कामिनी की बाहों में-2

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: storyrytr@gmail.com. Starting price: $2,000

लेखिका: अलीशा अपनी पिछली कहानी में मैंने आपको बताया था कि कामिनी ने मुझे उसके और कपिल के मिलन की बात बताई थी।

अब आगे सुनिए :

आह अह्ह हाँ! ये ये ये भी किया था अश… अह कपिल ने! कामिनी बोली।

और मैंने उसका पूरा का पूरा दूध अपने मुँह में ले लिया तो मज़ा आ गया। और कामिनी ने मेरा चेहरा थाम कर अपने दूधों में घुसा लिया और सिर झटक कर मचलने लगी- आ आ इए अलीशा! धीरे प्लीज ऊफ़ ऐई री! माँ! धीरे से! न आअह! बहुत अच्छा लग रहा है! आह! पूरा! पूरा चूसो न! ऊफ़ मेरा दूध आह! अलीशा सची ऐईए ऐसे नहीं! न काटो मत प्लीज! उफ़ तुम तो अह कपिल से अच्छा चूसती हो! आअह आराम से मेरी जान!

और वो मेरे दूध दबाने लगी- सच्ची कितनी नरम दूध हैं तेरे अलीशा! मुझे दो न प्लीज अलीशा!

तो मैंने होंठ अलग किये उसके दूध से और देखा तो उसका दूध मेरे चूसने से लाल और थूक से चिकने हो रहे थे।

मैंने जैसे ही दूसरा दूध मुँह में लेना चाहा वो सिसक उठी- आह अलीशा! प्लीज मुझे दो न अपनी ये प्यारी प्यारी चूचियाँ! कितनी मुलायम हैं!

उइ सच्ची? मैं उसकी चूचियाँ मसलने लगी तो मैंने उसके गीले लाल होंठ चूम लिये। कामिनी मेरी चूचियाँ चूसने लगी!

और मेरे मुँह से आवाजें निकलने लगी- अह आअह कामिनी! आराम से मेरी जान! आह! और! और क्या किया था कपिल ने बताओ न!

तो मेरे दूध पर से अपने चिकने गुलाबी होंठ हटाते हुए मुस्कुरा कर बोली- और कुछ नहीं करने दिया मैंने!तो मैंने पूछा- क्यों कामिनी! दिल नहीं चाहा तुम्हारा।

वो मेरे ऊपर से उतर कर अपने पैर फैला कर बैठी और मुझे भी अपने से चिपका कर बिठा लिया और मेरे दूधों से खेलते हुए बोली- अलीशा, सच दिल तो बहुत चाहा लेकिन मैंने अपने को बड़ी मुश्किल से रोका क्योंकि डर लग रहा था।

और मेरे दूधों पर ज़बान फेरने लगी तो मेरी आंखें बंद हो गई मज़े में!

मेरा हाथ उसके चिकने मुलायम पेट पर आया और मैं उसकी गोल नाभि में ऊँगली घुमाने लगी- आह कामिनी! सच्ची कितनी लम्बी ज़बान है तुम्हारी! मैं क्या करूं! आह मेरे दूध आऐ ए माँ! अह्ह! धीरे! ना! इतनी ज़ोर से मत नोचो मेरे दूध! आह आह ओह ऊ ओफ़ कामिनी प्लीज नहीं! आअह हन हाँ अन बस ऐसे ही चूसे जाओ बहुत मज़ा आ रहा है!

अलीशा! मेरी जान, सच्ची कहाँ छुपा रखे थे ये प्यारे-प्यारे दूधु तूने! तो मैं शरम से लाल हो गई उसकी बात सुनकर और उसकी एक चूची ज़ोर से दबाई तो वो चिल्ला कर हँस पड़ी- ऊऊउइ माँ अलीशा। तो मैंने उसके होंठ चूम लिये।

कामिनी! हूम्म!

तुमने बताया नहीं कपिल और क्या कर रहा था या करना चाह रहा था?

तो वो शरमा कर मुस्कुराई- अलीशा! वो तो! हाँ बोलो ना कामिनी प्लीज!

तो कामिनी ने मेरा हाथ अपनी सलवार के नाड़े पर रखा और धीरे से बोली- वो तो इसे खोलने के मूड में था।

फिर कामिनी?

मैंने रोक दिया उसे!

क्यों कामिनी? क्यों रोक दिया? बेचारा कपिल!

कामिनी मेरे गाल पर ज़ोर से काट कर हंस दी- बड़ी आई कपिल वाली!

मैं भी ज़ोर से चिल्ला कर हंस दी- ऐ कामिनी बताओ ना क्यों रोक दिया?

तो वो मुसकराई, मैंने कह दिया- ये सब अभी नहीं!

और वो फिर मेरे दूध चूसने लगी ज़ोर ज़ोर से तो मैं पागल हो उठी- आह कामिनी! आराम से मेरी जान!

और मैंने उसकी सलवार खोल दी तो वो चौंक गई और मेरा हाथ पकड़ कर बोली- ये! ये क्या कर रही हो अलीशा?

तो मैंने उसके गीले रस भरे होंठ चूम लिये- मेरी कामिनी जान! कपिल को नहीं तो मुझे तो दिखा दो!

वो मुझसे लिपट कर मेरे पूरे चेहरे पर प्यार करने लगी- हाय मेरी अलीशा! कब से सोच रही थी मैं! आह मेरी जान!

और एकदम से उसने मेरी सलवार भी खोल दी और उसका हाथ मेरी चिकनी जांघों पर था।

मैं मज़े में चिल्ला पड़ी- ऊऊउइ शा..आ..लू!! ना..आ.. हाय!!

वो मेरे होंठ चूस रही थी और मेरी जांघें सहला रही थी, मैं मचल रही थी- नहीं कामिनी! प्लीज मत करो! आ..इ..ए ऊ..ऊ.. ओ..फ़ ना..आ..ही ना! ओह मैं क्या करूँ!

और उसने एकदम से मेरी जलती हुई चूत पर हाथ रखा तो मैं उछल पड़ी- हाय रे! आह! ये क्या कर दिया कामिनी!

मुझे कुछ होश नहीं था, उसका एक हाथ अब मेरी चूत सहला रहा था जो बुरी तरह गरम हो रही थी, दूसरे हाथ से वो मेरा दूध दबा रही थी और उसकी लम्बी गरम ज़बान मेरे मुँह में हलचल मचा रही थी।

मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मेरी चूत झड़ने वाली है। मैंने उसे लिपटा कर उसके चूतड़ों पर हाथ फेरा तो वो मचल उठी और मैं भी मस्त हो गई।

उसकी सलवार भी उतर चुकी थी, अब हम दोनों बिल्कुल नंगी थी और बिस्तर पर मचल रही थी- आह अलीशा ऊ..ओफ़ सच्ची, बहुत गरम चूत है! उफ़ कितनी चिकनी है छोटी सी चूत! सच्ची बहुत तरसी हूँ इस प्यारी चूत के लिये मैं! दे दो न प्लीज अलीशा ये हसीन छोटी सी चूत मुझे!

हाय कामिनी! मैं जल रही हूँ! प्लीज! आह! मैं क्या करूँ!

मेरा पूरा जिस्म सुलग रहा था और मैंने कामिनी के नरम-गरम चूतड़ खूब दबाए और जब एकदम से उसकी चूत पर हाथ रखा तो वो तड़प उठी- ऊ..ऊ..उइ नी..ईइ..ना कर!

और मैं तो जैसे निहाल हो गई, उसकी चूत बिल्कुल रेशम की तरह मुलायम और चिकनी थी, खूब फूली हुई!

मैं एकदम से उठी और उसकी चूत पर नज़र पड़ी तो देखती रह गई, बिल्कुल चिकनी चूत जिस पर एक बाल भी नहीं था, कामिनी की चूत लाल हो रही थी।

क्या देख रही हो अलीशा ऐसे?

तो मैं अपने होंठों न पर ज़बान फेर कर सिसकी- कामिनी!!

और एकदम से मैंने उसकी चूत पर प्यार किया तो वो उछल कर बैठ गई।

हम दोनों एक दूसरे की चूत सहला रहे थे।

कामिनी! हू म्म!

कपिल को नहीं दी यह प्यारी सी चीज़? तो वो शरमा कर मुस्कुराई- ऊँ..हूँह!

क्यों? तो वो शरारत से मुस्कुरा कर बोली- तुम्हारे लिये जो बचा कर रखी है। तो मैं हंस दी- हट! बदतमीज़!

सच्ची अलीशा!

वो मेरी चूत धीरे से दबा कर सिसकी- हमेशा सोचती थी कि तुम्हारी यह कैसी होगी?

तो मैं शरमा कर मुसकुराई- मेरे बारे मैं क्यों सोचती थी तुम?

पता नहीं बस! तुम मुझ बहुत अच्छी लगती हो! दिल चाहता है कि तुम्हें प्यार करूँ!

मैंने मुस्कुरा कर उसके होंठ चूम लिये- तो फिर आज से पहले क्यों नहीं किया यह सब?

तो मेरे दूधों पर चेहरा रख कर बोली- डर लगता था कि तुमको खो न दूँ कहीं!

मैंने उसे अपने नंगे बदन से लिपटा कर उसके होंठ चूस लिये, आहिस्ता से उसे लिटा दिया और झुक कर चूत के उभार पर प्यार किया तो वो मचल उठी- आअह्ह..आआह.. अलीशा! मुझे दे दो न अपनी हसीन सी चूत!

ले मेरी जान! मेरे प्यार! और मैंने घूम कर अपनी चूत उसकी तरफ़ की तो कामिनी ने मेरे नरम चूतड़ पकड़ कर नीचे किये और मेरी चूत पर होंठ रखे तो मैं कांप गई- आह.. आह.. आह.. ऊऊ..औइ कामिनी!

और जैसे ही उसकी ज़बान मेरी चूत पर आई, मैं नशे में उसकी चूत पर गिर पड़ी और उसकी चूत पर प्यार करने लगी और चूसने लगी।

हम दोनों की चीखें निकल पड़ी, दोनों के चूतड़ उछल रहे थे।

कामिनी मेरे चूतड़ दबा रही थी और अचानक उसकी ज़बान मेरी चूत के छेद में घुस पड़ी तो ऐसा लगा जैसे गरम पिघलता हुआ लोहा मेरी चूत में घुस गया हो, मैं चिल्ला पड़ी उसकी चूत से झूम कर- आ..ऐ..ई..ए.. मा..अ मर जा..ऊँ..गी.. ना.. आ..अ..हि शलु अर्रररे.. आह.. ऊ..ओम ऊमफ ऊऊओह्ह ओह ओह ह्हह्है ह्हअ आआइ मैं निकल रही हूँ.. ओ कामिनी!

मेरे चूतड़ उछलने लगे और कामिनी के चूतड़ भी मचले और वो भी मेरी चूत में चिल्लाने लगी- अलीशा! चूसो अ आआइउ अयययो मा अर्रर्रर्रे रीईईए आआआअह ऊफ़्फ़ आआह्ह ह्हाआआआ आआअह् ह्हाआआअ!

और मुझे ऐसा लगा जैसे चूत से झरना बह निकला हो!

रोकते-रोकते भी मेरे गले से नीचे उतर गया!

यही हाल कामिनी का भी था।

हम दोनों के चेहरे लाल हो रहे थे, सांसें तेज़ तेज़ चल रही थीं और हम दोनों एक दूसरे से लिपट कर पता नहीं कब सो गये।

मज़ा आया पढ़ कर? कामिनी से बात की थी?

मुझसे बात करोगे? चाहिए मेरा फ़ोन नम्बर?

मुझसे बात करने के लिए यहाँ क्लिक कीजिये

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: storyrytr@gmail.com. Starting price: $2,000