विज्ञान से चूत चुदाई ज्ञान तक-53

मैडी के लौड़े ने पानी छोड़ दिया और उसके अहसास से ही दीपाली की चूत भी झड़ गई।

इधर दीपक ने अपनी रफ्तार तेज कर ली थी.. अब गाण्ड को दनादन चोद रहा था.. शायद उसका लौड़ा भी गाण्ड की गर्मी से पिघल रहा था।

सोनू- साली चूस लौड़ा देख.. कैसे सख्त हो गया है।

दीपाली- आई आईईइ दीपक आह्ह.. बस भी करो.. आहह मेरी गाण्ड में दर्द होने लगा है आह्ह…

दीपक- रुक छिनाल.. बस आह्ह.. निकलने वाला है.. आह्ह.. उहह ले आ आह्ह..

मैडी का लौड़ा अब ढीला पड़ गया था और चूत से बाहर आ गया था। दोनों का मिला-जुला वीर्य पूरा मैडी की जाँघो पर लग गया था।

मैडी- यार दीपक मुझे तो नीचे से निकलने दे.. पूरा चिपचिपा हो गया है।

दीपाली- आह उई हाँ दीपक.. आह तुम मेरे मुँह में पानी निकाल दो.. आह्ह.. गाण्ड को बख्श दो आह्ह.. प्लीज़ आह उईईइ….

दीपक को उसकी बात समझ आ गई एक झटके से उसने लौड़ा गाण्ड से निकाल लिया और उसी रफ्तार से दीपाली के बाल पकड़ कर उसे मैडी के ऊपर से नीचे उतार दिया… अब दीपाली बिस्तर पर बैठ गई और फ़ौरन दीपक ने लौड़ा उसके मुँह में घुसा दिया।

बस एक दो झटके ही मारे होंगे कि उसका भी बाँध टूट गया.. दीपाली ने उसका भी सारा पानी गटक लिया।

दीपाली ने लौड़े को चाट कर साफ कर दिया अब दीपक भी मैडी के पास लेट गया और हाँफने लगा।

सोनू- अरे साली छिनाल.. मेरे लौड़े को खड़ा कर के रख दिया ये दोनों तो ठंडे हो गए.. मुझे तो शान्त कर साली.. असली मर्द हूँ मैं.. देख लौड़ा कैसे तना हुआ खड़ा है…

दीपाली- हा हा हा साला भड़वा.. नामर्द कहीं का… हा हा बोलता है असली मर्द हूँ.. अबे बहनचोद.. गोली का असर है ये.. जो दोबारा खड़ा हो गया वरना अभी किसी कोने में दुबका हुआ बैठा रहता…

सोनू- त..त..तुझे कैसे पता?

दीपक- साले चूतिए मैंने बताया है इस रंडी को और तेरे को गोली लेकर भी क्या हुआ.. साला बहनचोद मुँह में झड़ गया भोसड़ी के हमें देख चुदाई करके ठंडे हुए हैं तेरी तरह नहीं.. मुँह से ही झड़ जाए हा हा हा हा हा हा…

तीनों हँसने लगे, सोनू को गुस्सा आ गया और वो झट से बिस्तर पर चढ़ गया और दीपाली के पाँव फैला कर लौड़ा चूत पर टिका दिया.. पहले से ही वीर्य से सनी हुई चूत थी.. सो उसका लौड़ा फिसलता हुआ अन्दर चला गया।

दीपाली- आह आह.. मर गई रे.. कितना लंबा मोटा लौड़ा चूत में घुस गया.. अईए मर गई रे.. हा हा हा हा हा…

दीपक- हा हा हा वाह.. दीपाली क्या बात बोली है.. हा हा हा साला नामर्द हा हा हा..

सोनू अब जोश में आ गया और घपाघप लौड़ा चूत में पेलने लगा.. उसका जोश ऐसा था कि दीपाली भी उत्तेज़ित हो गई.. लौड़े का घर्षण चूत में करंट पैदा कर रहा था। अब दीपाली भी गाण्ड उछालने लगी।

दीपाली- आ आहह.. चोदो आहह.. मज़ा आ रहा है.. उई मैं तो आहह.. समझी थी आहह.. तेरे में जोश नहीं है आहह.. मगर तू तो बड़ा पॉवर वाला है आहह.. आईई.. चोद.. मज़ा आ रहा है.. फास्ट आहह.. और फास्ट आह…

दीपाली की उत्तेजक बातें सोनू पर असर कर गईं.. उसने ताबड़तोड़ चूत चोदना शुरू कर दिया।

अब लौड़ा कब चूत से बाहर आता और कब पूरा अन्दर घुस जाता.. ये पता भी नहीं चल रहा था और ऐसी घमासान चुदाई का नतीजा तो आप जानते ही हो.. सोनू के लौड़े ने आग उगलना शुरू कर दिया।

दीपाली भी ऐसी चुदाई से बच ना पाई और सोनू के साथ ही झड़ गई। अब दोनों बिस्तर पर पास-पास लेटे हुए थे.. सोनू की धड़कनें बहुत तेज थीं जैसे वो कई किलोमीटर भाग कर आया हो।

दीपाली- वाह.. सोनू मज़ा आ गया.. तू तो बड़ा तेज निकला यार.. कसम से मज़ा आ गया…

दीपक- जानेमन हमने मज़ा नहीं दिया क्या.. जो इस बच्चे की चुदाई से खुश हो रही है।

सोनू- कौन बच्चा बे.. भोसड़ी के कब से दोनों कुछ भी बोल रहे हो…

दीपक- अरे ओ मादरचोद.. चुप हो जा साले.. मेरी वजह से तुझे चूत मिली है.. अब ज़्यादा बात की ना.. तो इस छिनाल की गाण्ड नहीं मारने दूँगा सोच ले..

सोनू- सॉरी यार ग़लती हो गई.. गाण्ड तो जरूर मारूँगा.. उसके बिना चुदाई अधूरी है…

मैडी- यार मैं बाथरूम जाकर आता हूँ पूरी जाँघ चिपचिपी हो रही है.. आकर साली की गाण्ड पहले मैं मारूँगा…

दीपाली- तू भी गाण्ड मारेगा.. ये भी गाण्ड मारेगा.. आख़िर मुझे क्या समझ रखा है.. हाँ.. अब कोई कुछ नहीं मारेगा.. मुझे घर जाना है आज के लिए बस हो गया.. कल इम्तिहान है.. मुझे तैयारी भी करनी है…

दीपक- अबे चुप साली रंडी.. इतनी जल्दी क्या है तुझे जाने की.. अभी एक-एक राउंड और लगाने दे.. उसके बाद चली जाना…

सोनू- अरे मेरी जान.. प्लीज़ ऐसा ज़ुल्म ना कर.. अभी जाने का नाम मत ले..

अभी कहाँ कुछ मज़ा आया है.. प्लीज़ एक बार तेरी गाण्ड मारने दे.. उसके बाद चली जाना यार…

दीपाली- नहीं दीपक.. बात को समझो.. मैं अगर नहीं गई तो मम्मी को शक हो जाएगा.. प्लीज़…

दीपक- अरे यार बस एक बार और.. साले कुत्तों ने गोली खिला दी थी मुझे भी.. अब ये लौड़ा साला बैठने का नाम ही नहीं ले रहा है.. देख दोबारा कैसे तन कर खड़ा हो गया…

दीपाली- अच्छा ठीक है मगर जल्दी हाँ.. ज़्यादा वक्त खराब मत करो…

दीपक- ठीक है.. चल बन जा घोड़ी.. साली देख लौड़ा वापस खड़ा हो गया है.. अब तेरी गाण्ड मारूँगा…

दीपाली- उह माँ.. ये तुम तीनों को हो क्या गया है.. सबके सब मेरी गाण्ड के पीछे पड़ गए हो.. मैंने ये चूत क्या चटवाने के लिए रखी है…

दीपक- अरे मजाक कर रहा हूँ जान.. मैंने गाण्ड तो अभी मारी है ना.. अब चूत मारूँगा.. इन दोनों गाण्डुओं को गाण्ड मारने दे ना…

सोनू- हाँ यार चल साथ में मारते हैं मैडी तो साला बाथरूम में घुस गया.. वो आएगा तब तक तो हम शुरू हो चुके होंगे…

दीपक- साले मेरा मन था इसको घोड़ी बना कर चोदने का.. अब तू भी साथ आएगा तो मुझे नीचे लेटना पड़ेगा।

दीपाली- तो लेट जाओ ना.. प्लीज़ मुझे जाना है.. अब एक-एक करके तो बहुत वक्त हो जाएगा…

दीपक ने बात मान ली और लेट गया दीपाली उसके लौड़े पर बैठ गई और पीछे से सोनू ने गाण्ड में लौड़ा घुसा दिया।

सोनू- आहह.. आह.. क्या नर्म गाण्ड है यार.. मज़ा आ गया साली लड़की की गाण्ड कितनी मस्त होती है यार.. उहह उहह मज़ा आ रहा है…

दीपक नीचे से शुरू हो गया और सोनू पीछे से लौड़ा पेलने लगा।

अब चुदाई जोरों पर थी.. तभी मैडी भी बाहर आ गया और उनको देख कर बोलने लगा।

मैडी- अरे वाह.. चुदाई शुरू कर दी.. मैं भी आता हूँ.. ले जान मेरा लौड़ा चूस कर खड़ा कर.. उसके बाद तेरी गाण्ड मारूँगा…

दीपाली लौड़ा चूसने लगी इधर सोनू और दीपक मज़े से लौड़ा पेल रहे थे। अभी 5 मिनट भी नहीं हुए कि सोनू झड़ गया और बिस्तर पर लेट कर हाँफने लगा।

इधर गाण्ड को देख कर मैडी ने मुँह से लौड़ा निकाला और गाण्ड मारने के लिए बिस्तर पे चढ़ गया।

वो भी लौड़ा गाण्ड में घुसा कर शुरू हो गया.. दे दनादन चोदने लगा।

करीब 15 मिनट बाद तीनों झड़ गए.. अब दीपाली थक कर चूर हो गई थी। आज चुदवाते-चुदवाते उसकी गाण्ड और चूत का बुरा हाल हो गया था।

दीपाली- उफ़फ्फ़ मर गई.. आज तो चूत और गाण्ड में बहुत जलन हो रही है.. आहह.. आईई.. अब तो जाकर सोना ही पड़ेगा.. मैं बहुत थक गई हूँ।

दीपाली ने बाथरूम जाकर अपने आपको साफ किया और फ्रेश होकर बाहर आ गई। दीपाली- ओके दोस्तों.. अब जाती हूँ जल्दी मिलेंगे ओके…

दीपाली कपड़े पहनने लगी।

बस दोस्तो आज के लिए इतना काफ़ी है। तो पढ़ते रहिए और आनन्द लेते रहिए… मुझे आप अपने विचार मेल करें। [email protected]