वासना का रिश्ते या उम्र से वास्ता नहीं

प्रेषक : अभिषेक त्रिपाठी

सभी कामियों को मेरा नमन ! यह मेरी पहली कहानी है जो मैं अर्न्तवासना पर भेज रहा हूँ। मेरा नाम अभिषेक है और मैं अर्न्तवासना का नियमित पाठक हूँ।

मेरी दो बहनें और एक भाई है, ये तीनों मुझसे बड़े हैं सबसे बड़ी बहन का नाम शालिनी है जिसकी उम्र 32 साल, उनसे छोटी वाली का नाम निमा, उम्र 29 वर्ष है, भाई अजय की उम्र 23 वर्ष और मेरी उम्र 19 वर्ष है। मेरे किसी भी भाई-बहन की शादी नहीं हुई है।

हमारे पिता जी व्यापारी हैं और माता-पिता दोनों लोग बहुत खुले हैं। मुझे अकसर घर में कामसूत्र की किताबें और कन्डोम रखे मिल जाते हैं, इन सबका असर हम भाई बहनों के चरित्रों पर भी पड़ा है।

आज आपको उस रात की बात बताता हूँ जब हमारे घर में मेहमान आये हुए थे और मेरा भाई, बड़ी बहन और मैं एक ही कमरे में सोये हुए थे। रात को ही अचानक मुझे कपड़ने रगड़ने की आवाज सुनाई दी। मैंने आँखें खोली तो खिड़की से आ रही चन्द्रप्रभा में मेरे होश उड़ गये। दीदी और भईया एक साथ लेटे हुए थे और भईया दीदी की पीठ सहला रहे थे। दीदी के पैर भईया की जाँघों के बीच थे और दोनों के ओंठ एक दूसरे का रसपान कर रहे थे।

काफी देर के बाद भईया ने दीदी को उल्टा किया और कुर्ते को ऊपर उठाया और पायजामे को नीचे ! खिड़की से आने वाली चाँद की रोशनी में दीदी वक्ष से लेकर जंघाओं तक कमायत लग रही थी। लेकिन मुझे उस वक्त अच्छा नहीं लग रहा था इसलिए मैंने वह सब रोकने के लिए करवटें बदलने का नाटक किया।

जैसा मैंने चाहा वैसा ही हुआ, वे दोनों अलग हो गए। पर यह सब देख कर मेरे मन मानस में उथल पुथल मचने लगी, मुझे नींद नहीं आ रही थी पर मैं निश्चेष्ट लेटा रहा।

रात को कुछ देर के बाद फिर आवाज हुई तो मैंने देखा कि दीदी भईया के ऊपर पूरी नग्न लेटी हुई हैं और भईया उनका स्तनपान कर रहे हैं, वो भईया के सिर को जोर से दबाये थी। मैंने फिर से उन्हें अलग करने के लिए करवटें लेना शुरु किया लेकिन इस बार वे अलग नहीं हुए और अन्य प्रकार की काम क्रियाएँ भी करने लगे।

अब मेरा अन्दर की वासना भी जाग गई थी मैंने अपना लण्ड चड्डी से निकालकर मसलना शुरु कर दिया। थोड़ी देर बाद मुझे बिस्तर पर दबाव महसूस हुआ मैं अपना लौड़ा अन्दर करने लगा। इतने में ही किसी ने मेरा कम्बल और पायजामा एक झटके में अलग कर दिया। मैंने देखा तो सामने भईया थे और दीदी अपने बिस्तर पर स्तन हिलाते हुए बैठी थी।

भईया ने चुपचाप उनके बिस्तर पर चलने को कहा, पहले मैंने संकोच किया तब तक दीदी बोली- सोच क्या रहे हो? हम तुम्हारे भाई बहन हैं, हम तुम्हें जो कुछ भी सिखाएँगे या करवाएँगे उसमें भविष्य के लिए तुम्हारी भलाई ही छुपी होगी।

मैं उनके पास चला गया। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं।

उन्होंने कहा- हम जो कुछ भी कहें, वो करते जाना तो तुम्हें मजा आएगा।

लेकिन मैंने बिना कुछ सुने या सोचे समझे अपनी शालिनी दीदी के तुरन्त ही स्तन पकड़ लिए और एक उँगली दीदी की चूत में डाल दी, दीदी मदमस्त हो गई।

भईया ने पूछा- यह सब कहाँ से सीखा?

तो मैंने बताया- अर्न्त वासना पर पढ़ता हूँ।

दीदी बोल उठी- अरे, मेरा छोटू तो जवान हो गया !

इसके बाद हमने बहुत मजे लिये। मेरी दूसरी वाली बहन ने भी एक दिन मुझे बहकने पर मजबूर कर दिया वो किसी और दिन बताऊँगा।

वास्तव में वासना किसी रिश्ते या उम्र को नहीं जानती और जानना भी नहीं चाहिए।

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प्रकाशित : 11 दिसम्बर 2013