मेरी चूत गान्ड और बड़े-बड़े लौड़े -2

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अब तक आपने पढ़ा.. मैडम ने बहुत ही सेक्सी ब्रा-पैन्टी पहनी थी.. नेट की लाल और काले रंग की थी। मैंने सफ़ेद ब्रा और पैन्टी पहन रखी थी वैसे मैडम भी कम नहीं थी.. उनके मम्मे और गाण्ड कातिलाना थे। उनकी गाण्ड तो एकदम सुडौल.. मोटी भारी.. और मम्मे एकदम तने हुए थे.. साली की कमर एकदम बलखाती हुई पतली.. उसकी उम्र भी 38 की थी पर वो किसी छम्मक-छल्लो की तरह सिर्फ 26 साल की ही लगती थी।

अब आगे..

खैर.. अब एक लड़का मैडम के पास गया और उसे किस करने लगा.. मैं देखने लगी। एक मेरे पास आया और किस करते हुए बोला- अंजलि तेरे जैसी बात किसी में नहीं है.. उम्म्म्माअहह.. वो मुझे बुरी तरह जकड़ कर किस करने लगा.. मैं मदहोश होने लगी।

एक लड़का पीछे से मेरे गाण्ड में अपना लंड निकाल कर घिसने लगा और मेरी पैन्टी उतार कर अपना लंड पीछे से दोनों जाँघों के बीच में लगा कर आगे-पीछे करने लगा। मुझे बड़ा अजीब सा करेंट लगा.. मैंने नीचे देखा तो सच में डर गई.. उसका लौड़ा बहुत ज़्यादा लंबा और बहुत ज़्यादा मोटा था। ऐसा लग रहा था कि जैसे किसी घोड़े का लंड हो.. एकदम गोरा-चिट्टा लंड था।

मैंने पीछे देखा.. तो उसने मुझे एकदम से ज़मीन पर बैठा दिया और बोला- चूस मेरी जान.. मैंने गपागप उसका हल्लबी चूसना शुरू किया.. उसका मस्त लंड देख कर मैं भी बोली- हाय.. तेरा मोटा तगड़ा लौड़ा कितना लंबा है? तो बोला- रानी केवल 9 इंच का है.. ले.. ले.. मैं बोली- हाँ अभी लेती हूँ.. पर तेल लगाकर बजाईओ..

ये सुन कर तो उसने मेरे बाल पकड़े और लौड़े को मुँह में पूरा घुसेड़ने की कोशिश करते हुए मुँह चोदने लगा।

इतने में एक लड़के ने पीछे से मेरी गाण्ड उठाई और मेरी गाण्ड की तरफ से चूत चाटने लगा। मैं बहुत पागल हो रही थी। अब हम सारे नंगे हो चुके थे। मैडम तो सोफे पर आराम से पड़ी थी.. चूत चटवा रही थी और सिसकारिया भर रही थी।

इधर मैं पागल हो रही थी.. मैं बहुत बुरी तरह उसका लंड चूसने लगी और चूत मैं उंगली करवाने लगी साथ ही चूत चटवाने भी लगी।

तभी उस लौंडे ने एकदम मेरा सर पकड़ा और तेज़-तेज़ गले तक लंड धकेल कर वो मेरा मुँह चोदने लगा.. और एकदम से अपना पानी निकाल दिया.. जो मेरे मुँह से होता हुआ बॉडी पर आने लगा।

अभी मैं उसके रस के आनन्द को ले ही रही थी कि लड़के ने मेरे बाल पकड़ते हुए मुझे खींचते हुए मैडम के पास ले आया। उनसे कहा- ले साली.. चाट ले इस मलाई को.. वो उठी और मुझे चाटने लगी.. मेरे मम्मों को.. पेट पर.. सब माल चाटने लगी। फिर वो चूत में उंगली करते हुए किस करने लगी।

पीछे से उस लड़के ने मेरे और उनके मम्मों को दबाते हुए हमें खड़े-खड़े घोड़ी बना दिया और लंड को चूत पर सैट करने लगा। मैडम तो आराम से लौड़े को चूत में ले गई.. पता नहीं कितनी बार बजवा चुकी थी.. उनसे मगर मेरी चूत में ऐसा हब्शी लंड कभी नहीं गया था.. उस लौंडे ने एक झटका मारा तो मैं एकदम से आगे को हो गई।

मैडम ने अपने होंठ मेरे से चिपका दिए.. और उसको इशारा कर दिया। उसने अब जो एक करारा झटका मारा.. तो वाकयी ये झटका मेरे होश उड़ाने वाला था.. मेरी आँखें खुल गईं और मैंने मैडम का मुँह हटाया और तेजी से चीख पड़ी। मैं अपने हाथ से उसका लंड बाहर निकालने की कोशिश करने लगी.. मैंने ज्यों ही लौड़े पर हाथ लगाया तो मैं शॉक्ड हो गई.. मैंने देखा कि उसका लौड़ा घुसने के लिए अभी तो और बाकी रह गया है।

इतने में उसने मेरे दोनों हाथ पकड़े और एक झटका और मार दिया। अब मेरी चूत फट गई थी और मैं बहुत तेज़ चिल्लाई.. मैडम ने मुझे जोर से पकड़ा.. और मुझे बहुत प्यार से किस करने लगी। मेरे घुटने ज़मीन पर आ गिरे.. मगर उसने लंड नहीं निकाला। अब वो अन्दर ही डाले रख कर मेरे मम्मों को दबाने लगा और प्यार से आगे-पीछे करने लगा। मैं लगभग बेहोश हो गई थी। फिर थोड़ी देर में मैं अपनी गाण्ड को आगे-पीछे करने लगी और खुद चुदने लगी।

तभी मेरे लिए दो पैग लाकर रख दिए गए.. जिन्हें मैं चुदते हुए एक साँस में ही गटक गई। थोड़ी देर में दारू ने रंग दिखाया और मुझे बड़ा मजा आने लगा। अब मैं बड़े जोश से चुदवाने लगी। कुछ ही पलों बाद उस लड़के ने अपना पानी मेरी चूत में गिरा दिया।

मैं अब सोफे पर लेट गई और सिगरेट पीने लगी.. तभी लौड़े को सहलाता हुआ एक दूसरा लड़का आया। उसके लंड पर नसें बहुत दिख रही थीं.. जिससे मैं डर गई। तो बोला- अब तो तेरी फट गई है.. मजे ले..

इसी के साथ उसने बड़े ही जोश में लंड मेरी चूत में घुसाया और गपागप चोदने लगा। अब मुझे वाकयी मजा आ रहा था। मैंने उसके हाथ अपने चूचों पर रखवाए और बोली- दबा ना इन्हें.. आज की रात रगड़ मेरी इस जवानी को.. उसने बड़ी तेज़ी के साथ चोदना शुरू कर दिया, वो हर धक्के में मेरी गाण्ड को ऊपर खींचता और लौड़े को अन्दर डालता.. जिससे पूरा लौड़ा मेरी चूत की गहराई नाप रहा था।

उधर मैडम भी तेज़-तेज़ चिल्लाने लगी थीं.. तो मेरी नज़र गई.. वो तो पूरी रंडी लग रही थी। मैंने देखा तो मेरी आँखें फट गईं.. वो एक लंड चूत में एक गाण्ड में लेकर बड़े जोश से चुदवा रही थी। जिससे देख कर मैं तो पागल ही हो गई और झड़ गई.. मगर वो लड़का नहीं झड़ा।

उसने अपना लंड निकाला और बोला- सबसे पहले इसकी कौन गाण्ड फाड़ेगा? यह सुनकर मेरी पहले ही फट गई.. मैं झट से खड़ी हुई और मैंने दारू की बोतल उठाई और एक ही साँस में आधी गटक गई।

तो एक मैडम की तरफ इशारा करके बोला- ये आज पक्के में हमारी रांड बनेगी.. जैसे ये निशा बनी हुई है। मैं नशे में टुन्न हो चुकी थी.. बोली- मजा दे मेरी चूत को.. आज रांड क्या जब जहाँ चोदेगा.. वहीं चुदवाऊँगी.. तो जो मैडम को लंड चुसवा रहा था.. वो आया और मुझे मैडम के पास घोड़ी बनाकर मेरी गाण्ड पर ढंग से तेल लगाया।

अब मुझे दारू का बहुत तेज नशा हो रहा था और मुझे होश भी नहीं था कि कब मेरी गाण्ड फटी। मैं नशे में इतनी पागल हो चुकी थी कि गाण्ड में से खून निकल रहा था.. मगर मैं गाण्ड को ऐसे चुदवा रही थी.. जैसे कुछ महसूस ही ना हो रहा हो। फिर मैं एक साथ सीधी हुई और मैडम से बोली- चल रंडी.. अपना चूचा डाल मेरे मुँह में.. मैडम ने अपने मम्मे मेरे मुँह में दे दिए..

मैं मैडम के चूचे चूसते हुए एक लड़के से बोली- चल तू चूत में डाल.. अब पोजीशन बहुत मस्त बन गई। मेरे नीचे एक लड़का जिसका लंड गाण्ड में घुसा था और दूसरा लड़का मेरी चूत में लौड़ा घुसेड़े हुए था। दोनों धकापेल चोद रहे थे।

मैडम मेरे बराबर में अपने मम्मों को चुसवा रही थी और एक लड़का मेरे मुँह में लौड़ा चुसवा रहा था।

उनके पीछे से एक लड़का मैडम की गाण्ड मार रहा था। करीब 15 मिनट की बुरी तरह चुदाई चली। अब मैं और दोनों लड़के झड़ गए.. मेरी गाण्ड और चूत का काम तमाम हो गया था.. मेरे दोनों छेद वीर्य से भर चुके थे।

अब मैडम को जो लड़का चोद रहा था.. वो भी झड़ गया.. मगर जिसका लौड़ा मेरे मुँह में था.. उसने फिर से मेरी चूत में अपना हथियार डालने लगा। मैडम मेरी चूत और उसके घुसते हुए लंड को चाटने लगी। कुछ देर में वो भी झड़ गया।

अब हम सब ही बहुत थक चुके थे और मुझे आज सही में बहुत मजा आया था.. मेरी चूत और गाण्ड लाल हो रही थीं.. फिर मैं और मैडम और सब लड़के शावर लेकर आए। बाथरूम में हमने बस चूमा-चाटी की.. फिर हम सब बेड पर नंगे ही सो गए। कुछ देर बाद एसी में ठंड लगने लगी तो एक-दूसरे से लिपटे पड़े थे।

सुबह जब उठे तो देखा कि 10 बज रहे थे। हम सब उठे.. मैंने अपनी गाण्ड चूत देखी.. जो फटी पड़ी थी और चलने में भी बहुत दर्द हो रहा था.. मैं जैसे-तैसे फ्रेश हुई।

फिर सबने खाना मंगाया.. वैसे भी भूख बहुत तेज लग रही थी.. तो हम सबने खाना खाया और फिर जाने लगे। मैं और मैडम एक ही कार से चल दिए। मैडम ने मेरे घर पर कह दिया कि यह रात भर मेरे घर रुक गई थी.. तो घर पर कोई प्राब्लम नहीं हुई थी। फिर मैंने मैडम को ‘बाय’ कहा तो मैडम बोली- अगली बार कब? मैं बोली- जो फटा है.. वो सही तो हो जाए… और मैं हंसते हुए चल दी।

तो दोस्तो, यह थी मेरी एक नई और अलग कहानी.. जो पुरानी घटना है.. मगर मैंने आप के साथ अभी शेयर की है। दोस्तो मुझे ईमेल करके बताना.. यह कहानी कैसी लगी आप सबको.. मुझे आपके मेल्स का इंतज़ार रहेगा। [email protected]

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