भाभी की चूत की चुदाई की चाहत पूरी हो गई

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मेरा नाम राज है, दिखने में ठीक-ठाक हूँ, अपने बाप का इकलौता लड़का हूँ इसी लिए थोड़ा आवारा हूँ। अपने बारे में ज़्यादा बात नहीं करना चाहूँगा, सीधे कहानी पर चलता हूँ।

बात हाल ही में बनी हुई है। थोड़ा सा नाम में बदलाव किया है क्योंकि कोई बदनाम ना हो सके, आशा करता हूँ आप समझेंगे।

तो कहानी यों शुरू हुई कि हमारी दुकान के पास एक दर्ज़ी की दुकान पड़ती है, वहाँ एक भाभी आया करती थी। अक्सर वो वहाँ आया जाया करती थी, दिखने में तो किसी बड़े घराने की मालूम पड़ती थी। पता नहीं मुझे भी क्या हो जाता, जब भी वो वहाँ आती, मैं बस सब काम छोड़ कर उन्हें ही ताड़ते रहता था, मन में उस भाभी को चोदने के ख्याली पुलाव पकते रहते थे क्योंकि वो कुछ थी ही ऐसी हुस्न की मल्लिका!

दर्ज़ी का लड़का मेरा दोस्त था तो बातों बातों में मैंने उसे उस भाभी के बारे में पूछा। उसने कहा कि उसका नाम देविका है, यहीं पीछे वाली गली में उनका मकान है। और पूछने पर उसने बताया कि उसका पति विदेश में जॉब करता है, साल में 2-3 बार घर पर आता है।

उसकी बातें सुन मैंने भाभी को सेट करने का पक्का प्लान बना लिया था। देखा जाए तो वो उम्र में भी मुझसे बड़ी नहीं होगी… यही 28 साल की होगी या फिर उसके आस-पास!

एक दिन वो दर्ज़ी के यहाँ आई और अपना कुछ काम निपटा रही थी। तभी उन्होंने उससे पूछा- जो सामने कंप्यूटर की दुकान है, वो क्या सब कंप्यूटर ठीक कर देते हैं? दर्ज़ी ने उनसे हाँ कहा और मेरे पास भेज दिया।

जिसको मैं रोज सपनों में लाकर वो सब करता रहता था, आज वही भाभी मेरी दुकान पे आई हुई थी। वो आई तो मैं निहायती शरीफ बन कर उनसे पूछा- बोलिये मैडम, क्या कर सकता हूँ मैं आपके लिए?

उन्होंने मुझसे पूछा- क्या आप सब तरह के कंप्यूटर के प्रॉब्लम सॉल्व कर सकते हैं? तो मैंने कहा- वैसे तो सब तरह के… लेकिन फिर भी मुझे देखना पड़ेगा। वो बोली कि उनके लैपटॉप में वेबकेम की कुछ दिक्कत है, वो शुरू ही नहीं हो पाता।

मैंने उनसे कहा- ठीक है, आप अपना लैपटॉप मुझे दे दीजिये, मैं ठीक कर दूंगा। तो वो बोली- क्या आप मेरे घर पर आकर चेक कर सकते हैं? मैंने कहा- चेक तो कर दूँ लेकिन दिन के वक़्त यह पॉसिबल नहीं है। तो उन्होंने कहा- कोई बात नहीं, आप रात को आ जाइये, मुझे कोई दिक्कत नहीं।

उनके जाने के बाद मैं उनकी यादों में ही खोया रहा और एक बात मैंने नोटिस की कि भाभी बड़ी ही फ्री माइंडेड थी तो उन्हें सेट करने में ज़्यादा टाइम नहीं लगेगा।

रात को करीब दस बजे में उनके घर गया, मैंने बेल बजाई, भाभी ने आकर दरवाज़ा खोला। कुछ पल तो मैं उनको ताड़ते ही रहा, फिर देविका भाभी बोली- कहाँ खो गए? अंदर भी आओगे या नहीं? मैंने उन्हें सॉरी कहा और उन्हें कह दिया कि आप इतनी खूबसूरत जो लग रही हैं।

फिर मैंने उनको लैपटॉप दिखाने को कहा तो वो बोली- बोलो क्या पिओगे? मैंने उनसे पूछा- भाभी आपके घर में कोई नहीं है मतलब सास ससुर आपके पति? फिर से उन्होंने पूछा- बोलो क्या पिओगे? मैंने कहा- जी एक कप कॉफ़ी मिलेगी? उन्होंने कहा- क्यूँ नहीं… बिलकुल मिलेगी।

फिर मैंने कहा- आपने मेरे प्रश्न का उत्तर नहीं दिया? इस पर उन्होंने बताया- मेरे सास ससुर का स्वर्गवास हो गया है और मेरे पति बिज़नस के सिलसिले में विदेश में है।

फिर मैंने उनसे कहा- आप यक़ीनन कहीं काम तो नहीं करती हैं… और एक हाउसवाइफ को वेबकेम की तो ज़रूरत नहीं पड़ती। इस पर उन्होंने कहा- मैं अकेली रहती हूँ यहाँ पर तो टाइम मिलने पर तुम्हारे भैया से वेबकेम पे बात कर लेती हूँ।

मैंने कहा- भाभी आपको कभी खालीपन नहीं सताता? तो वो बोली- लगता तो है… लेकिन कर भी क्या सकते हैं। कोई फ्रैंड भी तो नहीं है।

दिमाग में मेरे खुराफाती विचार चल रहे थे मगर उन्हें अभी होंठों पे लाने का वक़्त नहीं था। मैं उनसे दोस्ती करना चाहता था। मैंने उनसे पूछा- भाभी, आपको फ़िल्म देखने का शौक है? तो उन्होंने कहा- हाँ, टाइम पास भी हो जाता है। मैंने कहा- भाभी, तो आप मुझसे फ़िल्म ले लिया करना, मेरे पास बहुत हैं। तो उन्होंने कहा- ठीक है!

अगले दिन जब वो दर्ज़ी की दुकान पे आई, अपना काम निपटाकर मेरे पास आई और फिल्म मांगी। मैंने कहा- मुझे पेनड्राइव दीजिये! तो उन्होंने कहा- वो तो नहीं लाई मैं! मैंने कहा- ठीक है कोई बात नहीं, मैं शाम को घर जाते वक़्त आपको पेनड्राइव दे जाऊँगा। फिर वो चली गई।

रात को जब मैं वहाँ गया तो उन्होंने अंदर बुलाया और कॉफ़ी पिलाई। फिर मैंने पेनड्राइव दी और चलता बना।

धीरे-धीरे मेरी उनसे दोस्ती होने लगी थी। दिन बीतते गए और फिर हम दोनों के पास एक दूजे के फोन नंबर भी आ गए। अब मैं कभी कभार भाभी से फोन पे बात कर लिया करता था।

एक दिन भाभी का फोन आया कि वेबकेम फिर से नहीं चल रहा है। तो मैं गया और ठीक कर दिया।

भाभी ने कहा- दिखाओ मुझे! ऐसा कह कर उन्होंने लैपटॉप अपनी ओर घुमा लिया, फिर धीरे-धीरे अपने शरीर पर हाथ फेरने लगी जैसे वो कामुक सी हो गई थी। मैंने पूछा- भाभी, यह क्या कर रही हैं? तो उन्होंने कहा- तेरे भैया के सामने रोज वेबकेम पे कपड़े उतारती हूँ और फिर हम ओरल वीडियो सेक्स करते हैं।

भाभी ने मुझसे पूछा कि मेरी ‘कोई गर्लफ्रेंड है या नहीं’ तो मैंने ना बोल दिया। तो भाभी ने कहा- आज मैं तेरे सामने कपड़े उतारूंगी। मैंने कहा- भाभी, यह ठीक नहीं है। देविका ने कहा- ठीक है या नहीं, बाद में सोचेंगे, आज खुल कर जी लेते हैं। मैं 4 सालों से नहीं चुदी हूँ, तू मेरी प्यास बुझा सकता है।

फिर भाभी अपने कपड़े खोलने लगी, पहले उन्होंने टॉप उतारा, फिर जीन्स… अब वो ब्रा और पेंटी में थी। क्या क़यामत लग रही थी। मैंने जितना सोच रखा था उससे भी ज़्यादा सुन्दर!

भाभी मेरे पास आई और मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए और धीरे धीरे मुझे किस करने लगी, मैं भी भाभी को किस कर रहा था फिर उन्होंने अपना एक हाथ मेरी पैंट की तरफ बढ़ाया और ऊपर से ही मेरे लंड को मसलने लगी। मैं सिर्फ किस ही कर रहा था, यह देख उन्होंने मेरा एक हाथ पकड़ा और अपनी चुची पर लगा दिया और धीरे से मुझको दबाने के लिए बोला। मैं भाभी की चुची को बारी बारी से दबाता और सहलाता।

फिर उन्होंने मेरी टीशर्ट निकाल दी, फिर मेरी पैंट और अंडरवियर… अब मैं देविका भाभी के सामने बिल्कुल नंगा था और वो सिर्फ ब्रा पेंटी पहने हुए थी।

मैं अपने हाथ भाभी की पीठ के पीछे ले गया और उनकी ब्रा का हुक खोल दिया। वो ब्लैक कलर की ब्रा मुझे आज भी याद है!फिर मैंए भाभी की पेंटी भी निकाल दी। अब हम दोनों बिल्कुल नंगे थे और किस कर रहे थे।

फिर देविका भाभी नीचे बैठ गई और मेरा लंड मुंह में लेकर चूसने लगी। क्या खूब चूसती थी भाभी… मेरा लंड और भी टाइट हो गया।

वो चूसती रही और मैंने भाभी को कहा- मेरा होने वाला है! फिर भी भाभी चूसती रही और मैं उनके मुंह में ही झड़ गया, उन्होंने सारा वीर्य अपने मुंह में ले लिया और फिर ऊपर उठी और मुझे किस करने लगी और मेरा वीर्य मेरे मुंह दे दिया। फिर मैंने अपने मुंह से उनके मुंह में डाला… थोड़ा गन्दा ज़रूर लगा लेकिन मजा बहुत आया। फिर वो मेरा सारा वीर्य पी गई।

फिर से उन्होंने मेरे लंड को चूसना शुरू किया और फिर से खड़ा कर दिया। मैंने भाभी से कहा- आप तो सेक्स की मास्टर लगती हैं? तो वो मेरी तरफ देख कर कातिल निगाहों से मुस्कुरा रही थी और मेरा चूस भी रही थी।

फिर मैंने उन्हें उठाया, बैडरूम में ले गया और उन्हें बेड पे लिटा दिया। भाभी ने मेरा लंड अपनी चूत पे सेट किया और मुझे पेलने को कहा। मैंने धक्का लगाया तो आधा लंड अंदर जा चुका था, मुझे थोड़ा सा जलने का अहसास हुआ, फिर भी मैंने दूसरा धक्का लगाया और लंड चूत के अंदर!

यह मेरा पहली बार था कि किसी औरत की चूत में मेरा लंड गया हो! फिर मैं धीरे धीरे उन्हें चोदने लगा और फिर वो झड़ गई। उन्होंने मुझे कहा- आज 4 साल बाद मुझे पूर्ण संतुष्टि मिली है।

फिर हम थके हुए ऐसे ही नंगे सो गए।

अगली सुबह उठा तो मैं बिलकुल नंगा ही था। भाभी मेरे लिए कॉफ़ी लेकर आई वो भी बिल्कुल नंगी ही थी, उन्होंने अभी भी एक भी कपड़ा नहीं पहना था। मैंने फिर से उनकी चुची चूसी… उनके काले निप्पल गोरी चुची पे बहुत ही मस्त लग रहे थे।

फिर हमने कॉफ़ी ख़त्म की और साथ नहाने गए। फ्रेश होकर मैं अपनी दुकान पर चल पड़ा।

आपको मेरी सेक्स कहानी कैसी लगी, मुझे ज़रूर बतायें। [email protected]

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