शादी की सालगिरह में मिले दो कच्चे लौड़े- 1

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देसी भाभी की चूत स्टोरी में पढ़ें कि मेरे पति अब मुझे नहीं चोदते थे. मैं बिस्तर पर तड़पती. मैंने उनसे बात की तो कहने लगे कि कोई यार बना लो और उसी से चूत चुदवा लो!

दोस्तो, मैं आपकी दोस्त देसी भाभी प्रीति शर्मा, मेरी पिछली कहानी थी मेरी सेक्स स्टोरी से हुई मेरी फजीहत

आज आपके सामने अपनी एक नई करतूत देसी भाभी की चूत स्टोरी पेश करने जा रही हूँ।

दरअसल ये करतूत मेरी नहीं मेरे प्यारे प्यारे पतिदेव की है। तो पढ़िये और मज़े कीजिये।

हुआ यूं कि जैसे जैसे मेरे पति का बिज़नस बढ़ने लगा, वैसे वैसे वो और बिज़ी होते गए।

हालात इतने बदतर हो गए कि घर में वैसे तो पैसे का अंबार लग गया, मगर मैं और मेरे पति एक ही बिस्तर इतने दूर हो गए, जैसे दो अलग अलग शहरों में रहते हो। ज़्यादातर तो हमारी बात फोन पर ही होती। वो रात को लेट आते, खाना भी बाहर से ही खा कर आते, और आते ही सो जाते।

मैं बिस्तर पर तड़पती, बहुत कोशिश करती मगर वो इतने थके होते के पूछो ही मत। मैं उनका लंड चूस चूस कर उनका पानी गिरा देती मगर उनके लंड में कोई तनाव न आता।

एक दो बार तो मुझे उनके लंड से कुछ अलग सा टेस्ट भी आया. मुझे लगा कि शायद ये बाहर किसी और औरत से सेक्स करके आए हैं. जिसकी फुद्दी के पानी का टेस्ट मुझे आया होगा।

मगर यह बात मैंने अपने पति से नहीं पूछी।

एक दिन बातों बातों में वो खुद ही बोले- अरे यार ये नए बिज़नस में बड़ा लोचा है, साला सारा दिन बहुत थकावट हो जाती है। मुझे पता है तुम भी चाहती हो कि मैं तुमको समय दूँ. मगर साला टाइम ही नहीं निकाल पता। सच कहूँ, मैं तो चाहता हूँ कि तुम अपने लिए कोई और दोस्त ढूंढ लो ताकि तुम्हें भी कोई दिक्कत न हो।

अब ये ऑफर तो मैं कब चाहती थी, मगर फिर भी झूठा नाटक करके बोली- मतलब आप चाहते हो कि मैं अपना पतिव्रत धर्म छोड़ कर किसी और के साथ अपना मुंह काला करूँ। या आप ये सब इस लिए कह रहे हो ताकि आपको भी बाहर मुंह मारने की छूट मिल जाए?

दीपक थोड़े से तिलमिलाए- अरे यार मैं ये नहीं कह रहा, देखो अब हम मिडल क्लास में नहीं रहे, हमें हाई क्लास की तरह सोचना और चलना पड़ेगा। और हाई क्लास में इन सब चीजों को कोई अहमियत नहीं दी जाती। कल तुम खुद देखोगी, जब हम बड़े बड़े लोगों से मिलेंगे कि कैसे वो सब अपनी बीवियाँ, बहन, बहू बेटियाँ एक दूसरे से एक्सचेंज कर लेते हैं। वहाँ सब चलता है. और हमें भी अपनी मानसिकता बदलनी पड़ेगी।

मैंने पूछा- तो आप मुझसे क्या चाहते हो कि मैं आपके किसी बिज़नस पार्टनर के साथ सेक्स करूँ? दीपक बोले- अरे नहीं मेरी जान, पर अगर तुम चाहो तो तुम अपना कोई बॉयफ्रेंड, या दोस्त रख सकती हो. और जब दिल किया, उसके साथ घूमने गई, खाया पिया, और दिल किया तो सेक्स भी किया।

मैंने थोड़ा सा अपना लहजा नर्म करते हुये कहा- तो पतिदेव, मैं तो ऐसा कुछ करने वाली हूँ नहीं। मुझसे अब ये काम नहीं होगा, हमारा बच्चा भी है, कल को उसे पता चल गया तो? तो दीपक बोले- तो मैं कोई इंतजाम कर दूँ तुम्हारे लिए? मैंने मन ही मन मुसकुराते हुये कहा- मुझे नहीं पता! और उठ कर चली गई।

फिर एक दिन मेरे पति ने कहा- अपनी शादी की सालगिरह पर इस बार मैं तुम्हारे लिए एक हाई क्लास गिफ्ट ला रहा हूँ। मैंने कहा- जब लाओगे, तो देख लूँगी। पता तो मुझे भी था कि इस बार ये ज़रूर कोई यार ही लेकर आएंगे मेरे लिए।

जिस दिन हमारी शादी की सालगिरह थी, उस दिन सुबह ये लेट ऑफिस गए। मगर मुझे बता गए कि मेरे लिए डबल गिफ्ट आएगा, एंजॉय करना।

मैं भी नहा धोकर तैयार होकर बैठ गई।

करीब 11 बजे कॉल बेल बजी। दरवाजा खोला तो बाहर दो लड़के खड़े थे। गोरे चिट्टे, मगर दोनों हमशक्ल।

मैंने पूछा- जी कहिए? वो बोले- हमें दीपक जी ने भेजा है, आप प्रीति जी हो? मैंने कहा- जी हाँ, अंदर आइये।

वो दोनों अंदर आए और मैंने उन्हें सोफ़े पर बैठाया।

करीब 19-20 साल के दोनों लड़के जुड़वा थे। मैंने उन्हें पानी दिया, और सामने बैठ गई।

फिर मैंने पूछा- आपको दीपक ने किस लिए भेजा है। एक बोला- मैडम, दरअसल हम दोनों दीपक जी के अंडर ही काम करते हैं, वो हमारे बॉस हैं। और हम दोनों से वो बहुत खुश हैं। एक दिन ऐसे ही बात चल रही थी, तो उन्होंने कहा कि याद है जब तुम ये जॉब लेने आए, थे तो तुमने कहा था कि जो भी काम मैं तुम्हें कहूँगा, वो काम तुम करोगे। हमने हामी भरी कि जी हमने ऐसा ही कहा था। तो बॉस ने पूछा, क्या तुम लोगों ने कभी सेक्स किया है। हमने इंकार किया कि नहीं सर कभी नहीं किया। उन्होंने फिर पूछा, करना चाहते हो। हमने कहा, हांजी करना तो चाहते हैं, मगर यूं ही किसी ऐरी गैरी से नहीं, कोई अच्छी साफ सुथरी, लड़की या भाभी हो तो कर लेंगे। तो उन्होंने पूछा कि मेरी बीवी से करोगे? पहले तो हम बड़े हैरान हुये कि कोई आदमी ऐसे किसी से अपनी बीवी से सेक्स करने के बारे में कैसे पूछ सकता है. मगर फिर कुछ सोच कर हमने हाँ कह दिया क्योंकि हमने आपको एक बार ऑफिस में देखा था और आप हमें बहुत सही लगी तो हमने हामी भर दी। तो अब बॉस ने हमें आपकी सेवा में भेजा है, आप जो कहोगी, वैसे ही हम आपकी सेवा कर देंगे।

अब वो तो चुप हो कर मुझे देखने लगा.

मुझे ये समझ ना आए कि इनके साथ मैं क्या बात करूँ? अब ये दोनों तो मेरे साथ सेक्स करने आए थे, और इन दोनों ने पहले कभी सेक्स किया नहीं, मतलब ये दोनों तो नादाँ थे. बेशक मैंने पिछले 6 साल की अपनी शादीशुदा ज़िंदगी में बहुत सेक्स किया है. मगर इन दोनों के साथ मैं सेक्स कैसे करूँ, कहाँ से शुरू करूँ, कैसे शुरू करूँ।

अब घर में न शराब थी कि चलो पहले कुछ माहौल बनाते हैं, फिर बाद में शुरू होते हैं। चाय कॉफी पी कर तो मूड नहीं बनता। मैंने कुछ सोच कर कहा- अब ऐसे कैसे? मैं तो ये सब एकस्पेक्ट नहीं कर रही थी, मुझे तो दीपक बोल कर गए थे कि कोई गिफ्ट भेजूँगा, अब ये गिफ्ट मैं … क्या करूँ इस गिफ्ट का? एक बोला- आप सर से बात करके देख लो, शायद वो कुछ बता दें!

मैं उठकर अपने बेडरूम में गई और दीपक को फोन लगाया. फोन उठाते ही दीपक की आवाज़ आई- और डार्लिंग पसंद आया गिफ्ट? शुरू कर दिया या नहीं? मैंने खीज कर कहा- अरे यार पागल हो क्या … ये क्या गिफ्ट भेजा है? कम से कम कुछ बताते तो, अब इन दोनों लौंडो का मैं क्या करूँ?

उधर से दीपक बोला- अरे करना क्या है, एंजॉय करो और क्या? अगर ये मौका मुझे मिला होता और इन दो लड़कों की जगह दो ऐसी ही 19-19 साल की लड़कियां होती, तो मैं तो खूब मज़े ले ले कर चोदता दोनों को। तुम्हें मौका मिला है, जैसे दिल चाहता है इनसे चुदो या इनको चोदो।

मुझे समझ नहीं आ रहा था, मैंने कहा- अरे यार दोनों अभी नादाँ हैं, अभी इनकी उम्र ही क्या है। दीपक बोला- देख यार तुमने कहा था, तुम एंजॉय करना चाहती हो, मैंने तुम्हें एंजॉयमेंट का सामान भेज दिया, अब तुम देखो। नहीं अच्छा लगा तो दोनों को वापिस भेज दो। फिर मुझसे मत कहना के मैं तुम्हें एंजॉय नहीं करने देता।

मुझे कुछ समझ नहीं आ आया तो खीज कर गुस्से में आकर फोन काट दिया।

पहले कुछ देर बैठी सोचती रही. देखने में दोनों लड़के सुंदर थे, खूबसूरत, गोरे, चिट्टे, पतले, लंबे और सबसे खास बात दोनों कच्चे कुँवारे। मैं कुछ देर बैठ कर सोचती रही और प्लान बनाती रही कि क्या करूँ। अब तो दीपक की भी पूरी मंजूरी है कि मैं बाहर किसी और के साथसेक्स कर लूँ. और उस चूतिये ने खुद दो लौंडे भेज दिये कि जाओ और जाकर मेरी पत्नी चोद कर आओ. तो मैं किस लिए शर्मा रही हूँ। क्यों न मैं भी खुल कर इस मौके का फायदा उठाऊँ।

मैं उठ कर वापिस ड्राइंग रूम में आई। दोनों लड़के बैठे थे। मैं जाकर उनके सामने बैठ गई। मैंने दोनों को देखा, वो मुझे देख रहे थे।

मैंने कहा- तो तुम दोनों यहाँ मेरी सेवा करने आए हो? वो दोनों बोले- जी मैडम। मैंने कहा- तो क्या करोगे मेरे लिए? एक बोला- जो आप कहोगी!

मैंने सोचा अब क्या कहूँ इन्हें? फिर कुछ सोच कर बोली- तुम्हारा नाम क्या है? एक बोला- मेरा नाम रोहण (परिवर्तित नाम) और इसका सोहन (परिवर्तित नाम) है।

मैंने कहा- तो ठीक है रोहण और सोहन, मेरे साथ आओ।

मैं उन दोनों को अपने बेडरूम में ले गई। बेड पर बैठ कर मैंने अपनी टाँगें सीधी फैला कर उनसे कहा- मेरे सैंडल उतारो! दोनों लड़कों ने एक एक पाँव से मेरे सैंडल उतार दिये।

मैंने कहा- अब अपने अपने कपड़े उतारो।

दोनों ने अपने जूते, पेंट शर्ट और बनीयान उतार दी, मगर चड्डी नहीं उतारी. हाँ मगर उनकी चड्डी में से उनके लंड का शेप ज़रूर दिख रहा था।

सच में बड़ा रोमांच हुआ, देख कर दो लड़के बिल्कुल कच्चे, और मेरे साथ अपनी ज़िंदगी का पहला सेक्स करने जा रहे थे. और मैं अपनी शादी से बाहर पहली बार अपने पति की जानकारी में छिनालपन करने जा रही थी।

मैंने उन्हें बेड पर बुलाया. दोनों मेरे अगल बगल आ कर घुटनो के बल खड़े हो गए। मैंने दोनों को देखा, सीने पर दोनों के थोड़े बहुत बाल थे, मगर बगलों में बिल्कुल सफाई थी।

मैंने उन दोनों की चड्डी के ऊपर से उनके लंड छूकर देखे, क्योंकि वो दोनों तो मेरे सेक्स गुलाम थे, और मैं जो चाहे उनके साथ कर सकती थी। छूने से मुझे उनके लंड बढ़िया लगे।

मैंने उन दोनों की चड्डियाँ नीचे को सरकाई तो दोनों के गोरे गोरे लंड बाहर आ गए। झांट दोनों ने बिल्कुल साफ कर रखी थी।

मैंने उनके लंड अपने दोनों हाथों में पकड़े. रोहण सोहन ने अपनी अपनी चड्डी भी उतार दी। मेरे हाथ में पकड़ने भर से दोनों के लंड पूरी तरह से अकड़ गए।

रोहण बोला- मैम क्या हम भी आपको छू कर देख सकते हैं? मैंने कहा- हाँ हाँ, क्यों नहीं, तुम चाहो मुझे कहीं छू लो, मगर प्यार से। मैं बहुत ही नाज़ुक सी हूँ, ज़्यादा ज़ोर ज़बरदस्ती बर्दाश्त नहीं कर सकती।

तो सोहन ने मेरे कंधे से से मेरा आँचल हटा दिया, और मेरी साड़ी का पल्लू एक तरफ रख दिया। डार्क ग्रे कलर का लो कट ब्लाउज़, और ब्लाउज़ से बाहर को उभर के दिख रहा मेरा क्लीवेज देख कर दोनों की आँखों में चमक आ गई।

मैंने पूछा- पहले कभी किसी के बूब्स नहीं देखे? सोहन बोला- नहीं मैम, आज तक तो मौका नहीं मिला।

मैं उन दोनों के लंड सहलाती हुये बोली- तो देखो मेरे प्यारो, इन्हें छूकर भी देखो। देसी भाभी की चूत स्टोरी कैसी लग रही है आपको? मुझे मेल करके बतायें.

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देसी भाभी की चूत स्टोरी का अगला भाग: शादी की सालगिरह में मिले दो कच्चे लौड़े- 2

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