अच्छे से करो ना !-2

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प्रेषक : आयु राजा

अन्तर्वासना के सभी पाठकों को आयु राजा का प्रेम भरा अभिनंदन !

आप सबका शुक्रिया जो आप सबने मेरी पहली कहानी को इतना पसंद किया..

मैं अब आपके सामने आगे की कहानी प्रस्तुत कर रहा हूँ, आशा करता हूँ यह भी आपको बहुत पसंद आएगी।

मेरी घरेलू नौकरानी सोनी ने मुझसे चुद कर संतुष्ट होकर कहा- साहब, अपने मुझे वो सब दिया है जो आज तक मेरे पति ने नहीं दिया है, मैं इसका अहसान कैसे चुकाऊँगी?

मैंने भी तपाक से बोल दिया- तू मुझे रोज खुश कर दिया कर..

“चल हट…” कह कर वो भाग गई।

मैंने दरवाजा बंद किया और मैं नहाने चला गया…

इतने में फिर से घंटी बजी, मैंने सोचा- वही साली होगी !

मैंने तौलिया लपेटा और चल पड़ा दरवाजा खोलने !

मेरा लण्ड उसको सोच सोच कर फिर से खड़ा हो गया, तौलिये से लण्ड का उठान साफ झलक रहा था।

जैसे ही मैंने दरवाजा खोला, ज़ोर का झटका, यारो जोर से लगा !

काली स्कर्ट और बदन से चिपकी सफेद टी-शर्ट पहने हुए एक लड़की… उसके स्तन जैसे लग रहा था कि अभी टी-शर्ट फाड़ कर बाहर आ जाएँगे।

मीठी सी आवाज़ में उसने पूछा- कैसे हो राजा?

हाय ! दिल घायल सा हो गया ..

राजा ! राजा ! राजा ! उसकी मीठी मीठी आवाज़ कानों में गूँज रही थी..

“अंदर आओ..’

वो अंदर आ गई, मुझे ऊपर से नीचे घूर रही थी, उसकी नज़र मेरे लण्ड पर जा रही थी बार बार..

तभी मैंने भी मौके पे चौका मारा- कभी देखा नहीं है क्या?

“क्या?”

मैं बोला- कुछ नहीं..

आप लोग यह जानने के लिए बेताब होंगे कि वो कौन थी…

वो थी प्रिया ‘कातिल हसीना’ हमारी पड़ोसन.. पटाका, चिकन तंदूरी !

मैंने कई बार उसको सपनों में ठोका है, वो मेरी बीवी की अच्छी सहेली है…

और मुझ से भी बात कर लेती है उसके साथ साथ…

“आप क्या कर रहे थे राजा जी?” उसने बड़े प्यार से पूछा।

मैंने कहा- मुझे इस हालत में देख कर तुमको क्या लगता है?

उसने आँखों से मेरे लण्ड की तरफ इशारा कर के बोला- इस हालत में !

और वो हँसने लगी !

मैं सकपका गया- अरे यार, मैं नहाने जा रहा था कि तुम आ गई। खैर, तुम बैठो, मैं कपड़े पहन कर आता हूँ।

मैं अपने कमरे में गया और झट से शॉर्ट्स पहनने लगा कि अचानक मेरी नज़र आईने पर गई, प्रिया मुझे झांक-झांक कर देख रही थी !

मेरे मन में तो लड्डू फ़ूटने लगे।

मैं बाहर आया और कहा- वैसे नरेश कहाँ है आजकल? दिखाई नहीं दिया है दो तीन दिन से?

“नरेश आउट ऑफ स्टेशन गये हुए हैं।” वो बोली।

“ओह ! तो तुम भी मेरी तरह अकेलेपन का जीवन जी रही हो प्रिया?”

“हाँ…”

“वैसे एक बात पूछूँ तुमसे? यह सोनी को क्या हुआ? वो भागे भागे क्यों जा रही थी? कहीं तुमने कुछ..?”

“प्रिया, तू भी ना कुछ भी बोलती रहती है.. !”

“नहीं, अभी अभी तो तुम कह रहे थे कि तुम अकेलेपन के शिकार हो और 15 दिनों से बेरोज़गार हो..?”

“नरेश भी तो नहीं है 2-3 दिन से…? कहीं तुम भी बेरोज़गार तो नहीं हो?” और मैं हंस पड़ा ज़ोर से।

वो बड़ी उदास होकर बोली,”आज 8 दिन हो जाएँगे उसे !”

मैं सब समझ गया और कहा,”तुम उदास मत हो डार्लिंग ! मैं हूँ ना ! तुम क्या लेना पसंद करोगी प्रिया?” मैंने पूछा।

वो बोली,”तुम्हारे पास जो सबसे अच्छा हो वो दे दो…”

मैं जब तक कुछ ग़लत समझूँ, उसने तपाक से कहा,”तुम मुझे क्या दे सकते हो?”

मैंने कहा,”जो तुम बोलो, चाय, कॉफी, कोल्ड ड्रिंक, बियर, विस्की, वोड्का..!”

“उम्म्म्मममम”

“बियर पिओगी प्रिया? मज़ा आ जाएगा ज़िंदगी का…”

थोड़ी हिचकिचाहट के बाद बोली,”हाँ !”

मेरी तो निकल पड़ी…

प्रिया मैं तो रोज करता हूँ, आज तुम मेरे लिए करो…

वो गुस्से में बोली,”क्या मतलब है तुम्हारा?”

मैंने कहा- खातिरदारी यार ! वैसे तू क्या समझी? बता तो सही?”

“चुप कर तू !” बड़े सेक्सी अंदाज में बोली वो।

सारी तैयारी हो गई, अब जश्न बाकी था..

प्रिया फटाफट से खोल ! अब रहा नही जा रहा है।

क्या खोलूँ राजा?

मैंने कहा- फिलहाल तो सिर्फ़ बोतल खोल, बाकी तो मैं संभाल लूँगा…

उसने बड़े ज़ोर से मुझे कोहनी मारी और कहा- बदमाश कहीं के !

उसने बीयर की बोतल खोली, एक ग्लास भरा और दूसरा ग्लास लेने के लिए बोतल अपने टाँगों के बीच में रखी..

मैंने कहा- यह बोतल की जगह नहीं है प्रिया डार्लिंग !

वो लाल हो गई, गुस्से में नहीं, शर्म के मारे !

दोनों मज़े ले रहे थे कि दोनों के ग्लास खाली हो गये।

मैंने कहा- अब मैं डालूँगा तुम्हारे में…

मैं धीरे से उसकी कुर्सी के पीछे गया उसके पास रखी बोतल उठाई और बीयर ग्लास में डालने लगा।

प्रिया ने ग्लास अपने सीने से लगा रखा था, मैंने जैसे ही बीयर डालना शुरू किया उसने ग्लास हिला दिया, शायद जानबूझ कर !

बीयर उसके सीने पर गिरी।

सॉरी तो बोलना ही था मैंने ! चाहे यह उसने जानबूझ कर भी किया हो !

मैंने कहा- प्रिया, प्रिया ! आई एम रियली वेरी सॉरी !

और मैंने जेब से रुमाल निकाला और उसकी शर्ट सॉफ करने लगा।

बीयर ठंडी थी जिसके कारण उसकी कड़क हो गई चूचियाँ शर्ट से साफ नज़र आ रही थी।

उसके मम्मे ओह मेरा मतलब शर्ट साफ करते करते उसके मम्मों को छेड़ दिया मैंने।

प्रिया बोली- यह क्या कर रहे हो…?

मैं भी अकड़ कर बोला- किया तो तूने सब ! नाम मेरा ले रही है? फिर भी सॉरी बोला ना तुझे?

“तू भी ना मेरी हर बात दिल पे ले लेता है राजा.. !”

मैं बोला- अभी ली कहाँ है तेरी…?

“तो फिर लो ना ! मैंने मना कब किया है तुझे?” कह कर वो खड़ी हो गई।

मैंने अपना ग्लास नीचे रखा और उसके पीछे जाकर चिपक गया, उसके हाथ से ग्लास लेकर नीचे रखा, वो इससे पहले कुछ बोलती, मैंने अपनी उंगली उसके होंठों पर रख दी और कहा- श्श…

मेरे हाथ उसकी कमर पर थे और मेरा लण्ड उसकी गाण्ड चूम रहा था।

धीरे धीरे उसकी कमर सहलाते हुए मेरे हाथ उसकी गाण्ड पर पहुँच गए थे।

क्या गाण्ड थी उसकी ! माँ कसम छूने से इतना मज़ा आया तो चोद कर कितना आएगा ?

मन में लड्डू फ़ूटने लगे मेरे !

इतने में एक प्यारी सी आवाज़ आई- आहह !

मैंने धीरे से उसके कान में कहा- नाइस एस !

और उसके कान चूसने लगा।

वो इतना जल्दी गर्म हो जाएगी, मैंने सोचा ही नहीं था।

मैंने धीरे धीरे उसकी स्कर्ट ऊपर करके पैंटी नीचे सरका दी और उसकी गीली चूत में उंगली करने लगा।

उसने मेरे हाथ पकड़े और अपने मम्मों पर रख दिए, कहने लगी,”अच्छे से करो ना ?”

फिर क्या था, हरी झंडी मिलते साथ ही मैंने उसको गोद में उठा लिया और अपने बेडरूम में ले गया, उसे पलंग के किनारे पर बिठा दिया, मैं नीचे झुका और उसकी चूत में घुस गया।

काली स्कर्ट में गुलाबी चूत, वो भी एकदम चिकनी ! भेनचोद कयामत थी !

उसकी चूत की भीनी-भीनी खुशबू मुझे पागल किए जा रही थी, चूत चाटने का इतना मज़ा मुझे पहले कभी नहीं आया था, मेरी ज़ुबान उसकी चूत में थी और वो आ आहहा एयेए इसस्स सिसकारियाँ भरे जा रही थी।

वो झड़ चुकी थी।

मैंने उसे खड़ा किया और उसकी टी-शर्ट और काली ब्रा भी उतार दी।

प्रिया एकदम नंगी थी मेरे सामने ! चिकनी चूत और मखमली मम्मे ! जी कर रहा था कि खा जाऊँ भेनचोद को ! फिर उसने मेरी टी-शर्ट उतारी और तम्बू बनी मेरी शॉर्ट्स के ऊपर से मेरे लण्ड से खेलने लगी।

मैंने उसका हाथ पकड़ कर अपने शॉर्ट्स में डाल दिया। मैंने अंडरवियर नहीं पहना हुआ था, मेरा लण्ड पकड़ कर वो लाल हो गई।

मैंने फिर उसे कहा- चूस इसे !

उसने छी कहते हुए मना कर दिया।

मैं उससे बोला- चूत चटवाने में तो बड़ा ही मज़ा आ रहा था? उस वक़्त छी कहाँ गया था तेरा? नरेश का कभी चूसा नहीं है क्या तूने?

“नहीं ! उसने कभी कहा ही नहीं मुझे !”

मैंने कहा- और तेरी चूत?

वो बोली- फटाफट पेल कर सो जाता है।

चल अब जल्दी से चूस मेरा ! फिर तुझे जन्नत की सैर करवाता हूँ !” कह कर मैंने अपनी निक्कर उतार दी।

“अरे, बाप रे !”

मैंने उसका सिर पकड़ा और अपना लण्ड उसके मुँह में दे दिया और कहा- चूस मुझे भी तो मज़ा दिलवा !

उसने धीर धीरे चूसना शुरू किया, मुझे बहुत मज़ा आ रहा था, थोड़ी देर चुसवाने के बाद हम दोनों 69 की अवस्था में आ गये।

माँ कसम ! चाटने-चुसवाने का ऐसा आनन्द पहले कभी नसीब नहीं हुआ मुझे !

“चोदो राजा ! चोदो मुझे जल्दी से ! आ आह, रहा नहीं जा रहा है !”वो चिल्ला कर बोली।

मैंने फिर उसे सीधा किया और अपना लण्ड उसकी चूत में दे मारा।

एक जोरदार चीख के साथ- “मादरचोद मार डालेगा क्या तू?” मुझे वो बोली।

मैंने कहा,” बेनचोद, कह तो ऐसे रही है कि पहली बार चुदवा रही है तू? तू तो बस अब जन्नत का आनन्द ले !” कहते हुए उसे ठोकना जारी रखा।

फ़चक फ़चक आहहा एयेए ऊओ ऊउ बेडरूम में यही आवाज़ आ रही थी।

वो एक बार फिर से झड़ गई पर मेरा काम जारी था। अब मेरा भी छूटने वाला था, मैंने कहा- अंदर या बाहर?

‘तू मादरचोद मुझे घर से निकलवाएगा क्या? बाहर कर !”

मैंने अपना लण्ड उसकी चूत से बाहर निकाला और उसके मम्मों और मुँह पर पिचकारी चला दी।

“यह क्या किया राजा तूने?”

मैं बोला- तूने ही तो कहा था कि बाहर कर ! मज़ा नहीं आया क्या तुझे प्रिया?

उसने शर्म से सिर झुका लिया।

“शर्म मत कर बेनचोद ! अभी तो तेरी गाण्ड भी मारनी है !”

प्रिया बोली,” मादरचोद सब आज करेगा तो कल क्या करेगा?”

वाह ! वाह ! वाह ! यह सुनकर फिर से मन में लड्डू फूटे।

“चल ठीक है, तेरी गाण्ड का नंबर कल लगाऊँगा ! अभी चल बाथरूम में !”

हम दोनों बाथरूम में गए, एक दूसरे को अच्छी तरह से नहलाया, फिर तैयार होने के बाद वो बोली,”राजा, बहुत मज़ा आया ! सच में मैं जन्नत में थी तुम्हारे साथ !”

उसने मेरे होंठों को चूमा और कहा,”अच्छा अब मैं चलती हूँ राजा !”

जैसे ही वो पलटी, मैंने उसकी गाण्ड पर एक दे मारा और कहा,”जान, कल तेरी बारी है !”

यह सुन कर वो शरमा कर भाग गई।

तो दोस्तो, कैसे लगी आपको मेरी यह कहानी?

अपने विचार मुझे मेल करें !

आपका अपना आयु राजा

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