चूत गांड चुदाई की कहानी: तीन कपल का ग्रुप सेक्स-2

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अब तक ग्रुप सेक्स की कहानी में आपने पढ़ा.. हम तीन जोड़ों ने, जिनमें एक जोड़ा दिल्ली का था, दो पंजाब के, हँसते खेलते अपनी चुदाई का पहला दौर पूरा किया। अब आगे की चुदाई का मजा लें..

हम सभी को अपनी चुदाई के पहले राउंड में बहुत मजा आया और हम सभी थक कर बैठ गए, बातें करने लगे।

प्रिया- क्यों सालों.. बस हो गए लंड खलास? मैं- साली फट तो तुम्हारी गई.. तब तो सभी रांडों की फटी पड़ी थी और ‘बस.. बस..’ कर रही थीं। पूजा- अरे हम तो मज़े से ‘बस.. बस..’ कर रही थीं। ‘हाँ.. जरूर..’

वो अपनी चूत दिखाती हुई बोली- ये देखो ये तो अभी भी कायम है। अमन- कोई बात नहीं.. अगर कायम है, कुछ देर रुको साली तेरी गांड तो इस बार मैं फाड़ता हूँ। संजय- जब मेरा लौड़ा इस साली के अन्दर था.. तब तो इसकी हालत देखने वाली थी, ऐसे काँप रही थी जैसे अन्दर 1000 वाट का करंट लगा हो।

पूजा- साले.. वो तो मज़ा आ रहा था। नीलू- सब बातें छोड़ो.. जो भी था बस मज़ा बहुत था यार.. मुझे तो बस जन्नत का मज़ा मिल रहा था, दिल करता था ये वक्त ऐसे ही यहीं रुक जाए। प्रिया- हाँ यार, ये तो है.. मेरी तो बस ये हालत थी कि इनका लौड़ा चूत के अन्दर खींच लूँ। मैं- फिर खींच लेती साली। प्रिया- अगर चूत के अन्दर जीभ लगी होती खींचने के लिए.. तो सच में खींच ही लेती।

ऐसे बातें करते हम सभी हँसी-मज़ाक कर रहे थे। मैं- अब अगला प्लान बताओ क्या है? अमन- एक राउंड और हो जाए? संजय- नहीं थोड़ा रुक कर राउंड लें तो अच्छा है.. ज्यादा लम्बा जाएगा।

नीलू- अभी चाय के साथ स्नैक्स लेते हैं, फिर कुछ करेंगे.. प्रिया और पूजा तुम मेरे साथ आओ। वो तीनों नंगी गांड हिलाती हुई किचन में चली गईं और हम तीनों मर्द रूम में बैठ कर आपस में बातें करने लगे।

हम अपनी चुदाई के अगले प्लान के बारे में सोच रहे थे। अमन ने हमें सुझाव दिया कि इस बार नीलू की दो तरफ़ा चुदाई एक साथ नहीं हुई है.. तो क्यों न इस बार हम नीलू पर ज्यादा फोकस करें?

हमें अमन का आईडिया अच्छा लगा। कुछ देर हम ऐसे ही बातें करते रहे। तभी प्रिया अन्दर आई और मेरे पास आकर बैठ गई।

मैंने कहा- क्यों डार्लिंग, कैसा लग रहा है? प्रिया बोली- बहुत अच्छा और मस्त। अमन बोला- तो इस बार किसके लौड़े पर बैठना है मेरी जान? प्रिया ने तुरंत जवाब दिया- तीनों के लौड़ों पर बैठना सालों.. तुम्हें तो हर वक्त चूतों की ही बातें आती हैं, कोई और बातें भी कर लिया करो।

तभी पास बैठा संजय बोला- अकेली चूतें ही नहीं हमें गांड की बातें भी आती हैं, कहो तो गांड मार देते हैं। हम सभी हँसने लगे।

तभी पूजा और नीलू चाय और स्नेक्स लेकर कमरे में दाखिल हुईं। नीलू बोली- अरे कौन किसकी गांड मार रहा है.. हमें भी बता दो। मैंने नीलू को देखते हुए कहा- तुम्हारे मियां जी प्रिया की गांड मारने की सोच रहे हैं। नीलू ने कहा- इन्हें तो बस यही बातें आती हैं।

वो चाय को ट्रे को साथ टेबल पर रखते हुई हँसकर बोली- ये लो चाय पीओ और अपने-अपने रास्ते नापो। मैंने कहा- चाय भी रहने दो, हम ऐसे ही चले जाते हैं.. क्यों प्रिया सही कहा न मैंने? प्रिया ने मेरी ‘हाँ’ में ‘हाँ’ मिला कर कहा- चलो डियर रवि, हमारे घर चलो.. संजय को भी साथ ले चलते हैं। तभी पूजा बोली- क्यों संजय से वहाँ जाकर गांड मरवानी है क्या?

मैंने कहा- हाँ इसने तो मरवानी है.. अगर तुझे भी मरवानी है तो बता साली। तभी नीलू मेरे पास आई और मेरे गाल पर किस करते हुए बोली- अरे मेरे इतने अच्छे दोस्तों को मैं ऐसे घर से थोड़ा न निकालूंगी.. मैं तो रवि जी से मज़ाक कर रही थी.. क्योंकि हम जीजू साली हैं न.. हमारा मज़ाक चलता रहता है।

सभी हँसने लगे।

तभी पूजा ने टेबल को बिस्तर के पास को खींचा और हम सभी ने अपनी-अपनी चाय के कप उठाए। हम सभी चाय पी रहे थे और स्नैक्स ले रहे थे और साथ ही ऐसे ही मजाकिया बातें कर रहे थे।

हमने जब चाय ख़त्म की तो मैं उठ कर वाशरूम चला गया और जब तक वापिस आया तो संजय और पूजा एक-दूसरे को किस कर रहे थे।

मैंने आते ही कहा- सालों सबर नहीं होता थोड़ा.. मेरा इंतजार तो कर लेते। अमन हँसता हुआ बोला- आपका क्या पता.. कब आते, अब इनके नीचे के छेद में तो आग लगी हुई थी। मैंने कहा- कब क्या? मैंने वहाँ मुठ मारनी थी सालो?

ऐसे ही मज़ाक करते हुए मैं नीलू के मम्मों को सहलाने लगा और साथ ही नीलू के मम्मों को पकड़ कर उसे किस करने लगा। अमन और प्रिया दोनों मियां बीवी ने पहले किस की.. फिर अमन भी मेरे पास आ गया।

अमन ने मुझे इशारा किया और मैंने प्रिया को पकड़ लिया और अमन ने नीलू को खींच लिया।

पूजा संजय को गोद में बैठ कर उससे मज़े ले रही थी। सभी एक-दूसरे को गर्म करने में लगे हुए थे। नंगे तो पहले ही थे सभी इसी लिए किसी को किसी का कोई कपड़ा उतारने की झंझट नहीं थी। हम सभी एक-दूसरे के अंगों से खेल रहे थे और किस कर रहे थे।

मैंने प्रिया की चूत में उंगली डाल दी और उसकी जीभ को अपने मुँह में लेकर चाटने लगा। इस तरह प्रिया गर्म हो चुकी थी। मेरे साथ ही अमन ने नीलू की चूत में लंड डाल दिया था और संजय ने पूजा को डॉगी स्टाइल में करके चोदना भी शुरू कर दिया था। मैंने संजय की ओर एक बार देखा और फिर उसे आंख मार कर चोद देने का इशारा किया।

नीलू की चूत में अमन का लंड घुस चुका था उम्म्ह… अहह… हय… याह… अबकी बार नीलू अमन की गोद में बैठी थी और अमन उसकी चूचियों से खेल रहा था। वो उसके होंठ भी चूस रहा था.. जिससे दोनों को बहुत मज़ा आ रहा था।

तभी मैंने प्रिया के कान में कहा- चल साली.. हम मिल कर पहले इन दोनों को चोद देते हैं। प्रिया भी किस करती हुई मेरे कान के पास मुँह करके बोली- हाँ डियर जीजू.. हम सबसे बाद में करेंगे.. चुदवा देते हैं.. इस सालों की मरवा दो आज।

ये कह कर हम दोनों अमन और नीलू के पास चले गए। मैंने प्रिया को इशारा किया तो प्रिया ने पीछे से नीलू की गांड को हाथ से ऊपर उठा दिया और नीलू पीछे मुड़ कर देखने लगी।

तो मैंने कहा- अरे कुछ नहीं.. लगे रहो.. लगे रहो।

मैंने उसकी उठी हुई गांड के पास अपना लंड कर दिया, प्रिया ने मेरा लंड पकड़ा और नीलू की गांड के ऊपर सैट कर दिया। अमन ने नीलू को पकड़ कर उसे थोड़ा और ऊपर को कर लिया.. ताकि मुझे कोई प्रॉब्लम न हो।

मैंने एक हल्का सा झटका लगाया और अपना लौड़ा नीलू की गांड में फिट कर दिया तो नीलू थोड़ा कसमसाई। तब तक मैंने दो-तीन और झटके लगाए और मेरा लंड नीलू की गांड में पूरा चला गया।

उधर पहले से ही नीलू की चूत में अमन का लौड़ा था, तो अब नीलू की गांड और चूत में दोनों तरफ से दो लौड़े फिट हो चुके थे और नीलू हम दोनों मर्दों के बीच हो गई थी।

इस ग्रुप सेक्स की हिंदी सेक्स स्टोरी पर आपके विचारों का स्वागत है।

[email protected] तीन चूत, तीन लंड की चुदाई की कहानी जारी है।

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