एक मॉम मस्तानी सी

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हैलो दोस्तो, मेरा नाम राहुल है.. मैं बी.कॉम. का स्टूडेंट हूँ। मैं अपने पापा के घर एक अनाथ बालक के रूप में आया था और अब उन्हीं को अपने पापा की तरह मानता हूँ।

मेरे पापा मुंबई में एक शोरूम के मालिक हैं। वो ज़्यादातर अपने काम में ही व्यस्त रहते हैं। हमारी फैमिली में 4 लोग हैं। मेरी मॉम का नाम चंचल है.. उनकी उम्र 39 साल है.. पर क्या बोलूँ उनके बारे में.. हुस्न की परी हैं वो.. एक दिन मुझे याद आया कि मैं अपनी ब्लू-फिल्म की सीडी घर पर ही भूल आया हूँ.. मैं घर वापस भागा..

घर पहुँचा तो हैरान रह गया। मेरी मॉम एक आदमी के साथ चूमा-चाटी कर रही थीं। मैं उस समय तो कुछ नहीं बोला। शाम को मैंने मॉम से कहा- आप जो कुछ कर रही थीं.. वो सही नहीं हैं। आज मैंने आपको उस आदमी के साथ देख लिया है।

मेरी बात सुनते ही मॉम रोने लगीं और बोलीं- तो मैं करूँ भी तो क्या करूँ..? तेरे पापा तो घर पर रुकते ही नहीं और उनका भी तो वहाँ किसी के साथ अफेयर है। मॉम की बात सुन कर मैंने कहा- तो बाहर वालों को क्यूँ घर पर बुलाती हो? मेरी बात सुन कर मॉम सकपका गईं..

मैंने कहा- हाँ मॉम.. मैं तुम्हारे लिए जब कुछ कर सकता हूँ.. मेरी बात सुनकर मॉम का चेहरा लाल हो गया.. मैंने मॉम का चेहरा अपने हाथ में पकड़ा और बोला- सच मॉम आई लव यू..

मैंने धीरे से मॉम के होंठों पर किस कर दिया.. मॉम ने कुछ देर बाद मुझे रोका.. और कहा- तू मुझे कितना प्यार करता है? क्या तू अपनी मॉम की माँग भर सकता है? मॉम की बात सुनकर मेरा चेहरा खिल उठा। मैंने मॉम से कहा- ओह मॉम आई रियली लव यू..

माँ ने हँसते हुए कहा- चल अब.. जल्दी कर.. सोना है। मेरी बहन ऊपर वाले कमरे में सो चुकी थी। मैंने मॉम को जकड़ लिया.. वो बोलीं- नहीं.. आज नहीं कल.. मैं निराश हो गया..

मुझे निराश देख कर मॉम ने कहा- देख बेटा.. जब तक तू मेरा बेटा है.. तब तक हम कुछ नहीं कर सकते.. चल कमरे में चल हम बातें करते हैं.. बता तुझे मुझमें सबसे ज़्यादा क्या पसंद है? मैं- मॉम आपकी चूचियाँ.. मुझे सबसे अच्छी लगती हैं! मॉम- अभी तूने मुझे पूरा देखा ही कहाँ है.. मैं- क्या मतलब? मॉम- कुछ नहीं.. चल सो जा..

अगले दिन बहन स्कूल गई थी.. तो मैंने और माँ ने मंदिर में जाकर बिना कुछ किए मन ही मन आपस में शादी कर ली.. अब हम घर आए तो अकेले ही थे।

मैंने अन्दर जाते ही माँ धर-दबोचा.. मैंने धीरे से उनके होंठों पर किस किया.. फिर तो मानो एक आँधी सी आई और हम दोनों कुछ ही पलों में पूरे नंगे हो चुके थे। मैंने माँ की आँखों में देखा.. और कहा- मॉम आई लव यू.. उनकी आँखें.. उनके रसीले होंठ.. उनके मदमस्त मम्मे.. सब मेरे होश.. उड़ा रहे थे.. मैंने धीरे से माँ की चूत में एक उंगली डाली.. वो सिहर उठीं..

मादक स्वर में कहने लगीं- आह्ह.. नहीं कपिल.. अब मत तड़पा.. चोद डाल अपनी मॉम को.. मैंने उनकी चूत में अपना हलब्बी पेल कर धकापेल चुदाई शुरू कर दी। करीब 20 मिनट की इस चुदाई के बाद.. मैं अब झड़ने वाला था। तो मैंने कहा- चंचल मेरी जान.. मैं झड़ने वाला हूँ..

मॉम हँसने लगीं और बोलीं- अरे बुद्धू.. बीवी को बच्चे का सुख नहीं देगा? मैं समझ गया.. और मॉम के अन्दर ही झड़ गया..

फिर कुछ देर बाद हम साथ में नहाए और पूरे दिन एक-दूसरे के साथ नंगे लेटे रहे..

अब हम माँ-बेटे पति-पत्नी से बढ़कर एक-दूजे को चाहते हैं.. और हम हमेशा एक-दूजे के ही रहेंगे.. क्या हुआ यदि मैं चंचल की कोख से पैदा नहीं हुआ तो उन कि कोख तो आबाद कर ही सकता हूँ। [email protected]

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