चूत एक पहेली -72

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अब तक आपने पढ़ा..

निधि- रात को इतना चोदा है.. फिर भी सुकून नहीं.. सुबह-सुबह भी खड़े हो गए चोदने को.. अब हटो भी.. बड़े जोरों की भूख लगी है.. नहा-धो कर बाहर चलते हैं। चुदाई के बाद अर्जुन को भी भूख का अहसास हुआ.. तो उसने निधि की बात फ़ौरन मान ली और नहाने चला गया, निधि भी नहाने के लिए दूसरे बाथरूम में चली गई। कुछ देर बाद वो दोनों हॉस्पिटल चले गए और वहाँ से पास के होटल में नाश्ता करने चले गए। भाभी तो पहले ही नाश्ता कर आई थीं.. तो दोनों को भेज दिया।

अब आगे..

उधर पुनीत की जब आँख खुली तो बहुत वक्त हो चुका था.. वो उठा और बाथरूम में चला गया.. सारे काम से निपट कर जब वो पायल के कमरे में गया.. तो पायल बेसुध सोई हुई थी, उसके जिस्म पर एक चादर थी.. बाकी अन्दर वो पूरी नंगी थी। पुनीत- हैलो माय स्वीट सिस.. उठो कितना सोती हो तुम..!!

पुनीत बिस्तर पर बैठ गया और पायल के चेहरे को हाथ से थपथपाने लग गया.. जिससे उसकी नींद टूट गई। पायल- उहह.. सोने दो ना भाई.. क्यों परेशान कर रहे हो? पुनीत- अरे कितना सोओगी यार.. चलो उठो जल्दी से.. पायल- उहह भाई.. क्या है सुबह हो गई क्या.. या फिर आपको मस्ती करनी है.. जो मुझे सता रहे हो.. पुनीत- अरे तू सुबह की बात करती है, उठ कर वक्त देख, दोपहर होने को आई है।

पायल आँख को मलते हुए अंगड़ाई लेती हुई बैठ गई.. तो उसकी चादर अलग हो गई और उसके गोल चूचे पुनीत के सामने आ गए। पुनीत- अरे मेरी प्यारी बहना ऐसे नंगी ही सो गई.. कोई और आ जाता तो तेरी क़ातिल जवानी देख कर तुझपे टूट पड़ता तो क्या करती? पायल- किसकी इतनी हिम्मत है.. जो ऐसा करे.. वैसे भी आप ही बहुत हो मेरे मज़े लेने के लिए.. चलो हटो मुझे बाथरूम जाना है.. पुनीत- कसम से अभी क्या मस्त लग रही हो.. देखो लौड़ा पैन्ट फाड़ कर बाहर आने को बेताब हो रहा है.. मन कर रहा है.. अभी तेरी गाण्ड में लौड़ा घुसा दूँ।

पायल- बस करो.. रात को क्या कम चुदाई की आपने.. जो सुबह-सुबह शुरू हो गए? जाओ नीचे.. मैं रेडी होकर आती हूँ। अकेले नाश्ता मत करने बैठ जाना.. नहीं अच्छा नहीं होगा.. पुनीत- अरे मेरी जान.. ये कैसी बात कर रही हो.. तेरे बिना नाश्ता कैसे कर सकता हूँ। तू ऐसा कर.. जल्दी रेडी हो जा आज यहीं तुझे स्पेशल नाश्ता कराऊँगा मैं.. बस अभी लेकर आता हूँ.. ठीक है ना.. पायल- अच्छा.. ये स्पेशल नाश्ता क्या है.. मुझे भी देखना है.. जाओ मैं बस 20 मिनट में रेडी हो जाऊँगी।

पुनीत नीचे चला गया और काका को नाश्ता रेडी करने को बोल दिया।

उधर सन्नी ने पहले ही काका को फ़ोन पर बता दिया था कि आज जूस में गोली मत मिलाना.. अब उसकी कोई जरूरत नहीं है.. जो होना था हो गया। पायल जब नहाकर बाहर आई तो उसने बस तौलिया लपेट रखा था, उसके बाल भीगे हुए थे.. जिनसे पानी टपक कर उसकी गर्दन पर आ रहा था, वो एक हुस्न की मलिका लग रही थी।

तभी पुनीत भी नाश्ता लेकर आ गया। पायल- अरे इतनी जल्दी क्यों ले आए मुझे कपड़े तो पहनने देते। पुनीत- नहीं, ये स्पेशल नाश्ता बिना कपड़ों के ही किया जाता है। पायल- ओह्ह.. अच्छा ये बात है.. तो भाई आपने कपड़े क्यों पहन रखे हैं? आपको नाश्ता नहीं करना क्या?

पुनीत- अरे करना क्यों नहीं.. अब मैं भी तो नंगा होने वाला हूँ ना.. पहले दरवाजा तो बंद कर दूँ.. कहीं कोई आ गया तो सारा मामला बिगड़ जाएगा। पायल- भाई आप सच में नंगे हो रहे हो? मैं समझी मुझसे मजाक कर रहे थे। पुनीत- अरे मजाक क्यों.. सच में आज स्पेशल तरीके से नाश्ता करेंगे और घर में रॉनी भी नहीं है.. वो कहीं बाहर चला गया। अब किसी के आने का ख़तरा भी नहीं है।

इतना कहकर पुनीत अपने कपड़े निकालने लग गया.. उसको नंगा होता देख पायल ने भी तौलिया निकाल दिया और अपने बाल पोंछने लगी।

अब दोनों नंगे आमने-सामने बैठ गए बीच में नाश्ते की ट्रे रखी हुई थी जिसमें चीज़ ब्रेड और जूस.. कुछ फ्रूट्स थे.. जिसे पायल गौर से देख रही थी। पायल- इसमें क्या स्पेशल है.. रोज तो यही होता है नाश्ते में? पुनीत- मेरी भोली पायल नाश्ता वही है.. इसको स्पेशल मैं बनाऊँगा.. उसके बाद एक खास तरीके से खाएँगे.. तब अपने आप समझ जाओगी। पायल- अच्छा ये बात है.. तो जल्दी करो.. क्या करोगे इस नाश्ते के साथ?

पुनीत अपने लौड़े को सहलाता हुआ मुस्कुराने लग गया। पायल- भाई प्लीज़ अब चुदाई का मत कह देना.. रात को बहुत कर चुके आप.. अभी सोचना भी मत.. पुनीत- अरे तू इतना डरती क्यों है.. नहीं चोदूँगा.. बस ये तो नाश्ते की तैयारी कर रहा हूँ। पायल- मैं कुछ समझी नहीं भाई.. आप कैसी तैयारी कर रहे हो? पुनीत- अगर मुझ पर ट्रस्ट है.. तो तू बस चुपचाप मेरी बात मानती जा.. मज़ा ना आए तो कहना..

पायल- भाई मेरा सब कुछ आपको दे दिया.. अब आप ट्रस्ट की बात करते हो.. लो कर लो.. जो करना है.. मैं आपके सामने हाजिर हूँ। पुनीत- ये हुई ना बात.. अब देख पहले तेरे साथ थोड़ी मस्ती करूँगा.. उसके बाद तुझे स्पेशल नाश्ता कराऊँगा.. तू भी क्या याद करेगी.. पायल- ठीक है भाई.. आ जाओ आपकी बहन आपके सामने नंगी बैठी है.. जो करना है कर लो..

पुनीत ने पायल को बिस्तर पर लेटा दिया और उसको किस करने लग गया, पायल भी उसका साथ देने लगी.. कुछ देर बाद पुनीत उसके मम्मों को चूसने लग गया तो पायल सिसकारियाँ लेने लग गई।

पायल- आह्ह.. उफ़फ्फ़.. भाई सस्स.. रात को मन पूरा नहीं भरा क्या.. जो सुबह सुबह शुरू हो गए.. आह्ह.. नाश्ता तो करने देते.. पहले ही शुरू हो गए.. आह्ह.. उफ़फ्फ़.. आह.. काटो मत ना..

पुनीत पर कोई असर नहीं हुआ वो बस अपनी मस्ती में लगा रहा। पुनीत धीरे-धीरे पायल को गर्म करता रहा और उसके मम्मों से सीधा उसकी चूत पर पहुँच गया.. जो अब टपकना शुरू हो गई थी, उस में से चूतरस बाहर आने लगा था। पायल- आह्ह.. भाई.. मेरी चूत में बड़ी हलचल हो रही है.. आह्ह.. प्लीज़ चाट लो ना.. आह्ह.. ससस्स प्लीज़..

पुनीत चूत के आस-पास उंगली फिराता हुआ हँसकर बोला- मेरी जान.. तुम क्या समझी मैं तुम्हें चोदना चाहता हूँ और वो स्पेशल नाश्ता.. बस एक बहाना था। पायल- आह्ह.. अब जो भी हो.. आपने मेरे अन्दर आग लगा दी है.. अब चोद ही दो तो अच्छा रहेगा। पुनीत- ना मेरी जान.. ये सब तो नाश्ते को स्पेशल बनाने के लिए किया मैंने.. अब देखो आज तक तुम्हारी चूत का रस मैंने ही पिया है.. उसका टेस्ट आज मैं तुम्हें भी कराऊँगा.. इस अंगूर के साथ हा हा हा हा..

इतना कहकर पुनीत ने ट्रे से कुछ अंगूर उठा लिए और पायल की चूत पर उनको रगड़ने लगा.. चूत का रस अंगूरों पर लग गया.. तब पुनीत ने एक अंगूर खुद खा लिया.. तो दूसरा पायल के मुँह में दे दिया।

पायल- छी: भाई आप कितने गंदे हो.. मेरी चूत का पानी मुझे चखा रहे हो। पुनीत- अरे दिमाग़ से नहीं दिल से कर.. मज़ा आएगा.. आज का नाश्ता तू कभी नहीं भूलेगी.. बता कैसा है टेस्ट तेरी चूत के पानी का? पायल- टेस्ट तो अच्छा है.. थोड़ा नमकीन थोड़ा खट्टा.. आपके पानी से कुछ अलग ही टेस्ट है। पुनीत- हा हा हा आज तू बस नाश्ता करती जा.. तेरी चूत और मेरे लण्ड का माल आज नाश्ते को खास बना देंगे। पायल- अच्छा ये बात है.. तो आप भी अपना रस चख के देखो.. मज़ा आता है या नहीं आपको? पुनीत- हाँ मेरी जान.. मैं भी करूँगा.. पहले तेरी चूत का मज़ा तो ले लूँ.. उसके बाद तू मेरे लण्ड के साथ खेल लेना।

पुनीत कभी सेब तो कभी अंगूर पायल की चूत में डालता और उसके बस रस से सराबोर करके दोनों मज़े से उसको खा लेते.. आखिर में एक केला छील कर पायल की चूत में थोड़ा घुसा दिया और उसके बाद पायल और पुनीत ने उसको खा लिया।

अब पायल को भी इस खेल में मज़ा आने लगा था- आह्ह.. भाई.. सच्ची मज़ा आ रहा है ऐसा नाश्ता तो शायद ही किसी ने किया होगा। पुनीत- अभी पूरा नाश्ता कहाँ हुआ है.. चल अब तू मेरा लौड़ा चूस इसमें से भी मलाई निकाल.. फिर उसको ब्रेड पर लगा के खाएँगे। पायल- वाउ भाई.. मज़ा आएगा चीज़ के साथ लण्ड रस को मिलकर एक अलग ही टेस्ट आएगा।

पुनीत आराम से बैठ गया.. उसका लौड़ा लोहे जैसा सख़्त हो रहा था, पायल पेट के बल लेट गई और लौड़े को प्यार से चूसने लग गई। पुनीत- आह्ह.. पायल चूस.. आह्ह.. चूस जल्दी से इसका रस निकाल दे.. आह्ह.. आज मैं भी तो देखूँ.. मेरे लौड़े का रस कैसा है आह्ह.. चूस जानेमन चूस..

पुनीत के लौड़े को अच्छी तरह चूसने के बाद पायल ने उसको हाथ से हिलाने लग गई, लौड़े पर पानी की कुछ बूंदें बाहर आ गईं.. पायल- भाई आपका रस आना शुरू हो गया है.. लो थोड़ा तो आपको टेस्ट करा देती हूँ। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !

इतना कहकर पायल ने अपनी जीभ की नोक से बूँद को उठाया और पुनीत के मुँह में अपनी जीभ घुसेड़ दी.. तो पुनीत झट से उसकी जीभ को चूसने लगा। पुनीत- वाह्ह.. मेरी जान क्या आइडिया लगाया है तूने.. मेरे रस का टेस्ट मुझे चखाने का.. अब जल्दी कर असली माल निकाल.. जल्दी से.. ताकि नाश्ता पूरा हो जाए और हमें भी सुकून मिले.. पायल- भाई ऐसे तो वक्त लगेगा और मेरी चूत भी फड़फड़ा रही है.. आप ऐसा करो.. जल्दी से लौड़ा चूत में पेल दो ताकि मेरा पानी भी निकल आए और आपका भी निकलने के करीब आ जाए।

पुनीत- हाँ ये सही रहेगा चल तू जल्दी से घोड़ी बन जा.. ताकि मेरा पानी निकलने को हो तो जल्दी से सारा माल ट्रे में गिरा दूँ और हमारा प्लान कामयाब हो जाए।

दोस्तो, उम्मीद है कि आपको कहानी पसंद आ रही होगी.. तो आप तो बस जल्दी से मुझे अपनी प्यारी-प्यारी ईमेल लिखो और मुझे बताओ कि आपको मेरी कहानी कैसी लग रही है। कहानी जारी है। [email protected]

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