चूत एक पहेली -87

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अब तक आपने पढ़ा..

पायल की बात सुनकर सबको झटका सा लगा कि ये पॉइंट तो इसने बहुत जोरदार मारा है।

सन्नी- तुम कहना क्या चाहती हो? पायल- कुछ नहीं मैं बस ये चाहती हूँ इस गेम का रिजल्ट जो भी हो.. हम दोनों लड़कियों की भी एक-एक डिमाँड पूरी होनी चाहिए। रॉनी- बिल्कुल ठीक कहा तुमने.. पायल ये गेम में तुम दोनों का रोल बहुत बड़ा है.. तो तुम अपनी भी डिमाँड रखो। टोनी- नहीं नहीं.. यह गलत है जब सुबह सब प्लानिंग चल रही थी.. तब क्यों नहीं इसने कुछ कहा.. अब कोई रूल चेंज नहीं होगा ओके..

अब आगे..

कोमल- टोनी भाई.. आप चुप रहो, यह फैसला अकेली पायल का नहीं.. मेरा भी है.. आपने कैसे मुझे यहाँ आने के लिए रेडी किया? याद है ना..? अब भूलो मत। अगर हम दोनों ने इन्कार कर दिया तो खेलते रहना अकेले-अकेले दोनों मिलकर गेम..

कोमल थोड़ी गुस्से में आ गई थी.. जिसे देख कर वहाँ बैठे सबकी गाण्ड फट गई। ओह्ह सॉरी.. ‘सबकी’ कहना ग़लत होगा क्योंकि यह तो एक सोची समझी चाल का हिस्सा है.. हाँ किसी और का पता नहीं, पुनीत की जरूर फट गई.. तभी तो सबसे पहले वो बोला- ओह्ह टोनी.. तू चुप रह.. साला सारे किए कराए पर पानी फेर देगा। पहले इनकी डिमाँड तो सुन लो। सन्नी- बिल्कुल ठीक.. मैं इन दोनों लड़कियों के साथ हूँ.. बोलो पायल पहले तुम बोलो क्या डिमाँड है?

पायल- ओके तो सुनो, हारने वाली लड़की को यह हक़ होगा कि उसके साथ पहले कौन करेगा.. यह वो खुद तय करेगी ओके? टोनी- नो नो.. यह गलत है.. यह जरूर पुनीत की कोई चाल है.. अरे मैं जीतूँगा तो पहले मैं ही जाऊँगा ना.. नो… मैं नहीं मानता इस बात को.. रॉनी- ओये चूतिए, तुझे कैसे पता तू जीतेगा.. साला हार गया तो यह फैसला तेरी बहन के बहुत काम आएगा.. वो भी अपनी मर्ज़ी से बोलेगी.. समझे..

टोनी ने थोड़ी देर नाटक किया उसके बाद वो मान गया.. वैसे पायल ने क्लियर बोल दिया कि जरूरी नहीं जीतने वाली टीम का कोई लड़का पहले जाए.. वो किसी को भी पहला मौका दे सकती है.. सिवाय पुनीत और रॉनी के क्योंकि वो उसके भाई हैं और वैसे भी हारने वाला तो कर ही नहीं सकता.. यह भी रूल है।

रॉनी- चलो, ये बात तो हो गई.. अब कोमल तुम भी अपनी डिमाँड बताओ? कोमल- आप लोग यहाँ जब जमा हो ही गए तो नंगापन तो होगा ही.. अब कोई शर्म की बात तो है ही नहीं यहाँ पर.. सही कहा ना मैंने? सन्नी- हाँ एकदम सही कहा तुमने.. मगर इसका मतलब क्या हुआ?

कोमल- अपने बड़ी आसानी से रूल बना लिए कि टीम में खेलेंगे और कार्ड्स चेंज कर लेंगे.. मगर ज़रा ये सोचो आपने अपनी बहनों को दांव पर लगा रखा है और गेम को इतना आसान बना लिया.. ये कहाँ का इंसाफ़ हुआ बोलो? पुनीत- तुम कहना क्या चाहती हो.. साफ साफ बोलो ना?

कोमल- मेरी डिमाँड ये है कि रूल वही रहेगा.. मगर छोटा सा ट्विस्ट आएगा इसमें.. विवेक और सुनील आपको कार्ड्स देंगे और रॉनी सन्नी मेरे भाई को कार्ड्स देंगे। कोमल की बात सुनकर पुनीत हिल गया उसकी तो सारी प्लानिंग धरी की धरी रह गई थी। पुनीत- ये क्या बकवास है.. ऐसा कैसे हो सकता है.. ये दोनों मुझे क्यों अच्छे कार्ड्स देंगे.. ये तो टोनी के दोस्त हैं.. ऐसे तो मैं साफ-साफ हार जाऊँगा।

कोमल- यही तो ट्विस्ट है पुनीत जी.. आपने बस अपने बारे में सोच लिया.. ज़रा मेरे भाई के बारे में भी सोचो.. आपके भाई और दोस्त उनको कैसे बड़े कार्ड्स देंगे.. वो भी तो आपको जिताना चाहते हैं। सन्नी- वाह.. कोमल वाह.. क्या आइडिया निकाला है तूने.. अब आएगा गेम का मज़ा.. अब होगी कशमकश.. रॉनी- मगर सन्नी इससे तो गेम बहुत हार्ड हो जाएगा।

सुनील- देखो भाई अब पहले हम कार्ड्स जीतने के लिए देने वाले थे अब हराने के लिए देंगे.. मज़ा आएगा.. पुनीत का तो सर घूम गया कि अब क्या होगा.. उसने जल्दी से बियर की बोतल ख़त्म की और सोचने लगा। टोनी- मैं तो तैयार हूँ भाई.. अब मेरी प्यारी कोमल की बात कैसे मना कर सकता हूँ.. क्यों पुनीत अब तू क्या कहता है.. अपनी बहन की बात तो तूने मनवा दी.. अब मानने की बारी तेरी है?

पुनीत- अब मैं क्या कहूँ.. चल मान ली मैंने भी.. मगर मुझे 5 मिनट रॉनी और सन्नी से अकेले में बात करनी है.. कुछ अर्जेंट है। टोनी- जा कर ले नई प्लानिंग.. मैं तो यहीं रहूँगा.. मुझे नहीं आता तेरी तरह चाल चलना.. मैं तो बस अपने लक के ऊपर यहाँ आया हूँ.. हा हा हा..

टोनी को पता था कि अब क्या होगा क्योंकि सन्नी ने सारा गेम ऐसे सैट किया था कि किसी भी हाल में टोनी नहीं हारेगा.. ऐसी प्लानिंग के पायल को भी अपनी तरफ़ कर लिया। वैसे अंजाने में ही सही मगर पायल सन्नी के मुँह की बात ही बोल रही थी। उसने कोमल के जरिए उसके दिमाग़ में ये बात भर दी थी।

अब पुनीत ने दोनों को कोने में ले जाकर कहा- हमने जो इशारा बनाया था उसका क्या होगा? सन्नी- अरे कुछ नहीं होगा.. हमें अब इशारे की नहीं दिमाग़ की जरूरत है.. तुम बस ध्यान से कार्ड्स चेंज करना और हम दोनों भी उस टोनी को ऐसे कार्ड्स देंगे कि वो जीत ना पाए। सन्नी ने पुनीत को झूठी तस्सली देकर वापस वहीं ले आया। रॉनी- चलो भाई अब सब बातें क्लियर हो गई हैं.. अब तो किसी को कुछ नहीं कहना है ना?

नीचे एक बड़ा सा गोल गद्दा बिछा हुआ था.. सब उस पर बैठे थे.. मगर अर्जुन को इन्होंने एक आरामदायक कुर्सी पर बैठाया हुआ था.. जहाँ से वो सब को चुपचाप देख रहा था। उसके मन में तो बस लड्डू फूट रहे थे कि कब ये गेम ख़त्म होगा और कब उसको पायल की चूत के दीदार होंगे।

सन्नी- नहीं.. अब कुछ बोलना नहीं है.. बस एसीपी साहब के हाथों से गेम की शुरुआत हो जाए.. तो इनका भी सम्मान हो जाएगा.. आख़िर ये हमारे मेहमान जो हैं। अर्जुन- नहीं नहीं.. सन्नी जब सारे फैसले आप लोगों ने ले ही लिए.. तो अब ये औपचारिकता मत करो।

पायल- अरे सर.. आप नाराज़ क्यों हो गए.. सॉरी इन लोगों ने आपसे कुछ पूछा नहीं.. मगर अब आप कुछ कहना चाहो तो कह दो.. पुनीत- हाँ सही है.. आपने कल हमारी बहुत हेल्प की थी.. अब आप ऐसे नाराज़ मत हो प्लीज़.. अर्जुन- अरे मैं तो मजाक कर रहा था.. लाओ मैं कार्ड्स बाँट कर गेम को शुरू कर देता हूँ।

सन्नी- नहीं यार.. ऐसा नहीं होगा ग़लती मेरी है.. मैं ही भूल गया अब बस 2 मिनट मुझे बोलने दो प्लीज़। अर्जुन- क्या भूल गया बोलो तो.. सन्नी- दोस्तो, आप सब अर्जुन को तो जानते ही हो.. ये एसीपी की पोस्ट पर हैं मगर अन्दर से ये बिल्कुल हमारी तरह शराब और शवाब के शौकीन है। आज हारने वाली लड़की को ये भी टेस्ट करेगा.. ये तो हम जानते हैं.. मगर इनकी मेहमाननवाज़ी के लिए मैंने एक आइडिया सोचा है.. अगर किसी को एतराज ना हो तो बता देता हूँ।

पुनीत- अरे एतराज कैसा यार.. सर कौन सा रोज आते हैं यहाँ.. बोलो तुम.. सन्नी- गेम तो जैसे चलना ही वैसे ही चलेगा.. बस हर राउंड के बाद हारने वाली लड़की जो कपड़ा निकालेगी वो अगर अर्जुन अपने हाथ से निकाले.. तो कैसा रहेगा? टोनी- वाह सन्नी.. क्या दूर की कौड़ी मारी है.. ऐसे गेम का रोमांच भी बढ़ जाएगा और हमारे साहब भी खुश हो जाएँगे।

अर्जुन- अरे नहीं नहीं.. तुम लोगों के कहने से क्या होता है.. मैं ऐसा कुछ नहीं करूँगा.. क्या पता कोमल और पायल को ये पसन्द ना हो। रॉनी- क्या अर्जुन जब हारने के बाद ये साथ सोने को राज़ी हैं तो कपड़े निकलवाने में इनको क्या दिक्कत? पायल और कोमल ने भी रॉनी की बात का समर्थन किया और अर्जुन के चेहरे पर एक क़ातिल मुस्कान आ गई।

अर्जुन ने पहले राउंड के लिए कार्ड्स बाँट दिए सन्नी और रॉनी ने टोनी से कार्ड बदल लिए और पुनीत ने भी ऐसा ही किया। जब कार्ड पलटे गए तो पुनीत के पास बादशाह, गुलाम, 8 और टोनी के पास दो बेगमें और 5 निकला।

टोनी- यस यस.. क्यों पुनीत क्या बोलता है.. जीत गया मैं? पुनीत को इस बात का दु:ख था कि पहले ही राउंड में वो हार गया.. मगर उसने अपने आप पर काबू रखा। पुनीत- बस बस.. ज़्यादा उछल मत.. अभी एक ही राउंड हुआ है।

टोनी- उठो अर्जुन साहब चीरहरण की रस्म पूरी करो.. पायल जी का कुर्ता निकाल कर इसके मादक जिस्म की झलक सबको दिखाओ। अर्जुन कुर्सी से खड़ा होकर पायल के पास आया.. तो पायल ने कहा- एक कपड़ा निकालना है.. तो पहले जींस निकाल दो आप.. यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !

टोनी- ओये होये.. क्या बात है.. बड़ी जल्दी में है तू तो पायल.. डाइरेक्ट नीचे से नंगी हो रही है.. पुनीत- टोनी ये क्या बकवास है.. कुछ भी मत बोल.. टोनी- ओह पुनीत.. अब बस कर यार ये शराफत का नाटक बन्द कर.. हम यहाँ एंजाय करने आए हैं.. तू जीते या मैं.. मगर मज़ा सबको आने वाला है.. तो अब ये बातें ही महफ़िल का मज़ा बढ़ाएंगी समझे..

आप मुझे अपनी प्यारी ईमेल मुझे भेजकर बताओ कि आपको मेरी कहानी कैसी लग रही है। कहानी जारी है। [email protected]

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