अच्छे से करो ना !

दोस्तो, मेरा नाम आयुष है प्यार से लोग मुझे आयु राजा कहते हैं। मेरी उम्र 28 साल है, शादीशुदा हूँ, घर में मैं और मेरी बीवी हम दोनों ही रहते हैं, मेरा बिज़नेस है और मेरी बीवी हाउसवाइफ है।

बात तब की है जब मेरी बीवी मायके गई हुई थी।

रविवार था, मैं सोया हुआ था कि अचानक दरवाज़े की घण्टी बजी। मैं तपाक से उठा और दरवाजा खोला तो देखा कि एक खूबसूरत औरत दरवाजे पर खड़ी है।

क्या मस्त फ़ीगर थी उसकी !

वो और कोई नही हमारी घरेलू नौकरानी थी।

कयामत लग रही थी साली !

मैंने उसे कहा- कम-इन !

वो अंदर आ गई।

उसका नाम था सोना, हम उसे सोनी कहते थे। उसको काम पर लगे हुए कुछ ही महीने हुए थे, पर जब से वो काम पर लगी है उस दिन से ही मुझे स्माइल देती है, एक दिन तो उसने मुझे आँख भी मारी थी।

मैने उससे कहा था- यह क्या कर रही है?

तो वो सकपका कर बोली थी- आँख में कचरा चला गया था।

मेरे मन में भी उसे चोदने का ख्याल आता था, एक दम सॉलिड माल था।

एक बार वो सफाई कर रही थी, अचानक उसका दुपट्टा नीचे सरक गया, मेरे मुँह से वाओ निकल गया और शायद उसने सुन लिया और मुझे मुस्कुरा कर फ़िर से आँख मार दी।

उसके मम्मे कमाल के थे, जी चाह रहा था कि उन्हें चूस चूस के निचोड़ दूँ !

पर हाय री मेरी मजबूरी ! मेरी बीवी …

अब तो उसका रोज का काम था मेरे सामने झुक झुक कर अपने मम्मे दिखाना सफाई के बहाने !

मैं भी मौका देख कर उसे छेड़ देता था पर अफ़सोस कुछ कर नहीं पाता था।

शायद यही सोच कर खुश होता था कि समय बड़ा ही बलवान होता है।

खैर ! वापिस अपनी कहानी पर आते हैं !

जैसे ही वो अन्दर आई, मैंने उसकी पीठ पर हाथ दे मारा..

आ..ओ..ह ! एक प्यारी सी आवाज आई।

वो बोली- यह क्या कर रहे हो?

मैंने कहा- तुझे छेड़ रहा हूँ !

मैंने पूछा- आज जल्दी क्यों आ गई?

तो उसने बताया- आज कुछ काम से जाना है इसलिए जल्दी आ गई।

मैंने कहा- आज तुझे नहीं जाने दूँगा ! आज तेरी मालिकन घर पर नहीं है !

तो वो गुस्से में मुझे घूरने लगी।

मैंने कहा- क्या हुआ तुझे? तेरा पारा एकदम क्यों चढ़ गया?

उसने कहा- आपके कहने का मतलब क्या है? क्या करोगे मेरे साथ?

अरे पगली ! मैं क्या करूँगा तेरे साथ ? मुझे तो अपने कमरे का पंखा साफ़ करवाना है, इसलिए बोला कि तुझे जल्दी नहीं जाने दूँगा। पर तू न जाने क्या समझ गई।

और मैंने उसे आँख मार दी।

वो शरमा कर लाल हो गई।

वो घर के काम निपटाने में लग गई और मैं अपने कमरे में बिस्तर पर लेट गया। वो कमरे में आई, झाड़ू लगाने के लिए झुक-झुक कर मुझे रिझाने लगी।

मेरा लंड भी तन के खड़ा हो गया।

उसने भी देखा।

मैं बिस्तर पर उठ कर बैठ गया। जैसे ही वो बिस्तर के पास से सफाई करने लगी, मैंने अपना हाथ उसकी गाण्ड पर रख दिया, उसने झटके से मेरा हाथ हटा दिया।

वो अपना काम कर के जाने लगी तो मैंने उसको आवाज़ लगाई- सोनी, रुक तो ज़रा ! अभी कुछ काम बाकी है !

वो बोली- यह आप क्या कह रहे हो?

मैं बोला- तू हमेशा ग़लत मतलब क्यूँ सोचती है?

मन में तो यही चल रहा था कि साली हमेशा सही सोचती है।

आपको क्या काम है मुझसे ? वो बोली।

मैने कहा- पंखा साफ करना है ! थोड़ी देर में हो जाएगा, जल्दी से दोनों कर लेते हैं, मेरी बीवी भी घर पर नहीं है।

मैं चुप हो गया, वो मुझे घूरने लगी।

मैने कहा- वो आएगी तो खुश हो जाएगी कि मेरा पति मेरा कितना ध्यान रखता है।

वो मान गई और बोली- मुझे जाना भी है ! तो जल्दी कर लेंगे !

मैं बोला- बहुत बढिया ! तू जल्दी से स्टूल ले आ ! मैं बाकी की तैयारी कर के रखता हूँ।

वो गई और स्टूल ले आई।

मैंने कहा- चल, जल्दी से चढ़ जा और शुरू हो जा !

वो हंस कर बोली किस पर ?

मैंने भी तपाक से जवाब दिया- फ़िलहाल तो स्टूल पर चढ़ जा !

और मैं भी हंसने लगा।

वो स्टूल पर चढ़ कर पंखा साफ करने लगी, उसका दुपट्टा बार बार सरक रहा था, मैने कहा- इसे मुझे दे दे !

उसने कहा- मुझे शरम आती है !

मैं हंस पड़ा !

उसने पूछा- आप हंस क्यूँ रहे हो?

मैने कहा- जब झुक-झुक कर दिखाती है, तब शरम नहीं आती क्या तुझे?

वो एकदम चुप हो गई, अपना दुपट्टा मुझे दे दिया और पंखा साफ करने लगी।

स्टूल थोडा हिल रहा था, उसने कहा- मुझे पकड़ लो, कहीं मैं गिर ना जाऊँ।

मैं उसके करीब गया और उसे पकड़ लिया। मानो उसको जोरदार करेंट का झटका लगा हो।

मैंने कहा- तू घबरा मत ! तू अपने काम में लगी रह और मैं अपने काम में !

मेरे हाथ उसकी कमर पर थे, मैं धीरे-धीरे अपने हाथ थोड़ा नीचे ले आया तो अचानक वो बोली- आपको केवल यही काम करना है क्या?

मेरे मुंह से हाँ निकल गया।

मर गये बेटा ! मन में ख्याल आया।

वो बोली- तो अच्छे से करो ना !

मेरी तो जैसे किस्मत ही खुल गई। मैंने अपने हाथ उसकी गाण्ड पर घुमाना शुरू कर दिया और अपना मुंह उसके पेट से चिपका लिया।

उसे मानो एक बार फ़िर से झटका लगा और कहने लगी- मज़ा आ रहा है !

फ़िर क्या था, मैं बेकाबू हो गया और उसे अपनी गोद में उठा कर बिस्तर पर ले आया और लेटा दिया और चूमने लगा।

वो आह आह सिसकारियाँ भरने लगी।

फ़िर मैंने उसकी सलवार और कुर्ता उतार दिया। वो काली ब्रा और पैंटी में कयामत लग रही थी।

मैं एक हाथ से उसके मम्मे दबाने लगा और एक हाथ से उसकी चूत मे उंगली करने लगा। उसकी चूत गीली हो गई थी।

पूरा कमरा उसकी सिसकारियों से गूँज रहा था। वो बोली- मेरे राजा ! जल्दी से मेरे ऊपर आ जा !

मैंने कहा- आता हूँ ! आता हू। ! अभी तुझे अपना जलवा दिखाता हूँ !

वो उठी और मेरे कपड़े उतारने लगी। जैसे ही उसने मेरा अंडरवीयर उतारा, मैंने उसके बाल कस कर पकड़ लिए और अपना लंड उसके मुँह में दे दिया।

उसने छी कहते हुए बाहर निकाल दिया। मैंने उसे समझाया पर वो ना मानी।

फ़िर क्या था मैं उसके ऊपर 69 अवस्था मे चढ़ गया और उसकी चूत चाटने लगा।

आआहह आहह आअहह ! मज़ा आ रहा है मेरे राजा ! वो बोली।

मैंने कहा- मेरा लंड मुँह में ले ले ! और भी ज्यादा मज़ा आएगा।

फ़िर क्या था, उसने मेरा लंड मुँह में ले लिया और चूसने लगी, जैसे वो कोई लॉलीपोप चूस रही हो। वो उछल उछल कर अपनी चूत मेरे मुँह में दे रही थी कि अचानक उसने मेरा मुँह अपनी चूत में दबा दिया कस के।

वो झर रही थी और मैं उसकी चूत चाट रहा था।

वो झर चुकी थी और निढाल हो कर लेट गई। मैं सीधा हुआ और उसके मम्मे चूसने लगा।

उसने कहा- बहुत मज़ा आया मेरी जान ! अब मुझे जाने दो !

तुम्हें तो मज़ाआ गया पर मुझे तो लेने दो ना ! मैंने कहा।

उसने कस कर मुझे अपनी बाँहो में ले लिया और कहा- कर लो जितना चाहे कर लो ! जब चाहे कर लो ! कभी भी कर लो !

मैं फ़िर शुरू हो गया उसके मम्मे चूसने और मसलने !

“आराम से ! तुम्हारे ही हैं !” वो बोली।

मैंने झट से उसकी टाँगें फ़ैलाई और अपना लंड उसकी चूत पर रख दिया और उसकी चूत सहलाने लगा।

वो फ़िर से गर्म होने लगी और अपनी चूत हिलाने लगी और कहने लगी- जल्दी से घुसाओ मेरे राजा !

जैसे ही मैने अपना लंड अंदर घुसाया, मुझे कुँवारी चूत का अनुभव हुआ।

मैंने पूछा- कभी पहले लिया नहीं है क्या ?

उसने बताया- नई-नई शादी हुई है, पति का छोटा है !

यह सुन कर मैं और मेरा लंड खुशी से फूला नहीं समा रहे थे और एक ही झटके में मैंने अपना 7′ का लंड उसकी चूत में घुसा दिया।

एक जोरदार चीख से पूरा कमरा गूँज उठा।

मैने अपना हाथ उसके मुँह पर रख कर अपना लंड हिलाना शुरू किया। धीरे-धीरे उसे मज़ा आने लगा और वो मेरा साथ देने लगी। मैं अपने हाथों से उसके मम्मे मसल रहा था और अपना लंड सोनी की चूत में पेल रहा था।

आहा ! आहा ! मार डाला ! मज़ा आ गया ! कहते कहते वो फ़िर से झर गई। मेरा काम जारी था कि मुझे लगा कि मैं भी झरने वाला हूँ तो मैंने अपना लंड निकाल कर उसके मुँह में दे दिया और कहा- चूस !

वो पागलों की तरह मेरा लंड चूसने लगी और मैं उसके मुँह में झर गया।

दोस्तो कैसी लगी आपको मेरे जीवन की यह एक रंगीन कहानी …

आपका अपना आयु राजा