जैसेलमेर की सेक्स सफारी- 1

इंडिया सेक्स गर्ल चुदाई स्टोरी में पढ़ें कि गर्लफ्रेंड बॉयफ्रेंड के दो जोड़े जैसेलमेर घूमने गये तो इन्होंने क्या क्या किया? चलती कार में ही इन्होंने चूमाचाटी और मस्ती करनी शुरू कर दी.

कैसे हो प्यारे दोस्तो? मैं रमित फिर एक कहानी लेकर आया हूँ. मेरी पिछली कहानी ट्रेन में मिली गर्लफ्रेंड आपने पढ़ी जिसे आप लोगों ने काफी प्यार दिया था. ये कहानी मैंने अर्पित और अदिति के लिए लिखी थी.

उनका फिर से मेल आया कि वो अपना एक और एक्सपीरियंस शेयर करना चाहते हैं और मुझे उन्होंने इसके लिए रिक्वेस्ट की कि मैं उनके इस एक्सपीरियंस को अपने शब्द दूं.

तो दोस्तो, इस इंडिया सेक्स गर्ल चुदाई स्टोरी को लिखा मैंने है लेकिन बताया अर्पित और अदिति ने ही है. इसलिए आप कहानी को उन्हीं की जुबानी सुनें ताकि आपको कहानी का असली मजा आये.

दोस्तो, मैं अर्पित बैंक में मैनेजर हूँ और मैं अदिति नाम की लड़की से प्यार करता हूँ. हमें रिलेशनशिप में 6 महीने हो चुके हैं. हमारा रिलेशनशिप कैसे शुरू हुआ वो आप पहले ही पढ़ चुके हैं. जिन पाठकों ने वो कहानी नहीं पढ़ी है वो कृपया ट्रेन में मिली गर्लफ्रेंड शीर्षक वाली कहानी पढ़ें.

अब मैं आज की कहानी बता रहा हूं. मेरा और अदिति का प्यार दिनों दिन परवान चढ़ रहा था. हमारे बीच कई बार सेक्स भी हो चुका था. अदिति का एमबीए कोर्स पूरा होते ही हम दोनों शादी करने वाले थे. ये बात हम अपने घरवालों को भी बता चुके थे. घर वालों को भी कोई ऐतराज़ नहीं था. सो हमें डर तो था नहीं किसी का।

वैसे भी हम दोनों अपने घर से दूर जयपुर में रह रहे थे. अदिति अपनी सहेली और कॉलेज की सीनियर नीला के साथ फ्लैट शेयर करके रह रही थी.

वहीं मैंने अपना अलग से दो रूम का फ्लैट किराये पर लिया हुआ था. अदिति कई बार मेरे फ्लैट पर आ जाती और वहीं रुक भी जाती थी.

नीला का भी एक बॉयफ्रेंड था. हम चारों में अच्छी दोस्ती थी. हम साथ में घूमते फिरते थे और मौज मस्ती करते थे.

ऐसे ही नवंबर में हमने जैसलमेर घूमने का प्रोग्राम बनाया. चारों ने तय किया कि मेरी कार से चलेंगे और जैसलमेर में टेंट कैंप में नाइट स्टे करेंगे. मैंने ऑनलाइन बुकिंग करवा दी थी. नवंबर के दूसरे शनिवार को हम चल पड़े.

हम सुबह 5 बजे मेरी कार से चल पड़े. मैं कार ड्राइव कर रहा था. नीला का बॉयफ्रेंड निशांत मेरे साथ अगली सीट पर बैठा था. हम चारों हँसी मज़ाक करते हुए सफर कर रहे थे. हमने एक जगह रुक कर चाय नाश्ता लिया और फिर चल पड़े.

निशांत ने एक जगह कार रोकने को बोला. मैंने गाड़ी रोकी और वो उतर कर वाइन शॉप से चार बियर की कैन ले आया और बोला- सफर का असली मजा अब आयेगा. उसने अदिति को आगे बैठने को बोला और खुद पीछे नीला के साथ बैठ गया.

अदिति ने उस दिन घुटनों से ऊपर की स्कर्ट पहन रखी थी और ऊपर स्लीवलेस वाइट कलर का टॉप पहन रखा था. नीला ने शार्ट और स्लीवलेस टॉप पहन रखा था. दोनों ही लड़कियां गज़ब की सुन्दर और सेक्सी लग रही थी.

निशांत ने एक एक बियर कैन सबको दे दिया. हम बियर पीने लगे.

थोड़ी देर बाद देखा तो निशांत और नीला किसिंग कर रहे थे. अदिति ने उन्हें पीछे मुड़ कर देखा तो नीला बोली- पीछे क्या देख रही है? तू भी कर, तेरा बॉयफ्रेंड भी तो साथ ही है, मौज कर तू भी.

निशांत ने नीला की हां में हां मिलाते हुए कहा- हां यार, सफर लम्बा है. हमें ये शर्म लिहाज़ छोड़ना पड़ेगा. अपने अपने पार्टनर्स के साथ रोमांस करो और मजा लो. उसके बाद वो फिर से नीला के होंठों को चूसने लगा और वो दोनों किसिंग में खो गये.

मैंने भी अपना हाथ अदिति की जांघ पर रख दिया और धीरे धीरे सहलाने लगा. देखा तो थोड़ी देर बाद अदिति की आँखें बंद हो रही थी. मैं उसकी स्कर्ट के अंदर हाथ डाल कर उसकी पैंटी के ऊपर सहलाने लगा.

अदिति की सांसें भारी होने लगीं और मेरी पैंट में मेरा लंड बेकाबू होकर झटके देने लगा. तभी अदिति बोली- अर्पित संभल कर, तुम कार ड्राइव कर रहे हो. तुम्हें रोड पर ध्यान देना चाहिए, यहां मेरी जांघों के बीच में नहीं।

तभी निशांत बोला- हां भाई, ध्यान से चला गाड़ी. थोड़ी देर बाद हम तुम्हें भी पीछे बैठने का मौका देंगे. हम आगे आ जायेंगे और तू आराम से अपनी अदिति के साथ ऐसे ही मजा ले सकता है. ये बोल कर वो दोनों फिर से अपने में ही मस्त हो गये.

थोड़ी देर बाद मैंने और अदिति ने ड्राइविंग सीट एक्सचेंज की. अब अदिति ड्राइव कर रही थी और मैं उसकी बगल वाली सीट पर बैठा था. मेरा मन अदिति की चूत को छेड़ने का करने लगा. मैंने अपना हाथ उसकी जांघ पर रख दिया.

हाथ रखते ही वो बोली- अर्पित प्लीज, मेरा ध्यान भटक जायेगा. हंसते हुए मैंने अपना हाथ वापस हटा लिया. फिर वो भी मुझे देख कर मुस्कराने लगी. फिर नीला बोली- अदिति तू ढंग से गाड़ी चला . … नहीं तो मैं अभी अर्पित को किस करना स्टार्ट कर दूंगी.

उसकी इस बात पर हम चारों ही हँस पड़े.

फिर हम चलते गये. रास्ते में रुक कर हमने एक जगह पर लंच किया. उसके बाद हम फिर से चल पड़े. अबकी बार चालक की सीट पर निशांत आ गया और नीला उसके बगल वाली सीट पर बैठ गयी.

अब मैं और अदिति पीछे वाली सीट पर बैठे थे. हम चल पड़े और कार फिर से हाइवे पर दौड़ने लगी. अदिति मुझसे चिपक कर बैठ गयी. मैंने अदिति के गाल पर चूमा और फिर हम दोनों लिप किस करने लगे. मेरा लंड खड़ा हो गया और मैंने अदिति का हाथ अपने लंड पर रखवा दिया और उसकी चूचियों को छेड़ने लगा.

हम दोनों एक सीमा तक ये सब कर रहे थे क्योंकि पार्टनर को तड़पाने का अलग मजा होता है. इसलिए हमने चूमा चाटी और सहलाने से ज्यादा आगे कुछ नहीं किया. इस तरह से मस्ती करते हुए सफर कटने लगा.

शाम 6 बजे हम जैसेलमेर पहुंच गये. हमने कैंप में चेक इन किया और अपने टैंट में चले गये. थोड़ी देर आराम करने के बाद हमारा बाहर घूमने का प्रोग्राम था. हम फ्रेश हुए और कपड़े चेंज किये और घूमने जाने के लिए रेडी हो गये.

अदिति ने ब्लू कलर की शर्ट और ऊपर छोटा सा टॉप पहना था जो बस उसके बूब्स के थोड़ा नीचे तक ही था. इस ड्रेस में वो बहुत सेक्सी लग रही थी. मैंने उसे अपनी बांहों में भर लिया और उसे किस करने लगा.

वो बोली- पहले घूम कर आ जाते हैं उसके बाद ये सब करने के लिए सारी रात पड़ी हुई है. वैसे भी आज की रात के लिए मैंने कुछ स्पेशल प्लान किया है.

फिर इतना बोल कर अदिति निशांत और नीला को बुलाने के लिए चली गयी. मेरा लंड खड़ा हो गया था और मैं अपने लंड को हाथ से सहलाने लगा.

दोस्तो, अब इसके आगे की कहानी अदिति के मुंह से सुनिये.

हाय! मैं अदिति . … मेरे बारे में अर्पित ने आपको बताया ही होगा. इसलिए मैं सीधे ही अब आगे की कहानी आपको बताती हूं.

अर्पित को वहीं छोड़ कर मैं नीला और निशांत को बुलाने के लिए चली गयी. मैं उनके टेंट की ओर गयी और मैंने वहां जाकर एक दो आवाज लगायी. जब उसने कोई रिप्लाई नहीं किया तो मैं टेंट के अंदर चली गयी.

अंदर जाकर मैंने जो सीन देखा तो मेरी आंखें फटीं की फटीं रह गयी. नीला और निशांत दोनों बिल्कुल नंगे थे और एक दूसरे को बेहताशा चूम रहे थे. मुझे उन्हें देखने में मज़ा आ रहा था तो मैं वहीं परदे की आड़ में खड़ी होकर उनका ये खेल देखने लगी.

नीला निशांत के निप्पल्स पर अपनी जीभ फिरा रही थी और निशांत कुछ बड़बड़ा रहा था. नीला उसको चूमते हुए नीचे की तरफ आ रही थी. वो अब निशांत की कमर के आसपास चूमने लगी.

फिर उसने निशांत का लंड हाथ में पकड़ लिया और मसलने लगी. फिर उसने उसके लंड पर झुक कर किस की. उसके बाद वो उसके लंड को ऊपर से नीचे तक किस करने लगी. कभी उसकी जीभ लंड के अगले हिस्से पर घूमती तो कभी नीचे उसकी गोलियों पर।

निशांत के मुंह से आह … आहह … करके सिसकारी निकल रही थी. तभी नीला ने उसके लंड को मुँह में ले लिया और चूसने लगी. मैंने अर्पित के साथ सेक्स तो कई बार किया था मगर उसका लंड कभी नहीं चूसा था.

मगर यहाँ नीला तो बड़े मज़े से उसका लंड चूस रही थी. धीरे धीरे वो उसके लंड को अपने मुँह के अंदर ज्यादा से ज्यादा ले रही थी. निशांत के मुँह से ‘ओह … आह … अस्स …’ की आवाज़ें निकल रही थीं.

साथ में वो बोल रहा था- ओह्ह नीला … सो गुड … बहुत मजा दे रही हो यार … इतने अच्छे से चूस रही हो तुम … आह्ह अब छोड़ भी दो जान … नहीं तो मैं मुंह में ही झड़ जाऊंगा.

नीला ने निशांत के लंड को मुंह से निकाला और बोली- छोड़ दो मुंह में ही, मुझे चूसने में बहुत मजा आ रहा है, मेरा मजा मत खराब करो. थोड़ी देर बाद दोनों ने पोजीशन चेंज कर ली.

अब नीला निशांत के ऊपर आ गयी और उसने अपनी चूत उसके मुँह पर लगा दी. वो खुद उसका लंड मुँह में लेकर चूसने लगी. निशांत उसकी चूत चाट रहा था. फिर नीला ने मुँह से लंड निकाल कर बोला- यार अच्छे से चाटो ना.

वो बोली- निशांत तुम्हें पता है? मैंने और अदिति ने लेस्बियन सेक्स किया हुआ है. वो बहुत अच्छे से चाटती है. उसने बताया कि अर्पित उसकी चूत ऐसे ही चाटता है तो वो भी उससे सीख कर ऐसे ही चाटने लगी है.

‘सच में यार … अर्पित कितना अच्छे से अदिति को मज़ा देता होगा. तुम भी वैसे ही करो. पहले मेरी चूत के लिप्स एक एक करके चूसो. फिर अपनी जीभ चूत की दरार में ऊपर नीचे चलाओ.’

निशांत ने ऐसे ही किया तो नीला भी आह … आह … करने लगी. उसने फिर उसका लंड मुँह में ले लिया और चूसने लगी. साथ ही अपनी चूत उसके मुँह पर आगे पीछे करने लगी. थोड़ी देर में निशांत उसके मुँह में नीचे से धक्के मारने लगा.

चार पांच धक्कों में निशांत ने ज़ोर से आह. … भरी और नीला ने अपना मुँह उसके लंड पर कस दिया. निशांत नीला के मुँह में ही झड़ गया. तभी नीला भी ज़ोर से आह. … करती हुई झड़ने लगी और जैसे ही वो वॉशरूम की तरफ भागी तो मैं भी बाहर आ गयी.

मेरे बदन में आग लग रही थी. मेरा दिल कर रहा था कि मैं जाते ही अर्पित को पकड़ लूं. बाहर अँधेरा हो गया था. अब मेरे दिमाग में कुछ और ही प्लान चल रहा था.

मैं चलते हुए अर्पित के पास पहुंची तो वो बोला- कहाँ रुक गयी थी? और वो दोनों कहाँ हैं? मैंने बोला- वो नहीं आ रहे. चलो हम चलते हैं. हम वहां से बाहर आ गये.

पहले हमने कैमल सफारी की. हम एक ही ऊँट पर बैठे थे. आगे मैं और पीछे अर्पित बैठा हुआ था. ऊँट पर बैठे हुए मुझे अर्पित के साथ टच होने में बहुत मज़ा आ रहा था. अर्पित ने पीछे से अपनी बांहें मेरे इर्द गिर्द लपेट दीं.

मैं तो पहले ही गर्म थी. अर्पित के छूने से मेरे बदन में और ज्यादा आग लगने लगी. उसने मेरे नंगे पेट पर हाथ फिराया तो मेरी आँखें बंद होने लगीं. मैंने अपना सिर अर्पित के कंधे से टिका दिया.

फिर मैंने पीछे हाथ करके अर्पित की शॉर्ट्स के ऊपर से ही उसके लंड को सहला दिया. बहुत मजा आ रहा था. कुछ देर के बाद ऊँट वाला हमें वापस कैंप में ले आया था. हम रिसोर्ट से बाहर ही उतर गए. फिर हम पैदल ही चलने लगे.

नवम्बर का महीना था तो थोड़ी थोड़ी ठण्ड होने लगी थी. वैसे भी रगिस्तान में रेत रात को ठंडी हो जाती है तो थोड़ी थोड़ी ठण्ड लग रही थी.

रिसोर्ट के एक हिस्से में राजस्थानी फोक डांस हो रहा था और वहीं से थोड़ी दूर पर ओपन बार भी बना हुआ था.

अर्पित ने शैम्पेन की बोतल ली और दो गिलास ले लिए. फिर हम वहां से चलते हुए रिसोर्ट के दूसरे हिस्से में आ गए. यहाँ कोई नहीं था. सुनसान था बिल्कुल और डिम लाइट थी. बेंचेस भी लगी हुई थी. हम वहां बैठ गये.

पहले हमने शैम्पेन खोली और चियर्स करके सिप करने लगे. हम कुछ ऐसे बैठे थे कि मेरी पीठ अर्पित के सीने से लगी थी और अर्पित का एक हाथ मेरी बगल से निकल कर मेरे पेट को सेहला रहा था.

अर्पित की साँसें मुझे मदहोश कर रही थी. अर्पित ने धीरे से मेरी गर्दन पर किस किया तो मेरे शरीर में झनझनाहट हो गयी. फिर वो मेरे कान की लौ को चूमने लगा.

मैं तो पहले से ही गर्म थी और अब मेरे जिस्म की आग और भी ज्यादा भड़कनी चालू हो गयी थी. अर्पित मेरे कान से चूमता हुआ मेरे गालों पर किस कर रहा था. उसका एक हाथ मेरे टॉप के अंदर घुस चुका था और उसकी उंगलियां मेरे बूब्स को छू रहीं थीं.

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