ग्रुप सेक्स की नई जोड़ीदार -2

मैंने रोमा को काफ़ी समझाया तो रोमा अच्छा महसूस करने लगी थी… हम दोनों नीचे आई, थोड़ी देर बाद चाय पीकर रोमा अपने घर घर चली गई।

अब उस रात की कहानी रोमा आपको बताएगी।

नीता के घर से आकर मैं सीधे बाथरूम में गई और सारे कपड़े उतारकर शावर के नीचे खड़ी हो गई… मेरे अंदर आग लगी हुई थी और मन कर रहा था कि कहीं से सनी आ जाये और मुझे चोद दे।

नहाते नहाते मैंने अपनी चूत में हेयर ब्रश का हैंडल कर लिया और जोर जोर से चूत मालिश की। जैसे तैसे अपनी चूत को शांत कर मैं बाथरूम से बाहर आई और नाइटी पहन कर कमरा ठीक किया, बेड शीट बदली और हल्का सा रूम फ्रेशनर छिड़क दिया।

सोचा आज सनी की मनपसंद डिश बना लूँ और सनी के आने से पहले ही खाना बना लूँ। तभी सनी का फ़ोन आ गया, बोला- आज खाना बाहर खायेंगे… सात बजे तक तैयार हो जाना!

मैंने सोचा कि अभी तो पांच ही बजे हैं, थोड़ी देर सो लेती हूँ क्योंकि आज रात तो जैसा नीता भाभी ने कहा है, चूत की शामत आने वाली है।

साढ़े छः बजे मेरी आँख खुली, वो भी मैं गेट की घंटी सुनकर… खोला तो सनी था। उसने गेट से ही मुझे चूमा और अन्दर आ गया।

मैं फटाफट चाय बना लाई और चाय पीकर मैंने उससे कहा- तुम नहा लो… सनी ने मुझे खींचते हुए कहा- चल साथ नहायेंगे। सच कितने दिनों बाद हम साथ नहाने की बात कर रहे थे।

कुछ ही देर मैं सनी और मैं शावर के नीचे चिपके खड़े थे। पानी से मानो आग बरस रही थी जिसने चूत और लंड दोनों को मदहोश कर दिया था। सनी नीचे झुका और अपना लंड मेरी चूत में घुसाने की कोशिश करने लगा।

अब मेरी चूत की भी टें बोल चुकी थी, मैंने अपना एक पैर पास रखी बाल्टी पर रखा तो सनी का लंड एक ही धक्के में अंदर चला गया। मैं मस्ती मैं सनी की कमर पर लटक गई और सनी ने मुझे चूतड़ों से उठाया और धक्के लगाने लगा।

सच ऐसा अनुभव जिन्दगी मैं पहली बार हो रहा था।

सनी ने मेरी चूत में सारा माल निकाल दिया और अब हम सीधे होकर नहाने लगे। मेरी चूत को सनी ने अपने हाथ से साफ़ किया और मैंने सनी के लंड को मुंह से चाटकर…

हम लोग तैयार होकर महारानी होटल में खाना खाने गए। वहाँ ज्यादा भीड़ न होने से कपल्स के लिए रोमांटिक माहौल रहता है।

आज मैंने हनीमून के बाद पहली बार स्कर्ट टॉप पहना था। होटल मैं सनी का हाथ बार बार स्कर्ट के अन्दर जा रहा था।

मैं सपनों में खोई हुई थी… सच, दो दिनों में मेरी तो जिन्दगी ही बदल दी नीता भाभी ने!

मुझे यह बात तो कुछ दिनों बाद मालूम पड़ी कि मेरी मम्मी को नीता भाभी ने ही फोन करके यहाँ आने और मेरे बेटे को कुछ दिन अपने पास रखने की राय दी थी। सच मेरे लिए तो नीता भाभी फ़रिश्ता बन कर आई।

डिनर लेकर हम लोग बाहर आये तो सनी ने पान वाले से एक सिगरेट ली… मैंने आश्चर्य से पूछा- क्या कर रहे हो? क्योंकि सनी ने तो हनीमून पर ही सिगरेट छोड़ दी थी।

सनी बोला- सिर्फ आज और सिर्फ एक… पर इसे हम दोनों साथ साथ पियेंगे… ‘मैंने तो कभी सिगरेट पी नहीं है।’ मैं बोली। ‘तो क्या हुआ, आज से पहले हनीमून के बाद हम इतनी रोमांटिक हुए भी कब हैं।’ बात ठीक थी।

गाड़ी के बाहर खड़े होकर सनी ने सिगरेट जलाई और मुझसे बोला- ले कश मार! मुझे सड़क पर शर्म आ रही थी मगर आज तो बेशर्मी का दिन था… सुबह से ही शर्म तो पास भी नहीं फटक रही थी। मैंने सिगरेट ली और होंठों से लगाकर जोर का कश मारने का प्रयास किया… कश वश तो क्या लगा, धसक चढ़ गई और मैं लगी खांसने… गुस्से में सिगरेट फ़ेंक दी।

सनी हंसते हुए बोला- चल घर चल… हो गई सुट्टेबाजी!

हम दोनों हंसते हुए गाड़ी में बैठी। सनी एक हाथ से गाड़ी चला रहा था और दूसरे हाथ से मेरी चूत मालिश…

घर पहुँच कर सनी बोला- रोमा कॉफ़ी पिला दे… मैं किचन में कॉफ़ी बनाने गई… इस बीच सनी कपड़े बदलकर सिर्फ लुंगी पहने ही किचन में आ गया और मेरी स्कर्ट उठा कर अपना लंड मेरी गांड से रगड़ने लगा।

मैंने कहा- ऐसे तो बन गई कॉफ़ी… अगर कॉफ़ी पीनी है तो सीधे खड़े रहो…

काफी लेकर मैं सनी की बाँहों में झूलती बाहर सोफे पर बैठ गई।

सनी तो उतावला हो रहा था, वहीं सोफे पर उसने मेरे सारे कपड़े उतार दिये और मुझे अपनी गोदी में बिठा लिया। मैं उससे चिपककर कॉफ़ी और नीचे से उसके लंड का मजा लेने लगी।

मैंने सनी के कान में फुसफुसाकर कहा- क्या तुम किसी और के साथ नंगे रहे हो? सनी मुझे घूर कर देखने लगा, बोला- तुझे कैसे मालूम? वो समझा कि उसकी चोरी पकड़ी गई।

मैंने कहा- मेरा मतलब शादी से पहले कोई दोस्त हो जिसके साथ तुम नंगे रहे हो या साथ नहाये हो। पहले तो सनी शरमाया, फिर बोला- हाँ, हाई स्कूल में एक दोस्त था, दोनों साथ पढ़ते थे और कभी कभी रात को साथ ही सो जाया करते थे। तभी हमने एक दूसरे की मुठ मारी और रात को नंगे ही सोये।

अब मेरी बारी थी, मैंने भी आज दोपहर की घटना को शादी से पहले की बात बताकर और कुछ रोमांटिक सी बनाकर सनी को सुनाई। इसे सुनकर सनी का लंड तो हथौड़े की तरह सख्त हो गया, उसने मुझे पागलों की तरह चूमना शुरू कर दिया।

सनी बोला- रोमा, हम ये अपनी खुशियाँ कहाँ छोड़ आये थे… मुझे बहुत अच्छा लग रहा है कि मैं और तुम आज भी सेक्स को इतना एन्जॉय कर रहे हैं।

मुझे सनी ने गोदी में उठाया और बेड पर आराम से लिटा दिया… अब उसका लंड भी बगावत कर चुका था… मेरी चूत तो गीली हुई पड़ी थी।

सनी बेड से नीचे घुटनों पर बैठा और मेरी जाँघों के बीच में अपना मुंह देकर मेरी चूत चूसने लगा। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !

दो मिनट बाद ही मैंने उसे ऊपर खींचा और 69 पोजीशन मैं आकर उसका लंड चूसने लगी… वो अपनी पूरी जीभ मेरी चूत में कर चूका था।

हम दोनों ही कामाग्नि में जल रहे थे, पूरा माहौल वासनामय हो रहा था। मैं अचानक उठी और सनी के लंड के ऊपर बैठ गई और उसका लंड अपनी चूत में कर लिया। अब मैं उछल उछल कर खुद भी चुद रही थी और सनी को भी चोद रही थी।

सनी ने भी मेरे झटकों का जवाब अपने चूतड़ उठा उठा कर देना शुरू कर दिया था। सनी ने मेरे मजबूती से अपने हाथों से मसलने शुरू कर दिये थे। मैं हाँफने लगी थी मगर चूत और लंड दोनों ही मैदान में डटे हुए थे।

पिछले चौबीस घंटों में चूत का तो भोसड़ा बन चुका था और मेरा दिल कह रहा था कि काश मैं रात भर चुदती रहूँ। पहली बार मेरी चूत लंड की इतनी दीवानी हुई थी।

सनी ने मेरे धीरे पड़ते ही मुझे नीचे झुकाया और मेरे मम्मे अपने दांतों से काटने और दबाने शुरू कर दिये। मेरे मुंह से अचानक निकल गया- खा जाओ इन्हे मेरे राजा!

मेरे मुंह से ऐसा सुनकर सनी को मस्ती चढ़ गई, बोला- हाँ तेरे मम्मे आज खा जाऊँगा और तेरी चूत फाड़ दूंगा। सनी ने मुझे नीचे लिटा दिया और मेरे पैर अपने कंधे पर रख कर अपना फनफनाता लंड एक ही धक्के में मेरी चूत में कर दिया।

एक बार तो मुझे लगा कि सनी आज तो मेरी चूत फाड़ कर ही मानेगा और मैं दर्द से मर जाऊंगी। पर एक मिनट बाद ही उसके धक्कों की बढ़ती रफ़्तार ने मेरे दर्द को मजे में बदल दिया और मेरे भी मुंह से सीत्कारें निकलने लगी।

मुझे लगा कि मेरी सीत्कारों से सनी की स्पीड और मुझे मिलने वाला मजा बढ़ जाता है इसलिए मैंने भी सारी शर्म छोड़ कर कहना शुरू कर दिया- हाँ फाड़ दो मेरी चूत मेरे राजा… मैं तो कब से इंतज़ार कर रही थी इस पल का… खा जाओ मेरे मम्मे…

सनी भी ऐसे ही जबाब दे रहा था- हाँ, आज तेरी चूत का भोसड़ा बना कर ही छोड़ूगा… आज तुझे इतने मजे दूंगा कि तेरे सारे बोल्ट ढीले हो जायेंगे।

सनी ने मेरी टांगें पूरी फैला दी थी और पूरे जोर शोर से चुदाई में लगा था। पता नहीं उसे क्या सूझा कि अपना लंड निकल कर मेरे मुंह की तरफ कर दिया और अपना सारा माल मेरे मुंह पर छोड़ दिया।

एक बार तो मुझे खराब लगा पर जैसे ही यह ख्याल आया कि यह तो मेरे यार का माल है, मैंने जीभ निकाल कर सारा माल चाट लिया… सच बताऊँ, यह मेरा पहला अनुभव था पर यार की मलाई रसमलाई से भी टेस्टी थी।

हम निढाल होकर नंगे ही एक दूसरे की बाँहों में सो गए। रात भर मेरा हाथ सनी के लंड को टटोलता रहा और सनी मेरे मम्मे दबाता रहा।

दो-तीन दिन ऐसे ही मस्ती में निकल गए… मैं नीता भाभी की बहुत एहसानमंद थी कि उन्होंने मेरी जिन्दगी में बहार ला दी थी। कहानी जारी रहेगी। [email protected]