चैटरूम से बैडरूम तक-2

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एक भाभी मुझसे रोमांटिक चैट करने लगी थी. एक दिन उसने मुझे खुद को वेबकैम पर भी दिखाया तो मेरे बदन में वासना की आग लग गयी. पूरी सेक्स चैट पढ़ कर मजा लें!

दोस्तो, आपने अब तक की मेरी इस सेक्स चैट कहानी में पढ़ा था कि सोनिया नाम की एक भाभी मुझसे चैट करने लगी थी और आज उसने मुझे खुद को अपने वेबकैम पर भी दिखाया था.

वेबकैम पर उसे देखने पर मैं एकदम से गनगना गया था. सबसे ज़्यादा आकर्षक और सेक्सी उसके चुचे थे, जो उस टाइट टॉप में दो तीरों की तरह सीधे तने हुए थे. उन्हें देख कर तो मैं हिल ही गया था. टॉप स्लीवलैस थी और उसकी मांसल नरम नरम बांहें बहुत ही खूबसूरत और सेक्सी दिख रही थीं.

अब आगे की सेक्स चैट:

सोनिया- अब बोलो ना … कैसी है टॉप स्कर्ट? रोहन- बहुत अच्छी है. आप पर खूब जंच रही है.

सोनिया- और बताओ, मैं कैसी दिख रही हूँ. रोहन- वो बताने के लिए मेरे पास अलफ़ाज़ नहीं हैं. बस मैं इतना ही कह सकता हूँ कि कोई अप्सरा भी आपको देख ले, तो जलन के मारे मर जाएगी. सोनिया- बस बस. रोहन- लेकिन मैं स्कर्ट का निचला हिस्सा ठीक से नहीं देख सका. आप कुर्सी पर खड़ी हो कर दिखा सकती हैं?

सोनिया फिर से पीछे हट गयी और एक छोटा सा स्टूल लाकर उस पर खड़ी हो गयी.

जब वह स्टूल पर खड़ी हो रही थी, उसकी स्कर्ट थोड़ी ऊपर उठ गयी, जिसकी वजह से उसकी दूधिया टांगों की छोटी सी झलक दिखाई पड़ी. वो झलक मेरी आंखों में कैद हो गयी.

वह स्टूल पर खड़ी होकर वेबकैम की तरफ देख कर मुस्कुरा रही थी. उसे पता था कि मैं उसे देख रहा हूँ. अचानक उसने अपनी एक टांग हवा में उठा कर पीछे की तरफ मोड़ दी, मानो वह हवा में कोई डांस कर रही हो. ऐसा करने से उसकी स्कर्ट फिर से ऊपर उठ गयी और उसकी दूधिया टांगें एक बार फिर से दिखायी दीं. उसके बाद वह नीचे उतर आयी.

सोनिया- अब बोलो. अच्छी है ना मेरी ड्रेस? रोहन- हां … बहुत अच्छी है. सोनिया- थैंक्स … अच्छा, अब मैं वापस चेंज करके आती हूँ. बस 5 मिनट में आयी.

वह चेंज करने चली गयी और मैं अपनी आंखें बंद करके उन दृश्यों को फिर से देखने की कोशिश करने लगा, जो अभी अभी मैंने वेबकैम पर देखे थे. पांच मिनट बाद वो वापस आ गयी.

सोनिया- आई ऍम बैक. रोहन- वेलकम बैक. सोनिया- तो मिस्टर चम्पू, आपको देख कर लग रहा है मानो आपने कुछ ऐसा देख लिया हो, जो आपको नहीं देखना चाहिए था. उसने आंख मारने वाली स्माइली के साथ ये मैसेज भेजा.

रोहन- सच बताऊं? सोनिया- बिल्कुल. रोहन- मैंने अपने पूरे जीवन में आपके जैसी सुन्दर स्त्री आज तक नहीं देखी. सोनिया- अच्छा … और??? रोहन- आप बहुत ज़्यादा खूबसूरत और हॉट हैं.

सोनिया- ओह्ह गॉड … और? रोहन- मैं आपको देख कर बहुत ज़्यादा थ्रिल और एक्साइटमेंट महसूस कर रहा हूँ. सोनिया- ओह्ह्ह रोहन … इस तरह की बातें मत करो प्लीज. रोहन- आपने ही मुझसे कहा था सच सच बताने के लिए. सोनिया- हां लेकिन तुम्हें अपनी भावनाओं पर थोड़ा काबू रखना चाहिए, ख़ास तौर पर जब तुम मुझसे अपनी फीलिंग्स शेयर करो. रोहन- सॉरी. सोनिया- अरे नहीं … सॉरी होने की कोई बात नहीं है. एक बात बताऊं, तुम्हारा तारीफ करना मुझे बहुत अच्छा लगता है. थैंक्स.

रोहन- थैंक्स तो मुझे कहना चाहिए. सोनिया- अच्छा सुनो, अब मुझे जाना है. अक्षय आता होगा. रोहन- ठीक है. अपना ख्याल रखना. बाय. सोनिया- रोहन … रोहन- हां सोनिया जी. सोनिया- आज जो कुछ देखा, उसके बारे में ज़्यादा मत सोचना. ज़्यादा एक्साइटमेंट हो, तो उसे निकाल देना और आराम करना. ज़्यादा सोच सोच कर दिमाग में टेंशन मत बनने देना. उम्मीद है तुम्हें पता होगा कि एक्साइटमेंट को कैसे बाहर निकालते हैं.

उसने आंख मारने वाली स्माइली भेजते हुए टेक केयर और बाय लिख दिया. इससे पहले कि मैं कुछ कह पाता, वो ऑफलाइन हो गयी.

उसका आखिरी मैसेज मेरे लिए बहुत शॉकिंग था. ‘उम्मीद है तुम्हें पता होगा कि एक्साइटमेंट को कैसे बाहर निकलते हैं.’ ये शब्द बार बार मेरे दिमाग में कौंध रहे थे. बेशक उसे वेबकैम पर उस स्कर्ट में देखने के बाद मैं एक्साइटेड था … क्या वह मुझे हस्तमैथुन करके रिलैक्स होने के लिए कह गयी थी?

निश्चित तौर पर उसका यही मतलब था. उसके अलावा और क्या हो सकता था. और सच बात तो यह थी कि मुझे वाकयी में इस वक़्त अपने खड़े लंड को बिठाने के लिए हस्त-मैथुन करने की सख्त ज़रूरत महसूस हो रही थी.

मैंने अपनी आंखें बंद की और उन सभी दृश्यों को फिर से देखने की कोशिश करते हुए मुठ मारने लगा. मैं बहुत एक्साइटेड था और जल्दी ही झड़ गया. मुझे बहुत ही मस्त और ज्यादा स्खलन हुआ और उसके बाद जल्दी ही मुझे नींद आ गयी.

मैं करीब 5 बजे उठा. मेरा कुछ और काम करने का मन नहीं कर रहा था क्योंकि मेरे दिमाग में सिर्फ सोनिया ही घूम रही थी. मैंने सोचा शायद वो ऑनलाइन होगी और इसलिए कंप्यूटर ऑन करके बैठ गया. वह पहले से ऑनलाइन थी.

जैसे ही मैंने लॉगिन किया, उसका मैसेज आ गया.

सोनिया- थैंक गॉड, तुम ऑनलाइन आ गए आख़िरकार … मैं आधे घंटे से वेट कर रही थी. रोहन- मुझे यक़ीन नहीं हो रहा कि मिसेज़ ब्यूटीफुल मेरा इंतज़ार कर थीं … मैं तो धन्य हो गया. सोनिया ने स्माइली देते हुए- अच्छा अब बस करो.

रोहन- ओके ओके … वैसे एक बात बताइये … आप इस वक़्त ऑनलाइन कैसे? सोनिया- अरे वो मेरे हस्बैंड एक पार्टी में गए हैं. मेरा मन नहीं कर रहा था साथ जाने का, लेकिन अक्षय बहुत ज़िद कर रहा था. इसलिए वो उसे लेकर गए हैं. मैं अकेली बोर हो रही थी, तो सोचा तुमसे बात करूंगी. और देखो, तुम ऑनलाइन मिल गए.

रोहन- ये मेरे लिए बड़े सम्मान की बात है कि आपने मुझे इस लायक समझा … वरना मैं किस क़ाबिल हूँ. सोनिया- अच्छा अब ये शायरी बंद कर दो … मिस्टर चम्पू. रोहन- मैं चम्पू नहीं हूँ. सोनिया- वो तो तुम हो ही.

ऐसा लग रहा था, जैसे वो थोड़े मस्ती के मूड में है.

रोहन- अगर मैं चम्पू होता, तो आपकी सलाह पर अमल नहीं करता. सोनिया- कौन सी सलाह. रोहन- वही जो आपने मुझे दोपहर दी थी, ऑफलाइन होने से पहले. सोनिया- क्या? मुझे तो याद नहीं है.

रोहन- लेकिन मेरे पास आपके सब मैसेज कॉपी किये हुए पड़े हैं. दिखाऊं आपने क्या कहा था? सोनिया- हां दिखाओ. मैंने उनका मैसेज वापिस उन्हें कॉपी करके भेजा.

‘आज जो कुछ देखा, उसके बारे में ज़्यादा मत सोचना. ज़्यादा एक्साइटमेंट हो, तो उसे निकाल देना और आराम करना. ज़्यादा सोच सोच कर दिमाग में टेंशन मत बनने देना. उम्मीद है तुम्हें पता होगा कि एक्साइटमेंट को कैसे बाहर निकालते हैं.’

थोड़ी देर तक उस तरफ से कोई जवाब नहीं आया.

रोहन- हैलो? कहां खो गई मिसेज़ ब्यूटीफुल? सोनिया- ह्म्म्मम्म … यहीं हूँ. रोहन- अब याद आया आपको? सोनिया- ह्म्म्मम्म … रोहन- गुड … वैसे, सलाह के लिए शुक्रिया. मैंने उस पर अमल किया और सच में उसका नतीजा बहुत ही मज़ेदार था. उसके बाद इतनी मस्त नींद आयी कि पहले शायद कभी नहीं आयी.

सोनिया- ओह गॉड … शट अप रोहन. मुझे अब भी यक़ीन नहीं हो रहा है कि मैंने वाक़यी में तुम्हें ये मैसेज भेजा था. रोहन- सच कहूं तो मैं खुद हैरान हो मैसेज पढ़ कर. मुझे यक़ीन नहीं हो रहा था कि आप मुझे क्या करने के लिए बोल कर गयी हैं. आपके मैसेज ने मेरा एक्साइटमेंट कई गुना बढ़ा दिया था और मैं … सोनिया- बस करो रोहन. मुझे शर्मिंदा मत करो. रोहन- आई एम सॉरी. अब इस बारे में बात नहीं करूँगा. सोनिया- थैंक्स. रोहन- थैंक्स टू यू … इतना मज़ेदार ऑर्गैस्म … सोनिया- बसससससस … स्टॉप इट रोहन … नहीं तो मैं चली जाउंगी. रोहन- हाहाहा … सॉरी, मैं बस आपको चिढ़ा रहा था थोड़ा … गुस्से में बहुत अच्छी लगती हो आप. सोनिया- अच्छा जी … तो आप मुझे टीज़ कर रहे थे … देखते हैं कौन बेहतर टीज़ करता है. रोहन- क्या मतलब? सोनिया- बताती हूँ देर में वापस आकर. कहीं जाना मत. मैं 5 मिनट में वापस आयी. रोहन- ओके.

मैं उसके वापस आने का इंतज़ार करने लगा. कोई 6-7 मिनट के बाद उसका मैसेज आया.

सोनिया- वीडियो कॉल करो उधर से.

मैंने वीडियो कॉल की और उसने एक्सेप्ट कर ली.

उसके बाद मैं जो देख रहा था, वो अविश्वसनीय था.

उसने काले रंग का टॉप और लेगिंग पहने हुए थे, जो शायद वो सुबह ही खरीद कर लायी थी. वह कंप्यूटर टेबल के सामने खड़ी थी. उसने अपने दोनों हाथ टेबल पर रखे हुए थे और वह कंप्यूटर स्क्रीन की तरफ थोड़ा झुकी हुई थी और सीधे वेबकैम में देख रही थी. उसके रेशमी लम्बे बाल खुले हुए थे. लेकिन कुछ और ऐसा था, जिसने मेरा सारा ध्यान अपनी तरफ खींचा हुआ था. मैं बिना पलक झपकाए अपनी कंप्यूटर स्क्रीन को देख रहा था. मेरी हालत ऐसी हो रही थी, जैसे मुझ पर बिजली गिर गयी हो.

सामने स्क्रीन पर उसकी बड़ी सी क्लीवेज दिखाई दे रही थी. उसका टॉप काफी टाइट था और उसका गला भी काफी बड़ा था. ऊपर से उसकी चूचियां बहुत बड़ी बड़ी थीं और वह आगे की ओर झुकी हुई थी. सिर्फ उसकी क्लीवेज ही नहीं, बल्कि जिन बड़ी बड़ी चूचियों के बीच में वो क्लीवेज बन रही थी, वो भी काफी अच्छे से दिखाई दे रही थी. ये सीन देखते ही मेरा लंड खड़ा होने लगा.

तभी उसने अपने हाथ कंप्यूटर टेबल से से हटाए और की-बोर्ड पर झुक कर कुछ टाइप करने लगी.

मेरे मुँह से तो हाय निकल गयी … क्योंकि उसके इस तरह झुकने से उसकी चूचियां और ज़्यादा बाहर को आने लगी थीं और क्लीवेज तो अब लगभग पूरी दिखाई दे रही थी. टाइप करने से उसकी चूचियां काफी हिल रही थीं और मेरी हालत उन गोरी गोरी विशाल चूचियों को देख कर और ज़्यादा खराब हो रही थी. और वह मेरी हालत का अंदाज़ा लगा कर मंद मंद मुस्कुरा रही थी.

सोनिया- तो मिस्टर टीज़र, क्या हाल हैं आपके. रोहन- मुझे स्क्रीन पर देखते हुए टाइप करना नहीं आता. टाइपिंग मिस्टेक हो जाए, तो इग्नोर कर देना.

वह अब और ज़्यादा मुस्कुरा रही थी.

सोनिया- हहाहाहा … तो की-बोर्ड की तरफ देख कर टाइप करो ना. रोहन- इस वक़्त मेरे लिए स्क्रीन पर से नज़र हटाना नामुमकिन है. सोनिया- क्यों? क्या हो गया तुम्हें? रोहन- क्योंकि मेरी स्क्रीन पर इस वक़्त जो नज़ारा दिखाई दे रहा है, उससे सुन्दर नज़ारा फिर कभी देखने को मिले या ना मिले, कह नहीं सकता.

उसे मेरी हालत पर हंसी आ रही थी.

सोनिया- अभी से तुम्हारी ये हालत है. सोचो अगर ये पूरे के पूरे तुम्हारे सामने आ गए तो क्या होगा? रोहन- ओह गॉड सोनिया … क्या ये वही होंगे … जो.. सोनिया- यस मिस्टर टीज़र … आपने बिल्कुल सही पढ़ा.

इससे पहले कि मैं कुछ कह पाता, उसने वेबकैम बंद कर दिया.

रोहन- हे सोनिया, सुनो तो … प्लीज बंद मत करो … सोनिया- नहीं, आज के लिए इतना काफी है. अपना मोबाइल नंबर दो. रोहन- मोबाइल नंबर? सोनिया- हां, मोबाइल नंबर. जल्दी बताओ.

मैंने उसे अपना मोबाइल नंबर दे दिया. फिर वो ऑफलाइन हो गयी और 2 मिनट बाद मेरे फ़ोन की घंटी बजी.

सोनिया ऑफलाइन हो गयी और दो मिनट बाद मेरे मोबाइल की घंटी बजी.

सोनिया ने जो क्लीवेज शो मुझे दिखाया था, उसके बाद मैं बहुत एक्साइटेड था. मैंने कांपते हाथों से फ़ोन उठाया. जैसे ही मैंने कॉल रिसीव की, उधर से बहुत ही सुन्दर आवाज़ सुनाई दी.

रोहन- हैलो … सोनिया? सोनिया- यस मिस्टर चम्पू, मैं ही हूँ.

उसके बात करने के अंदाज़ से लग रहा था कि वो थोड़ी मस्ती के मूड में है.

रोहन- हे … मुझे चम्पू मत बोलो. सोनिया- हा हा हा … तुम्हारी हालत देखने के बाद तो मुझे तुम्हें सुपर चम्पू कहना चाहिए. रोहन- अच्छा बस भी करो. जो शो मैंने अभी देखा, उसे देखने के बाद कोई भी मर्द हिल जाएगा.

सोनिया- ना, अगर मर्द तजुर्बेकार हो, तो ऐसा नहीं होता. वैसे, ये कोई शो नहीं था. ये तुम्हारे लिए एक टीज़र ट्रेलर था. रोहन- वैसे मैं आपको याद दिला दूँ, टीज़र ट्रेलर मूवी रिलीज़ होने के पहले चलाया जाता है. सोनिया- मेरे ख्याल से तुम्हारे लिए ट्रेलर ही काफी है मिस्टर चम्पू. रोहन- ऐसा मत बोलो. तुमने खुद ही कहा था. सोनिया- क्या? रोहन- तुमने कहा था ना … ‘अगर पूरे सामने आ गए तो क्या होगा?’

सोनिया ने शरमाते हुए कहा- वो मैंने तुम्हें चिढ़ाने के लिए यूँ ही बोल दिया था. भूल जाओ उस बात को. रोहन- नहीं … वो बातें तो मैं चाह कर भी नहीं भुला सकता. हो सकता है तुमने वो सब मुझे टीज़ करने के लिए कहा हो, लेकिन उस बात ने मेरे मन में बहुत सारी उम्मीदें जगा दी हैं. सोनिया- ओह रोहन. प्लीज ज़्यादा उम्मीदें मत पालो. मुझे डर है मैं तुम्हारी उम्मीदों पर पूरी नहीं उतर पाऊंगी.

रोहन- अरे इतनी सीरियस क्यों हो रही हो. वो सब बाद में देखेंगे. वैसे तुम्हें नहीं लगता कि अब हमें एक दूसरे से मिलना चाहिए. सोनिया- एक बात कहूं. मैं खुद भी यही सोच रही थी, लेकिन मुझे बोलने में शर्म आ रही थी.

रोहन- दैट्स सो स्वीट ऑफ़ यू सोनिया. कल ही मिलते हैं ना. सोनिया- हम्म्म्म … किस टाइम? रोहन- लंच करते हैं साथ में … 12:30 बजे … पिज़्ज़ा हट? सोनिया- नहीं रोहन, 12:30 बहुत लेट है क्योंकि 1 बजे अक्षय के आने का टाइम हो जाता है. हम 11 बजे मिलते हैं. रोहन- ठीक है. लेकिन किस जगह? सोनिया- तुम्हें कोरमंगला मालूम है? रोहन- बिल्कुल … मेरे घर से करीब ही है. सोनिया- ठीक है फिर … कल मिलते हैं 11 बजे. रोहन- परफेक्ट. सोनिया- ग्रेट … सी यू टुमॉरो. बाय. रोहन- बाय.

उससे बात करने के बाद मुझे बहुत अच्छा लग रहा था. अजीब सी फीलिंग हो रही थी. मैं पहली बार डेटिंग पर जा रहा था और वो भी एक बहुत ही हॉट, खूबसूरत और अमीर औरत के साथ. मैं थोड़ा नर्वस था और साथ ही साथ बहुत उत्साहित भी.

मैंने घड़ी देखी तो शाम के 6:30 बज रहे थे. अभी उससे मिलने में 16 घंटे से ज़्यादा टाइम था. लेकिन मेरे लिए एक एक मिनट का इंतज़ार मुश्किल हो रहा था. मैंने सोचा कि उसके फ़ोन पर मैसेज करके उसे ऑनलाइन आने के लिए बोलूं, लेकिन फिर मैं ये सोच कर रुक गया कि ऐसा करने का मतलब होगा बहुत ज़्यादा उतावलापन दिखाना जोकि ठीक नहीं था.

वक़्त गुज़ारने के लिए मैं पास के सिनेमा हॉल में मूवी देखने चला गया. मूवी देखने के बाद मैंने अगले दिन की मीटिंग के लिए कुछ कपड़े खरीदे.

रात में खाना खा कर वापस आते आते मुझे 10:30 बज गए थे. मेरा रूम-मेट लाइट बंद करके 11 बजे सो गया, लेकिन मेरी आंखों में नींद नहीं थी. काफी देर तक मैं ऐसे ही करवटें बदल बदल कर सोने की कोशिश करता रहा, लेकिन मुझे नींद नहीं आयी.

करीब 12 बजे मेरे फ़ोन पर एक मैसेज आया. मैंने चैक किया. ये सोनिया ने ही भेजा था- सो गए क्या रोहन? उसका मैसेज देख कर मेरा मन बल्लियों उछलने लगा.

मैंने जवाब में मैसेज किया- क्या बात कर रही हो. मुझे तो नहीं लगता कि आज रात मुझे नींद आएगी. सोनिया- क्यों, क्या हुआ? रोहन- वो कहते हैं ना ‘बटरफ्लाइज़ इन द स्टोमैक..’. सोनिया- ओह्ह्ह्ह … वैसे एक बात बताऊं? रोहन- हम्म्म्म! सोनिया- मुझे भी नींद नहीं आ रही. रोहन- क्यों? सोनिया- उसी वजह से. ‘बटरफ्लाइज़ इन द स्टोमैक’

रोहन- सोनिया, क्या हम फ़ोन पर बात कर सकते हैं? सोनिया- नहीं रोहन … पतिदेव बाजू में सो रहे हैं. रोहन- ये रात बहुत लम्बी है सोनिया. कैसे गुज़रेगी? सोनिया- मुझे पता है रोहन. लेकिन कल तक का इंतज़ार तो करना ही होगा ना. कहते हैं ना कि सब्र का फल मीठा होता है.

रोहन- लेकिन मुझे मीठा फल नहीं चाहिए. मुझे तो थोड़ा खट्टा-थोड़ा नमकीन फल पसंद है. सोनिया- तुम बहुत बदमाश हो. तुम्हें कैसे पता कि वो फल खट्टा होता है? रोहन- कौन सा फल? सोनिया- ओह गॉड … तुम बातें बनाने में बहुत उस्ताद हो. कैसे फंसा दिया मुझे. रोहन- बताओ ना कौन सा फल. सोनिया- नहीं तुम बताओ, तुम्हें कैसे पता कि वो खट्टा-नमक़ीन होता है. रोहन- मुझे नहीं पता. मैं तो ऐसे ही तुक्का मार रहा था. तुम बताओ ना. सोनिया- मुझे नहीं पता, खुद टेस्ट कर लेना. रोहन- सच्ची? सोनिया- नहीं, झुट्ठी. नॉटी ब्वॉय. रोहन- प्लीज …

सोनिया- देखेंगे. पहले ये बताओ शाम में तुमने क्या किया. रोहन- तुमसे बात करने के बाद मेरे पेट में मीठा-मीठा सा दर्द हो रहा था. बहुत बेचैनी हो रही थी. हर मिनट 1 घंटे की तरह महसूस हो रहा था सोनिया- मैं सोच रही थी कि तुम मुझे कॉल करोगे या कम से कम मैसेज तो करोगे, लेकिन तुमने कुछ भी नहीं किया.

रोहन- मेरा तो बहुत मन कर रहा था तुम्हें मैसेज या कॉल करने का. सोनिया- फिर तुमने किया क्यों नहीं? रोहन- क्योंकि मुझे लग रहा था कि अगर मैं तुम्हें मैसेज या कॉल करूंगा, तो तुम समझोगे कि यह लड़का वाकयी चंपू है. इसे अपनी इमोशंस पर कंट्रोल नहीं है. सोनिया- हट पगले. ऐसा क्यों लगा तुम्हें. मैं बिल्कुल भी माइंड नहीं करती … अगर तुम कॉल करते तो.

रोहन- वेल मुझे लगा कि आपको मर्द पसंद हैं … लड़के नहीं. सोनिया- ओह्ह्ह रोहन … मुझे नहीं पता था कि मैं तुम पर इतना प्रेशर डाल रही हूं. आई एम सॉरी. रोहन- अरे नहीं, आपको सॉरी होने की जरूरत नहीं … आप तो मेरी मदद कर रही हैं. मेरा शर्मीलापन दूर करने में और मेरी मर्दानगी बाहर निकलने में. सोनिया- चलो यह तो कल देखेंगे कि तुम मर्द बन गए हो या अभी भी चंपू हो. रोहन- ठीक है. सोनिया- ओके चलो अभी सो जाते हैं. गुड नाइट. रोहन- गुड नाइट.

रात के 1:30 बज गए थे. मैंने टाइम पास करने के लिए एक किताब पढ़ना शुरू कर दिया और फिर कुछ ही देर बाद मुझे नींद आने लगी.

मेरे ख्याल से अगर आपको नींद ना आ रही हो, तो कोई किताब पढ़ देनी चाहिए. जल्दी नींद आने लगती है.

अगली सुबह मैं 9:00 बजे उठा. फ्रेश होकर थोड़ी चाय पी, फिर ब्रश वगैरह करने के बाद नहाया. थोड़ा डियो और सेंट लगाया और उस दिन की मीटिंग के लिए खरीदे हुए नए कपड़े पहने.

आमतौर पर मैं तैयार होने में सिर्फ 10 से 15 मिनट लेता हूं, लेकिन उस दिन मुझे आधे घंटे से ज्यादा लग गया. आफ्टर ऑल यह एक बहुत खास दिन था. फिर 10:30 बजे मैंने कोरमंगला के लिए एक ऑटो लिया, ज्यादा ट्रैफिक नहीं था और मैं 15 मिनट में ही वहां पहुंच गया.

पिज़्ज़ा हट ढूंढने में भी मुझे ज्यादा परेशानी नहीं हुई और मैं अन्दर जाकर एक कॉर्नर टेबल पर बैठ गया. वहां ज्यादा भीड़ नहीं थी … क्योंकि अभी सिर्फ 11:00 बजे थे.

मैं बेचैनी से सोनिया का इंतजार करने लगा. एक वेटर ऑर्डर लेने के लिए आया तो मैंने उससे कहा कि मैं किसी का इंतजार कर रहा हूं.

वह चला गया. मैंने अपने घड़ी चैक की. 11:10 हो रहे थे. तभी दरवाजा खुला और एक औरत सफेद सलवार सूट में अन्दर आई. उसके बाल खुले हुए थे और आंखों पर काला चश्मा था. वह अन्दर आकर रुकी और अपने चश्मे को माथे पर चढ़ा कर इधर-उधर देखने लगी, जैसे किसी को ढूंढने की कोशिश कर रही हो.

मेरी सेक्स चैट कहानी आपको कैसी लग रही है, प्लीज़ मुझे मेल जरूर कीजिएगा.

[email protected] सेक्स चैट जारी है.

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