Mummy Ka Dulaara

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नमस्ते दोस्तों, पहले तो मैं आप सब लोगो को धन्यवाद् कहना चाहता हु. आपको मेरी पहली वाली कहानी इतनी अच्छी लगी. उस कहानी को 10,000 के ऊपर लाइक्स मिले हे . अगर आपने वो कहानी नहीं पड़ी हे तो प्लीज पढली जियेगा. उस कहानी का नाम हे “माँ और बहनो का चुदक्कड रूप“.

तो मैं अपनी नई कहानी शुरू करने जा रहा हु…

मेरा नाम राहुल है. मैं खुद को बहुत भाग्यशाली समझता हूं, मैंने जो कुछ सोचा है वह सब कुछ मुझे मिलता गया है. मुझे किसी भी चीज के लिए संघर्ष नहीं करना पड़ा. आज मैं आप लोगों को मेरे जीवन का एक सच्चा अनुभव बताने जा रहा हूं.

मैं महाराष्ट्र के नागपुर का रहने वाला हूं. मैं मेरे मम्मी के साथ रहता हूं. मेरी मम्मी एक स्कूल में प्रिंसिपल है. मेरे मम्मी और पापा का बहुत साल पहले तलाक हो चुका है. मैं 17 साल का हूं और मेरी मम्मी की उम्र 42 साल है. मैं अभी कॉलेज में पढ़ रहा हूं, कुछ ही दिनों के बाद मेरे 12वीं कक्षा के परीक्षाएं है.

मेरी मम्मी मुझे पढ़ाई में बहुत मदद करती है. मैं बचपन से ही होनहार विद्यार्थी रहा हूं. मैं हर क्लास में अव्वल आता हूं, मेरी मम्मी मुझसे बहुत प्यार करती है. मैं बचपन से ही बहुत शर्मीला हूं. मैं किसी से ज्यादा बात नहीं करता. मेरे ज्यादा दोस्त नहीं है और मैं लड़कियों से बात करने में हमेशा कतराता हूं.

यह बात तकरीबन 3 साल पहले की है जब मैं सातवीं कक्षा में पढ़ता था, मेरे लंड पर बाल आने शुरू हुए थे और मेरा लंड काफी बड़ा हो रहा था. मेरा लंड बात-बात पर खड़े हो जाता था इससे मुझे बहुत शर्म आती थी, मैं उसे छुपाने की पूरी कोशिश करता था. यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है.

मेरे लंड पर काफी बाल बढ़ चुके थे अब मुझे लगा कि उसे कटवाने की जरूरत है. मैंने इससे पहले अपने बाल कभी भी नहीं कटवाए थे तो पहली बार बाल कटवाने में मुझे डर लग रहा था और यह बातें मम्मी को बताने में मुझे बहुत शर्म आती थी.

तब मैंने सोचा कि यू ट्यूब से वीडियो देखकर बाल कैसे कटवाते हैं यह सीखलू पर यू ट्यूब पर लंड पर से बाल कैसे कटवाते हैं इसका कोई भी वीडियो नहीं था जब मैंने खोजना शुरू कर दिया तब मुझे आदमियों के दाढ़ी बनाने के वीडियो दिखे.

अब मुझे पता चल चुका था कि बाल कैसे कटवाते हैं तो मैं बाजार चला गया और जरूरी सामान खरीद कर ले आया. जब मम्मी घर पर नहीं होगी तब बाल कटवा लूंगा ऐसा मैंने सोचा.

मैं और मेरी मम्मी रोज एक साथ स्कूल के लिए निकलते थे और एक साथ ही घर आते थे. तो मुझे बाल कटवाने के लिए समय ही नहीं मिल पाता था. मुझे बहुत दिनों तक इंतजार करना पड़ा पर जब हमारी परीक्षाएं खत्म हुई तो मम्मी को स्कूल जाना पड़ता और मुझे छुट्टी रहती थी.

जब मम्मी स्कूल गई तब मैंने बाल कटवाने के बारे में सोचा और अपना सारा सामान लेकर बाल कटवाने के लिए बाथरुम चला गया मैंने पहले शेविंग क्रीम लगाई और रेजर से अपने बाल कटवाने लगा पर थोड़ी देर बाद मुझसे गलती से ज्यादा कट हुआ और बहुत खून निकलने लगा मैं बहुत डर गया, मैंने जल्दी से वहां पर हल्दी लगवा दी.

मुझे बहुत जलन हो रही थी तो मैं वैसे ही पंखे के नीचे पैर फैला कर बैठ गया. मैंने उस दिन अंडरवेयर नहीं पहनी और ऊपर से सिर्फ बरमूडा पहन लिया. जब शाम को मम्मी घर आए तब मम्मी के साथ बातें करने में खाना खाने में और टीवी देखने में समय का और दर्द का कुछ पता ही नहीं चला.

जैसे ही मैं रात को मेरे रूम में सोने के लिए चला गया तब दर्द और जलन का एहसास हो रहा था तब मैंने सोचा कि क्यों ना बरमूडा उतार कर सोया जाए. मुझे बाद में पता चला कि मेरे कमरे का लॉक अंदर से खराब हो चुका है तो इससे मम्मी कमरे में आने जाने का खतरा लगा रहता है.

पर मुझे बहुत जलन हो रही थी तो मैं यह खतरा उठाने के लिए तैयार हो गया. मुझे पता था कि मम्मी सुबह 6:00 बजे उठती है तो क्यों ना मम्मी से पहले उठकर बरमूडा पहना जाए ऐसा मैंने सोचा. यह बात मुझे अच्छी लगी मैंने सुबह 5:30 का अलार्म लगा दिया और बरमूडा निकाल कर सो गया.

सुबह के 5:30 बज गए और अलार्म बजने लगा पर मैं बहुत गहरी नींद में था इसलिए अलार्म के बजने का मुझे कुछ पता ही नहीं चला. मम्मी सुबह 6:00 बजे उठी थी और वह फ्रेश होने लगी.

छुट्टियां चल रही थी इसीलिए मम्मी ने मुझे सुबह जल्दी नहीं उठाया. मम्मी झाड़ू लगाने के लिए मेरे कमरे के सामने आगई. तब मेरा सिर दरवाजे के तरफ था और मैं एक साइड अपने हाथ के बल सो रहा था.

मैंने अपने ऊपर चद्दर ओढ़ रखी थी इसलिए मम्मी को मेरे रौद्र रूप नहीं दिखाई दिया. मम्मी झाड़ू लगाते लगाते मेरे पास आ पहुंची. उनका ध्यान मेरी तरफ नहीं था पर जब उन्होंने बेड पर बिखरी हुई किताबें देखी तो मम्मी ने झाड़ू नीचे रख दिया और एक-एक किताबें उठा कर वह टेबल पर रखने लगी.

मैं कुछ किताबों के ऊपर सोया हुआ था तो मम्मी ने वह किताबें निकालने के लिए मेरे ऊपर से चद्दर हटवा दी. जब मम्मी ने चद्दर हटवाई तो वह थोड़ा हड़बड़ा गई क्योंकि मैं नंगा सो रहा था तो वह जल्दी से कमरे के बाहर जाने के लिए निकली तो उन्हें याद आया कि वह झाड़ू कमरे में ही भूल चुकी थी. जब वह झाड़ू लेने के लिए पीछे मुड़ी उनका ध्यान मेरी तरफ था, उनको मेरा लंड साफ दिखाई दे रहा था.

पहली बार मम्मी ने पापा के लंड के अलावा किसी और का लंड देखा था. वह फिर से हड़बड़ा गई और झाड़ू वैसे ही छोड़कर शावर के नीचे चली गई. बड़े दिनों के बाद मेरी मम्मी की सेक्स के प्रति उत्तेजना बढ़ चुकी थी उन्होंने कई सालों तक सेक्स नहीं किया था.

सेक्स का दिमाग में आते हैं उनकी चूत गीली हो गई और अपनी उत्तेजना कम करने के लिए उन्होंने बहुत दिनों के बाद फिंगरिंग की और नहाने के बाद वो अभी नॉर्मल हो चुकी थी.

मेरी जब आँखे खुली तब मेने देखा की मेरा लंड खड़ा था और मेरी चद्दर मेरे कमर तर आचुकी थी तो मेने जल्दीसे बरमूडा पहनलीया और वैसेही बेड पर बैठा रहा और मेरा लंड नॉर्मल होने का इंतजार करने लगा.

और थोड़ी देर के बाद में बेड से निचे उतरकर अपनी चद्दर समेटने लगा तब मेरी नजर निचे पड़े हुवे झाड़ूपे चलीगई तब मुझे पता चला के मम्मी सुबह मेरे कमरे में आईथी पर ये समाज नहीं आरहा था के मम्मी ने मुझे ऐसे नंगा देखा हे या नहीं.

में थोड़ा डर गया अगर मम्मीने मुझे ऐसा नंगा देखा होगा तो वो मुझे बहुत डाटेंगी. तब मेने सोचा अगर मम्मी ने मुझे कुछ पूछा तो में उनको सब सच्च बता दूंगा. पर मम्मी घर कामोंमें व्यस्त थी ना उन्होंने मुझे कुछ कहा ना मेने उनसे कुछ बात की.

जब मम्मी स्कूल के लिए जा रहीथी तो उन्होंने मुझे नॉर्मल तऱीकेसे बात की और खाना खाने केलिए कहा तो मुझे लगा के मम्मी ने मुझे नंगा सोते हुवे नहीं देखा हे. में बहुत खुश हुवा और आपने गलती के लिए मन ही मन मे मुस्कुराने लगा.

मम्मी स्कूल मे जाचुकीथी पर स्कूल की छुटिया चल रही थी तो उनको ज्यादा काम नहीं था. पर उनको रह रह कर सुबह की बात याद आरहीथी और उनकी चूत गीली हो रही थी.

वो बहुत उत्तेजीत हो रही थी उनकी निक्कर पूरी गीली हो चुकी थी पर वो स्कूल मे थी तो उन्होंने खुदको बहुत कण्ट्रोल किया और वे जब शाम को घरआई तो में घर पर नहीं था बाहर खेल रहाथा तो मम्मी ने घरका दरवाजा बंद किया और आपने पुरे कड़े उतार कर नंगी होगई और आइने के सामने खड़े होकर वो फीरसे फिंगरिंग करनेलगी.

फिंगरिंग करते समय मेरे लंड की तस्बीरें उनके दिमाग़ मे घूम रहीथी और कुछ समय बाद उनके चूत ने वही फर्श पर अपना पानी छोड़ दिया. पर अब मम्मी नॉर्मल नहीं थी उनको कुछ समाज नहीं आरहा था के उनके साथ ये क्यों हो रहा हे और खुदके बेटे के बारेमे सोच कर उनकी चूत गीली होरही हे इसबात से उनको बहुत शर्म आरहीथी.

फिर थोड़ी देर मे वो आपने घर कामों मे व्यस्त होगई पर वो खुदसे थोड़ी नाराज थी. में घर आकर नहालिया और मम्मी से खाने मे कुछ अच्छा बनाने की जिद्द करने लगा. मुझसे बाते करके मम्मी का मूड भी ठीक होगया और वो कुछ अच्छा बनाने केलिए तैयार होगई.

मैं टीवी देखने चला गया और मम्मी आपने काम करने लगी. मुझे बहुत जोरोकी भूक लगी थी और टीवी पर कुछ देखने लायक नहीं था तो में मम्मी को मदत करने किचन मे चला गया. यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है.

में किचन मे जातेही मम्मी को पिछेसे हग करता था और उनके पेठ पर में आपने दोन्हो हात जखड़ लेता था, उसदिन भी मेने ऐसा किया और मम्मी के कंधे पे आपने सीर रखके उनको खाना जल्दी बनाने को बोल रहा था.

मम्मी घर मे हमेशा पंजाबी ड्रेस पहनती हे पर उसदिन उन्होंने गाउन पहना था और अंदर से कुछ भी नहीं पहना था और मेने भी सिर्फ बरमूडा पहना था.

मेने मम्मी को जैसेही पीछे से पकड़ा मेरा लंड खड़ा होगया पर मेने मम्मी से थोड़ा अंतर बना लिया ताके मेरा लंड मम्मी को छूना पाए पर मम्मी को खाना बनाते समय थोड़ा हिलना पड़ता था उससे मेरे लंड का टकराव उनको महसुस होने लगा और उनकी चूत गिली होगई तो उन्होंने जल्दीसे मुझे दूसरे कामपे लगादिया और खुद पे कण्ट्रोल किया.

फिर हमने साथ मे खाना खाया और थोड़ी देर बाते की. मम्मी कुछ अलग लग रही थी, उन्होंने मुझसे ज्यादा बाते भी नहीं की और थोड़ी ही देरमे वो सोने केलिए चलीगई.

मम्मी वैसेही बेड पर लेटे लेटे कुछ सोच रही थी. आज दिनभर मे क्या क्या हुवा ये सोचने लगी और उनको कई बाते बहुत अजीब लगने लगी जैसे की खुदके बेटे के लिए सेक्स की भावना जागना, ये बात उनको थोड़ी बुरी लगी पर वो पढ़ी लिखी हे और बातोंको बहुत प्रक्टिकली लेती हे.

उन्होंने सोच के मैं अब बड़ा होगया हु. तो बढ़ती उम्र के साथ मैं अब मर्द बनता जारहा हु. फिर उनको मेरे शादी के खयाल आने लगे, उनको लगा के जब मेरी बीवी घर आएगी क्या पता वो मेरे बेटेको मुझसे दूर लेजाएंगी तो मेरी ज़िंदगी में क्या रह जायेगा.

भरी जवानी मे पती छोड़ कर चला गया और जब जवानी ढल जाएगी तो बेटा छोड़ कर जायेगा उसके बाद में जीकर क्या करू ऐसे ख़याल उनको आने लगे और वो रोने लगी.

ये सिलसिला कुछ दिनों तक असेही चल रहा था. पर अब मम्मी ने ठान लिया था के वो मुझे खुदके इतना करीब रखेंगी के शादी के बाद भी मैं मेरी मम्मी से दूर नहीं जा सकूंगा.

मेरी मम्मी बहुत प्रक्टिकली सोचती थी के आपने बेटेको अगर खुद के पास रखना हे तो कुछ ऐसा करना पड़ेगा के वो कभी मुझे छोड़के ना जापाये. तो ऐसा क्या किया जाये इस बारेमे वो सोचने लगी, बहुत सोच ने के बाद उनके दिमाग़ में ये ख़याल आया के मैं अभी जवान हो रहा हु और जवान लड़को को सिर्फ चूत ही करीब ला सकती हे.

जब ये बात उनके दिमाग़ मे आई तो उन्होंने खुदको दो जोरसे थपड लगाए और आपने बेटे के बारेमे मैं ऐसा सोच भी कैसे सकती हु इसबात पर उनको खुदपर घुसा आने लगा.

जब उनका गुस्सा ख़तम हुवा तो उनको इस बातमें लॉजिक दिखाई देने लगा क्यों की वो कितना भी करले बेटे को जनम भर आपने साथ नहीं रख सकती और जब बहु घर आएगी तो बेटे को अलग कर देगी.

और जब बहु आएगी तब में भी बूढी होजाऊंगी तो उनको आपने बेटे के लिए सेक्स की भावना जागना कोई गलत नहीं लग रहा था. पर उनको उनके संस्कार ये सब करने की अनुमती नहीं दे रहे थे.

उन्होंने इस बारे में बहुत दिनों तक सोचा और बाद में ये निर्णय लियाके आपने बेटे के लिए सेक्स भावना जगाना कोई गलत बात नहीं हे इससे घरकी बात घरमे ही रहेंगी. पर उनको ये भी देखना था के मैं अपनी माँ के बारेमे क्या ख़याल रखता हु.

मम्मी ने मन मे ठान लिया था के वो अब मुझे उगसायेंगी और देखेंगी के मेरा रिस्पांस क्या आता हे. उसदिन संडे था और मम्मी को भी छूटी थी. मम्मी सुबह कपडे धोने लगी तभी मुझे बहुत जोर से सुसु आई पर हमारे घरका बाथरूम और टॉयलेट अटैच हे और मम्मी अंदर कपडे धोरही थी.

तो मैं ने मम्मी से कहा के दरवाजा निकालो मुझे बहुत जोरसे सुसु आई हे तब मम्मी ने सोच्या क्यों ना मुझे उगसाया जाये. तो उन्होंने जल्दीसे आपने गाउन निकाल कर भिगोदिया तब वो सिर्फ ब्रा और निक्कर में ही थी.

मम्मी ने दरवाजा निकाल दिया और वो कपडे धोने लगी. जैसेही में अंदर चला गया मम्मी को इस हालत में देख कर मेरी आँखे चकरा गई पर मम्मी आपने कपडे धोने में व्यस्त थी और उनका ध्यान मेरी तरफ नहीं हे ये देखा कर में सुसु करने चला गया और चुप चाप सुसु करके बाथरूम के बाहर चला आया मैं ने मम्मी के तरफ देखा ही नहीं.

मम्मी कपडे धोने का नाटक कर रही थी पर उनका सारा ध्यान मेरे तरफ ही थी. पर मेने मम्मी की तरफ देखा ही नहीं तब मम्मी को लगा की शायद पहली बार आपने मम्मी को इस हालत में देख मैं शर्मा गया होगा तो मम्मी ने और कोशिश करने के बारेमे सोचा पर वो अब ऐसे ही दरवाजा खुला छोड़ कर कपडे धोने लगी.

उसदिन दोपहर को बहुत तेज हवा चल रही थी तब मम्मी को याद आयाके उन्होंने छत पर कपडे सूखने केलिए रखे हे. तो वो जल्दीसे उपर चली गई पर हवा तेज होने के कारन सारे कपडे इधर उधर बिखरे पड़े थे वो सारे कपडे समेटने में लगी पर उनका एक गाउन छत के सेट टॉप बॉक्स के एंटीने में फस चूका था जब मम्मी ने उसे जोरसे खींचा तो वो पिछेसे फट गया.

तब मम्मी को बहुत अफसोस हुवा वो निचे आपने रूम में चली आई और कपड़ों की घडी करने लगी. जब उन्होंने वो फटे हुवे गाउन को देखा तो उन्हें समाज आया के येतो पिछेसे फट चुक्का हे अब इसको सिया भी नहीं जा सकता और अगर वे उसे पहनले तो उनकी निक्कर साफ दिखाई देगी.

तब उनके दिमाग़ में मुझे रिज़हाने का एक और ख़याल आया. मम्मी ने रातको खाना बनाते समय वो फटा हुवा गाउन पहनलीया और खुदको एक बार आइने में देख लिया तो उनको अपनी रेड निक्केर साफ दिखाई देरही थी.

फिर वो खाना बनाने केलिए किचन में चलीगई, उन्होंने आपने गाउन आगे की तरफ जोरसे खींचा उससे उनका गाउन और थोड़ा फट गया अब उनकी निक्कर के साथ साथ दोन्हो गांडो के दर्शन भी हो रहे थे. मम्मी खाना बनाने में बहुत टाइम लगा रही थी, तो मैं किचन में चला गया.

मैं मम्मी के पास जाने लगा और उनको पीछे से लिपटने वालाही था तब मुझे उनका फटा हुवा गाउन दिखाई दिया उसमे से मुझे मम्मी की गांड साफ दिखाई दे रही थी. तो में जल्दीसे वहासे दूर पानी के फिल्टर के पास चला गया और पानी पिने लगा.

मेने वहींसे मम्मी को खाना जल्दी बनाने को कहा और हॉल में चला गया. पर अब मम्मी के गांड की तस्बीरें मेरे दिमाग़ में छप चुकी थी उससे मेरे लंड खड़ा होगया था उससे मुझे बहुत शर्म आरही थी. यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है.

उधर मम्मी को लगा के इसबार भी उनका प्लान फ्लॉप होचुका हे. फिर हम दोनों ने साथ खाना खाया पर अभी भी मम्मी के गांड की तस्बीरें मेरे दिमाग़ से नहीं जारही थी मेरा लंड खड़ा का खड़ा ही था, फिर खाना खाने के बाद में अपनी प्लेट लेकर किचन में जा रहा था तभी मम्मी की नजर मेरे खड़े हुवे लंड पर चली गई तब वो मन ही मन में मुस्कुराई उनको लगाके प्लान काम कर रहा हे. फिर हमने थोड़ी देर बाते की और मम्मी सोने केलिए चली गई.

वो खुश थी के उनके प्लान काम कर रहा हे और अब तक उनको ये बात भी समाज आचुकी थी के आपने बेटेको सेक्स का कोई भी ग्यान नहीं हे. तो वो सोचने लगी के ऐसा क्या किया जाये जिससे मुझे सेक्स क्या होता हे और उसे कैसे किया जाता हे ये समझाया जाये. वो रात भर उसके बारे में सोचते सोचते सोगई.

जब वो सुबह उठी तो उनको स्कूल में का एक ३- 4 महीनो पहले का किस्सा याद आया. तब स्कूल के एक टीचर ने १० वी क्लास के २ स्टूडेंट्स को क्लास में अश्लील किताबे पड़ते हुवे देखा था. तब वो टीचर उन स्टूडेंट्स के साथ मम्मी के पास आया था.

मम्मी ने उनको बहुत डाटा और ये किताबे कहासे आई इसके बारे मे पूछने पर वो स्टूडेंट्स कुछ नहीं बता रहे ये देख कर मम्मी ने उनको धमकी देकि के बातोवो वरना सारे स्कूल के सामने पनिश करेंगी. तो वो स्टूडेंट्स डर गए और उन्होंने मम्मी को सारी सचाई बतादी. वो सारी बाते सुनकर मम्मी को झटका लगा.

उन स्टूडेंट’स ने कहा के उनके क्लास के और स्कूल के कई बच्चे अश्लील किताबे आपने साथ लाते हे और क्लास में जब टीचर सिखाते हे तो पड़ते हे. तभी मम्मी ने तुरंत सारे टीचर्स की मीटिंग बुलाई और सबको स्ट्रिकली सारे बच्चोकी बैग्स की तलाशी लेने केलिए कहा.

आप लोगोंको यकींन नहीं होगा तब करीब करीब २५० से ३०० तक अश्लील किताबे और कई अश्लील सीडी और डीवीडी स्कूल के स्टूडेंट के पाससे मिले. तभी मम्मी ने सारे स्टूडेंट्स को स्ट्रीक वार्निंग दिया और आगेसे ऐसा हुवा तो स्कूल से निकाल दूंगी ऐसा कहा.

वो सारे अश्लील किताबें, सीडी और डीवीडी मम्मी ने उनके ऑफिस मे एक बॉक्स में रख दिए थे और वो उसे बाद में जलने वाली थी. पर काम केसिलसिले में वो भुलगइ थी. तो मम्मी ने सोच्या के वो सारे अश्लील किताबें, सीडी और डीवीडी घर लाएगी.

उस दिन मम्मी स्कूल से वो बॉक्स घर लेआई. तब में घर परही था, मेने मम्मी से पूछा के इस बॉक्स में क्या हे तब मुझे शक ना हो इसलिए मम्मी ने मुझे कहा के स्कूल का कुछ सामान हे. मुझे लगा के कुछ पेपर्स वगेरा होंगे क्यों की मम्मी हमेशा स्कूल से कुछ ना कुछ लाती ही रहती हे.

उन्होंने वो बॉक्स शु स्टैंड के पास ही रख दिया. उस दिन मम्मी बहुत खुश थी उन्होंने सोचा के कैसे भी करके में ये अश्लील किताबें, सीडी और डीवीडी देख लू और सेक्स का आपना ग्यान बढालू. दूसरे दिन जब मम्मी सुबह उठी तो उन्होंने सबसे पहले वो बॉक्स निचे से फाड़ दिया, जिससे अगर कोई ये बॉक्स उठाने जाये तो सारी किताबें, सीडी और डीवीडी निचे गिर जाये.

बाद में वो स्कूल जाने केलिए तैयार होने लगी, जब मम्मी स्कूल के लिए जा रही थी तब में टीवी देख रहा था. मैंने अभी तक ब्रश भी नहीं किया था. मम्मी जैसे ही शु स्टैंड के पास आई तब उन्होंने घुसेसे मुझे कहाके मैं ये बॉक्स ऊपर स्टोर रूम में रख दू, अगर स्कूल से आने के बाद ये बॉक्स मम्मी को यहाँ दिखा तो मेरी खेर नहीं ऐसा मम्मी ने मुझे कहा.

में थोड़ा डर गया और जैसे ही मम्मी बाहर जाये तो मैं दरवाजा लगाकर सबसे पहले ये बॉक्स स्टोर रूम में रख दूंगा ऐसा मैंने सोच्या. मम्मी बाहर गई और मैंने दरवाजा लगा दिया और में बॉक्स के पास आया, जैसे ही मेने बॉक्स ऊपर उठाया तो उसके अंदर के सारे किताबें, सीडी डीवीडी निचे गिर गई और मम्मी को उसके गिरने की आवाज सुनाई दी. और मम्मी मुस्कुराते हुवे स्कूल के लिए निकाल पड़ी. वो दिनभर स्कूल में मुस्कुरा रही थी, वो बहुत खुश थी क्यों की उनका बेटा आज मर्द बनने जा रहा था.

अगर किसी प्यासे को कुवा मिल जाये तब उसकी हालत क्या होगी वैसी ही कुछ मेरी हालत थी. में दिन भर वो अश्लील किताबें पड़ने लगा, फिर मैंने आपने लैपटॉप पे वो अश्लील सीडी और डीवीडी देखने लगा.

मेंने पहली बार किसी को सेक्स करते हुवे देखा, में तो जंनत में चला गया. मुझे पहली बार पता चला के मुठ कैसे मारी जाती हे. में हर वीडियो देख कर वहापे ही अपना लंड हिलाने लगता. मे पोर्न देखने में इतना व्यस्त हो गया था के मुझे समय का कुछ पताही नहीं चला.

शाम के 5:30 बजे थे और मम्मी आने का समय भी वो गया था, मेने सुबह से ब्रश भी नहीं किया था. ना कुछ खाये पिए में दिन भर पोर्न देख रहा था.

मम्मी आने का समय हो रहा था तो मैंने वो सारे सीडी और डीवीडी आपने लैपटॉप में कॉपी करदिये और वो अश्लील किताबें, सीडी और डीवीडी फिरसे उसी बॉक्स में रख कर ऊपर वाले स्टोर रूम में रखवा दिए.

में ने झटसे ब्रश करके नहालिया पर अभी मुझे भूक लगी थी तो मैं खाना खाने लगा. जब मम्मी आई तो मैं खाना खारहा था. मम्मी ने शु स्टैंड के पास देखा वो बॉक्स वहा नहीं था और उन्होंने मेरी तरफ देखा, मैं काफी थक चूका था उन्होंने मुझे देख कर बहुत प्यारी स्माइल दी.

फिर मम्मी कपडे चेंज करने बाथरूम में आई तो उनको मेरी अंडरवेयर दिखाईदी. जैसे ही उन्होंने वो अंडरवेयर धोने के लिए आपने हात में लिया उन्हें उससे एक अलग ही महक आने लगी फिर उन्होंने वो अंडरवेयर आपने मुँह पे लगाई और जोर जोर से सूंघने लगी.

मेरा अंडरवेयर की महक उनको जानी पहचानी लगी क्यों की मेरे पापा के अंडरवेयर की इसे ही महक आती थी. वो महक को सुंगकर उनकी चूत गीली होगई तो मम्मी ने जल्दीसे आपने सारे कपडे उतार दिए और वो एक हातमे मेरी अंडरवेयर पकड़कर सुंग रही थी और दूसरे हात की उंगलियों से फिंगरिंग कर रही थी.

बहुत दिनों के बाद उनको फिंगरिंग करने का मजा आ रहा था..

दोस्तों ये एक सीरीज है इस कहानी के बहोत से पार्ट और आएँगे, अगर आपको मेरी ये स्टोरी अच्छी लागी तो दोस्तों प्लीज आप इसपर लाइक और कमेंट करना ना भूले!

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