रास्ते में मिली शादीशुदा हसीना की चुत चुदाई

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: storyrytr@gmail.com. Starting price: $2,000

मैरिड गर्ल सेक्स कहानी में पढ़ें कि एक लड़की ऑफिस जाते वक़्त मुझे रोज रास्ते में मिलती थी. मैं उसे चोदना चाहता था लेकिन बात करने में मेरी फटती थी. तो कैसे हुआ सब?

हैलो फ्रेंड्स, मेरा नाम दीपक है, मैं उड़ीसा के बहरामपुर से हूँ. मैं एक बिजनेस मैन हूँ और 34 साल का हूँ और मेरा लंड सात इंच का है.

मैं हिन्दी में थोड़ा कमजोर हूँ. इसीलिए गलती होना स्वाभाविक है, कृपया मुझे माफ़ करते हुए सेक्स कहानी का मजा लीजिएगा.

मैं भाभियों का दीवाना हूँ इसलिए सबसे पहले सभी भाभियों को मेरा प्यार.

मेरी सेक्स कहानी अन्तर्वासना पढ़ने से ही शुरू हुई है. मैं पिछले छह साल से अन्तर्वासना पर प्रकाशित हिंदी देसी सेक्स कहानी पढ़ता आ रहा हूँ. इधर से ही मुझे अपनी आपबीती लिखने की हिम्मत मिली.

मेरी मैरिड गर्ल सेक्स कहानी की नायिका का नाम निशा है. ऑफिस जाते वक़्त वो मुझे रोज रास्ते में मिलती थी. वो भी एक सरकारी नौकरी करती थी.

हमारा ऑफिस जाने का समय एक ही था, इसीलिए हमारा मिलना रोज हो जाता था.

पिछले तीन साल से हमारी मुलाकात होती आ रही थी. उसे देख कर मेरे मन में उसके लिए वासना उमड़ने लगी थी और मैं उसे चोदने के लिए अन्तर्वासना की सेक्स कहानी पढ़कर हिम्मत जुटाता रहा.

एक दिन की बात है, वो बीमार थी, तो दो दिन तक मैं उसको नहीं देख पाया था. उसे बिना देखे मेरा मन उदास हो गया था और ऑफिस में मेरा मन नहीं लग रहा था.

जब वो तीसरे दिन मिली, तो उसकी बस मिस हो चुकी थी. मैं हिम्मत करके उसके पास गया और उसकी प्राब्लम की बारे में पूछा.

उसने बताया कि बस मिस हो गयी है.

वो जिस रूट पर जाती थी, उस रूट के लिए अगले दो घंटे तक कोई बस नहीं थी.

मैंने उसको छोड़ देने के लिए बोला. वो भी मान गई. मैंने उसे अपने साथ ले लिया और चल पड़ा.

सुनसान रास्ते में उसने मुझसे बात शुरू की; कुछ अपने बारे में बताया और मेरे बारे में भी पूछा.

इसी बातचीत के दरम्यान हम दोनों के बीच किसी तरह से फोन नम्बर की बात हुई और मैंने उसको अपना फोन दे दिया. उसने मेरे फ़ोन से अपना नम्बर डायल कर दिया. इस तरह से मेरे पास उसका नम्बर आ गया था.

उसे उसके ऑफिस छोड़ कर मैं वापस हो गया.

अब मुझे उसकी कॉल या मैसेज का इंतजार था.

दोपहर में एक बजे उसका व्हाट्सैप मैसेज आया ‘हैलो’

मैंने उसका नम्बर फीड कर लिया था तो मैं खुश हो गया और उसे हाय का मैसेज भेज दिया. कुछ देर तक हमारी सामान्य बातें होती रहीं.

मैं उसके मैसेज पढ़ कर काफी खुश था. उसकी तरफ से भी मैसेज के साथ इमोजी बड़ी ही सुकून देने वाली थीं.

शाम को घर आया तो मैंने सबसे पहले उसे ही मैसेज किया. मगर उसका जवाब नहीं आया.

मैं बार बार फोन चैक करके उसके मैसेज का इंतजार करता रहा.

फिर रात को दस बजे उसका मैसेज का जवाब आया.

उसने लिखा था- सॉरी, मेरे मोबाइल का नेट ऑफ था, अभी खोला तो आपका मैसेज दिखा. मैंने एक स्माइली भेजी. तो उसने भी जवाब उसी तरह की स्माइली से दिया.

हमारे बीच चैट होनी शुरू हो गई.

दस मिनट बाद मैंने उससे पूछा- तुमको मेरे मैसेज से कोई दिक्कत तो नहीं हो रही है. वो बोली- यदि दिक्कत होती तो मेरे जवाब न आते.

मैं खुश हो गया और मैंने एक चुम्बन वाला इमोजी भेज दिया. उसने भी पलट कर मुझे दो बार चुम्बन की इमोजी भेज दी.

अब हमारे बीच बातचीत खुलने लगी.

कुछ दिन में ही आलम ये हो गया था कि जोक्स शुरू हो गए, फिर अडल्ट जोक्स का दौर शुरू हो गया.

मैंने एक दिन उसे अपने लंड की फोटो भेज दी और उसके देखने के निशान को देख कर मैंने सॉरी लिख दिया कि गलती से चला गया. वो आंख मारते हुए बोली- किधर?

मैंने समझ लिया कि बंदी को लंड पसंद आ गया. मैंने कहा- अभी तो सिर्फ फोटो ही भेजी थी. वो बोली- आपके ही उसकी है? मैंने कहा- हां.

वो चुप हो गई.

मैंने पूछा- चुप क्यों हो गई? क्या पसंद नहीं आया? उसने हंसने की स्माइली भेज दी.

मैंने कहा- हंसने का मतलब बात पक्की समझूँ? वो बोली- किस बात की बात पक्की समझना है. मैंने बेख़ौफ़ लिख दिया- लंड की!

वो बोली- हां, मगर इसकी किससे बात पक्की समझूँ? मैंने कहा- तुम्हारी चुत से.

अब वो गनगना गई.

उसने लिखा- बहुत बड़ा है. मैंने कहा- छेद दिखाओ … फिर बताता हूँ.

वो बोली- कैसे? मैंने कहा- वीडियो चैट करूं?

वो बोली- एक मिनट मैं फोटो भेजती हूँ.

उसने अपनी चुत की फोटो भेजी. चुत पर कुछ बाल थे.

मैंने कहा- जंगली छेद है. वो हंस पड़ी और बोली- कल जंगल साफ़ हो जाएगा.

इस तरह से हम दोनों सेक्स चैट और वीडियो चैट करने लगे. अब बस इंतजार था मिलने का … आग दोनों तरफ बराबर लगी थी.

चूंकि हम दोनों शादीशुदा थे. उसके पति भी जॉब करते थे और सिर्फ़ शनिवार को ही घर आते थे. वापस सोमवार को चले जाते थे.

मेरा भी दिन में आस पास बाहर का टूर रहता था. मगर मैं शाम को घर आ जाता था. कभी कभी मैं नहीं आ पाता था तो बीवी को फोन से बोल देता था.

फिर एक दिन उसने ऑफिस से दो दिन की छुट्टी ले ली और मैं भी मार्केटिंग का बहाना करके घर से दो दिन के लिए निकल गया.

कुछ ही पल में मैं उसके घर पहुंच गया. उसके घर आते समय रास्ते में मैंने व्हिस्की की दो बोतल ले ली थीं … क्योंकि मुझे मालूम था कि दो दिन तक घर से बाहर निकलना ही नहीं था.

जैसे ही मैं उसके घर पहुंचा, तो देखा कि उसने पहले से ही दरवाजा खोल कर रखा था.

मैंने घर के अन्दर जाकर दरवाजा बन्द कर दिया; पलट कर उसे देखा तो आह भर कर रह गया. वो कमाल की लग रही थी. उसने एक लाल ड्रेस पहनी हुई थी, जिसमें से उसकी चूचियां ऊपर से साफ़ दिख रही थीं.

हम दोनों सोफे पर बैठ गए और कुछ देर तक बात की. मेरा ध्यान उसकी चूचियों से हट ही नहीं रही था.

उसने पूछा- क्या देख रहे हो? मैंने कहा- पहाड़ियां.

उसने बोला- सिर्फ देखने का मन है? मैंने कहा- नहीं चढ़ाई भी करनी है. तो बोली- फिर देर कैसी?

मैंने उसकी तरफ हाथ बढ़ाया तो वो मेरी गोद में आ गई. हम दोनों चूमाचाटी करने लगे.

फिर वो बोली- रूम में चलते हैं.

इसके बाद वो मुझे अपने बेडरूम में ले गई.

मैं अन्दर गया और उससे कुछ बोलता, वो मेरे चेहरे को पकड़ कर किस करने लगी. मैंने भी उसका साथ दिया.

कुछ ही देर में हमारी जीभें आपस में उलझ गईं और हम दोनों एक दूसरे की लार पीने लगे.

इसी बीच मैं अपने एक हाथ से उसका एक एक करके कपड़े निकालता गया. कुछ ही देर में वो सिर्फ़ ब्रा और पैंटी में थी.

वो मस्त कांटा माल लग रही थी. उसकी भरी हुई चूचियां मुझे घायल कर रही थीं.

कुछ मिनट किस के बाद हम दोनों अलग हुए और मैंने उसकी चूचियों को देख कर अपने होंठों पर जुबान फिराई. उसने शर्मा कर अपना चेहरा छुपा लिया.

फिर मेरा खेल शुरू होने को हुआ तो वो बोली- पहले कॉफ़ी पी लो.

मैं उसे जब तक कहता कि दूध पीने का मन है, वो रसोई घर में जाकर कॉफी बनाने लगी.

मैं भी उसके पीछे जाने लगा. वो कॉफी बना रही थी और मैंने उसकी ब्रा पैंटी को भी निकाल दिया.

अब वो एकदम नंगी थी. मैंने घुटनों के बल बैठ कर उसकी चूत पर जैसे ही अपना मुँह लगाया तो वो उछल पड़ी. शायद वो इस हमले के लिए तैयार ही नहीं थी.

कुछ देर बाद उसने अपने आपको मुझसे अलग किया और कॉफ़ी का मग पकड़ा दिया.

मगर मुझे तो दूध पीना था. हम दोनों बाहर आ गए और हमने जल्दी जल्दी कॉफी खत्म कर ली.

अब मैंने उसे गोद में उठाया, तो निशा भी किसी बच्चे के जैसे मेरी गोद में आ गई. मैं उसे उसके बेडरूम में फिर से ले गया.

अभी मैंने देखा कि उसने अपना बेडरूम बहुत सुंदर सजाया था.

वो बेड पर उल्टी होकर लेट गई. मैंने उसे सीधी किया. फिर उससे दूर जाकर उसकी मस्त फिगर को निहारा. सच में कयामत थी.

निशा 28 साल की थी. उसकी चूचियां 36 इंच की थीं. चूचियों के निप्पल एकदम हार्ड हो गए थे.

वो इतनी ज्यादा चुदासी हो गई थी कि वो उठ कर मेरे पास आ गई. मुझे धक्का देती हुई वो मुझे एक कोने में ले गई और मुझसे चिपक कर बोली- अब रहा नहीं जाता … जल्दी करो न!

वो अपने एक हाथ से मेरे लंड को हिला रही थी. मेरा सात इंच का लंड भी पूरा जोश में था. वो खड़े खड़े मेरे लंड को अपनी चूत में घिस रही थी.

मैंने भी देर ना करते उसे बेड पर धकेला दिया. मगर उसने मुझे भी अपने ऊपर ले लिया. वो चुदने के लिए इतनी जल्दी में थी कि मुझे ठीक से चूत भी देखने नहीं दी.

उसकी टांगें फ़ैल गई थीं और उसने मेरे लंड को अपनी चुत की फांकों में लगा दिया था.

मैंने भी कुछ नहीं सोचा और एक ही बार में अपना लंड चुत में घुसा दिया. उसकी चूत गीली थी तो लंड आराम से चला गया.

तब भी लम्बे लंड के घुसते ही उसकी एक मीठी कराह निकली और हम दोनों चुदाई में लग गए.

मैंने उसे दस मिनट तक रगड़ कर चोदा. वो चुदते समय ज़ोर ज़ोर से चिल्ला रही थी- आह फक मी हार्ड बेबी … उह … सो गुड … बहुत अन्दर तक जा रहा है … और तेज चोदो आह!

मैं ताबड़तोड़ चुदाई में लगा रहा और वो अकड़ कर झड़ गई. तभी मैंने भी उसकी चूत में ही अपना वीर्य छोड़ दिया. हम दोनों एक साथ झड़ गए थे.

मैरिड गर्ल सेक्स के बाद काफ़ी खुश थी.

हम दोनों थकान महसूस कर रहे थे तो यूं ही नंगे लिपट कर सो गए.

करीब दो बजे मेरी आंख खुली. निशा अभी सोई थी. मैं उसे आंख से चोद रहा था.

मैंने उसके दूध चूसना शुरू किए तो वो उठ गई और मुझे देखकर शर्माते हुए कपड़े उठाने लगी.

मैंने उसे रोका और फिर से उसकी चुदाई में लग गया. इस बार हमारे बीच सब कुछ हुआ. उसने लंड भी चूसा मैंने भी चुत चूसी.

इस बार की चुदाई के दौरान मैंने उससे पूरे दो दिन तक नंगी रहने के लिए बोल दिया था.

चुदाई के बाद हम दोनों ने नंगे ही खाना खाया और सो गए. शाम को उसने चिकन पकोड़ा बनाए.

हम दोनों ने ड्रिंक्स शुरू की. कुछ ही देर में हम दोनों पर नशा हावी हो गया था.

जब दो जवान नंगे हों और शराब की हुकूमत हो तो और क्या चाहिए. मैंने अपने एक हाथ से निशा की चूत को सहलाना शुरू कर दिया; कभी मैं उसकी चुत के दाने को खींचता, तो कभी चुत में फिंगरिंग करने लगता.

जल्दी ही वो गर्म हो गयी. वो मेरे होंठों पर ताबड़तोड़ किस करने लगी.

फिर हम दोनों 69 में हो गए. मैं अपनी जीभ से उसकी चूत को चोद रहा था. वो भी मेरे लंड पर दारू डालकर लंड पी रही थी.

इस बीच वो एक बार झड़ गयी थी और उसकी चुत एकदम टमाटर जैसी लाल हो गयी थी. सच में बड़ी प्यारी चूत थी. मैंने कभी ऐसी औरत को देखा नहीं थी.

मैंने झट से उसे सीधा किया और उसकी चूत की फांकों पर अपना लंड रगड़ने लगा.

उसकी सांसें तेज हो गयी थीं. उसने अपने पैर चौड़े करके चूत की फांकों को और ज्यादा खोल दिया. मैंने धीरे से लंड चुत में डाला तो उसने अपने दांत भींच कर अपनी आंखों को बंद कर लिया. उसकी आंखों से पानी निकल गया.

मैं समझ ही नहीं पाया कि वो लंड लेकर खुश थी या दर्द से रो रही थी. मैं थोड़ा रुका तो उसने अपनी आंखें खोलीं.

मुझे देख कर वह मुस्करा दी और होंठ गोल करके किस हवा में उड़ा दिया. मैंने झुक कर उसके होंठों पर होंठ रख दिए. हमारा लिप लॉक किस हुआ और उसी समय उसने नीचे से गांड उठा दी.

वो लंड चुत में लेने की कोशिश कर रही थी. मैंने उसके इशारे को समझा और अपनी स्पीड बढ़ा दी.

धकापेल चुदाई चालू हो गई.

करीब बीस मिनट के बाद मैं अपने स्खलन पर आ गया. मैंने उसकी तरफ देखा तो वो भी बिस्तर की चादर को अपनी मुट्ठियों में भींचे हुई थी.

मैंने आंख मारी तो उसने भी सर हिला दिया. मैंने तेज तेज दस बारह शॉट मारे और उसकी चुत के अन्दर ही अपना माल छोड़ दिया.

वो बहुत खुश थी … मुझे भी और क्या चाहिए.

हम दोनों अलग हुए और कपड़े से लंड चुत साफ़ करके फिर से एक एक पैग लगाकर सो गए.

रात को करीब एक बजे मुझे कुछ हरकत सी महसूस हुई तो मेरी आंख खुल गई. मैंने देखा तो वो बैठ कर मेरा लंड चूस रही थी.

मैं गर्म होने लगा. जब मेरा लंड अपनी औकात में आ गया, तो वो लंड पर चढ़ गई और अपनी चुत में लंड सैट कर लिया. फिर एक झटके से लंड पर बैठती चली गई.

धकापेल चालू हो गई. कुछ ही देर बाद वो ज़ोर की आवाज़ करके झड़ गयी.

मगर मेरा काम नहीं हुआ था. जब मैंने नीचे से गांड उठा कर धक्का देने की कोशिश की तो वो मना करने लगी.

मैं रुक गया … वो मेरे ऊपर ही लेट गयी. मेरा लंड अभी भी निशा की चूत में ही था.

इस समय मुझे एक अलग ही फीलिंग हो रही थी. मैं यूं ही पड़ा रहा.

चुत ने कुछ देर बाद फिर कसना सिकुड़ना शुरू कर दिया. मेरा लंड चुत में आगे पीछे सरकने लगा.

लंड उस वक़्त तक चुत में फंसा पड़ा रहा, जब तक वो झड़ नहीं गया.

मगर झड़ने के बाद भी न उसने कोशिश की कि चुत से लंड निकाल दे और न ही मैंने. हम दोनों यूं ही सो गए.

जब तक हम नींद से नहीं उठे, तब तक चुत में ही फंसा रहा.

सच में कितना मीठा पल था. मेरा अनुरोध है आप सब एक बार ऐसे ट्राई कीजिए … इसका अलग ही मजा होता है.

सुबह जब वो नींद से जागी, तभी हम दोनों अलग हुए. उसने मुझे गुड मॉर्निंग किस दिया. बदले में मैंने उसकी चूत को किस किया.

उसके दूध जैसे गोरे बदन पर लाल चूत का नज़ारा कुछ अलग ही था.

कुछ देर बाद वो फ्रेश होकर मार्केट जाने के लिए रेडी हो गयी. वो चली गई मैं फिर से सो गया.

निशा करीब दस बजे वापस आई. रात की थकान की वजह से मैं सो रहा था.

उसने मुझे जगाया और कॉफ़ी दी.

फिर मैं नहाने के लिए चला गया. जब मैंने निशा को साबुन और तौलिया के लिए आवाज़ लगाई.

उसके आते ही मैंने उसे अन्दर खींच लिया. हमारा चुदाई कार्यक्रम फिर से शुरू हो गया.

इस बार मैंने उसे किस तरह से चोदा था, वो मैरिड गर्ल सेक्स कहानी मैं बाद में लिखूंगा. आपके कॉमेंट और ईमेल का मुझे इंतजार रहेगा. [email protected]

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: storyrytr@gmail.com. Starting price: $2,000