एक ही घर की सब औरतों की चुदाई -4

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यह कहानी मेरे मकान मालिक के बड़े भाई जो मेरे वाले ही मकान में रहते हैं.. उनकी शादीशुदा छोटी बेटी रेखा की चुदाई की है।

पेश है.. आगे की कहानी।

मैंने उसे गरम करना शुरू किया.. अपनी बाँहों में भरकर उसे किस करने लगा और एक हाथ से उसकी चूत सहलाने लगा।

जब वो गर्म हो गई.. तो मेरा साथ देने लगी, वो नीचे के बाल बना कर आई थी, चूत बिल्कुल साफ-सुथरी व चिकनी थी, वो पूरी तैयारी के साथ चुदने आई थी। मेरा लण्ड उसकी चूत की दीवारों से बार-बार टकरा रहा था। थोड़ी देर में ही उसकी चूत गीली हो गई।

जैसे ही मैंने उंगली उसकी चूत के अन्दर डाली.. उसकी सिसकारी निकल गई। मैंने उसकी चूचियां मसलते हुए कहा- तुम्हें मजा तो आ रहा है ना.. वो बोली- हाँ.. बहुत मजा आ रहा है ऐसे ही करते रहो।

मैंने थोड़ी देर सहलाने के बाद उसके आगे अपना लण्ड कर दिया। मैं बोला- इसे अपने मुँह में लेकर चूसो। वो बोली- नहीं.. मुझे यह अच्छा नहीं लगता।

मैंने कहा- अरे यही तो असली चीज है.. यह जितना खिला रहेगा.. तुम्हें उतना ही मजा देगा। इसी का तो सारा खेल है.. तुम उसे चूस कर खुश करो और ये तुम्हें चोद-चोद कर खुश करेगा। चलो.. अब जल्दी करो। वो बोली- नहीं.. इसका स्वाद अच्छा नहीं होता है। मैंने कहा- बस इतनी सी बात.. ये लो अभी इसका स्वाद बदल देता हूँ।

मैंने दोस्त की रसोई से शहद लाकर लण्ड पर अच्छे से चुपड़ दिया और लण्ड उसके मुँह में ठूंस दिया। पहले उसने लण्ड पर जीभ लगाई फिर पूरा लण्ड मुँह में ले लिया। शहद का स्वाद काम कर गया.. वह मजे से मेरे खड़े लौड़े को चूसने लगी।

अब मुझे भी कन्ट्रोल नहीं हो रहा था तो मैंने उसे लिटा दिया और उसकी टाँगें फैलाकर चूत पर लण्ड लगाया और एक धक्का लगाया। उसकी चूत टाइट थी इसलिए आधे में ही लण्ड फंस गया.. उसकी चीख निकल गई।

वो बोली- आहहह.. आराम से.. मार डालोगे क्या.. बहुत दर्द हो रहा है। मैंने कहा- तुम्हारी चूत तो बहुत टाइट है, तुम्हारा पति तुम्हें नहीं चोदता क्या?

वो बोली- उनका वो जरा छोटा है.. फिर वो जरा सा फुदक कर ही जल्दी खलास हो जाते हैं। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !

मैंने सोचा आज तो मजा आ जाएगा.. साली शादी के इतने साल बाद भी इतनी टाइट चूत है.. मैंने उससे कहा- कोई बात नहीं.. आज मैं तेरी पूरी चूत खोल दूँगा।

मैंने एक बार लण्ड बाहर निकाल कर उसकी चूत व अपने लण्ड पर ढेर सारा थूक लगाया और फिर पूरी ताकत से धक्का लगाया.. साथ में उसके मुँह में हाथ भी रख दिया।

वो चिल्लाने लगी.. उसकी आखों से आंसू निकल आए, वो बोली- आहहह मरररर गई.. बाहर निकालो इसे.. मुझे नहीं चुदवाना.. तुमने मेरी चूत ही फाड़ दी। मैं बोला- कुछ नहीं होगा.. तुम्हारे पति वाला काम भी मुझे ही करना पड़ रहा है। अब दर्द नहीं होगा। थोड़ा सहन कर लो बस।

मैंने उसकी रसीली चूचियां मसलनी शुरू कर दीं और उसे किस करता रहा। जब दर्द थोड़ा कम हुआ तो मैं हल्के-हल्के धक्के लगाने लगा।

सच में रेखा की चूत बहुत टाइट थी इसलिए उसे अब भी दर्द हो रहा था। मैंने स्पीड बढ़ाई तो वो फिर कराहने लगी- आहह.. आहहह.. नहीं राज.. नहीं ओहहह.. ओहहह.. सीईई.. आइइइइ..

वो कराहती रही और मैं पलता रहा.. धीरे-धीरे उसे भी मजा आने लगा, वो भी मेरा साथ देने लगी।

‘आहहह.. आहह.. तेज.. राज औरर.. तेज.. चोदद दो मुझे.. ओह औरर तेज..’ मैंने रफ्तार पकड़ ली और कमरे में उसकी कराहें गूंजने लगीं।

मैं बार-बार आसन बदल-बदल कर उसे चोदे जा रहा था। इसी बीच वो दो बार झड़ गई। उसकी हालत बुरी थी.. पर मुझे तो बहुत दिनों बाद इतनी टाइट चूत मिली थी.. इसलिए मेरा मन नहीं भरा था, बस उसे धकापेल चोदना ही चाहता था।

आखिर कब तक… अंत में मैंने उसकी चूत पर पिचकारी छोड़ ही दी जिससे उसकी चूत लबालब भर गई। जैसे ही मैंने लण्ड बाहर निकाला उसकी चूत से वीर्य बाहर को बहने लगा। मैंने उसका दूध मसकते हुए कहा- कहो मेरे साथ तुम्हारी चुदाई कैसी रही?

वो हांफते हुए बोली- तुमने तो मेरी नस-नस ही दुखा दी.. आज तक मैं कभी इतनी बुरे तरीके से नहीं चुदी। मेरी चूत की असली चुदाई तो आज ही हुई है। मैं बोला- जानेमन.. अब तो तुम्हारी ऐसी चुदाई रोज ही होगी। बस रोज टाइम पर आ जाना।

मैंने उसे एक बार और चोदा और घर भेज दिया। एक घंटे बाद मैं भी कमरे में आ गया। अब तो यह रोज का नियम हो गया। मैंने उसे सभी तरीके से खूब जमकर चोदा। रोज वीर्य उसी की चूत में भरता था। उसकी गाण्ड भी मारी।

फिर 15 दिन बाद वो अपने घर वापस चली गई। एक महीने बाद उसने खबर दी कि वो गर्भवती है। उसकी सास व उसके पति बहुत खुश थे। यहाँ उसके माँ-बाप भी बहुत खुश थे कि बेटी की सुबह की पूजा का फल मिल गया।

वो तो उसे मिलना ही था उसने 15 दिन मेरे लण्ड की खूब सेवा और पूजा जो की थी.. जिसका फल उसकी कोख में था।

ठीक 9 महीने बाद वह एक बेटे की माँ बन गई। उसके बाद मैंने उसे नहीं चोदा। क्योंकि अब मेरी नजर उसकी सबसे छोटी बहन पर थी जो अभी अभी जवान हुई थी।

मैंने उस कली को फूल कैसे बनाया। यह कहानी भी जल्दी ही आपकी नजर करूँगा।

आपको कहानी कैसी लगी. अपनी राय मेल कर जरूर बताइएगा, आप इसी आईडी पर मुझसे फेसबुक पर भी जुड़ सकते हैं। [email protected]

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