नजर का धोखा और मौसी की चूत- 3

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मौसी Xxx कहानी में पढ़ें कि मैं अपनी गर्लफ्रेंड की मौसी के साथ रियल ओरल सेक्स कर चुका था. पर चुदाई नहीं हो पायी थी. एक दिन फोन पर मौसी ने सेक्सी बातें की.

हैलो, मैं पार्थ एक बार फिर से आपके सामने अपनी सेक्स कहानी लेकर हाजिर हूँ.

मेरी पिछली सेक्स कहानी नजर का धोखा और मौसी की चूत में आपने पढ़ा था कि मैंने अपनी फ्रेंड की मौसी की चुत को चूस कर झाड़ दिया था. उसके बाद फ्रेंड की मम्मी की आवाज आ गई तो मैं सकपका गया. मौसी जी अपने कपड़े दुरुस्त करके चली गईं और मैं लंड हिलाता रह गया.

अब आगे :

फिर उस दिन मैं जैसे तैसे उधर से बच कर निकला. बाहर आने लगा, तो सामने आंटी दिख गईं. मैंने उनको नमस्ते की और उनके किसी सवाल के आने से पहले ही वहां से निकल आया.

ये एक अलग सा ही अनुभव था. वासना और डर का अलग सा अहसास था. पर एक बात तो पक्की थी कि मेरी गर्ल फ्रेंड और अब उसकी मौसी दोनों को मैं ही चोदूंगा.

घर पहुंच कर मैं फ्रेश हुआ और मुठ मारने का मन हुआ लेकिन मैंने मुठ नहीं मारी क्योंकि मैं अपने लंड के रस को संभाल कर रखना चाहता था.

रात को मेरी फ्रेंड का मुझे फ़ोन आया. आज उसके स्वर बदले हुए से थे. मुझे लगा शायद पीरियड्स के चलते ऐसा हुआ होगा, पर नहीं था. उसकी बातों से लग रहा था कि उसके दिमाग में मेरे लिए बहुत कुछ चल रहा है. वो काफी शांत और कोमल सी, खुश सी लग रही थी.

मुझे भी काफी अच्छा लगा.

तभी उसने कहा कि पार्थ सुनो न … पता नहीं क्यों, पर बहुत दिनों से मैं तुमसे कुछ कहना चाहती हूँ. मैं- हां बोलो … क्या बात है?

वो- यार मैंने तुम्हारे बारे में कभी ऐसा सोचा ही नहीं था.

अब मेरी गांड फट गयी कि कहीं इसे मौसी के बारे में पता तो नहीं चल गया.

मैं बात संभालते हुए बोला- क्या नहीं सोचा था? उसने कहा- तुमको नहीं पता?

मेरी गांड अब भी फट रही थी, फिर भी मैं सॉफ्ट आवाज़ में बोला- मुझे कैसे पता होगा? वो- ठीक है, तुम कल मेरे घर आना, हम घूमने चलेंगे.

मैं- वो तो ठीक है, पर बताओ तो तुम्हें क्या पता चला? वो- वो जब कल सामने आओगे, तो तुमको पता चलेगा न! मैंने कहा- चलो ठीक है.

फिर हम दोनों कुछ और बात करने लगे.

इतने में मैंने देखा कि व्हाट्सप्प पर मौसी के मैसेज आए हुए थे.

आज मैंने जीवन का एक अनूठा सबक सीख लिया था कि गांड कैसी भी फटी हुई क्यों न हो, फिर भी हवस अपना काम कर जाती है.

मैंने उसे बाय बोला और जल्दी से व्हाट्सएप्प देखा, तो मौसी ने अपनी हॉट फोटोज भेजी हुई थीं.

कसम से दोस्तो, ब्रा के ऊपर से उभरते हुए चूचियां और हल्का सा गोरा बदन और टाइट सी मखमली पर्पल कलर की ब्रा में कसे हुए स्तन देख कर मैं गनगना गया. उस वक़्त मौसी के ये सेक्सी फोटो, मेरी फटी हुई गांड के बावजूद मेरे अन्दर उत्तेजना भर रहे थे.

आंखों से फोटो देख कर लगा कि मौसी की चूचियों का साइज 38 इंच का है. आप समझ सकते हैं कि कैसी मादक माल की फोटो मेरे सामने थीं. लंड इस तरह अकड़ गया था कि मेरा बस चलता तो मैं फोटो में घुस कर मौसी की दोनों चूचियों को मसल कर मज़े ले लेता.

फिर मैंने अपना होश संभाला, तब तक मौसी का कॉल आ गया.

मौसी- क्यों कैसा है मेरा शेर? मैं- मैं ठीक हूँ आप बताओ … आज फोटो क्यों भेजी आपने!

मौसी- सोच रही थी कि तुझे थोड़ा तरसाऊं!

मुझे पता चल गया कि फिलहाल मौसी गर्म हुई हैं. मैं भी कहां मौका खोने वाला था.

मैं- बहुत ही नेक ख्याल हैं आपके! मौसी- हम्म तो कैसी लगी मैं?

मैं- बहुत गज़ब, गोरी गोरी दूध की टंकियां देख कर ऐसा लग रहा है कि अपनी जीभ से टौंटियों को कुरेद कर मज़े ले लूं. मौसी- आअह्ह्ह … मगर यह सब सच कैसे करेगा मेरे शेरू?

मैं- तुमको अपने पास बुलाऊंगा और अपने गले से लगाऊंगा. मौसी- फिर?

मैं- फिर, दोनों हाथ से तुम्हारी गांड को छू कर हल्के हाथों से दबाऊंगा. मौसी- आ हहह अहा अह … फिर!

मैं- फिर, तुम्हारी सलवार से ऊपर से तुम्हारे पेट पर अपने हाथों से स्पर्श करूंगा. मौसी- आह उम्म अच्छा … फिर!

मैं मौसी की फिर फिर का जबाव देता गया और कुछ ही पलों में मौसी की मादक आवाजें आने लगीं.

मौसी मुझसे फोन सेक्स चैट करने लगीं और बोलीं- ऐसे ही बात करता जा … मुझे बड़ा मजा आ रहा है. बता न फिर क्या करेगा! मैं- फिर मैं, अपनी जीभ से तुम्हारे कान के पीछे चूसूंगा.

मौसी- आ ह … उम्म! मैं- फिर कान के छेद में अपनी नुकीली जीभ घुसा कर तब तक चूसूंगा, जब तक वो गीला न हो जाए.

मौसी- आआह्ह्ह … तू तो मुझे पागल कर रहा है पार्थ … आह आगे बता न जल्दी से. मैं- फिर तुम्हारी गर्दन पर अपनी जीभ से गुदगुदी करूंगा और अपनी गर्म सांसें फेकूंगा.

मौसी- उम्म … फिर? मैं- फिर अपने होंठों को तुम्हारी ब्रा के स्ट्रिप्स पर रख कर वहीं सहलाऊंगा.

मौसी- आह आह … कितना हॉट है तू! मैं- फिर, अपनी जीभ को तुम्हारे दूधों के बीच में रख कर ऊपर नीचे करूंगा और थूक से पूरा क्लीवेज गीला कर दूंगा.

मौसी मेरी सेक्स चैट से एकदम गर्मा गईं.

मौसी- आह आह सुनो यार, अब रहा नहीं जा रहा है … मेरी मुनिया रानी पनिया रही है. मैं एक मीठी आवाज़ में बोला- अभी से पनिया रही है … अभी तो मैं और बहुत कुछ करूंगा.

मौसी- कितना तड़फाएगा रे … तू तो ज़ालिम बाण मार रहा है पार्थ. मैं- तुम मजा लो मौसी … तुम्हारी मम्मों की गली को गीला करने के बाद मैं ब्रा के ऊपर से ही तुम्हारे दूध को काटूंगा और जहां तुम्हारे निप्पल हैं, वहां अपने थूक से गीला कर दूंगा.

मौसी मेरी बातों को सुन कर पागल हुई जा रही थीं- अब ब्रा को खोल दे न! मैं- नहीं अभी तो ज़ोर से चूसते चूसते ऐसा करूंगा कि निप्पल का रस मेरे मुँह में पहुंच जाए.

मौसी- उउउफ आह … मैं- फिर थोड़ा सा ब्रा को साइड करके निप्पल कर किनारे से जीभ से रगड़ूँगा.

मौसी की सांसें तेज़ हो गईं और आवाज़ और भारी हो गयी.

मैं- दूसरे हाथों से ब्रा के ऊपर के निप्पल को सहलाऊंगा. मौसी- आह पागल … मेरी हालत ख़राब हो रही है … मुझे तू अभी का अभी चाहिए.

मैं- आ जाओ फिर! मौसी- सच में यार बहुत मन कर रहा है, तुमने मुझे पूरा गीला कर दिया है.

मैं- मुझे गीलापन देखना है. मौसी- दिखाया तो है.

मैं- नहीं, वो नहीं … और भी कुछ देखना है.

इसके बाद पहली बार मौसी ने मुझे जानू कहा.

मौसी- जानू, क्या देखना है!

मैं जानू शब्द से बहुत खुश हो गया और बोला- वो नीचे वाली गीली गीली जगह देखनी है. मौसी- कैसे दिखाऊं … अभी उठना पड़ेगा.

मैं- उन्ह जानू … मुझे अभी देखना है. मौसी- अच्छा बाबा दिखा दूंगी.

मैं- तुमने क्या पहना है? मौसी- पैंटी, पिंक कलर की.

मैं- अच्छा, जिधर पैंटी में तुम्हारी चूत लगती है, मुझे वो जगह देखनी है और कितनी गीली हुई है, वो भी देखनी है. मौसी- अच्छा जी, क्या होगा देख कर?

मैं- जानू तुम्हें चूत के रस का रंग ने कैसे गीला किया है, पैंटी को कैसे भिगोया हुआ है और कितना बड़ा धब्बा लगा है … ये देखना है. मौसी- अरे यार उधर तो बहुत गहरा और गोल सा धब्बा हो गया है.

मैं- दिखाओ न जानू. मौसी- तुमको उससे क्या मज़ा मिलेगा!

मैं- मुझे ऐसा लगेगा कि मुझे चूसना है. मौसी- तुम्हें चूसना अच्छा लगता है? मैं- हां, बहुत मज़ा आता है.

“लो देखो!” इतने में मौसी ने व्हाट्सएप पर फोटो भेज दी.

दोस्तो, गुलाबी पैंटी पर गोल सा बड़ा सा धब्बा था. उस पर सफ़ेद सफ़ेद कलर का कुछ लिसलिसा सा लगा हुआ था और कुछ गाढ़ा गाढ़ा रस भी लगा दिख रहा था.

पैंटी पर चुत का गीलापन देख कर मुझे मज़ा आ गया. मैंने मौसी को बोला- मज़ा आ गया जानू! मौसी बोलीं- अब चुत का रस तो निकलवा ही दिया है … अब क्या करेगा?

मैं- अब लंड चुसवाऊंगा. वो किलक कर बोलीं- अरे हां अभी तेरी बारी है मेरे शेर, अब देख मैं तेरी कैसे मुठ मरवाती हूँ.

मैंने कहा- ओके जानू, शेर नंगा हो जाए क्या? मौसी- नहीं मैं ही सब करूंगी. तू बस अब सुन … और मजा ले.

मैंने कहा- ओके. मौसी- मैंने तेरी पैंट का हुक खोला और जिप खोल दी.

मैं- फिर. मौसी- अब मैंने तेरी पैंट निकाल कर फैंक दी और तेरी टी-शर्ट भी उतार दी. अभी तू सिर्फ एक फ्रेंची में मेरे सामने खड़ा हो गया है.

मैं- मगर जान मैं तो हाफ कट वाली चड्डी पहनता हूँ. ये साली फ्रेंची कैसे आ गई? मौसी ने हंस कर कहा- मेरे शेर मजा खराब न कर … आज से तू फ्रेंची ही पहनेगा.

मैं- ओके मेरी जानू. मौसी- अब मैंने फ्रेंची के ऊपर से ही तेरे लंड को हाथ लगाया तो साला कोबरा सा फुंफकारने लगा.

मैंने कहा- आह जान मेरी फ्रेंची को निकाल दो न! मौसी- हां मैं अभी निकाल देती हूँ जान.

‘हम्म ..’ मौसी- लो मैंने तुम्हारी फ्रेंची को भी उतार दिया और तुम्हारे लंड को पकड़ लिया.

मैं- आह मौसी बड़ा मजा आ रहा अह जल्दी से चूसो न! मौसी- क्यों साले अभी से गर्मा गया है क्या … मेरी चुत को चाट चाट कर झाड़ दी थी. अभी तू अपने लौड़े से हाथ हटा ले … छूना भी नहीं तुम्हें मेरी कसम है.

मैंने सच में अपने लंड को पकड़ा हुआ था. मौसी की बात सुनते ही मैंने लंड को छोड़ दिया और मौसी की बातों का रस लेने लगा.

मौसी- अब मैंने तेरे लंड की गोटियों को सहलाना शुरू कर दिया, तो तेरा लंड मुझे देख कर ऐसे गुर्राने लगा … जैसे मैंने उसकी बात ही नहीं सुनी हो. मैं- मौसी लंड की बात सुन लो न … क्यों तड़फा रही हो उसे!

मौसी- हां हां उसे तो आज चूस चूस कर प्यार करूंगी मेरी जान … ले मैंने तेरे लौड़े की चमड़ी को पीछे सरका दिया है और तेरे गुलाबी सुपारे पर एक चुम्मी कर दी है. ‘आह आह मेरी जान ..’

मौसी- मजा आ रहा है न! मैं- हां मेरी जान … तुम बीएस लंड चूसना शुरू कर दो.

मौसी- हां हां … बड़ी देर से भनभना रहा है न तेरा लंड … ले अब मैंने तेरे लौड़े को मुँह में ले लिया है. मैं- आह आह मेरी जान कितनी गर्मी है तेरे मुँह में!

उधर से मौसी की सिर्फ चप्प चप्प की आवाज आ रही थी. मैं सुनने लगा कि मौसी लंड चूसने की इतनी साफ़ आवाज कैसे निकाल रही हैं.

मैंने कहा- किसका लंड चूस रही हो जान! मौसी ने हंसते हुए कहा- अबे यार, लंड चूसने की फीलिंग तभी आती है, जब वैसी ही आवाज भी निकले … मैं एक खीरा चूस रही हूँ ताकि तुम्हें लंड चुसाई की आवाजें सुनाई दें.

मैंने कहा- आह … सच में मेरी जान कितना मजा दे रही हो … और चूसो … आह. मौसी फिर से खीरा चूसती हुई आवाजें निकालने लगीं.

इतने में स्क्रीन पर मेरी दोस्त का कॉल फिर से कॉल आ रहा था.

मैंने मौसी से कहा- आह जान मैं झड़ गया … और अब मुझसे रुका नहीं जा रहा है. मैं बाथरूम में जा रहा हूँ.

मैंने बाय बोला और फ़ोन रख दिया.

अब मेरी बात मेरी गर्लफ्रेंड से होने लगी.

मेरी गर्लफ्रेंड से मेरी क्या बात हुई और चुदाई कैसे हुई, वो अब मैं इस सेक्स कहानी के अगले भाग में लिखूंगा. आप मेल करना न भूलें.

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