जीजा ने मुझे रंडी बना दिया-12

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: storyrytr@gmail.com. Starting price: $2,000

कहानी के पिछले भाग में आपने पढ़ा कि दोनों सेठों ने मेरी चूत और गांड की चुदाई शुरू कर थी. अभय ने मेरी चूत में लंड को पेल दिया और विवेक ने पीछे से मेरी गांड में लंड को डाल दिया था. मैं उन दोनों के लंड को लेकर मस्त हो गई थी. वो दोनों भी मेजे लेते हुए मेरी चूत और गांड की चुदाई कर रहे थे.

अभय बोला- बंध्या, तू गजब की लड़की है. तेरे जैसी चुदक्कड़ लड़की मैंने सपने में भी नहीं सोची थी. जिस तरह से तूने दर्द सहा और उसके बाद अब उछल उछल कर लन्ड डलवा रही है. बहुत मस्त है तेरी चूत. तेरी तो मैंने सील तोड़ दी साली. तेरे को इनाम भी देना पड़ेगा. अभय ने चोदते हुए ही अपने हाथों की उंगली से एक तोले की सोने की अंगूठी निकाल कर मुझे दे दी.

अपनी चूत चुदवाने का इनाम पाकर मैंने उसको अपनी बांहों में भर लिया. उसके होंठों को अपने होंठों में लेकर चूसने लगी. चुदाई के मजे के साथ ही सोना भी मिल गया था मुझे. उसके लिए मैंने अभय सेठ को थैंक्यू बोला.

फिर विवेक बोला- बंध्या मैं भी तुझे इनाम दूंगा. मैंने भी तेरी गांड की सील तोड़ी है. मैं तुझे शॉपिंग करने के लिए इतने पैसे दूंगा कि तू अपने मन मर्जी के कपड़े, ब्रा और पैंटी खरीद सकती है. तेरे जैसी सेक्सी लड़की के सामने तो मैं सारी दौलत लुटाने के लिए तैयार हूं.

मैं बोली- हां विवेक, तेरा लौड़ा भी गजब का है रे. इसने तो मेरी गांड में बहुत मजा दिया है. एकदम हथौड़े के जैसा लंड है तेरा. तेरे लंड ने मुझे दर्द तो बहुत दिया मगर अब इतना मजा आ रहा है कि मैं बता नहीं सकती. और जोर से चोद मेरी गांड को. मैं तेरे लंड से अपनी गांड को फड़वाना चाह रही हूं.

विवेक बोला- हां बंध्या, तू सच कह रही है. मगर सच तो ये है कि तू एक बहुत ही चुदक्कड़ लड़की है. तेरे जैसी रंडी हमने आज तक नहीं देखी. तूने दो दो मूसल लंड आसानी से अपने दोनों छेदों में एक साथ ले लिये. मगर तू आशीष के साथ शादी करना चाह रही है. हम लोग आशीष से शादी करवाने में तेरी मदद करेंगे. मगर फिर कहीं तू हमें भूल तो नहीं जायेगी? हमें पता है कि तू उससे शादी करने के बाद हम लोगों को अपने पास भी नहीं आने देगी.

मैं बोली- हां ये सच है कि मैं आशीष से ही प्यार करती हूं. उसी से शादी करूंगी. वो मेरी जान है. मगर मैं वादा करती हूं कि उससे शादी करने के बाद भी मैं तुम दोनों अपनी चूत को चुदवाना बंद नहीं करूंगी. मैं किसी भी तरह कोई भी इंतजाम करके तुम दोनों से मिलती रहूंगी. तुम दोनों का बिस्तर गर्म करती रहूंगी. मगर तुम दोनों पहले मुझे ये बताओ कि क्या मैं तुम लोगों को सच में ही अच्छी लगती हूं या नहीं?

अभय बोला- बंध्या रानी, तू हमें इतनी अच्छी लगी है कि मन करता है कि हम तुझको अपने साथ ही उठा कर ले जायें. हम तो तेरे लिए अपनी बीवियों को छोड़ने के लिए भी तैयार हैं. अगर तू कहे तो हम तुझे सारा दिन और सारी दिन अपने नीचे लिटा कर चोदते रहें. बंध्या तेरे बदन की खुशबू, तेरी चूत और गांड का रस कितना मस्त है, तेरे यह मस्त दूध बहुत कड़क हैं.

यह कहते हुए जोर से मेरे दूधों को पकड़ कर अभय चूसने लगा और जोर जोर से अब लन्ड को रगड़ने लगा. मेरी चूत बहुत गीली हो चुकी थी जिससे कमरे में फच-फच की आवाज आने लगी। करीब 20 मिनट लगातार मुझे चुदते हुए हो गए थे.

मेरे चेहरे को अभय अपने हाथ से पकड़ कर मेरे मुंह में अपना मुंह रख कर मेरे होंठों को चाटने लगा. मेरी जीभ निकाल कर चूसने लगा और इतना तेजी से धक्के मारने लगा कि मुझे बहुत मजा आने लगा. मैं भी उसे कस कर पकड़े हुए थी.

अभय बोला- बंध्या तू गजब की माल है, क्या बताऊं, तुझे चोदते हुए लगता है कि अब कभी ना छोड़ूं.

ऐसे में अचानक मेरी चूत में अलग सी गर्माहट आ गई और मैंने जोर से अपनी कमर आगे पीछे करना शुरू कर दिया. मैंने अभय को पकड़ लिया और बोली- कुत्ते अभय… मेरी चूत मेरी फाड़ दे. जोर जोर से चोद… मुझे कुछ हो रहा है। मैं बिल्कुल हवा में उड़ने लगी हूं. कुछ कर अबे साले और जोर से अपना लौड़ा घुसा हरामी.

अभय बोला- बंध्या, समझ गया. लगता है कि तू बस झड़ने वाली है, सुन बंध्या मैं भी झड़ने ही वाला हूं. मुझे भी कुछ हो रहा है. अपन दोनों की परफेक्ट टाइमिंग है. तुझे तो मैं आज साली कचर कचर करके चोदूंगा.

मेरी चूत को अभय जोर से रगड़ने लगा। मेरे बदन में अजीब सी अकड़न आने लगी और मैं अभय से चिपक गई. अभय से मैं बोली- आह्ह चोद दो .. आह्ह मैं गई आहह् .. मां … मैं तो हवा में उड़ रही हूं. अभय मुझे कुछ हो रहा है. पूरा लन्ड पेल दे अंदर. मुझे अजीब सा लग रहा है.

ऐसे सिसकारते हुए मैं अभय से चिपक कर उसे चाटने लगी. अभय की पूरी जीभ अपने होंठों से दबाकर चूसने लगी. तभी मेरी चूत के अंदर से अचानक गर्म गर्म मेरी चूत का रस बह चला. मैं फड़फड़ाने लगी, छटपटाने लगी. मुझसे रहा नहीं जा रहा था.

ऐसा भूचाल मेरी चूत में कभी नहीं आया था। मैं पागल हो चुकी थी. मुझे कुछ होश नहीं था कि मैं क्या कर रही हूं, क्या बोल रही हूं. कुछ भी बके जा रही थी. बहुत ही सेक्सी गन्दी गन्दी गालियां दे रही थी। अभय मेरे होंठों को छोड़ कर मेरे दूधों पर टूट पड़ा.

वो बोला- साली, तू तो खाली हो गई. तेरी चूत का रस कितना गर्म है. बहुत आग है तेरी चूत के अंदर. बड़ी गर्माहट है तेरी चूत में, बंध्या तेरा जीजा कह रहा था कि बहुत देर में खाली होती है. सच में हम दोनों आज वियाग्रा की गोली खाकर आए हैं. अगर गोली नहीं खाकर आये होते तो 10 मिनट से ज्यादा नहीं टिक पाते.

बंध्या तूने तो बीस-पच्चीस मिनट गजब की चुदाई करवाई. तब जाकर अभी खाली हुई है. हमने कई मस्त मस्त लड़कियों को चोदा है पर आज तक कोई भी लड़की दस मिनट से ज्यादा नहीं टिक सकी. मेरी जान बंध्या तूने तो पच्चीस मिनट तक लगातार धक्के सहे और दिल से चुदवाया. गजब का स्टैमिना है तेरा. वैसे मेरा भी काम बस होने वाला है आह्ह … मेरी रंडी बंध्या … मैं तेरी चूत को फाड़ देना चाहता हूं छिनाल.

ऐसा कहते हुए वो अब जोर जोर से अपना लौड़ा मेरी चूत में घुसा घुसा कर धक्के मारने लगा. जब वो पूरी ताकत के साथ मेरी चूत में धक्के लगा रहा था तो अभय का मोटा लन्ड अंदर पूरा जड़ तक घुस जाता और फिर बाहर निकलता. मैं भी उससे लिपट कर चुद रही थी.

तभी दो-तीन मिनट में एकदम से अभय ने कस कर मेरी जांघों में चमाटे मारे और बोला- साली ले, मेरे लन्ड का रस आ गया बता कहां डालूं अपने लंड के रस को? मैं बोली- अभय भर दे मेरी चूत में कमीने कुत्ते. बहुत मस्त है तू अभय आई लव यू. मैं पहली बार उसे आई लव यू बोली. वो भी 50 साल के मर्द को मैं कुछ भी बकने लगी.

उससे चुदते हुए मेरे मुंह से यही शब्द निकल रहे थे- ओह्ह … मेरे राजा बहुत मस्त है तू और तेरा लौड़ा भी बहुत कड़क है. तू पूरा का पूरा लन्ड पेल मेरी चूत में. बहुत प्यासी हूं मैं मेरे राजा।

अभय ने अपने लन्ड का गर्म गर्म लावा एकदम से तेजी के साथ मेरी चूत में उड़ेल कर भरना शुरू कर दिया. मैं मदहोश होने लगी. वो बोला- साली तू बहुत मस्त है लेकिन तू किसी और की जान है. मैं बोली- तू रख ले अपने साथ. तेरे लिए मैं सबको छोड़ दूंगी हरामी. तेरा लंड लेकर मैं मस्त हो गई हूं साले चोदू. इतना मजा मुझे इससे पहले कभी नहीं आया है. मैं तेरे लंड की चुदासी रहूंगी हमेशा.

मेरे ऐसा कहते हुए ही अभय का लंड धीरे धीरे छोटा होने लगा. फिर दो मिनट के अंदर ही उसका लंड मेरी चूत से बाहर आ गया. इधर विवेक भी मेरी गांड को पूरी तेजी से काफी देर से चोदे जा रहा था.

विवेक की उम्र भी कम थी और उसका लंड भी बहुत कड़क था. अब मेरा ध्यान मेरी गांड की चुदाई की तरफ चला गया था. अब अभय मुझे छोड़ कर उठने लगा. वो उठ कर बगल वाले तख्त पर जाकर लेट गया.

विवेक बोला- अब बंध्या मेरी रानी, अब तू मेरी कुतिया बन जा! मैं बोली- चाहे कुतिया बना या घोड़ी, मेरी गांड को फाड़ कर रख दे साले.

जैसे ही मैं कुतिया बनी तो उसने पूरा लंड मेरी गांड के अंदर बहुत जोर से पेल दिया. उसने पीछे से मेरे दोनों दूधों को पकड़ लिया. जोर से मेरी गांड के अंदर अपने लंड को अंदर बाहर करने लगा.

उसके लौड़े ने अब पूरी स्पीड पकड़ ली थी. वो तेज गति के साथ मेरी गांड को चोदने लगा. मैं विवेक की चुदाई से हांफने लगी थी. मेरे मुंह आह्ह ऊह्ह आह्ह की आवाजें आने लगी थी. वो तेजी के साथ मेरे गांड में लंड को धकेले जा रहा था.

करीब पांच मिनट तक वो घोड़ी बना कर मेरी गांड को चोदता रहा. फिर बोला- बता रानी, कैसी लगी चुदाई? मैं बोली- बहुत मजा दे रहा है साले. ऐसा लोहे जैसा लंड है तेरा. मेरी गांड को चुदने में इतना मजा कभी नहीं आया है. पूरा लंड घुसा घुसा कर पेल दे इसमें. मैं और चुदना चाह रही हूं.

वो बोला- अब मैं तेरी चूत का स्वाद लेना चाह रहा हूं मेरी रानी. मैंने कहा- ठीक है.

मेरे कहने पर उसने मेरे पांव को ऊपर उठा लिया. जैसे ही उसने अपने लंड को मेरी चूत पर लगा कर धक्का दिया तो बिना किसी ताकत के उसका लंड मेरी चूत में उतर गया. मेरी चूत को अभय का लंड पहले ही ढीली कर चुका था.

अब विवेक तेजी से मेरी चूत को चोदने लगा. उसने मेरे दोनों को पैरों को अपने कंधे पर रख लिया और अपना लौड़ा पूरा जड़ तक मेरी चूत में घुसा दिया. पूरे कमरे में फिर से फच-फच की आवाज होने लगी. पूरा कमरा चुदाई की आवाज से गूंजने लगा.

मेरी चूत से रस के छींटे यहां वहां मेरी जांघों पर और तख्त पर गिरने लगे. वो बोला- साली तेरी चूत को तो अभय भाई ने चोद चोद कर भोसड़ा बना दिया है. बीस मिनट पहले तक तेरी चूत में अभय का लंड नहीं घुस रहा था. अब देख मेरा लंड भी तेरी चूत में बिना किसी ताकत के मलाई की तरह चल रहा है.

उसने मेरी गर्दन को पकड़ कर जोर से मेरी चूत में लंड को डालना शुरू कर दिया. आवाज इतनी जोर से हो रही थी कि शायद बाहर तक भी जा रही थी. वो तेजी से मेरी चूत को चोदता रहा. तभी विवेक ने मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिये.

वो इतनी जोर से मुझे किस करने लगा कि मैं मदहोश होने लगी. वो मेरी जीभ को निकाल कर उसको चूसने लगा. मैं मदहोशी में उसके लंड के तले चुदते हुए कहीं दूर सैर करने लगी. फिर वो तीन मिनट तक मेरी नाक को चूसते हुए मेरी चूत को पेलता रहा.

उसकी इस हरकत से मैं एकदम से पागल सी हो गई. वो बोला- साली तू इतनी सेक्सी है कि कोई भी मर्द तुझे चोदे बिना नहीं रह सकता है. मुझे भी गर्मी चढ़ती जा रही थी. मैं फिर से झड़ने के कगार पर पहुंच गई थी.

फिर उसने कस कर मुझे पीठ की तरफ से पकड़ लिया. फिर वो जोर से धक्के देने लगा. अब उसका रस निकलने वाला हो गया. वो बोला- बता मेरे रस को कहां लेगी. मैं बोली- जहां मर्जी निकालना चाहता है निकाल दे. वो बोला- मैं तो तेरी गांड को ही भरना चाह रहा था मगर तेरी चूत का टेस्ट भी लेना था. इसलिए बीच में तेरी चूत को चोदने लगा था. अब तो दोबारा से घोड़ी बन जा.

उसके कहने पर मैं फिर से घोड़ी बन गई और उसने एक बार फिर से मेरी गांड को चोदना शुरू कर दिया.

मेरी चूत गांड की कहानी अगले भाग में जारी रहेगी. इस कहानी के बारे में अपनी राय देने के लिए नीचे दी गई मेल आईडी पर मैसेज करें. [email protected]

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: storyrytr@gmail.com. Starting price: $2,000