मैं और मेरी बुआ-3

बुआ जैसे ही नहाकर बाथरूम से आई तो उसने केवल लाल रंग ब्रा और काली स्कर्ट पहन रखी थी। बुआ लाल ब्रा में बहुत सुन्दर लग रही थी। उसका गोरा और गीला बदन बिजली की तरह चमक रहा था।

मेरा लण्ड फिर से खड़ा होने लगा था। मैं खड़ा हो कर बुआ को देखने लगा। बुआ भी मुझको देख रही थी पर वो बोली कुछ नहीं। बुआ तैयार होने लगी, उसने अपने बाल खोले और उन्हें संवारने लगी। मैं बुआ को देखता रहा। मेरा लण्ड अब पूरे जोश में आ चुका था। बुआ ने अपनी एक लंबी वाली ज़ुराब उठाई और बेड पर पैर रखकर पहनने लगी। बुआ की एक ज़ुराब बेड के नीचे गिर गई। बुआ जैसे ही उसे उठाने की लिए बेड के नीचे घुसी तो उसकी स्कर्ट ऊपर हो गई। बुआ ने नीचे कुछ भी नहीं पहन रखा था। मेरा मन डोल गया। इससे पहले बुआ बेड से निकलती मैंने अपना लण्ड निकाला और बुआ को कमर से पकड़ कर उसकी ग़ांड के छेद पर रख दिया। बुआ को एक दम झटका लगा और बुआ बाहर निकलने के लिए कोशिश कर रही थी कि मैंने लण्ड पर दबाब बनाया तो बुआ बोली- यह क्या कर रहा है? तू तो मना कर रहा था !

मैंने कहा- बुआ, तू ही तो कह रही थी कि तू मेरे लण्ड की दीवानी हो गई है।

तो बुआ बोली- ठीक है, पर मेरी गांड क्यों मार रहा है इसमें तो बहुत दर्द होगा। यह तो आज तक मैंने तेरे फूफा से भी नहीं मरवाई ! वो भी ज़िद करता है पर मैं दर्द के कारण मना कर देती हूं।

मैं बोला- बुआ अब मैं आज तेरी गांड को खूब मारूँगा।

और मैंने एक हाथ से लण्ड को पकड़ के सही से बुआ की गांड के छेद पर रखा और ज़ोर लगाने लगा पर बुआ की गांड बहुत टाइट थी, बस थोड़ा सा ही लण्ड आगे का टोपा बुआ की गांड में गया। बुआ को दर्द हुआ और बोली- मान जा ! लण्ड बाहर निकाल ! मुझे दर्द हो रहा है !

मैं ऐसे ही धक्के मारता रहा और बुआ के बदन को चूमता रहा। फिर कुछ देर बाद मैंने बुआ को कमर से पकड़ा और एक ज़ोर से धक्का लगाया, अब की बार मेरा लण्ड बुआ की गांड को चीरता हुआ आधा अंदर चला गया। बुआ को बहुत दर्द हुआ और बुआ चिल्लाने लगी- मार दिया रे ! कम से कम इस पर तेल या क्रीम लगा ली होती या थूक ही लगा लिया होता।

मैंने कहा- बुआ, सूखी चूत मरवाने से तो बहुत मज़ा आता है ! अब देख तेरा लंडबाज़ तेरी सूखी गांड भी मार रहा है।

और फिर बुआ की कमर पकड़ कर मैने एक झटका और दिया, मेरा लण्ड पूरा अंदर चला गया बुआ और ज़ोर से चिल्लाने लगी, बुआ बोली- बहनचोद, निकाल इसे ! मुझे दर्द हो रहा है।

पर मैं नहीं माना।

बुआ बोली- मैं तेरे लण्ड को चूसूंगी और हाथ से कर दूंगी।

पर मै बुआ की ज़ोर से गांड मारता रहा। बुआ भी गांड मरवाने को मजबूर थी क्योंकि वो बेड के नीचे फंसी हुई थी। मैं अब अपना लण्ड पूरा बाहर निकाल कर बुआ की गांड में डाल रहा था। फिर मैं एक हाथ बुआ की चूची दबाने लगा और एक हाथ उसकी चूत पर ले गया। वहाँ पर मैंने बुआ की चूत में अपनी दो उंगलियाँ डाल दी। जिससे बुआ का दर्द कम हुआ अब बुआ तीन जगह से मज़ा ले रही थी। दस मिनट बाद बुआ झड़ गई। उसकी चूत का पानी नीचे ज़मीन पर गिर रहा था। फिर बुआ बोली- जल्दी कर ! मुझे क्लिनिक जाना है।

फिर मैं ज़ोर से धक्के मारने लगा, पाँच मिनट के बाद बुआ की गांड में ही झड़ गया और अपना लण्ड बाहर निकाल लिया। बुआ एकदम बाहर निकली और खड़ी हो गई पर उससे सही से खड़ा नहीं हुआ जा रहा था। बुआ ने मेरे लण्ड को पकड़ कर अपनी चूत पर लगा लिया और बोली- तू तो बड़ा ही ज़ालिम है रे ! पर तेरे इस दर्द में बहुत मज़ा आया। तेरे फूफा से तो मैं एक ही बार मना करती हूं तो वो मान जाता है पर मुझे भी इसी दर्द की तलाश थी।

फिर बुआ मेरे लण्ड को ज़ोर से अपनी चूत पर रगड़ने लगी और दो तीन मिनट बाद उसने मेरे लण्ड को छोड़ दिया। और अपनी ज़ुराब और गाऊन पहनकर क्लिनिक चल दी। पर बुआ पर चला नहीं जा रहा था, उसे दर्द हो रहा था। बुआ के क्लिनिक जाने के बाद मैंने वही ब्लू फिल्म देखी जो बुआ ने देखी थी। उस में अलग अलग स्टाइल से चूत और गांड मारी गई थी। मेरा लण्ड फिर खड़ा हो गया मैं बुआ का इंतज़ार करता रहा। मैंने घड़ी पर देखा तो दस बजे थे और बुआ एक बजे आती है। तो मैं कभी अपने लण्ड को हाथ में लेता तो कभी बुआ को याद करके उसकी ब्रा और पैंटी पर मल देता।खैर बुआ एक बजे आई तो मैं बुआ के अंदर आते ही बुआ से चिपट गया और ब्लू फिल्म को चला दिया।

बुआ बोली- रुक तो ! तूने सुबह ही तो मेरी गांड मारी है। अब फिर से करेगा?

मैंने कहा- बोल मत बुआ ! आज अपनी जवानी का सारा मज़ा लूटने दे मुझे।

बुआ भी गरम हो रही थी, मैंने बुआ का वो नर्स वाला गाऊन कस के पकड़ लिया और गाऊन के ऊपर से ही बुआ की चूची चूसने लगा। बुआ और मैं ब्लू फिल्म देख रहे थे। अब बुआ भी मुझे अपनी तरफ खींच रही थी।

फिर क्या था, मैंने नीचे हाथ डालकर बुआ चूत को सहलाना शुरू कर दिया। अब बुआ की चूत गीली हो चुकी थी। बुआ ने एकदम मेरे अंडरवीयर से लण्ड निकाला और चूत पर मलने लगी। फिर मैंने बुआ के गाऊन के बटन खोल दिए और बुआ की ब्रा हटा कर चूची चूसने लगा। बीच बीच में बुआ की चूची के दाने को काट भी लेता था। फिर बुआ का गाऊन ऊपर किया । और मैं एक कुर्सी पर बैठ गया। बुआ भी मेरे लण्ड पर अपनी चूत का छेद रखकर मेरी गोदी में बैठ गई। मैंने बुआ को नीचे किया और अपने को ऊपर झटका दिया। मेरा लण्ड बिना किसी के रोके बुआ की चूत को चीरता हुआ बुआ की चूत में समा गया। बुआ ज़ोर से झटके देने लगी। बुआ मेरा पूरा लण्ड बाहर निकाल कर अपनी चूत में पेल रही थी।बुआ ने एकदम मुझे कसकर पकड़ लिया। मैं समझ गया कि बुआ का काम हो गया है। बुआ खड़ी हो गई। मैंने बुआ को पकड़ा और बेड पर धक्का दे दिया। फिर मैं बुआ का दूध पीने लगा। बुआ की चूची एक दम कड़क हो रही थी।

फिर बुआ बोली- चल, अब मेरी गांड मार !

मैंने बुआ को कुतिया बना दिया और अपना लण्ड बुआ की गांड के छेद पर रख दिया। बुआ ने भी पीछे धक्का लगाया और मैंने आगे धक्का लगाया। मेरा लण्ड आसानी से अंदर चला गया। अबकी बार बुआ को दर्द कम हुआ क्योंकि उसके मुँह से बस सी-सी की आवाज़ ही आई थी। फिर मैं और बुआ ज़ोर से धक्के लगाते रहे। करीब दस मिनट बाद मैंने अपना सारा पानी बुआ की गांड में ही छोड़ दिया। फिर मैंने बुआ की गांड से लण्ड निकाला तो बुआ बैठ कर मेरे लण्ड को चूसती रही। फिर उठी और रसोई में गई और दूध से मलाई लाई और कुछ मेरे लण्ड डाली और कुछ अपनी चूची पर और बोली ले चाट इसे !

मैंने बुआ को बेड पर बैठाया और उसकी एक करके चूची चूसने लगा बुआ को बहुत मज़ा आ रहा था। फिर बुआ ने मुझे पीछे किया और मेरे लण्ड की मलाई चूसने लगी। बुआ अब मेरे लण्ड को जड़ तक चूस रही थी। मेरा लण्ड फिर खड़ा हो गया, बुआ देखकर बोली- ले यह तो फिर चूत और गांड माँग रहा है।

अबकी बार मैं ब्लू फिल्म देखकर करना चाहता था। बुआ को मैंने करवट से लिटाया और खुद उसके पीछे लेट गया। बुआ की मैंने एक हाथ से टांग को ऊपर उठाया और अपने लण्ड को बुआ के गांड के छेद पर रख दिया और एक धक्का दिया । बुआ की गांड में मेरा लण्ड चला गया पर बुआ को इस स्टाइल में दर्द हो रहा था। क्योंकि उसकी टांग धक्कों से ऊपर उठती जा रही थी।

बुआ बोली- इस स्टाइल में दर्द हो रहा है, मैं सहन नहीं कर पा रही हूं।

पर मैं पूरे जोश में धक्के लगाता रहा। फिर ब्लू फिल्म में स्टाइल बदला, करीब पाँच मिनट बाद मैंने भी वही स्टाइल करा। अब मैंने बुआ को खड़ा किया और बुआ का एक पैर बेड पर रखा और दूसरा ज़मीन रखा। फिर अपने लण्ड पर बुआ के पर्स से क्रीम निकाल कर लगाई और कुछ बुआ की गांड पर। फिर मैंने लण्ड बुआ की गांड पर रखा और आगे पीछे करने लगा, लण्ड अभी बाहर ही था। फिर मैंने एक दम ज़ोर का धक्का लगाया और मेरा लण्ड बुआ की गांड में। क्योंकि अबकी बार गांड भी चिकनी और लण्ड भी चिकना था। इससे बुआ को दर्द भी नहीं हुआ। मैंने बुआ की चूची भी दबाई और बुआ की चूत में उंगली भी कर रहा था।

बुआ बोल रही थी- मार अपनी बुआ की गांड मार ! फाड़ दे बेटा आज इसे। मेरे बेटा आज अपनी बुआ की सारी प्यास बुझा दे ! देख तेरी बुआ कितनी जवान लग रही है आज तुझ से गांड मरवाकर ! फिर मैं बुआ की गांड में ही झड़ गया। मै और बुआ बिस्तर पर लेट गये। मैंने घड़ी देखी तो तीन बज गये थे। फिर मैं खड़ा हुआ और ऊपर के बाथरूम मे नहाने चला गया। जब मैं नहाकर आया तो बुआ भी नहा चुकी थी और चाय बना रही थी। मैंने चाय पी और मैं बाहर वाले कमरे में लेट गया। बुआ भी अब आराम करना चाहती थी। मैं सो गया। मेरी आँख करीब सात बजे खुली और मैं बाथरूम में जाकर हाथ- मुँह धोकर आया। मैंने अपने कपड़े पहने और घर आने लगा।

मैं बुआ को कहने के लिए गया, बुआ ने लाल साडी और कट स्लीव का ब्लाऊज़ पहन रखा था। वो अब एक दम नई-नवेली लग रही थी। ब्लाऊज से झांकती हुई उसकी चूची जैसे वो मुझको बुला रही हों। मैंने बुआ का हाथ पकड़ा और बुआ को उल्टा यानी पेट के बल नीचे ज़मीन पर लिटा दिया। बुआ कुछ नहीं बोली क्योंकि उसे पता था कि मैं जा रहा हूं। मैंने बुआ का पेटीकोट साड़ी सहित ऊपर कर दिया और उसकी गांड देखने लगा।

बुआ ऊपर हुई और हाथ टेक कर घोड़ी सी बन गई और बोली- जल्दी जल्दी कर वरना तेरा फूफा आ जायेगा।

इतना सुनते ही अपनी पैंट की ज़िप खोली और लण्ड निकाला और बुआ की गांड में पेल दिया और पूरे ज़ोर से धक्के लगाने लगा। बुआ भी मेरा पूरा साथ दे रही थी ताकि दोनों को जल्दी मज़ा आ जाये। करीब बीस मिनट के बाद मैं बुआ से बोला- मुझे मज़ा आ रहा है।

बुआ बोली- ज़ोर से मार ! मुझे भी अब मज़ा आने वाला है।

मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और झड़ गया। बुआ भी झड़ गई। फिर मैंने बुआ की गांड से अपना लण्ड निकाला और पैंट के अंदर कर लिया। बुआ भी खड़ी हो गई और साड़ी ठीक करके बोली- गेप, वादा करती हूँ कि तुझसे ही गांड मरवाऊँगी, किसी और से नहीं।

और मैं अपने घर आ गया।

इसके बाद मैंने अपनी चाची को चोदा। यह अगले भाग में !

अगर आपको कहानी अच्छी लगी हो तो आगे लिखूंगा।

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