ही नहीं रहा था. इतना मोटा लंड भला ऐसे कैसे जाता…

मैंने भाभी को बोला- भाभी आप कुछ मदद करो! भाभी तो एक्सपर्ट थी, वो बोली- अब रुक ही जाओ देवर जी, ज़रा तुम्हारे लंड को मैं अपने हाथो से भी मजा देती हूँ. भाभी ने लंड को आगे पीछे करके मेरी हालत खराब कर दी.

फिर मैं भी जोश में था और भाभी भी… फिर भाभी लेटी और अबकी बार तो मैंने अपने लंड का टोपा भाभी की चूत में डाल दिया और भाभी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह… उउहह!’ की आवाज़ करने लगी. मैंने फिर धीरे से पूरा लंड डाल दिया, भाभी के मुंह से आवाज़ आने लगी- ओई ओईए ईईई अंकूउहां अहहहा हह आअहह!

मैंने अपने लंड को हल्का सा बाहर किया और ज़ोर से एक और झटका दिया, अबकी बार तो भाभी पूरी दर्द भरी हो गई थी, मैं फिर ज़ोर ज़ोर से भाभी को झटके देता रहा और बाद में मेरे लंड से माल आने लगा तो मैंने भाभी की छाती पर डाल दिया.

फिर मैं बोला- भाभी, भैया ने तो शायद इतने मज़े नहीं दिए होंगे? भाभी बोली- अंकू यार… तेरा लंड तो कमाल कर गया! मैं बोला- भाभी, तुम इतनी हॉट हो कि मजा अपने आप ही आने लगा था! फिर मैंने कहा- भाभी, आप इतनी सुंदर हो ना… जी करता है कि बस चोदते ही चले आओ!

फिर भाभी बोली- तो फिर आओ एक बार और! मैं बोला- अबकी बार पीछे से! भाभी बोली- यार, बहुत दर्द होता है कसम से… एक तो ये तुम्हारा लंड बहुत ही बड़ा है आज तो इसने मार ही डाला!

भाभी अब और भी खूबसूरत लगने लगी थी, भाभी की अदा भी कमाल की थी. फिर भाभी ने कहा- आज नहीं, फिर कभी आराम से! अब मैं नहाती हूँ! मैंने कहा- रूको भाभी, मैं भी नहा लेता हूँ!

फिर मैं नहा कर चला गया.

ये मेरी भाभी की चुदाई की कहानी है, कैसी लगी, मुझे बताना! [email protected]

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