दोस्त की बीवी के बाद भाभी भी चुदी

इंडियन भाभीस चुदाई कहानी में पढ़ें कि मेरे दोस्त की भाभी भी मेरे से चुद कर माँ बनना चाहती थी. भाभी ने ऐसी सेटिंग की कि वो मन भर कर मुझसे चुदी और प्रेग्नंट हो गयी.

दोस्तो, मैं फिर से एक बार आपके सामने इंडियन भाभीस चुदाई कहानी लेकर हाजिर हूँ. मेरी कहानी के पिछले भाग दोस्त की बीवी का गर्भाधान किया

अभी तक आपने पढ़ा कि भाभी को बाबा का आशीर्वाद दिलाने के मामले में जब मैं फंस गया, तो मैंने उन्हें सारी बात साफ़ बता दी और भाभी ने भी मुस्कुरा कर मुझसे चुदना स्वीकार कर लिया. उनकी चुत में चुदाई की आग लगी थी, तो उन्होंने रास्ते में जंगल के सुनसान इलाके में ही मुझसे अपनी चुत चुदवा ली. चुदाई के बाद हम दोनों वापस घर की तरफ चल पड़े.

अब आगे की इंडियन भाभीस चुदाई कहानी:

घर जाते समय भाभी ने मुझे एक किराने की दुकान पर रुकने को कहा. मैंने बाइक रोकी तो भाभी ने दुकान से दो नारियल और अगरबत्ती ले लीं. सब्जी वाले से नीबू और मिर्च खरीद ली. मेरी बुद्धि काम नहीं कर रही थी.

मैंने उनसे पूछना चाहा तो उन्होंने मुझे चुप करा दिया और बोलीं- तुमको जो काम आता है, तुम उस पर दिमाग लगाओ. बाकी सब मेरे जिम्मे छोड़ दो. मैं चुप रह गया और आगे चल दिया.

घर पहुंच कर अंकिता भाभी ने कहा- हमें दो दिन बाबा के पास ये नारियल नीम्बू मिर्च लेकर जाना होगा. कल हम सब फिर चलेंगे.

रात को खाना खाकर अंकिता भाभी मां के साथ और मैं मुकेश के साथ सो गया. मुकेश मुझसे पूछ रहा था कि यार वो बाबा कहां मिल गया और ये नारियल मिर्च कुछ समझ नहीं आ रहा है.

मैंने उसे बताया कि मैं अंकिता भाभी को सब सच बता चुका हूं. वो भी अब अपने साथ हैं. बस तुम मां को सम्हाल लेना.

मेरी बात सुनकर मुकेश हंसकर बोला- यार तू कितना लकी है. मैं आज तक अंकिता भाभी की ब्रा और पेंटी देखकर ही मुट्ठ मार लिया करता था. और तूने तो उनके साथ सेक्स भी करके मजे ले लिया. मेरी बीबी और भाभी दोनों ही तेरे लंड से ठुक जाएंगी. और हमारा खानदान तेरे लंड के दम पर रोशन होगा.

मैंने हंसते हुए उससे कहा- भाई अंकिता भाभी के साथ एक राउंड भी हो गया है.

इस पर मुकेश बोला- क्या बात कह रहा है यार … कैसी लगती है उनकी पुसी? मैंने कहा- थोड़ा इंतजार कर … तुझे दर्शन भी करा दूंगा.

वो चुदाई के नाम पर थोड़ा सहमा और कहने लगा- यार तुझे तो मालूम ही है कि मेरा लंड किसी काम का नहीं है. मैंने कहा- तू चिंता मत कर … तुझे अपनी भाभी की चुत न केवल देखने भी मिलेगी. बल्कि तू अपनी भाभी की चुत और चूचियों से खेल भी सकेगा. वो मेरी बात सुनकर खुश हो गया.

फिर हम दोनों ने बाहर जाकर एक एक सिगरेट पी और बात करने लगे. उस दिन मेरा दारू पीने का मन था लेकिन मुकेश ने मुझे मना कर दिया.

दूसरे दिन हम सुबह उठे तो देखा कि मुकेश की मां का पूरा शरीर दुख रहा था. उनको रास्ते की थकान दिक्कत दे रही थी. उनकी इस पीड़ा को देख कर मुझे सारी कहानी समझ में आने लगी.

मैंने अंकिता भाभी तो देखा तो उन्होंने मुस्कुरा दिया. मैं समझ गया कि इसी लिए उन्होंने मुकेश को गड्डों से गाड़ी चलाने को बोला होगा.

भाभी ने मुकेश को बोला- मां को डॉक्टर को दिखा आओ. मुकेश पास के हॉस्पिटल में मां को लेकर जाने के लिए तैयार होने लगा. उसी बीच भाभी ने मेरे कान में कहा कि तुम मुकेश से मांजी को हस्पताल में एडमिट करवा सकते हो? मैंने कहा- हां, ये तो आराम से हो जाएगा.

मेरी समझ में भी आ गया था कि भाभी की क्या मंशा है.

मुकेश कुछ देर बाद मांजी को लेकर जाने वाला था … लेकिन मैंने उसे धीरे से अपना प्लान बताकर कहा कि डॉक्टर मनोज गुप्ता से मेरी पहचान है, तो मैं उनको फोन कर देता हूँ. तुम वहां मां को दो दिन के लिए एडमिट करा देना … बाकी बात घर आकर कर लेंगे.

प्लान के अनुसार मामूली दर्द होते हुए भी मुकेश की मां को डॉक्टर ने एडमिट कर लिया. अब घर में मैं और अंकिता भाभी अकेले ही थे. उधर से मुकेश का फोन आया- मांजी को अस्पताल में भर्ती कर दिया है … लेकिन मांजी भाभी को बुला रही हैं.

भाभी को लेकर मैं अस्पताल चला गया. उधर सब व्यवस्था करवाने के बाद भाभी मेरे साथ घर वापस आ गईं. उन्होंने मां से बोल दिया था कि वो उनके लिए खाने का डब्बा तैयार करके भिजवाएंगी.

मैं भाभी को लेकर घर आ गया. भाभी घर आकर नहाने चली गईं. मेरे मन में उन्हें चोदने की चुल्ल मची थी. मैंने घर के बाहर का दरवाजा बंद किया और अन्दर आ गया.

फिर मैंने बाथरूम का दरवाजा खटखटाया और भाभी को कल का वादा याद कराया.

भाभी ने दरवाजा खोल दिया. भाभी अन्दर पूरी निर्वस्त्र थीं. शरीर एकदम कसा हुआ, परफेक्ट फिगर. उनके सिर के अलावा पूरे शरीर में बाल ही नहीं थे, एकदम गोरी और चिकनी भाभी मेरे सामने नंगी थीं.

मैं तुरंत कपड़े उतार कर उनके साथ चिपक गया. भाभी भी मजा देने लगीं. मैं उन्हें अपना लंड चुसवाने लगा. कुछ देर बाद नहाते हुए ही मैंने भाभी को घोड़ी बना दिया और उनके साथ चुदाई करने लगा.

कुछ देर बाद भाभी बोलीं- बिस्तर में चलते हैं.

फिर मैं उन्हें बाहर लाकर दुबारा अपने बिस्तर पर ले आया और उनको घोड़ी बना कर भाभी की दमदार चुदाई की. उस दिन मैंने दो घंटे में तीन बार अलग अलग एंगल से भाभी को चोदा.

भाभी की चुदाई करने के बाद मैंने उन्हें बोला- भाभी मुकेश भी आपकी जवानी देखना चाहता है … क्या आप उसकी हसरत पूरी करोगी?

भाभी बोलीं- जब तू गैर होकर मेरे साथ सेक्स कर रहा है … तो वो तो मेरा देवर है. आज रात उससे बोलना कि मां को महिला अटेंडेंट लगाकर रात को घर आ जाए.

अब मैंने रेस्टोरेंट से खाना मंगवाया और उसे घर में टिफिन में पैक कराकर भाभी के साथ अस्पताल चला गया.

भाभी साड़ी में घूंघट निकाल कर एकदम सभ्य नारी लग रही थीं. वो मुकेश से बोलीं- आप लोग घर जाकर खाना खा लीजिए … मैं तब तक मां के पास रहती हूं. फिर आपके आने के बाद हम सब बाबा का आशीर्वाद लेने परासिया जाएंगे.

मैं मुकेश के साथ बाहर आ गया.

उसके साथ रेस्टोरेंट में खाना खाते खाते उसको प्लान समझाया- रात को फीमेल अटेंडेंट लगा कर घर आ जाना. अभी थोड़ी देर बाद अस्पताल जाकर मां से बोलना कि हम घर से खाना खाकर आए हैं. अजय भाभी को लेकर बाबा को दिखा आएगा और मैं आपकी देखभाल करूंगा.

मुकेश ने वैसा ही किया.

मैं घर आकर फिर से अंकिता भाभी से चिपक कर अंग अंग दबाने में लग गया. धीरे से साड़ी उठाकर पेंटी के किनारे से ही उनकी चिकनी चुत को चूसने लगा.

भाभी ने मेरे पैंट की जिप खोल कर मेरा लंड मुँह में ले लिया और लंड चूसने में लग गईं.

जब मेरा वीर्य निकलने वाला था, तो तुरंत ही भाभी ने लंड को अपनी चुत में ले लिया. भाभी बोलीं- इन बूंदों की कीमत आपको पता नहीं है … पर मैं इन्हें यूं ही व्यर्थ नहीं जाने दूंगी. मैं खुश था.

रात को मैं टिफिन लेकर मुकेश की मां के पास गया, तब तक मुकेश ने मां के लिए फीमेल अटेंडेंट रख ली थी.

मुकेश की मां ने मुझे देखते ही पूछना शुरू कर दिया- बाबा ने क्या कहा? मैंने कहा कि उन्होंने आशीर्वाद दे दिया है. भगवान ने चाहा तो जल्द अंकिता भाभी की गोद भी हरी हो जाएगी.

मां खुश होकर खाना खाने के बाद सो गईं. महिला अटेंडेंट ने हमें फीमेल वार्ड से बाहर जाने को बोल दिया. मैंने मुकेश के साथ घर आते आते रॉयल चैलेंजर्स व्हिस्की की बोतल, चखना और सोडा खरीद लिया. मुकेश एक दुकान से दो ब्लू फिल्म की सीडी भी ले आया.

घर पहुंचने के बाद हमने अपना प्रोग्राम शुरू किया. अंकिता भाभी ने पहले पीने को मना किया, पर मुकेश के फोर्स करने के बाद उन्होंने दो पैग ले लिए.

जब उनको नशा चढ़ने लगा तो हमने ब्लू फिल्म लगा दी. अंकिता भाभी हम दोनों के बीच बिस्तर पर बैठ गईं. हमारे तीनों के हाथों में पैग थे और सामने ब्लू फिल्म चल रही थी. कुछ देर में ही मैंने अंकिता भाभी का ब्लाउज़ उतार दिया और उनकी ब्रा के ऊपर से ही मम्मों को दबाने लगा. मुकेश भी अपनी भाभी के मम्मों को दबा कर मजे लेने लगा.

वो अपनी भाभी की चुत देखने को ललचा रहा था. तो भाभी ने खुद ही उसको इशारे से पास बुलाकर पेंटी उतारने को कहा.

भाभी को हम दोनों अब तक पूरी नंगी कर चुके थे. मुकेश भाभी की चुत देख कर पागल हो गया. वो कभी चुत चाटता, तो कभी दूध चूसता. खैर इससे ज्यादा वो कुछ कर भी नहीं सकता था. उधर भाभी गर्म हो रही थीं.

इधर मैं तीसरा पैग खत्म करके मैदान में आ गया. मैंने मुकेश को किनारे करके भाभी को अपनी गोद में बिठाया और ब्लू फिल्म दिखा दिखा कर अलग अलग तरीके से रात भर में चार बार सेक्स कर लिया.

भाभी भी चुदाई के फुल मूड में थीं. मुकेश की अंडरवियर निकाल कर उसके लंड को चूस कर भाभी ने कुछ मेहनत करनी चाही, पर नतीजा कुछ नहीं निकला. वो झुंझला कर बोलीं- तुम दोनों भाइयों में दम नहीं था … तो शादी क्या दोस्तों को खुश करने के लिए की थी.

मैंने भाभी की गुस्सा को एक बार फिर चुदाई करके उनकी सेक्स की भूख शांत की.

सारी रात हम तीनों नंगे ही सोए. मुकेश बीच बीच में भाभी को सब जगह रगड़ कर मन भर लेता था.

सुबह 9 बजे नींद खुली, तो देखा भाभी नहा धोकर कंघी कर रही थीं. हम दोनों नंग धड़ंग बिस्तर पर पड़े थे.

जल्द ही हम दोनों ने ब्रश करके चाय पी. मुकेश बाज़ार से नाश्ता लेकर मां के पास चला गया. मैं नहाने के बाद काम से गया और वापस आकर एक बार फिर से भाभी के साथ चुदाई के मजे लेने लगा था.

उस रात भी हम तीनों का सेक्स का नंगा खेल चला. चूंकि आज अलग ब्लू फिल्म थी … इसलिए आज अलग तरीके से चुदाई के खेल चल रहे थे.

अगले दिन सुबह मां के डिस्चार्ज हो जाने के बाद मुकेश भाभी और मां को लेकर जाने लगा, तो भाभी मुझे बहुत हसरत भरी नज़रों से देख रही थीं.

परन्तु मुकेश की मां के सामने तो मैं उनको देख भी नहीं सकता था. पर मुकेश की मां ने मुझे बाबा का आशीर्वाद दिलवाने और तीन दिन घर में रुककर सेवा करने के बदले अच्छी सी बहू मिले, ऐसा आशीर्वाद दिया.

तीन दिन में दस से ज्यादा बार सेक्स करने के कारण अंकिता भाभी की चाल में बदलाव आ गया था. जो शायद मुकेश की मां ने महसूस कर लिया था, पर अपने पोते की खुशी उनके लिए ज्यादा जरूरी थी.

नतीजा अगले महीने ही अंकिता भाभी की खुशखबरी के रूप में आ गया.

इस तरह मैंने अपने दोस्त की बीवी और भाभी की चुदाई का मजा ले लिया था.

दोस्तो, आपको मेरी इंडियन भाभीस चुदाई कहानी अच्छी लगी होगी. तो मुझे मेरी ईमेल आईडी पर कमेंट कर अगली सेक्स कहानी लिखने को प्रेरित जरूर करें.

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