मेरी बहन और जीजू की अदला-बदली की फैंटेसी-14

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अब तक की मेरी इस मस्त सेक्स कहानी में आपने पढ़ा था कि हम चारों मर्द शर्त जीतने के बाद उन चारों मस्त चुदक्कड़ लड़कियों की चुदाई कर रहे थे. मैं दवा खाकर जिया की गांड मारने में लगा रहा.. फिर मैंने उसकी चुत भी चोदी और झड़ कर बैठ गया.

अब आगे:

जिया- ओह गॉड.. तुम तो एकदम पागल हो गए थे. अविनाश- चलो आखिर में शेर शांत हो ही गया. मैं- अभी तो शेर और शिकार करेगा.

मेरी बात पर हम सभी हंसने लगे.

मैं- सुनो मैं बियर लेने जा रहा हूँ.. किसी को चाहिए क्या? अविनाश ने हंस कर पूछा- बियर लाने जा रहे हो.. या फिर से वायग्ररा की गोली लेने? मैंने भी हंस कर कहा- नहीं.. इस बार सिर्फ बियर. आकाश- राज सबके लिए लाना. मैं- ओके.

चित्रा- जिया.. राज ने तुम्हारी चुत लाल कर दी. जिया ने दोनों पैरों से चुत छुपाते हुए कहा- यह तुम्हारे भाई की मेहरबानी है. नताशा- राज वैसे तो एक जैन्टलमेन्ट दिखता है.. लेकिन चुदाई के समय पता नहीं साला.. पूरा जानवर बन जाता है. आलिया- सभी मर्द ऐसे ही हैं. अविनाश- आप चारों भी कम नहीं हैं. चित्रा- तुम लोगों की वजह से.. जब देखो तब सिर्फ चुदाई करने में लगे रहते हैं. नताशा- हां.. इन्हें तो चुत दिखी नहीं और लंड घुसाया नहीं.

वो सभी हंस रहे थे, तभी मैं सबके लिए बियर की ठंडी बोतलें लेकर आ गया.. मैं सभी को एक बोटल देकर जिया के पास बैठ गया.

मैं- किस बात पर हंस रहे हो. नताशा- तुम चारों जिस तरह से हमारी चुदाई करते हो, उस बात पर हम हंस रहे थे. अविनाश- एक बात समझ नहीं आ रही कि औरतें गांड मरवाने पर इतना क्यों चिल्लाती हैं. चित्रा- तुम अपनी गांड में राज का लंड लो.. तब पता चलेगा. आलिया- भाभी आईडिया अच्छा है. नीरज- अरे नहीं यार ये नहीं सकता. नताशा- क्यों हमें तो पेलने में मजा आता है. आकाश- आप लोग तो बनी ही हो पिलवाने के लिए. नताशा- क्या? आकाश- अरे डार्लिंग मैं तो मजाक कर रहा हूं. मैं- वैसे आप चाहो तो हमारी गांड मार सकती हो. अविनाश- राज तू क्या बोल रहा है? मैं- लेकिन उसके बाद हम आप चारों के साथ फाईव सम करेंगे. एक औरत और चार मर्द का चुदाई का खेल. आलिया- हमें नहीं मारनी आप लोगों की गांड. आकाश- राज तुमने आईडिया तो अच्छा निकाला है.. अब यह हमें नहीं डराएंगी. चित्रा- चलो अब अन्दर चलते हैं.. अविनाश खाना बाहर से आर्डर करवा लेना. अविनाश- ठीक है. मैं- दीदी आप जरा इधर ही रुकना, मुझे आपसे बात करनी है. अविनाश- बात करनी है या फिर चुदाई करनी है. चित्रा- वो मुझसे बात करे या चुदाई.. इससे तुम्हें कोई प्रॉब्लम है? अविनाश- नहीं.. मैं तो मजाक कर रहा था. चित्रा- कहीं जलन तो नहीं हो रही न अविनाश कि तुम्हारी बीवी को कोई और चोद रहा है? अविनाश- चलो.. हम चलते हैं. इन दोनों भाई-बहन को अकेला छोड़ दो.

फिर वो सभी खड़े होकर अपने कपड़े लेकर चले गए और दीदी खड़ी होकर मेरे पास आ गईं.

दीदी- चल बता.. क्या बात करनी है? मैं- दीदी मैं आलिया से शादी करना चाहता हूं. दीदी- हां तो कर ले न.. किसने रोका है. मैं- थोड़ा प्रॉब्लम है. दीदी- कैसा प्रॉब्लम? मैं- आज सुबह मुझे डैड का कॉल आया था कि डैड के दोस्त राजीव अंकल अपनी बेटी का रिश्ता मेरे साथ करना चाहते हैं. दीदी- तुम डैड को बता दो कि तुम आलिया से प्यार करते हो. मैं- नहीं बता सकता. दीदी- क्यों? मैं- क्योंकि राजीव अंकल की बेटी रिया मेरी अच्छी दोस्त है. जब जिया ने मेरे साथ ब्रेकअप कर लिया था.. तब मेरी उदासी देखकर उसने मुझे प्रपोज किया था. लेकिन मैंने रिया को मना कर दिया था. दीदी- तो इसमें क्या प्रॉब्लम है. मैं- मैंने रिया को प्रॉमिस किया था कि अगर एक साल के अन्दर जिया नहीं मिली, तो मैं तुमसे शादी कर लूंगा और तब तक मेरे जिंदगी में कोई नहीं आएगी. दीदी- इतना बड़ा राज. यह बात किसी को पता है. मैं- हम दोनों के सिवाय किसी को नहीं पता है. दीदी- तुम जिया को इतना प्यार करते थे. मैं- हां बिल्कुल. दीदी- अब समझ में आया कि आज सुबह डैडी का कॉल आया और तुम इसी वजह से जिया को इतना बेरहमी से चोद रहे थे. मैंने सच कहा न! मैं- हां दीदी.. मगर आप किसी को बताना मत. दीदी- तुम आलिया को प्यार करते हो. मैं- बहुत ज्यादा. दीदी- तो रिया को तुम इस बारे में बता दो कि तुम आलिया से प्यार करते हो. मैं- नहीं बता सकता. अगर मैंने बता दिया, तो वो नाराज हो जाएगी. दीदी- तुम्हें गर्लफ्रेंड भी चाहिए और दोस्त भी.. कहीं उसके साथ भी.. मैं- दीदी ऐसा कुछ नहीं है. दीदी- ठीक है.. रिया को मैं जानती हूँ. वो मेरी बात जरूर सुनेगी. लेकिन यहां से जाने के बाद तुंरत आलिया के बारे में मॉम-डैड से बात कर लेना. मैं- ओके दीदी. दीदी- मोस्ट वेलकम.

फिर हम दोनों किस करने लगे, जिससे मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया था. मैं दीदी के ऊपर चढ़कर उनको लेटाकर उनके दोनों पैरों को ऊंचा करके मैंने बहन की चुदाई शुरू कर दी. दीदी भी चुदाई का मजा लेने लगीं.

दीदी- आहह ओह याह यस राज फक मी.. उम्मह आहह ओह आहह… चोद भाई और जोर से चोद.. तुम्हारे लंड ने मुझे घायल कर दिया है. तुम बहुत अच्छे बहनचोद हो. मैं- तारीफ के लिए थैंक्स दीदी.

दीदी की कामुक आवाजें सुनकर मैंने अपनी धक्के मारने की स्पीड को बढ़ा दिया. मैं पूरे जोश में लंबे झटके के साथ दीदी को पेल रहा था.

तभी मेरे ऊपर चढ़ गईं और मैंने अपना खड़ा लंड दीदी की गांड में घुसा दिया. अब दीदी अपनी गांड उछालकर चुदवा रही थीं और मैं भी पूरे जोश में चोद रहा था. फिर मैंने दीदी को अपने ऊपर गोद में बैठाकर गांड में लंड घुसा दिया. दीदी भी अपनी गांड उछाल कर चुद रही थीं. मेरे दोनों हाथ दीदी की कमर पर थे, जिससे मैं दीदी की कमर उठा उठा कर उनकी गांड चुदाई कर रहा था. दीदी बीच-बीच में चुदते हुए मुझे किस भी कर रही थीं. दीदी के कातिलाना चूचे मेरे सामने उछल रहे थे. मैं उनके कातिलाना मम्मों को दबाने लगा.

मैं- दीदी मेरा होने वाला है.. क्या मैं अपना माल आपकी चुत में डाल सकता हूं? दीदी- ठीक है.

उनकी हामी मिलते ही मैं दीदी को लेटाकर उनकी चुत में लंड घुसाकर तेजी से चोदने लगा. तभी दीदी झड़ गईं. वो फिर भी चुद रही थीं. तीस सेकंड के बाद मैं भी झड़ गया और मैंने सारा माल दीदी की चुत में डाल दिया.

अब दीदी के पैर नीचे करके मैं उनके पास बैठ गया. मैंने दीदी को अपने लंड तरफ झुकाया और दीदी बिना कुछ बोले मेरा लंड चूसने लगीं. इस समय ऐसा लग रहा था कि मैं और तमन्ना भाटिया दोनों नग्न अवस्था में सोफे पर बैठे हों.. और तमन्ना भाटिया बड़े मजे से मेरा लंड चूस रही हो.

तभी वहा पर आलिया नग्न अवस्था में आ गई और मैं उसको देखकर मुस्कराने लगा. दीदी को इस बात का पता चला, तो वो भी रुक गईं.

आलिया- अगर आप दोनों भाई-बहन का खेल खत्म हो गया हो, तो खाना आ गया है. चित्रा- ओके अभी आए. आलिया- सुनो कपड़े मत पहनना.

आलिया जब अन्दर जा रही थी, तब मैं उसकी गांड को गौर से देखने लगा. फिर हम दोनों अपने कपड़े लेकर अन्दर आ गए. आलिया को नग्न देखकर मुझे लगा कि जीजा जी आलिया को पेल रहे होंगे इसलिए वो नग्न थी. लेकिन जब हम अन्दर गए, तब वहां सभी नग्न अवस्था में थे.

मैं- आप सभी ने कपड़े नहीं पहने हैं? जीजा जी- आज हम बिना कपड़े खाना खाएंगे. चित्रा- यह किसका आईडिया है? जीजा जी- यह मेरा आईडिया है.

वहां पर सभी नंगे थे. तो हम दोनों भी कपड़े एक तरफ रख कर उन सभी के साथ बैठ गए. इस समय हम सभी नग्न अवस्था में बैठकर खाना खा रहे थे.

अविनाश- नीरज तुम्हें चित्रा कैसी लगी? नीरज- बहुत अच्छी और सेक्सी. चित्रा- शटअप. अविनाश- अरे यार.. मैं तो बस नीरज से उनका रिव्यू ले रहा था कि तुम्हारे साथ सेक्स करके कैसा लगा. चित्रा- शटअप.

फिर हम सभी ने मजाक-मस्ती करते हुए खाना खत्म किया. खाने के बाद हम चारों मर्द सोफे पर बैठकर मूवी देखने लगे. कुछ मिनट के लिए वो चारों अपने कमरे में चली गईं.

आकाश- हमारी बीवियां तो अन्दर सोने चली गई हैं.. लेकिन आज हम उनको सोने नहीं देगें. अविनाश- यह बात तुम सही कह रहे हो. तो कौन किस की बीवी को पेलेगा? मैं- मैं नताशा के पास जाऊंगा. नीरज- मैं आलिया के पास. आकाश- अविनाश तुम जिया के पास चले जाओ.. मैं चित्रा के पास जाता हूँ. अविनाश- ओके डन.

फिर हम खड़े होकर अपने अपने पार्टनर के कमरे में चले गए. मैं जब नताशा के कमरे में गया, तब वो बाथरूम में नहा रही थी, इसलिए मैं बिना कुछ बोले चुपचाप बेड पर बैठ गया.

करीब पांच मिनट बाद नताशा नहाकर लंबा नाइट ड्रेस पहनकर बाहर आती हैं. वो मुझे देखकर बोली.

नताशा- राज तुम इधर? मैं- क्यों नहीं आ सकता? नताशा ने मस्ती करते हुए कहा- इधर आने की परमिशन सिर्फ मेरे हसबैंड को है. मैं- अभी मैं ही तुम्हारा हसबैंड बन गया हूँ.

नताशा मुझे देखकर कातिलाना स्माइल करने लगी. फिर वो अपने बाल को संभालने लगी. इधर मैं बिस्तर पर नग्न अवस्था में लंड सहलाते हुए उसका इन्तजार कर रहा था.

नताशा- तो आकाश किसके पास गया है? तुम्हारी प्यारी दीदी के पास या तुम्हारी सेक्सी गर्लफ्रेंड के पास. मैं- दीदी के पास. नताशा- तुम इधर क्या करने आए हो?

तभी मैंने खड़ा होकर नताशा को पीछे से बांहों में ले लिया और हम दोनों आईने की ओर देखने लगे.

मैं- तुमसे प्यार करने आया हूँ. नताशा- कैसा प्यार?

मैंने नताशा को अपनी ओर घुमाया और उसके होंठों को चूमने लगा. नताशा भी बिना देर किए मेरा साथ देने लगी. तभी मेरा लंड तन गया. हम दोनों किस करने लगे. चूमाचाटी के बाद मैंने नताशा का नाइट ड्रेस निकाल दिया और उसे घुमाकर पीछे से उसके कातिलाना मम्मों को दबाने लगा. नताशा मदहोशी की हालत कामुक आवाजें कर रही थी. मेरा तना हुआ लंड उसकी गांड को छू रहा था.

मैं नताशा के मम्मों को दबाते हुए उसकी चुत को सहलाने लगा, लेकिन नताशा ने मुझे रोक दिया. फिर मैंने नताशा को घुमाकर अपना लंड मुँह में लेने का इशारा किया. नताशा मेरा इशारा समझकर घुटने के बल बैठकर मेरे लंड को हाथ में लेकर सहलाने लगी और फिर लंड को मुँह में लेकर लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी.

नताशा ब्लोजॉब करते समय बहुत सेक्सी लग रही थी.

कुछ देर लंड चुसवा कर मैंने नताशा को खड़ा करके बेड पर पटक दिया और उसके ऊपर चढ़कर उनके होंठों पर किस करने लगा. मैं नताशा की गर्दन को चूमने लगा और ज्यादा उत्साहित होकर उसकी गर्दन पर लव बाइट दे दिया. नताशा भी चुदने के लिए पूरी तरह से मूड में थी, इसलिए उसको इसका कोई असर नहीं हुआ. हम चारों ने हॉल में से वायग्ररा की गोली खा ली थी.. इसलिए उसका असर अब होने लगा था. जिसकी वजह से मैं नताशा के बदन को बेताबी से चूमने लगा.

मैं बदन को चूमते हुए नताशा की गीली चुत चाटने लगा. वो सीत्कार कर रही थी.

‘आहहह उम्मह उहह आह…’

नताशा- राज अब कन्ट्रोल नहीं हो रहा है.. प्लीज़ फक मी. मैं- कंडोम किधर है. नताशा- अभी तुम मेरे पति हो.. इसलिए कंडोम के बिना भी चोद सकते हो. मैं तुम्हारे माल को चुत में महसूस करना चाहती हूं.

ये सुनकर मैंने बिना देर किए लंड को चुत पर सैट किया और जोर का धक्का लगाकर उसे चोदने लगा. वायग्ररा के असर की वजह से मैं तेजी से चुदाई कर रहा था और नताशा दोनों पैर ऊंचे करके मेरी पीठ को दोनों हाथ से जकड़कर कामुक आवाजें कर रही थी.

नताशा- आह ओ यस आहहह ओह राज कम ऑन फक माय पुसी सो गुड.. याह उम्मह ओह यस फक फक…

नताशा के नाखून मेरे पीठ में लगभग रहे थे. वैसे भी उन चारों औरतों के नाखून मेरी पीठ पर लग चुके थे. अब मुझे ऐसे दर्द की आदत पड़ गई थी.

इस समय कमरे में फच फच फच की आवाजें गूंज रही थीं. अभी चारों कमरों में चुदाई चल रही थी.

किसी कमरे में किसी की बीवी चुद रही थी, तो किसी की बहन चुद रही थी, तो किसी की भाभी चुद रही थी.

इस समय मेरी बहन, एक्स गर्लफ्रेंड और मेरी सेक्सी गर्लफ्रेंड तीनों चुद रही थीं.

फिर मैं नताशा को घोड़ी बनाकर उसकी गांड मारने लगा. ऐसी स्थिति में उसके चूचे हवा में झूल रहे थे. मैं लंबे लंबे झटके मारते हुए नताशा को पेल रहा था और वो कामुक आवाजें कर रही थी.

नताशा- आह उह ओह चोद बहनचोद फक माय एस. मैंने गांड पर चपत मारकर कहा- आह चुद साली आहह.

नताशा की गांड लाल हो चुकी थी. करीब पांच मिनट बाद बिना रुके नताशा की गांड मारने के बाद मैं नताशा को वापस लेटाकर उसकी चुत पेलने लगा.

करीब बीस मिनट बाद मैं हांफते हुए नताशा की चुत में झड़ गया.

मैं- ओह मजा आ गया.

नताशा भी बेदम होकर लम्बी सांसें ले रही थी.

मैं भी नताशा के पास लेट गया. नताशा भी मेरी ओर देखकर स्माइल करने लगी.

मैंने उसे चूमा, तो वो मुझे चूम कर खड़ी होकर बाथरूम में चली गई. करीब पांच मिनट बाद वो बाहर आ गई और ड्रावर से एक गर्भ निरोधक की गोली लेकर मेरे पास लेट गई.

दोस्तों चुदाई का मजा अभी और भी आना बाकी है. इस मस्त सेक्स कहानी को अगले भाग में आगे पूरे विस्तार से लिख कर आपके लंड चुत गरम करूंगा. तब तक आप मुझे मेल कीजिएगा.

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कहानी जारी है.

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