गांव वाली भाभी को पटा ही लिया

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: storyrytr@gmail.com. Starting price: $2,000

दोस्तो, मेरा नाम पवन है और मैं उत्तर प्रदेश कानपुर से हूँ। मेरी उम्र 23 साल है। आज मैं अपनी पहली और सच्ची कहानी आप सबको बताने जा रहा हूँ।

बात एक साल पहले की है जब मेरे पापा ने मेरे चाचा के शादीशुदा लड़के को ये कहकर बुलवाया था कि यहाँ आ जाओ तुम्हारी जॉब लगवा देंगे क्योंकि चाचा जी उस लड़के कि नौकरी न लग पाने के कारण बहुत परेशान रहते थे।

मेरे चचेरे भाई ने पापा की बात मान ली और वो अपनी पत्नी के साथ हमारे शहर आ गए।

मैं आप सबको सही-सही बता दूँ तो उनकी पत्नी मतलब मेरी भाभी वो क्या माल थी। गाँव के लोग ऐसा हुस्न कहाँ से पा जाते हैं.. मुझे समझ में ही नहीं आता था। भाभी को देख कर मेरा तो मन खराब हो गया। जब मैंने भाभी को देखा तो उनकी बड़ी-बड़ी चूचियों को देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया।

भईया ने मुझे नजदीक बुलाया और बोला- ये तेरी भाभी है। मैं उन्हें देख कर हाथ जोड़े। फिर पापा ने कहा- जाओ तुम दोनों फ्रेश हो जाओ.. फिर खाने पर मिलते हैं।

मेरे मन में तो सिर्फ भाभी आ रही थीं।

कुछ दिन बीते तो मेरी भाभी से बात भी होने लगी थी। भाभी मुझसे मजाक करती थीं और मैं उनसे खूब हँस बोल कर बातें करता था.. लेकिन मेरे मन में तो उन्हें चोदने का प्लान बन रहा था। कभी कभी मैं भाभी को नहाते देखता और कभी उनकी पेंटी अपने लंड पर रगड़ता।

एक दिन की बात है, मैं अपने कमरे में कंप्यूटर पर ब्लू-फिल्म देख रहा था.. तो मेरा मन मुठ मारने का हुआ.. तो मैंने भाभी के नाम पर मुठ मार ली और बाथरूम में लंड धोने चला गया।

तभी मेरे कमरे में भाभी आ गईं और वो मेरे कम्प्यूटर पर चलती हुई ब्लू-फिल्म को देखने लगीं जो मैंने ऑन छोड़ दिया था। मैं बाथरूम से बाहर निकला.. तो देखा कि भाभी बड़े गौर से फिल्म देख रही थीं।

मैं कमरे में आया.. तो वो मुझसे कहने लगीं- तुम ये क्या देख रहे हो? मैंने कहा- मूवी है। वो बोलीं- यही सब देखते हो? मैंने भी ढीठता से कहा- हाँ। भाभी हँसते हुए यह कहकर चली गईं- मतलब बड़े हो गए हो।

मैं सोचने लगा कि भाभी ने कुछ कहा ही नहीं.. मतलब वो चुदासी हैं और इसके बाद मैं उनको चोदने के लिए मौका ढूंढने लगा।

एक दिन सुबह जब मैं सोकर उठा तो देखा कि भाभी नहा कर आ रही थीं। उन्हें देख कर मेरा लंड कड़ा हो गया। उनकी चूचियां एकदम टाइट दिख रही थीं। मेरा अपने आप से काबू खोए जा रहा था, मैं उन्हें देख कर अपना लंड सहलाने लगा।

भाभी ने मुझे लंड सहलाते हुए देख लिया और वे मुस्कुरा कर चली गईं।

एक दिन घर पर कोई नहीं था, पापा और भैया ऑफिस ग़ए थे और मम्मी और छोटा भाई मौसी के यहाँ जाने के लिए तैयार हो रहे थे। मैं अपने कमरे में चला गया।

थोड़ी देर बाद भाभी मेरे कमरे में मेरे लिए नाश्ता ले कर आईं। नाश्ता करने के बाद मैं और भाभी बात करने लगे। मैं भाभी से बात कम कर रहा था और उनकी चूचियों की तरफ ज्यादा ध्यान दे रहा था। भाभी ने मुझे मम्मों को घूरते हुए देखा तो वे मेरे कमरे से चली गईं।

मैंने झट से ब्लू-फिल्म लगा कर मुठ मारना शुरू कर दी।

तभी अचानक मेरे कमरे में भाभी फिर से आ गईं, शायद वो दरवाजे के बाहर से ब्लू फिल्म और मुझे मुठ मारते हुए देख रही थीं लेकिन भाभी अनजान बन रही थीं।

अब वो मुझे मुठ मारते देख कर मुझसे कहने लगीं- ये सब तुम क्या कर रहे हो? एक पल के लिए तो मैं डर गया लेकिन मैंने कहा- कुछ नहीं भाभी.. जो सब करते हैं। आपके साथ भी तो भैया करते होंगे।

वो हँस कर तुरन्त मेरे रूम से चली गईं.. लेकिन मैं जानता था कि भाभी चुदासी हैं। मैं तुरंत उनके पीछे गया और मैंने उनका हाथ पकड़ लिया। वो कहने लगीं- यह तुम क्या कर रहे हो?

मैंने कुछ ना बोलते हुए उनके होंठों पर किस करना शुरू कर दिया। वो मुझसे अपना हाथ छुटाने लगीं.. लेकिन मेरे अन्दर पूरा जोश आ गया था कि जो भी हो जाए.. आज भाभी को छोड़ना नहीं है।

मैं भाभी को दबा कर किस किए जा रहा था और उनकी चूचियों को भी मसल रहा था। वो तिलमिला रही थीं.. लेकिन अब तो उन्हें भी मजा आने लगा था। कुछ ही पलों में वो भी पूरे जोश में आ गईं और मेरा साथ देने लगीं।

मैं उनकी चूचियों को मसले जा रहा था और वो मेरे होंठों को चूस रही थीं। अब मेरा लंड पूरा कड़ा हो चुका था और मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा था इसलिए मैं वहीं झड़ गया।

भाभी ने नशीली आवाज में कहा- ये क्या लाला.. इतने में ही ढीले हो गए। मैंने कहा- अभी कुछ नहीं हुआ है भाभी अब मेरा असली खेल देखना.. बस तुम मेरे लंड को खड़ा कर दो।

भाभी मेरा लंड चूसने लगीं ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह… आह्ह..’ क्या मज़ा आ रहा था।

मैंने तुरन्त अपने कपड़े उतार दिए, मेरा लंड फिर से पूरा कड़ा हो गया था, भाभी ने अपना पेटीकोट ऊपर किया उन्होंने तो पेंटी भी नहीं पहनी थी।

क्या मस्त नज़ारा था… मुझे विश्वास नहीं हो रहा था कि ये सब मेरे साथ हो रहा है। भाभी की चूत गीली हो रही थी, मैंने तुरंत अपनी जीभ उनकी चूत चाटने में लगा दी और वो जोर-जोर से आवाज करने लगीं। बस 5 मिनट के बाद उन्होंने अपना पानी छोड़ दिया।

अब मुझसे भी बर्दाश्त के बाहर हो गया था, मैंने भाभी को अपने बिस्तर पर लिटा कर उनकी चूत पर अपना लंड रखा और धीरे से अन्दर पेला। लंड के चूत में अन्दर जाते ही भाभी मुझसे लिपट गईं और मेरे होंठ चूसने लगीं। मैंने धक्का लगाना शुरू किया और भाभी भी मेरा साथ देने लगीं। भाभी अपने दोनों हाथों से अपनी चूचियों को दबा रही थीं और जोर-जोर से अपनी गांड ऊपर-नीचे कर रही थीं। कुछ ही देर में भाभी ने अपना पानी छोड़ दिया।

मेरा भी काम होने वाला था.. कुछ मिनट के बाद मैंने भी लंड को भाभी की चूत से खींच कर भाभी के मुँह में अपना सारा माल गिरा दिया।

कुछ देर आराम करने के बाद मैंने भाभी की गांड भी मारी और अपनी अन्दर की आग को शांत किया।

मेरी सच्ची हिंदी सेक्स कहानी आपको कैसी लगी.. मुझे जरूर बताइएगा। आप मुझे मेल कर सकते हैं। [email protected]

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: storyrytr@gmail.com. Starting price: $2,000