उत्तरायण का मजा

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: storyrytr@gmail.com. Starting price: $2,000

मैं हूँ आप सब का दोस्त राहुल आपके सामने मैं अपनी पहली कहानी लेकर आया हूँ। मैं 25 साल का नौजवान युवक हूँ। मेरा रंग सावला है लेकिन दिखने में बहुत ही हैण्डसम हूँ। मेरा लण्ड काफ़ी लम्बा है। इस साल उत्तरायण में मैंने मेरे फ्लैट में रहती भाभी को कैसे चोदा वो बताने जा रहा हूँ।

15 जनवरी, उत्तरायण का दूसरा दिन। गुजरात में उत्तरायण बहुत ही धूमधाम से मनाई जाती है।

मैंने जिस भाभी को चोदा उसका नाम है शिवानी (बदला हुआ)। जैसा नाम वैसा ही रूप। क्या बताऊँ कि वो बहुत ही सुन्दर दिख रही थी ! वो 32 साल की है, उसकी फीगर 38-28-38 की होगी और जब वो चलती तो उनके दोनों कूल्हे ऐसे हिलते कि देखकर तो कोई भी अपने होश खो बैठे। मैं उसे बहुत ही प्यार करता हूँ।

हम फ्लैट में रहते हैं तो उस दिन सब लोग छत पर थे। दोपहर को जब वो हम सबके लिए चाय बनाने नीचे आई तो मैं भी उनके पीछे नीचे आ गया। उसने मुझे देखते ही उसके घर बुला लिया। उस दिन उसने सफ़ेद रंग की टी-शर्ट और ब्लू रंग का स्किर्ट पहना था, वो बहुत ही सेक्सी दिख रही थी। उसी समय मेरे मन में उसको चोदने की इच्छा होने लगी।

जब वो चाय बनाने के लिए रसोई में गई तो मैं भी उसके पीछे वहाँ चला गया।

उसने मुझसे कहा- तुम को क्या चाहिए?

मैंने कहा- कुछ नहीं, मैं तो पानी पीने आया हूँ।

उसने मुझे अपने आप ही पानी लेने को कहा और वो चाय बनाने लगी।

जब वो चाय बना रही थी तब उसके कूल्हे मेरे सामने थे मैं उसके चूतड़ बहुत ही ध्यान से देख रहा था कि इतने में वो पीछे मुड़ी और मुझे उसने चूतड़ की ओर देखते हुए देख लिया।

उसने मुझे पूछा- क्या देख रहे हो?

मैंने कहा- कुछ नहीं !

उसने कहा- बताते हो या नहीं?

मैंने ना कहा तो वो गुस्सा होकर फिर से चिल्लाई। मैं घबरा गया और सिर नीचे झुका कर कहा- तुम्हारे चूतड़ देख रहा था।

मेरा ऐसा जवाब सुनकर वो हंसने लगी और मेरी हालत वहाँ पर भीगी बिल्ली के जैसी हो गई थी। मैंने पूछा- तुम क्यों हंस रही हो?

तो उसने कहा- मुझे सब मालूम है कि तुम सेक्स के लिए तड़प रहे हो।

मैंने पूछा- तुमको कैसे पता?

तो उसने कहा- तुम मेरे पति से बीएफ़ की सीडी लेते हो ना? मेरे पति ने मुझे बताया था इसके बारे में।

उसने मुझे कहा- तुम यहीं रुको, मैं ऊपर चाय देकर आती हूँ।

मैंने कहा- ठीक है, जैसा तुम कहो वैसा करूँगा।

वो चाय देकर तुरंत ही नीचे आ गई। वो मेरी और उसकी चाय लेकर बाहर के कमरे में आ गई। उसने मुझे चाय दी। हम दोनों चाय पी रहे थे कि उसने मुझे पूछा- मैं तुझे कैसी लगती हूँ?

मैंने जवाब दिया- बहुत ही सेक्सी !

वो तुरंत सामने वाले सोफे से उठकर मेरे साथ बैठ गई और बोली- मैं तुझे कब से चाह रही हूँ लेकिन तुम हो कि मेरे हाथ ही नहीं आ रहे हो।

उसने पूछा- क्या तुम मुझे प्यार नहीं करते हो?

मैं कुछ नहीं बोल पाया, मैं घबरा गया तो वो बोली- घबराओ मत, मैं किसी को कुछ नहीं बताऊँगी।

आखिर मैंने हाँ में सर हिला ही दिया।

वो मुझे चूमने लगी और उसकी जूठी हुई चाय मुझे पिलाने लगी, मैं उसको अपनी जूठी चाय पिलाने लगा। चाय खत्म होने के बाद वो रसोईघर में गई और सब बर्तन रखकर बाहर आई।

आते ही वो बोली- तुम मेरे बेडरूम में जाओ, मैं 5 मिनट में आती हूँ।

ऐसा कहकर वो बाथरूम में चली गई। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉंम पर पढ़ रहे हैं।

कुछ देर के बाद जब वो बाहर आई तो मैं उसे देखते ही रह गया। वो गुलाबी रंग की नायटी पहन कर आई थी। गुलाबी रंग की नायटी में वो बहुत ही गजब की दिख रही थी, मानो कोई अप्सरा हो !

क्या बताऊँ आपको उसके बारे में। नायटी में से उसकी पीले रंग की ब्रा और पैन्टी दोनों ही बहुत साफ़ दिख रही थी। मैंने तुरंत ही उसकी नायटी निकाल दी और उसके लाल लाल होंठों को चूमने लगा। चुम्बन करते समय वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी।

हमने करीब 15 मिनट तक चुम्बन किया। फिर उसने मुझे बिस्तर पर गिरा दिया और वो मेरे ऊपर आकर जोर जोर से चूमने लगी। उस समय मेरा हाथ फिरते फिरते उसकी गाण्ड पर जा टिका। मैं अब उसकी गाण्ड सहला रहा था।

थोड़ी देर बाद वो उठी और मेरे सारे कपड़े उतार दिए। मेरा लंड देख कर उसकी आँखे चौड़ी हो गई। फिर मैंने भी उसकी नाईटी उतार दी, अब वो सिर्फ ब्रा और पैन्टी थी और फिर मैंने उसके पूरे बदन को चूमना चालू कर दिया, वो तड़प रही थी, उसके मुँह से सिसकारियाँ निकल रही थी- वो आ…ऊ…सी.. आंह.. कर रही थी, वो पूरी तरह से गर्म हो चुकी थी।

मैंने उसको पूरी नंगी कर दिया वो बहुत ही सुन्दर दिख रही थी।

मैंने उसके चूचों को चूसना चालू किया तो उसे और भी मजा आने लगा था। थोड़ी देर बाद वो बोली- मुझे तुम्हारा लंड चूसना है।

मैंने तुरंत ही उसे 69 की अवस्था में आने को कहा वो तुरंत ही आ गई, वो मेरा लंड और मैं उसकी चूत चाटने लगा।

उसके मुँह से फिर से सिसकारियाँ निकलने लगी- आ…ऊ…. उई माँ…..ओह सक मी…..और जोर से चाटो मेरी चूत।

करीब 5 मिनट के बाद उसकी चूत ने कामरस छोड़ दीया और मैं वो सारा रस पी गया, मुझे उसका रस बहुत ही अच्छा लगा।

थोड़ी देर बाद मैं भी उसके मुँह में झड़ गया और वो सारा का सारा रस पी गई।

अभी भी मैं उसकी चूत चाट रहा था। दोस्तो, में एक बात बताना भूल गया कि उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था, शायद उसने उसी वक्त उसके बाल साफ़ किये थे, इससे उसकी चूत बहुत ही अच्छी लग रही थी। उसने मेरा लंड चाट चाट कर फिर से खड़ा किया और बोली- अब मत तड़पाओ ! मैं मरी जा रही हूँ तुम्हारा लंड चूत में लेने के लिए।

थोड़ी देर बाद में उसको बिस्तर पर लेटने को कहा और मैं उसके ऊपर आकर उसकी चूत पर लंड फिराने लगा। वो तड़पी जा रही थी मेरा लंड लेने के लिए।

अब मैं अपना लंड उसकी चूत में डालने लगा तो वो कराहने लगी, उसे दर्द हो रहा था क्योंकि उसकी चूत कसी हुई थी और दो दिन पहले ही उसकी माहवारी पूरी हुई थी, ऐसा उसने मुझे बताया।

मैंने 3 इंच लंड अन्दर डाला तो वो तड़पने लगी और बोलने लगी- इसको बाहर निकालो वरना मैं मर जाऊँगी।

थोड़ी देर मैं उसके स्तन और होंठ चाटने लगा। थोड़ी देर बाद वो अपने आप ही बोली- अब दर्द कम है, तुम चालू करो।

मैंने तुरंत एक झटका दिया और लंड थोड़ा अन्दर गया कि उसके मुँह से सीत्कार निकलने लगी- ओ या …ओ य़ा….ओ यहा…..ओह होहोह स्सस्स।

अब मैंने देर ना करते हुए पूरा का पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया। वो अपना सर तकिये पर पटक रही थी। अब हम दोनों ही पूरे जोश में आ गये थे।

वो बोलती जा रही थी- फक मी राहुल… राहुल फक मी…

और सीत्कारें निकाल रही थी। 15 मिनट बाद उसका शरीर अकड़ने लगा। वो गाण्ड उठा उठा कर मेरा साथ दे रही थी और वो झड़ गई।

मैं तो नौजवान था इसलिए मेरा अभी बाकी था। उसके झड़ने के बाद मैंने पूरे 30 शॉट लगाये और फिर मैं भी झड़ गया और उसकी चूत में ही सारा माल डाल दिया।

वो अब बहुत ही खुश नजर आ रही थी, मैंने उसे पूछा तो उसने बताया- मेरे पति का तो बहुत ही छोटा और पतला है।

फिर थोड़ी देर मैं उसके ऊपर ही लेटा रहा और उसको चूमता रहा। वो फिर से गर्म होने लगी। इस बार मैंने उसको मेरे ऊपर लिया और चोदने लगा। अब वो भी मेरे ऊपर उछल उछल कर अपने आपको चुदवा रही थी।

थोड़ी देर बाद मैंने उसको कहा- तुम घोड़ी बन जाओ।

वो बन गई। अब की बार मैंने उसको पीछे से चोदा। वो जोर जोर से सीत्कारियाँ निकालने लगी। मैंने मेरा लंड उसकी चूत से निकाल कर उसकी गाण्ड में डाल दिया। वो अब बहुत ही तड़प रही थी, मुझसे छुटने की कोशिश कर रही थी। मैंने उसको जोर से पकड़ रखा था इसलिय उसका छुटना नामुमकिन था।

वो मुझे गालियाँ दे रही थी- बहनचोद… भोसड़ी के… मेरी गाण्ड फटी जा रही है और तू हंस रहा है। मादरचोद… तेरा लंड पूरा का पूरा खा जाऊँगी।

मैंने उसकी एक न सुनी और उसकी गाण्ड पेलता ही गया।

15 मिनट की दूसरी चुदाई के बाद मैंने उसको कहा- मेरा निकलने वाला है।

उसने कहा- इस बार मैं तेरा माल मेरे मुँह में लेना चाहती हूँ क्योंकि मुझे गाण्ड मरे हुए लंड का स्वाद चखना है।

थोड़ी देर बाद जब मैं झड़ने वाला था तो मैंने तुरंत ही उसकी गाण्ड में से लंड निकाल कर उसके मुँह में दे दिया और इसके साथ मैंने उसका मुँह भी चोदा। करीब 5 मिनट बाद मैं उसके मुँह में ही झड़ गया और वो मेरा साल माल पी गई और मेरा लंड भी अपनी जीभ से साफ़ कर दिया।

उसने मुझे कहा- ऐसी चुदाई मैंने आज तक नहीं की है। तुमने मुझे आज पूरा मजा दिया अगली बार अब मैं तुझसे ही चुदाऊँगी।

और मेरे होठ पर चुम्बन दे कर वो बाथरूम की ओर चली गई। थोड़ी देर बाद अब वो अपने कपड़े पहन कर बाहर आई और मैंने अपने कपड़े पहने।

इसके बाद हमें जब भी मौका मिलता है, हम चुदाई करते हैं। उसने मुझे एक और भाभी से मिलवाया, उस कहानी के लिए इंतजार करिए।

दोस्तो, यह थी मेरी सच्ची कहानी।

आपको मेरी कहानी कैसी लगी। मुझे आपके मेल का इंतजार है।

[email protected]

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: storyrytr@gmail.com. Starting price: $2,000