लड़कों की यौन परिकल्पना सेक्स फैन्टसी

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अन्तर्वासना के सभी दोस्तों को अरुण का नमस्कार! यौन परिकल्पना सेक्स फैन्टसी के पहले तीनों भाग सभी को पसंद आये, लेकिन इन तीनों ही भागों में लड़कियों और महिलाओं की यौन परिकल्पना और सेक्स फैन्टसी के बारे में ही लिखा गया था। इसलिए इस बार मैं लड़कों की यौन परिकल्पना और सेक्स फैन्टसी के बारे में लिखने जा रहा हूँ, और इसका फायदा लड़कियों को भी मिलेगा उन्हें समझने में !

लड़कों में यौन उत्तेज़ना की शुरुआत लड़कियों के मुकाबले थोड़ी देर से शुरू होती है, जब उनके लिंग में तनाव आने लगता है। लड़कियों में भी ये सब माहवारी शुरू होने और वक्ष के विकसित होते ही कुछ कुछ होने लगती है।

हमारे समाज और परिवार की व्यवस्था ऐसी है कि लड़की हो या लड़का, वो सबसे पहले अपने परिवार के और रिश्तेदार पुरुष-स्त्री के संपर्क में ही आता है, चाहे कोई कुछ भी बोले या इसे गलत कहे लेकिन यौन आकर्षण की शुरुआत यहीं से होती है। समझदार और शिक्षित लड़के लडकियाँ यहाँ संयम बरतते हैं और सुखी रहते हैं।

अगला यौन आकर्षण उन्हें अपने स्कूल या कॉलेज के दौरान मिलता है, लड़कों की जो फैन्टसी है, उसमें उपरोक्त सब बातों का असर साफ़ दिखाई देता है।

यह बात गलत है लेकिन कुछ लड़कों में ये प्रवृति होती है, वे इस बारे में अकेले में बहुत सोचते हैं, हालांकि समय के साथ यह गलत सोच ख़त्म भी हो जाती है फिर भी यह फैन्टसी है, इससे इंकार नहीं किया जा सकता।

यहाँ एक उदाहरण दूंगा जो एक लड़के ने लिखा कि उसकी उच्च शिक्षित और सुन्दर बुआ जो उससे उम्र में भी बड़ी है उसे ट्यूशन पढ़ाती है, उसे लेकर वो वासना और कामुक कल्पना में डूबा रहता है, पढ़ाते समय नज़र बचा कर बुआ के क्लीवेज से झांकते उन्नत उभारों को निहारना, बैठने से उनकी टाइट लेगिंग में से फैली हुई जांघों की कसावट को महसूस करना, गलती करने पे सज़ा के तौर पे उनका थप्पड़ लगाना, कान खींचना, सब उसे उत्तेजक लगता है। उसकी सबसे बड़ी फैन्टसी यह है कि बुआ उसे सज़ा के तौर पर नंगा करके सज़ा दे, गाल के बजाए उसके चूतड़ों पर थप्पड़ मारे, कान खींचने के बजाए उसका लंड खींचे, गोलियाँ मसले, यह सब सोच उसे बहुत उत्तेजित करती है।

एक और लड़के ने लिखा कि वह अक्सर यह सोच सोच कर उत्तेज़ना के मारे पागल हो जाता है कि उसकी माँ उसे पूरी तरह से टॉपलेस होकर अपने वक्ष से दूध पिलाये (उसने अपनी सेक्सी मम्मी के कुछ फ़ोटोज़ भी मुझे मेल किये थे, वो भी सेक्सी कॉमेंट्स के साथ)

एक अन्य ने लिखा कि वो अपनी दीदी के पूर्णतया नग्न बदन की कल्पना करता है, और यह सोचता है कि वो उसके निजी काम करे, जैसे दीदी के सर की मालिश, उसके हाथ पाँव दबाना, अकेले रहने पर अपनी दीदी की ब्रा और पेंटी को सूंघने में भी उसे मज़ा आता है लेकिन मैं मेरे दोस्तों को सलाह दूँगा कि यह सोच बहुत गलत है और इससे सिवाए परेशानी और बदनामी के कुछ हासिल नहीं होता।

यह बहुत सारे लड़कों की फैन्टसी है, मेरी खुद की भी थी जब मैं स्कूल में था तो अपनी बॉटनी की टीचर को देख देख कर उत्तेज़ना महसूस किया करता था, अकेले में उनके बारे में सोचता था। आप सब लोग ब्लू फिल्म्स भी जरूर देखते ही होंगे, ब्लू फिल्म्स की सबसे सुपर हिट फैन्टसी यही है, सेक्सी टीचर और मासूम छात्र!

जैसे मैंने पिछले भाग में सुनीता की सेक्स फैन्टसी को विस्तार से लिखा था, ऐसे ही आज इस फेंटेसी को विस्तार से लिख रहा हूँ जो मुझे एक लड़के ने फैन्टसी लिख भेजी है वो भी यही है की उसके स्कूल की इंग्लिश की टीचर जो 30 साल की मस्त जवान है, उसके घर के नज़दीक ही रहती है और हाल ही में प्रसव से गुजरी है तो उसके बूब्स बहुत बड़े और मस्त हो रहे हैं, उसके पति अक्सर टूर पे रहते हैं तो वो उससे घर के और मार्केट के बहुत से काम करवाती है। एक दिन तेज़ बारिश में वो बहुत ज्यादा भीगी हुई बस स्टॉप पर खड़ी थी तो मैं उसे अपनी बाइक पर उसके घर छोड़ने गया, रास्ते में बारिश और ज्यादा तेज़ हो गई, वो मुझसे बहुत चिपक कर बैठी हुई थी, मैं उसके उन्नत वक्ष का दवाब साफ़ साफ़ महसूस कर रहा था, चेहरा उसने स्कार्फ में छुपा कर मेरे कंधे पर रखा हुआ था। जब तक हम उसके घर पहुँचे, तर-बतर हो चुके थे। उसका बेबी इस समय क्रेच में था, यानि कि हम अकेले थे। मेरी नजर मैम की तरफ गई तो मैंने देखा कि वो पूरी भीगी हुई थी और पूरी साड़ी और ब्लाउज़ उसके बदन से चिपका हुआ था, मैम का ब्लाउज़ उसके शरीर से इस कदर चिपका हुआ था कि उसकी काली ब्रा में छिपे हुए मम्मे और भी बड़े नजर आ रहे थे। मेरी नजर एकटक मैम के मम्मों पर ही थी।

हम दोनों को ही छींकें आने लगी थी, मैंने जाने का उपक्रम किया तो उसने मुझे रोक लिया कि इतनी बारिश में कहाँ जाओगे, बारिश रुकने पे जाना और तब तक अपने आपको सुखा लो, मैं भी कपड़े चेंज कर के आती हूँ। वो जिस कमरे में चेंज करने गई, उसे उसने पीछे से ना जाने क्यू बंद नहीं किया था, मैं उत्सुकता से उस ओर चला गया, वहाँ मैंने देखा की साड़ी और पेटीकोट वो उतार चुकी थी और ब्लाउज़ के हुक खोल रही थी। मैं मैम को इस हाल में देख कर सन्न रह गया। अब वो ब्लाउज़ उतारने लगी लेकिन उसका टाइट ब्लाउज़ गीला होकर और ज्यादा फंस गया था, और बिल्कुल भी नहीं निकल रहा था, वो परेशान होकर कोशिश किये जा रही थी, मेरा लंड अब फुल टाइट हो गया था और जब लंड टाइट हो तो हिम्मत आ ही जाती है, मैंने कहा- मैम, मे आई हेल्प यू?

मुझे अचानक देख कर वो घबरा सी गई और ब्लाउज़ के पल्ले से वापिस बूब्स छुपाते हुए बोली- तुम अंदर क्यूँ आये?

मैं रुका नहीं- मैम आप परेशान हो रहे हो, इसलिए!

तभी मैम को एक और छींक आ गई, मैं बोला- देखो कपड़े बदलना जरूरी है, आपको सर्दी लग जायेगी। और मैंने पास आकर उनके ब्लाउज़ को पीछे से पकड़ लिया, फिर मैंने सोचा कि यही सही मौका है अपने प्यार का इजहार करने का, तो मैंने मैम का चेहरा अपने दोनों हाथों से पकड़ा और कहा- मैम आप मुझे बहुत अच्छी लगती हो… आई लव यू…!

मैंने उसके गाल पर ‘किस’ कर दिया, उसने अपनी आँखें बंद कर ली और कुछ नहीं बोली, मैं समझ चुका था कि उसकी भी ‘हाँ’ है। फिर क्या था… मैंने अपना एक हाथ उसकी कमर में डाला और दूसरे हाथ से उसकी गर्दन को पीछे से पकड़ते हुए उसके होंठों को चूमने लगा। मैंने देखा कि चुम्बन करते वक़्त मैम की साँसें तेज हो रही थीं, वो गर्म हो चुकी थी। मुझे तो जैसे जन्नत ही मिल गई थी और यह मौका मैं गंवाना नहीं चाहता था और तभी मैं उसकी कमर पर से हाथ सरकाते हुए उसके मम्मों पर ले गया और दबाने लगा। मेरा लंड भी लोहे की रॉड की तरह टाइट हो चुका था और पैंट फाड़ कर बाहर आने को उतावला हो रहा था।

मैंने मैम के हाथ ऊँचे किये और उसके ब्लाउज़ को लगभग खींच के उसके जिस्म से अलग किया, अब वो नेट वाली पिंक ब्रा में थी, उसे भी मैंने खोला तो वो झटके के साथ उछल कर अलग हो गई। अब मैम के जिस्म पर सिर्फ एक कच्छी थी गुलाबी रंग की, जो गीली होकर उनके चूतड़ों की दरार में घुसी हुई थी, मैंने आहिस्ता आहिस्ता उसे भी उतार दिया, अब उसकी चूत मेरे सामने थी, उसकी गुलाबी चूत जिस पर हल्के-हल्के रुई जैसे बाल थे। उसकी रेशमी चूत को देखकर मेरा 6 इंच का लंड और भी पागल हुआ जा रहा था, मैंने मैम की चूत पर किस कर लिया।

मैम को अजीब सा लगा और शायद शर्म भी आई, उन्होंने मुझे उठा कर अपनी बाहों में कस लिया, अब मेरी मैम पूर्णतया नंगी मेरे आगोश में थी, मैं उन्हें अपनी गोदी में उठा कर उनके बेड तक ले गया और आहिस्ता से लेटा दिया।

मैम ने चादर से अपने नंगे जिस्म को छुपा लिया और मुझे मेरे कपड़े खोलने का इशारा किया। मैं ठीक मैम के सामने खड़ा होकर अपने कपड़े उतारने लगा, पहले शर्ट, फिर बनियान, फिर पैंट, और अब जब मैं सिर्फ अंडरवियर में था, मेरा बेकाबू लंड और ज्यादा कड़क हो गया था, वो एकटक मुझे निहार रही थी।

फिर मैंने अंडरवियर को उतार फेंका और चादर उठा कर मैम के नग्न जिस्म के ऊपर पसर गया। और फिर चुम्बन, चूसन और मर्दन का जो खेल शुरू हुआ वो कामुकता की हदें पार करने लगा और अब खुद मैम भी वाइल्ड हो गई थी। मैं भी भूखे शेर की तरह उन पर टूट पड़ा और जोर से उनको चूसने और मसलने लगा।

मैम को भी मजा आने लगा और उसके मुँह से सिसकारियाँ निकलने लगी- उम्म हहाहा सी सी सी…

करीब 15-20 मिनट के बाद मैंने मैम की टाँगें उठाईं और उसकी चूत पर अपना लंड रख दिया और उसे अन्दर डालने की कोशिश करने लगा लेकिन मेरा लंड उसकी कसी हुई चूत के कारण अन्दर नहीं जा पा रहा था।

थोड़ी देर उसकी चूत पर लंड रगड़ने के बाद मैंने फिर कोशिश की और इस बार लंड को उसकी चूत पर रखकर एक जोर का झटका मारा और मेरा 6 इंच लम्बा लंड पूरा उसकी चूत में समा गया।

तभी मैम के मुँह से एक जोरदार चीख निकली- आ..ई.. ईईई मर गई अह्ह…

तो दोस्तो, ऐसी थी उस लड़के की अपनी टीचर संग फैन्टसी…

इसके अलावा लड़के अपनी से बड़ी उम्र की भाभियों और पड़ोसनों को देख कर भी उत्तेजित होते हैं और यौन कल्पनायें करते हैं।

यह फैन्टसी भी आजकल के शादीशुदा मर्दों में बहुत है, मैं खुद इस विषय पर बहुत सी फैन्टसी लिख चुका हूँ, जिनमें बेबाक बीवी बेकाबू बीवी और

मेरी बीवी के बदन की बानगी प्रमुख हैं, और दूसरे लेखक भी इस बारे में खूब लिखते हैं। वाट्सएप्स पर भी हमारा एक ग्रुप है जहाँ एक दूसरे की बीवी के नंगे जिस्मों की नुमाइश की जाती है।

तो दोस्तो, यौन परिकल्पना और सेक्स फैन्टसी का कोई अंत नहीं है, इसमें अच्छी भी हैं और बहुत ज्यादा गंदी भी हैं, जरूरी है अच्छे बुरे की पहचान और संयम… आप लोग इस बारे में अपनी बात खुल कर रख सकते हैं। अब आज के लिए बस इतना ही आपका अरुण [email protected]

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