मेरी प्यासी चूत गांड की तृप्ति

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मालकिन नौकर सेक्स स्टोरी मेरी जवानी की प्यास की है. मैं अपने पति कि चुदाई से तृप्त नहीं हो पाती थी. तो मैंने अपने जवान नौकर को उकसाया मेरी चुदाई के लिए.

इस कहानी को पढ़ कर मजा लें.

मैं रेखा चौंतीस साल की हसीन औरत हूँ. मेरी जवानी ऐसी है कि मर्द अगर देख ले तो पैंट में ही उसके लंड का पानी निकल जाए.

मेरी 36 इंच के गोल चूचे और 32 की कमर, उस पर 38 इंच की मेरी कातिलाना, सुडौल और बिल्कुल खरबूजे जैसी गोल गांड को देख कर न जाने कितने मर्दों की आह निकल जाती है, मैं खुद नहीं जानती.

लेकिन मेरी ऐसी कातिल जवानी का कोई फायदा नहीं क्योंकि मेरा पति मुझे संतुष्ट नहीं कर पाता है.

हर रात को मैं अपने बिस्तर पर बिन पानी के मछली जैसी तड़पती रहती हूँ.

मैं चाहती हूँ कि कोई असली मर्द मेरे ऊपर चढ़ जाए और अपने मजबूत लंड से मेरी जवानी को रौंद दे. मेरे इन उन्नत चूचों को मसल दे … इनको अपने होंठों में ले कर खूब चूसे. मेरी गदराई गोल गोल गांड को चूम कर और चूस कर एकदम लाल कर दे. मेरी कामुक ज्वालामुखी जैसी चुत पर अपना मुँह रख कर चाटे और ज्वालामुखी से निकलते लावा को पी कर मेरी जवानी के इक इक कतरे को गड़प कर जाए.

ख़ैर … एक दिन मेरा पुराना नौकर अपने घर चला गया था. कुछ दिनों के लिए और उसने अपनी जगह अपने लड़के श्यामू को भेजने को मुझसे बोल दिया था.

अगले दिन श्यामू सुबह के टाइम आया. जब मैंने उसको देखा, तो मेरी चूत में चींटियां रेंगने लगीं.

श्यामू एक सांवला सा लड़का था. उसकी उम्र करीब 23 साल की थी. मैंने उसको सारा काम समझा दिया था कि क्या और कैसे करना हैं.

उसके बाद मैं अपने रूम में आकर सो गई थी.

दोपहर को मेरी आंख खुली, तो मैंने सोचा कि देखूं मेरा नया नौकर क्या कर रहा है.

मेरे पति भी उस वक़्त दुकान गए हुए थे. मैं जैसे ही बाथरूम के पास पहुंची, मुझे कुछ आवाज सुनाई दी.

मैंने बाथरूम की तरफ देखा … तो बाथरूम थोड़ा सा खुला हुआ था और मेरा नौकर श्यामू बिल्कुल नंगा नहा रहा था. तभी मेरी नज़र उसके नाग पर गई.

आह हहहह हहहह क्या शानदार काला लंड था उसका. बिल्कुल टाइट मोटा लंड.

जब मैंने उसकी बात सुनी तो मैं और पागल हो गई. वो साला कुत्ता मेरा नाम लेकर अपने लंड को हिला रहा था.

जानते हैं आप लोग … वो क्या बोल रहा था. मालकिन क्या मस्त जवानी है आपकी … क्या चूचियां हैं आपकी … आप बस एक बार बोल दो मैं आपकी रस भरी इन दोनों चूचियों को चूस लूंगा.

ये सब देख कर और सुन कर मेरी चूत भी गर्म हो गई.

मैं वहां से आकर अपने रूम में बैठ गई. मेरे मन एक ख्याल आया कि यही है वो मर्द … जो मेरी चुदासी जवानी की प्यास बुझा सकता है.

मैंने भी अपनी ड्रेस चेंज करके एक ट्रांस्पेरेंट नाइटी पहनी और अन्दर एक पतली सी पैंटी और ब्रा पहन ली.

उसके बाद मैंने अपने नौकर श्यामू को आवाज दी.

वो दौड़ता हुआ आया और उसने पूछा- जी मालकिन क्या काम है? मैंने उसको बोला- श्यामू मेरे पूरे बदन में दर्द हो रहा है … क्या तुम मालिश कर दोगे. उसने मेरे दूध देखते हुए अपनी जुबान को होंठों पर फेरी और बोला- जी … क्यों नहीं मालकिन.

मैंने बड़ी अदा से अपनी नाइटी उतार दी.

मेरे नौकर ने मेरे कामुक चिकनी काया को देखा, तो उसका काला नाग उसके चड्ढी में ही फुंफकारने लगा.

मेरे कामुक बदन को देख कर श्यामू शरमाने लगा था. मैंने उससे पूछा कि क्या बात है, ऐसे क्यों शरमा रहे हो. वो बोला- मालिकन आप ऐसे कपड़े में हो इसलिए.

मैंने उसको उकसाते हुए बोला- क्यों … क्या मैं इन कपड़ों में खराब लग रही हूँ? वो बोला- नहीं मालकिन, ऐसी बात नहीं है … पर मुझे बहुत शर्म आ रही है. मैंने उससे कहा- शरमाना छोड़ो और मेरी मालिश करो.

उसके बाद वो सरसों का तेल गरम करके ले आया. जब उसने गर्म सरसों के तेल को मेरी गर्म धधकती जवानी पर डाल कर मालिश करना शुरू की तो मेरी पैंटी में छुपी हुई मेरी ज्वालामुखी अपना गर्म लावा निकलने को बेताब हो गई.

मालिश करते हुए मेरे नौकर श्यामू ने कहा- मालकिन, तेल से आपकी ब्रा खराब हो जाएगी, अगर आप बुरा न मानो तो इसको खोल दूं? मैंने भी अपने पालतू कुत्ते नौकर से कहा- तुझे जो भी खोलना है … खोल दे लेकिन मालिश बढ़िया से करना.

उसके बाद मेरे नौकर ने मेरी पतली सी ब्रा की डोरी खोल कर मेरी पीठ की मालिश करना शुरू कर दिया. मालिश करते करते वो मेरी गदराई गांड को भी छू रहा था.

मैंने उससे कहा- श्यामू मेरी गांड की भी मालिश कर दो ना.

उसने भी बिना कुछ बोले मेरी कामुक पैंटी को सरका दी और मेरी 38 इंच की टाइट गांड की मालिश करने लगा. उसके मालिश करने से मेरे पूरे बदन में आग सी लग गई थी.

मैंने अपने पालतू कुत्ते नौकर श्यामू से कहा- क्या तुम मेरी आगे भी मालिश कर दोगे?

वो बेचारा शर्माते हुए बोला- मालकिन मैं उधर कैसे कर सकता हूं.

मैं सीधा होकर उसे अपनी चुची दिखाती हुई बोली- ऐसे.

जैसे ही उसने मेरी गोल गोल टाइट चूचियों को देखा, वो पागल हो गया. तुरंत वो तेल ले कर मेरी चूची की मालिश करने लगा.

मैंने उसको गर्म करते हुए कहा- श्यामू, मेरी चूत की भी मालिश कर दो ना!

अब वो भी समझ चुका था कि मेरी गर्म चूत एक टाइट लंड को खोज रही है.

उसने ढेर सारा तेल ले कर मेरी गर्म चूत को चिकना किया और उसकी मालिश करने लगा.

मेरी चुत की मालिश करते हुए वो बोला- मालकिन, अगर आप बुरा ना मानो तो मेरे पास आपकी इस ज्वालामुखी की मालिश करने का एक और तरीका है. मैंने पूछा- क्या?

उसने बिना कुछ बोले अपने लपलपाती जीभ को मेरी गर्म चूत पर रख दिया और ऊपर से नीचे करने लगा.

मैंने आह करते हुए कहा- आह श्यामू … ये क्या कर रहा है? वो बोला- मालकिन अपनी जीभ से आपके ज्वालामुखी के मुँह की मालिश कर रहा हूँ. मेरे मुँह से एक कामुक सिसकारी निकल गई- आह हहहह हहह … श्यामू और जोर से मालिश कर न मेरी चूत की.

वो भी साला कुत्ता अपनी पूरी जीभ को मेरी चूत में डाल कर मालिश कर रहा था. मेरी ज्वालामुखी से निकलते गर्म लावा को वो चाट चाट कर पी रहा था.

मेरी गर्म चूत से निकलने वाली मलाई को वो जितना चाट रहा था, मेरी उतनी ही सिसकारियां निकल रही थीं.

आज पहली बार ऐसा लग रहा था कि कोई मर्द मेरी गर्म उफनती हुई ज्वालामुखी वाली चूत को चूस रहा है.

वो जितना ही मेरी चूत को चाट रहा था मेरी चूत से उतनी ही गर्म मलाई का लावा निकल रहा था, जिसको मेरा कुत्ता पूरा चाट कर पिए जा रहा था.

मैं क्या बताऊं कि कैसे वो मेरी चिकनी बिना झांटों की चूत को चूस और चाट रहा था.

कभी उसकी लपलपाती जीभ मेरी चूत के बाहरी होंठों को चाटती … तो कभी मेरी चूत के नीचे से शुरू हुए छेद को रगड़ते हुए ऊपर तक आ जाती. कभी उस कुत्ते की जीभ मेरी रसीली चूत के अन्दर होती. तो कभी वो मेरे चूत के दाने को अपने होंठों में दबा कर चूसने लगता.

जितना ही वो अपनी जीभ से मेरी गर्म कामुक चिकनी चूत को चूसता था, मेरी चूत से उतनी ही गर्म गर्म मलाई बाहर निकाल देती.

उसके इस तरह से मेरी चिकनी चूत को चूसने से मैं पागल हो गई थी और जब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो सका, तो मैं उसको धक्का दे कर पलट गई.

लेकिन मुझे नहीं मालूम था कि अब तो वो मेरा कुत्ता नौकर मेरी और जान ले लेगा.

जैसे ही मैं पलटी, वो मेरी गदराई गांड को चूमने लगा और चूमते हुए मेरी कुंवारी गांड को फैला कर उसके भूरे छेद को देखने लगा.

उसके बाद उसने थोड़ा सा तेल ले कर मेरी कुंवारी कमसिन गांड के छेद पर तेल टपका कर अपनी एक उंगली मेरी गांड में डाल दी.

उसकी इस हरकत से मैं चिंहुक सी गई. अभी मैं कुछ समझ पाती, तब तक उसकी कामुक जीभ मेरी चुदासी गांड के छेद पर लग चुकी थी. उसकी जीभ मेरी गांड के छेद को चाटना शुरू कर चुकी थी और मैं इस चुदाई की मस्ती के एक अलग आनन्द में डूब गई थी.

तभी अचानक से उसकी जीभ मेरी भूरी गांड के छेद को खोलती हुई अन्दर तक घुस गई.

मैंने अपने कुत्ते नौकर श्यामू से पूछा- ये क्या कर रहा है मादरचोद! तो वो बोला- मालकिन, आपकी गांड की मालिश कर रहा हूं.

मेरे दोनों उठे हुए चूतड़ों के बीच फंसी मेरी टाइट गांड के छेद को वो लपलप करते हुए चाटे जा रहा था.

उसकी इस हरकत से मैं बिल्कुल पागल ही हो गई. मैं तुरंत उठ कर उसके अंडरवेयर को उतार दिया और उसके काले नाग को सहलाने लगी.

उसके मोटे लंड को मैंने अपने मुँह में ले लिया और लंड चूसने लगी.

मैं- आह श्यामू … आज पहली बार ऐसा लंड मिला है. तेरे मालिक तो नामर्द हैं. ये बोलते हुए उसके नाग को मैं चूसने में लग गई.

वो भी साला कुत्ता मादरचोद मेरे मुँह को अपने लंड से चोदने का मजा ले रहा था. उसका काला लंड मेरे मुँह को पूरा अन्दर तक चोद रहा था.

कसम से मज़ा आ गया था … आह क्या मस्त मोटा लंड था मेरे कुत्ते का.

मैं उसके लंड को लॉलीपॉप की तरह पूरा चूसने लगी थी.

वो भी बोला- मालकिन, क्या मस्त जवानी है आपकी आह क्या चूत है … क्या मस्त चूची है.

उसके लंड को मैं अपने होंठों पर लिपस्टिक जैसे रगड़ती हुई उसके एक आड़ू को पूरा का पूरा मुँह में भरके चूसने लगी.

उसके बाद उस मादरचोद कुत्ते ने मेरे मुँह से अपना लंड निकाल लिया और मेरे नीचे आ गया.

मैंने उससे पूछा- क्या हुआ मेरे कुत्ते? वो बोला कि मालकिन अब मैं आपकी इस गदराई हुई चूत की लंड से मालिश करने जा रहा हूं.

मैंने कहा- श्यामू धीरे से डालना … मेरी चूत अभी बहुत कमसिन है. कहीं ऐसा ना हो कि तेरे मोटे लंड से मेरी चूत फट जाए.

उसके बाद वो मेरी ज्वालामुखी के मुँह पर अपने काले नाग का मुँह रख कर उस पर धीरे धीरे से मालिश करने लगा. जितना वो अपने काले लंड से मेरी चुत की मालिश करता, मेरी चूत की चुदास उतनी ही बढ़ती जा रही थी.

जब मेरी चूत की चुदास बर्दाश्त से बाहर हो गई तो मैंने उससे कहा- मादरचोद, अब लंड चुत में डाल भी दे ना.

ये सुनते ही उसने धीरे धीरे से अपने लंड को मेरी रसमलाई से भरी हुई चूत में डाल कर मुझे चोदना शुरू कर दिया.

कसम से क्या बताऊं मेरी चूत को क्या मज़ा आ रहा था. आज लगा कि किसी असली मर्द का लंड मेरी चूत में घुसा है.

धीरे धीरे जब उसका काला नाग मेरी ज्वालामुखी के सुरंग में पूरा घुस गया, तो वो रुक गया और मेरी तरफ देखने लगा.

मैंने पूछा कि रुक क्यों गए भोसड़ी के … और ऐसे क्या देख रहे हो मादरचोद! मेरा पालतू कुत्ता बोला- मालकिन अभी तक मैंने आपकी इन कसी हुई टाइट चूची का रस नहीं पिया है, अगर आप बुरा न मानो तो इनको चूस लूँ. मैंने कहा- मादरचोद चूत में लंड डाल के पूछता है कि चूची को चूस लूं. ले भोसड़ी के … चूस ले.

उसके बाद मैंने अपने हाथों से अपनी एक चुची को पकड़ के उसके मुँह में डाल दी. वो भी बिल्कुल पालतू कुत्ते की तरह से मेरे चूची को चूसने लगा.

मैंने कहा- मादरचोद, अब चोदेगा भी कि दूध ही चूसता रहेगा!

मेरा इतना बोलते ही मेरा पालतू कुत्ता मेरी चुदाई करने लगा. उसने मेरी पनियाई हुई चूत को अपने मोटे लंड से उसका मर्दन करना शुरू कर दिया.

मैं- अअअ अअअअ क्या मस्त लंड है तेरा कुत्ते … और चोद अपनी मालकिन को आह मजा आ गया.

वो भी बिल्कुल कुत्ते की तरह मेरी चूत को चोदने में लगा था. कसम से उसका मोटा लंड मेरी चूत को फाड़ रहा था. उसके लंड की तनी हुई नसें मेरी चूत को रगड़ कर बहुत मज़ा दे रही थीं.

मेरी कामुक सिसकारियां उसको और उत्तेजित कर रही थीं … वो उतनी ही जोर से मेरी ज्वालामुखी के लावा को बाहर निकालने के लिए मेरी सुरंग की खुदाई करने लगता था.

मैं बोलती- आह … और जोर से चोद मेरे कुत्ते … तेरा मोटा मुझे बड़ा मस्त चोद रहा है.

जितना बोलती मैं … उसका काला नाग मेरी चुत में उतना ही अन्दर घुस कर गहरी सुरंग बना रहा था.

‘आह आह आह और जोर से और ज़ोर से चोद कुत्ते ..’

करीब 30 मिनट की मेरी सुरंग की खुदाई के बाद मेरी ज्वालामुखी ने अपना सारा लावा बाहर निकाल दिया. लेकिन मेरा कुत्ता तो बहुत बड़ा वाला कुत्ता था. उसका अभी नहीं निकला था.

कुछ देर के बाद उसने मुझे अपनी बांहों में उठाया और सोफे पर बिठा दिया. अब वो मेरी पीछे की सुरंग को चाटने लगा.

मैंने पूछा- अब क्या? वो बोला- मालकिन अभी तो केवल चूत की मालिश हुई है. इस रसीली टाइट गांड की भी तो मालिश करनी है ना?

ये कह कर वो मेरी गांड की कमसिन भूरे छेद को फिर से चाटने में लग गया.

उसके बाद अपने काले लंड पर तेल लगा कर मेरी कुंवारी गांड की छेद पर अपने लंड को रगड़ने लगा. मुझे सिहरन सी होने लगी.

मगर उस बेदर्दी ने अपने मोटे हथियार को मेरी प्यारी सी कमसिन गांड में डाल दिया और मेरी गांड मारने लगा. मेरी दर्द भरी आवाजों को नजरअंदाज करता हुआ श्यामू अपने एक हाथ से मेरी चूत के दाने को मसलने में लगा था.

कुछ ही देर बाद गांड में लंड की लज्जत ने मेरा मजा बढ़ा दिया था. सच में मेरा कुत्ता बड़ी मस्ती से मेरी गांड मार रहा था. मेरी गांड में अलग ही खुजली मिटटी सी लग रही थी और लंड के अन्दर बाहर होने का अहसास मुझे मजा दे रहा था.

उसने वैसे ही मेरी गांड में लंड डाले मुझे अपनी गोद में उठा लिया और बाथरूम में ले गया. उधर रखी वाशिंग मशीन पर उसने मेरी गांड टिका दी और मशीन को ऑन कर दिया.

मैंने पूछा कि ये क्या कर रहे हो? वो मादरचोद बोला- मालकिन आप देखती जाओ … आपको बहुत मज़ा आएगा.

उसने मशीन को ऑन करके वो अपना लंड फुल स्पीड में मेरी गांड में अन्दर बाहर करने लगा. जैसे जैसे मशीन हिलती, उसका लंड भी मेरी गांड में हिलता जा रहा था.

इस कम्पन से मेरी गांड में तरंग सी उठने लगी थी और मुझे बेहद मजा आने लगा था.

एक समय ऐसा आया कि हम दोनों ही जोर जोर से चुदाई करने लगे और उसने अपने लंड के लावा से मेरी गांड को भर दिया.

जब उसने मेरी गांड की चुदाई कर ली, तो मैंने उसको नीचे फर्श पर लिटा दिया और उसके सीने के दोनों तरह अपनी कमर पर हाथ रख कर खड़ी हो गई.

मैं अब उसके मुँह पर मूतने लगी थी.

फिर मैं बैठती चली गई और अपनी चूत को उसके मुँह पर रगड़ रगड़ कर चुसवाती हुई चुत साफ करवाने लगी.

आज जाकर नौकर सेक्स से मेरी गर्म रसीली चूत की आग शांत हो सकी थी.

मेरी मालकिन नौकर सेक्स स्टोरी पढ़ने के लिए आप सभी का धन्यवाद. [email protected]

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