मेरी बेस्ट टीचर ने मुझे चोदना सिखाया -1

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नमस्ते दोस्तो.. मैं जलगाँव ब्वॉय.. आप के लिए और एक नई कहानी लेकर हाजिर हूँ। मेरी सभी गर्म भाभियों आंटियों और लड़कियों को मेरा प्यार भरा चुम्बन। औरतें जरूर अपनी चूत में कई बार उंगलियाँ करेंगी.. और मेरे सभी भाई भी कई बार मुठ मारेंगे। आप मेरी अन्य कहानियाँ भी ऊपर दिए गए लिन्क पर जाकर जरूर पढ़िएगा।

अब कहानी की ओर चलते हैं।

मेरा नाम अवि है। मैं जब छोटा था.. तब मेरे माँ और पिताजी की एक रोड दुर्घटना में मौत हो गई थी। मेरे पिताजी के एक छोटे भाई और एक बहन हैं, मेरे पिताजी उन सब में बड़े थे।

पूजा बुआ- 32 साल चाचा- 28 साल चाची- 26 साल एक और छोटी चाची भी थीं रिश्ते में जो मेरे परिवार के साथ ही बगल के एक कमरे में रहती थीं.. उनके वाले चाचा बाहर गाँव काम करते थे।

मेरी पूजा बुआ का पति दुबई में काम करता है.. वो साल में एक महीने के लिए गाँव आता है।

मेरे चाचा के घर में तीन बेडरूम हैं। एक में चाचा-चाची सोते थे। एक स्टोर रूम था और एक कमरा मेरा था।

मेरी जिंदगी अच्छे से चल रही है। जब मैं बड़ी कक्षा में गया.. तब मेरे स्कूल में मेरे दोस्त नंगी फोटो देख कर उनकी ही बातें करते हैं। मुझे भी फोटो देखकर कुछ-कुछ होता.. हालांकि तब मुझे पता नहीं था कि मेरा लण्ड खड़ा क्यों होता है।

एक दिन मैं मेरी पूजा बुआ के घर काम के लिए गया था। मेरे चाचा ने मुझे पूजा बुआ के घर उनके पैसे देने के लिए भेजा था। मैं हमेशा देखता था कि पूजा बुआ की सहेली का भाई राकेश अक्सर एक दिन के लिए आता है। जब भी पूजा बुआ की सहेली का भाई राकेश उनके घर आता.. तब बुआ अपने बच्चों को पिक्चर देखने या फिर चाचा के घर खेलने भेज देती थीं।

उस दिन भी पूजा बुआ ने अपने बच्चों को पिक्चर देखने भेज दिया।

जब मैं बुआ के घर पर गया.. तो घर पर कोई नहीं दिखा। मैं जब बुआ के कमरे के पास गया.. तब मैंने जो देखा उस पर मुझे विश्वास नहीं हो रहा था।

राकेश बुआ के दूध चूस रहा था, बुआ भी अजीब-अजीब सी आवाज निकाल रही थीं। कुछ देर बाद बुआ की सहेली का भाई राकेश ने बुआ के पेटीकोट में हाथ डाल कर उनका नाड़ा खोल दिया। बुआ अब बिल्कुल नंगी हो चुकी थीं, राकेश ने भी अपने कपड़े निकाल दिए। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !

राकेश का लण्ड लगभग 6 इंच का था। बुआ ने राकेश को चूत चाटने के लिए कहा.. पर राकेश ने मना किया और अपना लण्ड बुआ की चूत में डाल दिया। सूखी चूत में लण्ड डालने से बुआ जोर से चीख पड़ीं.. पर राकेश उनकी चीख की परवाह किए बिना ही अपने लण्ड को अपनी बहन की सहेली की चूत में डाल कर धक्के पर धक्के दे रहा था। लगभग 10 मिनट तक धक्के लगाने के बाद राकेश जोर से चिल्ला कर बुआ के ऊपर गिर गया।

बुआ- क्या राकेश.. तुम हमेशा बिना मेरी चूत चाटे ही.. अपना लण्ड मेरी चूत में डाल देते हो.. राकेश- पूजा तुम्हें तो पता है.. कि मुझे चूत चाटना पसंद नहीं है। बुआ- लेकिन तुम मेरी चूत को गीली किए बिना ही लण्ड पेल देते हो.. राकेश- क्या करूँ.. अब तो आदत हो गई है।

बुआ- हाँ तो तुम्हारी पुरानी आदत है.. अब तो खैर.. मुझे भी आदत हो गई है। राकेश- हाँ.. अब 6 साल से तुम्हारी चुदाई कर रहा हूँ.. अब भी तुम वैसे ही चुदाई का मजा ले रही हो.. जैसे पहली बार चुद रही हो। बुआ- तुम मेरी सूखी चूत में लण्ड डालोगे.. तो मेरी चीख नहीं तो क्या हँसी निकलेगी? राकेश- इसी लिए तो मैं तुम्हारे बच्चों को पिक्चर देखने भेजता हूँ।

बुआ- तुम बहुत चालाक हो.. हमेशा किसी ना किसी बहाने से मेरी चूत मारने आ ही जाते हो। राकेश- तुम्हारी तरह मेरी बीवी चुदाई में मेरा साथ नहीं देती है। बुआ- अब उठो.. बच्चे आने वाले होंगे। राकेश- हाँ.. उठता हूँ।

मैं यह बात सुनकर घर से जल्दी बाहर आया, फिर थोड़ी देर बाद में घर का दरवाजा खटखटाया। पूजा बुआ ने मुझे अन्दर आने को कहा और मुझे राकेश के पास छोड़ कर अन्दर चली गईं।

राकेश- क्या बात है अवि.. क्या हुआ.. ऐसे चुप क्यों हो? अवि- कुछ नहीं भैया.. थोड़ी तबियत खराब है। राकेश- क्यों क्या हुआ? अवि- कुछ ख़ास नहीं वो.. राकेश- अरे यार.. ये ‘वो.. वो..’ क्या लगा रहे हो?

मैंने मन में सोचा कि तुम्हारी चुदाई देख कर परेशान हूँ और बोला- कुछ नहीं भैया ऐसे ही.. राकेश- अरे यार तुम मुझे अपना दोस्त समझकर बता दो.. डरो मत।

मैंने सोचा कि इसे चूतिया बनाता हूँ और कहा- भैया.. वो क्या है कि मेरे क्लास के लड़के गंदी पिक्चर देख कर मुझे बोलते हैं.. कि ये देख.. तेरी पूजा बुआ कैसी नंगी है.. ये देख तेरी बुआ के दूध कितने बड़े हैं। मुझे उन पर गुस्सा आता है।

राकेश- देख अवि.. तुम्हारी बुआ के बारे में कोई भी कुछ कहे.. उन पर गुस्सा मत करना.. लोग कितना भी कुछ कहें.. फिर भी तुम्हारी बुआ आखिर तुम्हारी बुआ है। अवि- हाँ आप ठीक कह रहे हो।

तभी बुआ अन्दर आईं।

तो मैंने बुआ को पैसे देते हुए कहा- बुआ, ये लो पैसे… चाचा ने भिजवाए हैं। अवि- ठीक है बुआ.. अब मैं चलता हूँ.. अच्छा भैया फिर मिलते हैं।

बाकी अब अगले भाग में मित्रो, आप जरूर ईमेल करें.. [email protected]

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