मेरी बीवी निहाल हो गई

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: storyrytr@gmail.com. Starting price: $2,000

आपने मेरी कहानी और मेरी बीवी पकड़ी गई पढ़ी होगी.

आज मेरा बहुत दिन पुराना सपना सच होने जा रहा था. वजह थी कि मैं अपनी बीवी नीना को चुदते हुए देखना चाह रहा था. वास्तव में जब से मैंने अपने किरायेदार प्रशांत से उसे रात में चुदवा कर लौटते समय देख लिया था. तभी से मेरे भीतर नीना को खुलकर चुदवाने का सपना जागने लगा था.

अंत में वह रात आ ही गई जब मेरे मन कि मुराद पूरी होने वाली थी. उस दिन मैंने नीना की चुदाई की सभी तैयारियाँ पूरी कर ली थी जिससे कोई कमी न रह जाए.

मेरे बचपन का दोस्त अमित मन ही मन खूब खुश हो रहा था कि उसे पड़ोस की भाभी की मस्त चूत चोदने को मिलेगी. और केवल भाभी नहीं, बल्कि उसके अजीज दोस्त की बीवी नीना थी वह.

हालांकि मैंने महज एक हफ़्ते पहले ही उसे नीना को चोदने के लिए पेशकश की थी. मगर वह नीना के बदन और अदा पर बहुत पहले से फ़िदा था. नीना की चूचियाँ तब 34′ की रही होंगी और चूतड़ भी वैसे ही जोरदार.

अमित के मन एक ज़माने से ही चाह थी क़ि काश उसे नीना की चूत मिल जाती तो उसकी जिन्दगी संवर जाती. यह बात अमित ने मुझे बाद में बताई. आख़िरकार वह आज आ ही गया.

इस शानदार चुदाई की तैयारी में मैंने अपने दोनों बच्चों को गाँव भेज दिया, जिससे घर खाली मिले और हम तीनों एक साथ चुदाई करने का भरपूर मजा ले सकें.

अब आते हैं सीधी बात पर.

पूरा घर खाली था फिर भी इस बात का डर तो था ही क़ि कहीं किसी पड़ोसी की नजर रात को 12 बजे अमित को मेरे घर में आते समय न पड़ जाए. बहरहाल बिना किसी दिक्कत के अमित मेरे ड्राइंग रूम में दाखिल हो गया. गरमी का मौसम था, तब तक नीना भी नहा धोकर चुदाने को तैयार हो चुकी थी. नीना जब बाहर के कमरे में आने में देर लगाने लगी तो मैंने झांक देखा तो वह खुद को शीशे में निहार रही थी.

मैंने झट से उसका हाथ पकड़ कर खींच लिया. इस मौके पर वह अपनी हंसी नहीं रोक सकी और डबल बेड पर वह धम्म से बैठ गई.

अब देर करना ठीक नहीं था. माल गरम था. यह कहानी आप अन्तर्वासना.कॉंम पर पढ़ रहे हैं.

मैंने प्यार उसके गाल, माथे और चूचियों पर हाथ फेरना शुरू कर दिया. नीना भी पसरने लगी. आखिर वह चुदाने के लिए तो कब से तैयार बैठी थी.

उधर अमित नीना की चूचियों से कब खेलने लगा यह तो हमें पता ही नहीं चल सका. इस बीच अमित ने जाने कब नीना का कुर्ता निकाल डाला. जब मेरी नजर गई तब तक तो सफ़ेद ब्रा में उसकी चूचियाँ क्या मस्त लग रही थीं. अब मुझसे भी रहा नहीं जा रहा था. बस अगले थोड़ी ही देर में नीना के पजामी का नाड़ा ढीला कर दिया.

तब तक नीना की जांघों पर दो दो मर्दों का हाथ फिरने लगा था. ब्रा और पेंटी में मदमस्त नीना की इस अदा पर अमित का लंड कुछ ऐसे जोर मारने लगा, जैसे हरी घास देखकर सांड फुफकारने लगता है. बस बारी बारी से वह अपने कपड़े निकालने लगा.

अमित को नंगा होते देख नीना मुझे प्यार से डांट पिलाने लगी और बोली- और तुम अपने लौड़े का अचार डालोगे क्या?

बस सिग्नल मिलने की ही तो देरी थी. हो गई गपागप चुदाई की शुरुआत. नीना के मम्मे फ़ुदकने लगे और मैंने तुरन्त ही अपने मुंह में भर लिया.

उधर अमित चूत पर जीभ का गरम हथौड़ा फ़ेरने लगा. सच कहूँ दोस्तो, किसी ब्लू फ़िल्म की ओरिजनल कहानी से कम नहीं थी यह चुदाई.जब नीना खुद ब खुद गरम हो गई तो अमित का मूसल के माफ़िक लण्ड को जबरन पकड़ कर उसने अपनी चूत में घुसा लिया और अनाप-शनाप बकने लगी.

नीना कहने लगी- वाह मेरे देवर! कहाँ थे अब तक? मैंने बहुत दिन बाद ऐसा लण्ड पाया और तुम थे मेरी आँखों के सामने ही.

वास्तव में नीना अमित का 8 इंच लम्बा लंड पाकर निहाल थी.

आधे घण्टे तक चली होगी यह चुदाई और अकेले अमित ही मेरी नीना की चूत गर्मी शान्त करता रहा. मैं चूची, चूतड़ और चूत के आस पास के इलाके को सहलाता रहा. बीच बीच में मैं अमित के लण्ड के घुसते समय चूत की दीवारों में उंगली डाल कर खेलता रहा, जिससे वह जोर जोर से हंसने लगती.

कोई था नहीं, सो आवाज निकालने की चिन्ता नहीं थी.

इस प्रकार चुदाई का पहला दौर चला. नीना बीच में और आजू बाजू अमित और मैं. नीना ने एक हाथ से मेरा 6 इंच वाला लंड तो दूसरे हाथ से अमित का मुझसे ड्योढ़ा लंड पकड़ रखा था. पूरी तरह से संतुष्ट हो गई थी वह.

अब चली दूसरे दौर की चुदाई. नीना ने रसोई में जाकर बकायदा पानी गरम किया. फ़िर अपनी चूत, चूची और अगल-बगल की सफ़ाई की, साथ ही मेरे लण्ड की भी.

मगर अमित के लण्ड की सफ़ाई नीना ने कुछ ज्यादा ही प्यार के साथ की.

उसके बाद पाऊडर पर्फ़्यूम से माहौल और भी मजेदार कर दिया. मतलब कहने का यह कि अब तक नीना पूरी तरह से खुल चुकी थी. लिहाजा चुदाई का ऐसा दौर चला कि मैं और अमित तो जिन्दगी भर नहीं भूल सकते. और इस घटना को तबीयत से जान कर आपके भी होश उड़ जायेंगे.

नीना ने मुझे पहले लेट जाने का आदेश दिया. फिर मेरे चूतड़ों के नीचे उसने दो तकिये रख दिये.

बस क्या था? मेरे खड़े लंड पर नीना बैठ कर गचागच अपनी चूत को निहाल करने लगी. इतने में अमित ने नीना के पोज में थोड़ा सा बदलाव कर दिया. एक तरफ नीना मेरे लंड पर सवार थी तो पीछे से अमित उस चूत में अपना घोड़े के लंड जैसा मूसल लंड डाल दिया. मतलब दो लंड मेरी चुदासी घर वाली की चूत में एक साथ.

इस समय तो नीना की पाँचों उँगलियाँ घी में और सर कड़ाही में था. शायद नीना को भी ऐसी मस्ती का अन्दाज नहीं रहा होगा. फ़िर इस चुदाई का जवाब नहीं था. ऐसी चुदाई जो किसी ने ना सुनी होगी और ना ही देखी होगी. न जाने कैसे हम तीनों एक साथ झरे.

हालांकि यह चुदाई दस मिनट से ज्यादा नहीं चली होगी, मगर गजब की थी.

नीना तब तक निहाल हो चुकी थी और उसे पलक झपकने लगी. उसने मेरे को अपनी चूत साफ़ करने को कहा, फ़िर सो गई.

अमित भी तैयार गया और मैं उसे गेट तक पहुँचा आया.

तब तक दो बज चुके थे. सवेरे सात बजे जब नीना की नींद खुली तो उसका बदन में मस्ती समाई हुई थी और मेरे करीब आकर जोरदार चुम्मी लेते हुये मुझे ‘थैंकयू’ बोला.

मैं जान गया कि मेरी मैम की मुराद पूरी हो गई.

पाठको, यह सच्ची घटना अगर आपको मस्त लगी या नहीं, आप मुझे जरूर मेल करें. क्या आपका लंड भी खड़ा होने लगा नीना की चुदाई की बात सुनकर? या आपकी चूत में भी चुदाने के लिये खुजली होने लगी. अगर हाँ तो मेरी मेहनत सार्थक! आपका दोस्त रितेश [email protected]

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: storyrytr@gmail.com. Starting price: $2,000