मेरी सास की कामवासना-2

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इस गर्म कहानी के पहले भाग में अब तक आपने पढ़ा कि मेरी वासना भरी नजरें मेरी मदमस्त सासू माँ पर न जाने कब से टिकी हुई थीं. मुझे और मेरी बीवी को ये मालूम था कि मेरी सास को अपने पति से चुदाई का सुख नहीं मिल पाता है. आज ससुर के बाहर चले जाने से मैंने मन बना लिया था कि आज सास को चोद कर रहूँगा.

मैंने अपनी बीवी और सास के साथ शाम को खाना खाने से पहले दारू पीने का मूड बना लिया. अभी दारु की महफ़िल सजी हुई थी. अब आगे:

कुछ ही देर में मैंने और मेरी बीवी ने दोनों के अपने अपने पैग बॉटमअप किए. अब मेरी बीवी को सुरूर चढ़ने लगा था तो वो मेरे गले में हाथ डाल कर सोफे पर लगभग लेट सी गई.

मेरी बीवी पर वासना की खुमारी चढ़ने लगी थी और वो कहने लगी- जानू तुमने मेरी माँ को तो खुश कर दिया … मगर अभी तक तुमने मुझे खुश नहीं किया है. यह कह कर वो मुझे गाल पर किस करने लगी और फिर धीरे धीरे वो गालों से नीचे मेरी गर्दन पर आकर मुझे चूसने चाटने लगी. उसने मुझे एक कड़क वाला लव बाइट दे दिया.

यह सब मोहिनी भी देख रही थीं, मगर वो देख कर भी अंजान बन रही थीं. वो टीवी में अपना ध्यान लगाने की एक्टिंग कर रही थीं. बाकी वो छुप छुप कर अपनी नजरें मेरे बॉक्सर में तने हुए लंड पर रखे हुए थीं. मैंने ऐसा देख लिया था.

तभी मैंने अपनी बीवी से कहा- अरे क्या कर रही हो … तुम पागल हो गई हो. क्या अपनी माँ के सामने कोई ऐसी हरकतें करता है क्या … रूको ज़रा सब्र से काम लो. वो और ज़ोर से मुझे काटने लगी … और उसने मेरी गर्दन पर तीन चार जगह लव बाइट्स दे दिए.

अब वो मुझे किस करते करते मेरे शरीर पर हाथ फिराने लगी और मेरे लंड को बॉक्सर के ऊपर से पकड़ कर सहलाने लगी. मैंने अपनी आंखें बंद करके खुद को सोफे के सिरहाने पर टिका दिया और एक लंबी सी आह भर दी.

तो एकदम से मेरी सास ने भी हमारी तरफ देखा और बोलीं- अच्छा अब मैं चलती हूँ … आप दोनों तो शुरू ही हो गए हो … अब आप दोनों से कंट्रोल भी नहीं हो पाएगा. यह कहकर वो उठीं और सेंटर टेबल के और हमारे बीच में से गुज़र कर जाने लगीं. तभी मैंने उनका हाथ पकड़ कर उन्हें भी खींच लिया. वो अपना संतुलन नहीं बना पाईं और सोफे पर ही आकर गिर गईं.

अब मेरी बीवी मोहिनी को देख के हंसने लगी. मैंने मोहिनी को अपनी ओर खींच लिया और उनके बदन पर हाथ फिराने लगा. मैंने अपनी वाइफ को आंख मार के इशारा कर दिया कि आज तुम्हारी माँ को भी उनकी बची हुई जवानी के मज़े दिलवाते हैं.

वो भी इशारा समझ गई और राजी हो गई. वो बोली- हां आज कुछ तूफ़ानी करते हैं. यह कह कर वो उठी और अपनी माँ के पास आकर बैठ गई. उन्हें अपने पैग में से ही पिलाने लगी. अब मोहिनी का हाथ मेरे बॉक्सर के ऊपर मेरे लंड को सहला रहा था और मेरी वाइफ अपने हाथों से मोहिनी को पिलाए जा रही थी. वो अपने एक हाथ से मोहिनी के चेहरे को सहलाए जा रही थी.

धीरे धीरे मोहिनी और मेरी बीवी को सेक्स और वोड्का का नशा चढ़ने लगा था. मेरी बीवी ने अपनी माँ के चेहरे पर किस करना शुरू कर दिया और उनकी पीठ पर अपने हाथ फिराने लगी.

मैंने अपने दोनों पैर उठा कर सेंटर टेबल पर फैला दिए. मेरी बीवी वापस उठ कर मेरी दूसरी तरफ आ गई और मुझसे चिपक गई. मेरी सास अभी भी मेरे लंड को अपनी मुट्ठी में पकड़ कर मेरे बॉक्सर के ऊपर से सहला रही थीं. मेरी वाइफ मेरी टी-शर्ट उठा कर, अन्दर हाथ डाल कर मेरे निप्पलों को सहला रही थी. मैं अपने दोनों हाथों से उन दोनों के मम्मों को उनके कुर्तों के ऊपर से ही सहला रहा था.

तभी मेरी बीवी ने मेरी टी-शर्ट निकाल दी और उठ कर मेरी गोदी में बैठ गई. वो कपड़ों के ऊपर से ही अपनी चुत को मेरे लंड पर रगड़ने लगी. मैंने अपनी सास को अपनी ओर खींच लिया और उनकी गर्दन और कान की लौ पर किस करना शुरू कर दिया. मैंने अपने हाथों से अपनी सास की पीठ, पेट और गांड को सहलाना शुरू कर दिया. उनकी सलवार के ऊपर से ही अपनी उंगलियों से गांड को फैला कर उसमें सलवार घुसेड़ने लगा.

मेरी बीवी मेरे निप्पलों को चूस रही थी और अपनी चुत मेरे लंड पर जोर से रगड़ रही थी. तभी मैंने कहा- रूको जानू ऐसे मज़ा नहीं आ रहा …ज़रा खुल कर मैदान में आओ.

मेरी बीवी तो जैसे तैयार ही बैठी थी. उसने अपनी कुरती उतार दी और अपनी सलवार का नाड़ा खोल दिया. उसकी सलवार सररर करके नीच ज़मीन पर गिर पड़ी. मेरी बीवी ब्लैक ब्रा और ब्लैक पेंटी में मेरे सामने खड़ी थी. मेरी सास लगभग मेरे ऊपर लेट ही गई थीं. मैं सोफे के सिरहाने से अपना सिर टिका कर लेट ही गया.

अब मेरी सास ने बॉक्सर के बाजू से अन्दर हाथ डाल कर मेरे लंड को सहला दिया और अपने हाथों की ग्रिप और मजबूत कर ली. उधर मेरी वाइफ मेरे बाजू में आकर बैठ गई. वो अपनी माँ को देखने लगी.

मेरी सास अपना हाथ मेरे बॉक्सर में डाल कर मेरी जांघों को किस कर रही थी. कभी कभी वो किस करते करते मेरे पेट पर, मेरी नाभि पर … और कभी निप्पलों को काट लेती. पर अभी तक उन्होंने अपने कपड़े नहीं उतारे थे.

तभी मेरी बीवी पीछे से आई और मेरे मुँह पर अपनी चूत रख कर बैठ गई. उसकी पेंटी, उसके प्रीकम से गीली हो चुकी थी और प्रीकम उसकी पेंटी के साइड से बह कर बाहर उसकी जांघों से निकल रहा था.

तभी उसने अपने हाथ पीछे ले जाकर अपनी ब्रा का हुक भी खोल दिया … और दूर झटक दी. उसकी ब्रा मेरी सास के सर पर आकर गिरी. मेरी आंखों के सामने मेरी बीवी के दूध फुदकने लगे.

मैंने लपक कर उसके एक दूध को अपने मुँह में भर लिया और चूसने लगा. फिर मेरी बीवी ने अपनी पेंटी को एक साइड से सरकाया और अपनी नंगी चुत को खोल कर मेरे मुँह पर रख दिया. वो चूत चटवाने के लिए ज़ोर लगाने लगी. वो मेरे मुँह पर जैसे उछलने लगी थी.

उसके मुँह से आवाजें आना शुरू हो गई थीं- आह ज़ोर से जानू … आअज ऊऊहह हमम्म्म जानू … अया आज हम दोनों माँ बेटी को चोद कर खुश कर दो जानू आज हम दोनों का जीवन सफल कर दो … आ मम्मी मैं आई … आआहह ऊओह उउउम्म्म जानू …

यह कह कर उसने ज़ोर से मेरे मुँह पर अपनी चूत दबा दी और उसकी चुत का रस मेरे मुँह में छूटने लगा. मैं किसी कुत्ते के जैसे सड़प सड़प करके उसे चाट गया. कुछ ही पल बाद मेरी बीवी मेरे ऊपर ही गिर पड़ी. उसे नशा भी अधिक हो गया था, पर अभी भी उसकी चूत मेरे मुँह पर ही लगी थी. मैंने उसकी गांड की साइड से हाथ डाल कर उसकी पेंटी को निकाल दिया.

अब मैं उसकी गांड में अपनी एक उंगली चलाने लगा. वो पहले तो थोड़ी कसमसाई, फिर सो सी गई.

तभी मेरी सास बोली- दामाद जी, लगता है, इसे चढ़ गई है … अब इसे सोने देना चाहिए. मैंने कहा- ठीक है मम्मी जी जैसा आप बोलो.

मैंने अपनी बीवी को उठा कर उसी सोफे पर सुला दिया. अब मैं और मेरी सास एक दूसरे के सामने खड़े हुए एक दूसरे को देख रहे थे. पर वो अभी भी कुछ कुछ शर्मा रही थीं.

मैंने कहा- सासू माँ, आपकी बेटी ने तो पूरा नशा ही उतार दिया. वो बोलीं- तो आओ आज बेटी के जगह उसकी माँ आपको नशा करवा देती है.

ये कह कर उन्होंने दोनों गिलास में एक एक लार्ज पैग बनाया और मुझसे चियर्स कहा. मैंने उनकी कमर में हाथ डाल कर उन्हें अपने पास खींच लिया और एक ही सिप में पूरा गिलास पी लिया.

मैं उनकी गर्दन को चाटने लगा और कहा- वाआह … सासू माँ … ऐसा चखना तो मुझे कभी नसीब नहीं हुआ … कहां छुपा कर रखा था आपने इतने सालों तक इसे?

ये कहते हुए मैं उन्हें लेकर बेडरूम में ले गया. वो बेड पर ऊपर चढ़ कर बैठ गईं और बेड के सिरहाने से टिक गईं. मेरी सास ने अपने दोनों पैर मेरे सामने फैला दिए. मैं उनके बाजू में जाकर उनसे टिक गया. फिर मैं अपने एक हाथ से उनके सीधी तरफ वाले गाल को सहलाने लगा. दूसरे हाथ से मैंने उनकी उंगलियों में अपनी उंगलियां फंसा लीं और उन्हें सहलाने लगा.

वो अपने एक हाथ में पैग पकड़े हुए थीं और एक हाथ से वो मेरी पीठ पर सहलाने लगीं.

मैं अभी भी बॉक्सर में था. धीरे धीरे उन्होंने मेरे बॉक्सर के अन्दर हाथ डाल कर अपना हाथ मेरी गांड पर ले लिया और मेरी गांड सहलाने लगीं.

मैंने भी अब उनके पैरों में बैठ कर उनकी क्लीवेज और गर्दन में किस करने लगा. साथ ही मैं अपने दोनों हाथों से उनके ब्लू कुर्ते के ऊपर से ही उनके दूध मसलने लगा. फिर उन्होंने एक झटके में अपना पैग ख़त्म करके गिलास साइड टेबल पर रख दिया. वो थोड़ा नीचे को खिसक आईं और अपने दोनों पैर घुटने से मोड़ कर फैला दिए.

मैं अपना लंड उनकी चूत पर उनकी सलवार के ऊपर से ही रगड़ रहा था. मैं अपने हाथों से उनके दूध दबाते हुए अपने होंठों को उनके होंठों पर रख दिए और अपनी जीभ अन्दर डाल कर उनकी जीभ चूसने लगा.

वो भी अब मेरे साथ दे रही थीं. आअहमम्म हमम्म्म उऊहह … वो ऐसी ऐसी आवाजें निकाल रही थीं कि मेरा लंड मस्त होने लगा था. मेरी सासू अपनी चूत नीचे से मेरे लंड पर दबाने लगी थीं.

तभी मैं उठा और उनके पीछे जाकर बैठ गया. मैंने उन्हें अपने से टिका लिया और उनकी बगलों से हाथ आगे ले जाकर उनके दूध दबाने लगा. साथ ही अपनी टांगों से मैंने उनके पैर और ज्यादा फैला दिए और उनकी चोटी खोल दी. इससे उनके बाल खुल गए और वो मुझे एक हसीन तरीन पोर्न स्टार लगने लगीं.

मैंने उनके बालों को एक साइड में सरका कर उनकी गर्दन पर किस करना शुरू कर दिया. फिर उनके हाथों ऊपर उठा कर उनकी बगलों को सूंघने लगा, तो मानो वो अपना आपा ही खो बैठीं.

वो मेरे हाथ को अपने दूध से सरका कर अपनी चूत पर रखवा कर चूत रगड़वाने लगीं. मेरा वहां हाथ गया, तो पता चला कि उनकी पेंटी, सलवार पूरी चुत रस से सनी पड़ी थी. वो इतना ज्यादा पानी छोड़ रही थीं कि अब तो बेडशीट भी गीली होने लगी थी.

तभी मैंने अपने हाथ उनकी चूत से हटा दिए और उनके कुर्ते के अन्दर डाल कर पेट को सहलाने लगा. मैं उनकी ब्रा के ऊपर से ही दूध दबाने और सहलाने लगा. उन्होंने कहा- प्लीज़ दामाद जी एक बार मेरा पानी निकाल दो … अब मुझसे सहन नहीं हो रहा है … बहुत सालों बाद आज मज़ा आ रहा है.

मैंने उनके कुर्ते को ऊपर उठा कर उनकी गर्दन से निकालते हुए साइड में फेंक दिया. मेरे सामने अब वो ब्रा में बैठी थीं. उनकी पीठ मेरी तरफ थी. सफेद ब्रा में उनकी ब्रा का साइज़ 36D लिखा हुआ दिख रहा था.

मैंने उनकी पीठ पर चूमना शुरू कर दिया. मेरा लंड उनकी पीठ के निचले हिस्से में लग रहा था. मैं ऊपर से उनकी गर्दन, पीठ को छूता हुआ अपने हाथों से उनकी बगलों को सहला रहा था.

फिर मैंने अपनी नाक उनकी बगल में घुसा दी और वहां से जो उनके पसीने की महक आ रही थी, वो मुझे दीवाना करने के लिए काफ़ी थी.

उन्हें मैंने अपनी गोदी में ले लिया था और उनकी ब्रा के साइड से ही हाथ डाल कर उनके बड़े मम्मों को सहलाने लगा था. वो अपनी चुत को ऊपर उठा उठा कर मचल रही थीं.

तभी उन्होंने अपने हाथ पीछे ले जा कर अपनी ब्रा खोल दी. सासू की ब्रा खुलते की उनके दूध पर अपनी पकड़ बन गई. इससे मुझे मम्मे मसलने में और आसानी होने लगी. मैं अब अपनी उंगलियों को उनके निप्पलों के बाजू में फिराता हुआ उनके ऐरोला को सहलाने लगा था. मैं इस तरह से उन्हें और तड़पा रहा था.

उन्होंने अपनी लटकती हुई ब्रा को खींच कर दूर फेंक दी. मेरे सामने मेरी सास मेरी गोदी में अपने नंगे दूध दिखाते हुए लेटी थीं. उनके वो ब्राउन निप्पलों के चारों तरफ चमकता हुआ उनका ऐरोला मुझे अपनी ओर खींच रहा था. मुझसे रहा नहीं गया और मैंने उन्हें उठा कर बिठा दिया.

उन्होंने भी झट से मेरे बॉक्सर की साइड से हाथ डाल कर मेरा बॉक्सर निकाल दिया. मैं समझ पाता कि मेरी सास ने मेरा लंड अपने हाथ में ले लिया. वो मेरे लंड को अपनी सलवार के ऊपर से ही अपनी चूत पर सैट करके मेरे सामने बैठ गईं. मैं अपने हाथों से उनके निप्पलों को दबाते हुए मसल रहा था. वो अपनी गर्दन पीछे डाल कर अपनी चूत को मेरे लंड पर रगड़ने में लगी थीं.

अब मैं जोश में आ गया और मैंने अपने हाथ उनकी पीठ पर फेरने शुरू कर दिए. साथ ही उनकी सलवार के ऊपर से ही उन्हें चोदने लगा. मेरी सास की ये वही सलवार थी, जिसमें मैंने न जाने कितने ही बार मुठ मारी थी. आज उनके इस सलवार को पहने हुए ही मैं नंगे लंड से उस सलवार को गीला कर रहा था. मेरी उत्तेजना चरम पर पहुंचने लगी थी. उधर मेरी सास भी एकदम हॉट हुई पड़ी थीं.

तभी हम दोनों को एक ज़ोर का एहसास हुआ और हम दोनों झड़ गए.

मैंने अपने वीर्य से उनकी सलवार खराब कर दी. वो ऐसे ही उल्टी होकर बिस्तर के दूसरे किनारे से अपने बालों को नीचे लटका कर लेट गईं. मैं उनकी साइड में उसकी बगलों को सूंघता हुआ, उनके कंधे पर सर रख कर लेट गया.

अभी पांच मिनट ही हुए होंगे कि उनका हाथ मेरे लंड पर आ गया और वो उसे सहलाने लगीं. मेरे लंड में से अभी भी थोड़ा थोड़ा वीर्य निकल रहा था. मेरी सास ने मेरे वीर्य को अपनी उंगली में लिया और उसे चाटने लगीं.

ये देख कर दो मिनट में ही मेरे लंड ने फिर से एक अंगड़ाई भर ली और वापस अपने आकार में आ गया.

अब सासू माँ बैठ कर मेरे लंड को अच्छे से चाटने लगीं. तभी मैंने उन्हें लिटा दिया और उनकी सलवार के नाड़े को खोल दिया. नाड़ा ढीला हुआ तो मैंने उनकी सलवार सरका दी.

अब वो मेरे सामने अपनी काली पेंटी में पड़ी हुई थीं. उनकी पेंटी पूरी तरह से भीगी हुई थी. उनके जांघों पर भी चूतरस लगा हुआ था.

मेरी सास मोहिनी की चुदाई की गर्म कहानी का अगला भाग जल्द ही आपको पढ़ने को मिलेगा.

आप अपने मेल मुझे जरूर भेजिएगा. [email protected] कहानी जारी है.

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