चचेरी बहन की सील तोड़ी

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दोस्तो, चुत वाली आंटियों, भाभियों, लड़कियों और लण्ड वालों को मेरा नमस्कार। मेरा नाम प्रीतम है (बदला हुआ) और मैं राजस्थान का रहने वाला हूँ। मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ।

यह मेरी पहली कहानी है जो मैं आप पाठकों के लिए लिख रहा हूँ। यह कहानी मेरी और मेरी चचेरी बहन पुण्या (बदला हुआ नाम) की है। मेरी उम्र 22 वर्ष है और मेरी चचेरी बहन की 19 वर्ष है. वह दिखने बिल्कुल हिरोईन की तरह दिखती है. जब वह चलती है तो बुड्ढों का लण्ड भी खड़ा हो जाता है।

मेरे परिवार में हम 4 सदस्य है मम्मी, पापा मेरा छोटा भाई और मैं! और मेरे चाचा के परिवार में चाचा, चाची, मेरी चचेरी बहन पुण्या और एक चचेरा भाई है। मेरा लण्ड 7 इंच लम्बा और 2 इंच मोटा है. तथा मेरी चचेरी बहन पुण्या के बदन का साईज 32-30-34 है।

बात उन दिनों की है जब मेरी चचेरी बहन की 12वीं की परीक्षा खत्म हो गयी थी तथा वह घर पर ही रहती थी। मेरे कॉलेज की भी लास्ट ईयर की परीक्षा खत्म हो गयी थी तो मैं घर पर ही रहता था।

मेरे चाचा का घर पास में ही होने से मैं वहाँ चला जाता था। मेरे चाचा की दुकान बाजार में है तो वह सुबह से रात तक वहीं रहते थे। मेरी चाची स्कूल में टीचर हैं, वे शाम को 4 बजे तक घर आती हैं। इस तरह घर में मैं और मेरे चचेरे भाई बहन ही रहते थे।

शुरुआत में मैं अपनी चचेरी बहन के बारे में कुछ भी गलत नहीं सोचता था. पर एक दिन मेरा चचेरा भाई दुकान पर गया हुआ था. मैं और मेरी चचेरी बहन पुण्या आपस में बात कर रहे थे तो उसने कहा- भैया, मुझे कॉलेज के बारे में कुछ बताओ. मैं भी अब कॉलेज जाऊंगी.

तो मैं उसे कॉलेज के बारे में बता रहा था. मैंने उसे बताया कि वहाँ लड़के लड़की साथ साथ घूमते हैं. उसने कहा- भैया, फिर तो आपकी भी कोई लड़की दोस्त होगी? तो मैंने हाँ कहा और उसे बताया- जब तू भी कॉलेज जाएगी तब तुझे भी पता चल जायेगा।

फिर बातें करते करते हम मस्ती करने लगे तो अचानक एक छिपकली उसके ऊपर गिर गयी जिससे वह डरकर मुझसे लिपट गयी और कस कर मुझे पकड़ लिया. इस कारण उसके बूब्स तथा निपल्स मेरे सीने दब गये जिन्हें मैं महसूस कर रहा था। इससे मेरा लण्ड खड़ा होकर उसकी जांघों के बीच जा रहा था।

क्योंकि उन दिनों गर्मियाँ थी तो मैं हाफ केप्री में था जिसके कारण वो शर्माकर अलग हो गयी और मेरा लण्ड खड़ा होने के कारण केप्री में तम्बू बन गया जिसे वह बार बार देख रही थी। यह मैंने नोटिस कर लिया था।

पुण्या- भैया, मैं चाय बनाकर लाती हूँ। मैं- ठीक है। मैंने पहली बार अपनी चचेरी बहन को एक जवान लड़की की नजर से देखा।

फिर मैंने अपने मोबाइल में भाई बहन वाली चुदायी की एक कहानी निकालकर रख दी। तब तक वह चाय बनाकर लेकर आ गयी. फिर हमने चाय पी.

तब मैंने उसको कहा- मैं 10 मिनट में आता हूँ. और मैं चला गया। मैं अपना मोबाइल वहीं छोड़ गया था. क्योंकि मेरे चचेरी बहन के पास मोबाइल नहीं था तो वह मेरा मोबाइल चला लेती थी। तो वह मेरा मोबाइल चलाने लगी।

10 मिनट बाद मैं वापस आया तो देखा की वह कहानी पढ़ते हुये अपनी चुत को ऊपर से सहला थी। मैंने उसको आवाज लगायी तो अचानक मेरी आवाज सुनकर वो हड़बड़ा गयी और मेरा मोबाइल रख दिया और बोली- भैया, आप ये गंदी कहानियाँ पढ़ते हो? मैं- हाँ, कभी कभी … पर तुम अभी यह सब क्या कर रही थी? मैंने सब देख लिया।

तो उसने गर्दन नीचे कर ली और बोली- भैया, यह जो कहानी में भाई बहन के बारे में जो लिखा है वो सच्ची है क्या? मैंने पुण्या को बताया- आजकल यह सब होता है. और उसके पास सटकर बैठ गया और उसे भाई बहन की चुदायी वाली कहानियाँ पढ़ने को दी.

मैं उसकी पीठ पर हाथ घुमाने लगा. धीरे धीरे वो गर्म होने लगी तो मैंने हाथ आगे लाकर उसकी चूची पर रख दिया और उसे बोला- पुण्या, मैं तुझे पसन्द करता हूँ. आई लव यू पुण्या। वह मेरी तरफ देखने लगी। पुण्या- मैं भी आपसे प्यार करती हूँ। लेकिन किसी को पता चल गया तो क्या होगा?

मैं- किसी को कुछ पता नहीं चलेगा, हम किसी को बतायेंगे नहीं! और मैंने अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिये और चुम्बन करने लगा. वो भी मेरा साथ दे रही थी।

करीब 10 मिनट तक हम एक दूसरे को चूमते रहे, मैंने उसके गालों और होंठों को खूब चूमा चूसा और चाटा. फिर हम अलग हुये और मैं उसके बूब्स को टीशर्ट के ऊपर से ही दबाने लगा. कभी कभी उसकी चुत को भी सहला रहा था।

तब मैंने उसकी टीशर्ट निकाल दी तथा सलवार के नाड़े तोड़ दिया जिससे उसकी सलवार नीचे गिर गयी. अब मेरी चचेरी बहन मेरे सामने नीले रंग की ब्रा पेंटी में थी तथा उसकी पेंटी से थोड़ी गीली थी।

उसने आँखें बंद कर ली. मैं उसको निहारने लगा और उसको आँखें खोलने का बोला.

फिर मैंने अपने कपड़े निकाले और पूरा नंगा हो गया. फिर उसकी ब्रा पेंटी को अलग करके उसको भी पूरी नंगी कर दिया। अब हम दोनों भाई बहन पूरे नंगे घर में अकेले थे।

मैंने उसके बूब्स को जोर से दबाये और उसके निपल्स चूसने लग गया. बारी बारी निपल्स चूसने के बाद अब उसकी चुत पर आ गया। उसकी चुत पर छोटे छोटे बाल थे। फिर मैं अपनी बहन चुत चाटने लग गया. करीब 15 मिनट तक मैं उसकी चुत चाटता रहा था. इस टाईम तक वो एक बार झड़ गयी थी.

फिर मैंने उसको अपना लण्ड मुँह में लेने को बोला तो उसने मना कर दिया. काफी जोर डालने पर उसने मेरे लण्ड के सुपारे को मुँह में लिया. फिर धीरे धीरे चूसने लगी. पांच मिनट तक वह मेरे लण्ड को चूसती रही और मैं उसके मुँह को चोद रहा था, फिर मेरा वीर्य निकल गया जो आधा उसके मुँह में गिरा और आधा उसके बूब्स पर।

अब मैंने उसको बेड पर लिटाया और उसके नीचे तकिया लगाया जिससे उसकी चुत ऊपर उठ गयी। फिर मैंने पहले उसकी चुत पर उंगलियां घुमायी तथा एक उंगली उसके चुत में डाल दी जिससे वह चिहुँक उठी. फिर मैं क्रीम लेकर आया, उसकी चुत के अंदर तक लगायी और थोड़ी सी अपने लण्ड पर! और फिर अपना लण्ड को उसकी चुत पर रगड़ने लगा।

पुण्या- भैया अब रहा नहीं जाता, जल्दी से इसे अंदर डालो। मैं- पुण्या थोड़ा सब्र करो!

और फिर मैंने उसके मुँह पर हाथ रखकर बंद कर दिया और एक जोर का झटका उसकी चुत पर दिया; जिससे मेरा आधा लण्ड उसकी चुत को फाड़ते हुए अंदर चला गया. वो चिल्ला नहीं पायी लेकिन उसकी आँखों से आंसू आ गये और मुझे धक्का देने लगी. लेकिन मैंने उसको कस कर पकड़ा था तो मुझे हटा नहीं पायी।

मेरी बहन की चुत की सील टूट गयी थी और उसकी चुत से खून आने लगा था।

मैं कुछ देर ऐसे ही रूका रहा; थोड़ी देर बाद मेरी बहन अपनी गांड को हिलाने लगी तो मैं समझ गया कि अब वह फिर से तैयार है. मैं धीरे धीरे लण्ड को अंदर बाहर करने लगा.

फिर थोड़ी देर बाद एक और झटका उसकी चुत पर लगाया जिससे मेरा लण्ड पूरा अंदर चला गया और उसके बच्चेदानी से टकराया। वह छटपटाने लगी।

मैं फिर थोड़ी देर तक रूक गया। जब वह थोड़ी नार्मल हुयी तब मैंने अपने लण्ड को उसकी चुत में अंदर बाहर करने लगा और जोर जोर से चोदने लगा। अब उसको भी मजा आ रहा था तो वह अपनी गांड को उछालने लगी थी। पुण्या- आआ आहह हह भभैययया और जोर से चोदो मुझे आआआ आआआहह। मैं भी उसको उठा उठा कर चोद रहा था और चोदते हुये उसके निपल्स को काट रहा था।

पूरे कमरे में हमारी चूदायी की आवाज ही गूंज रही थी। ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह… आआ आआह हह हहहह’ पुण्या जोर जोर से आवाजे निकाल रही थी। मैं 20 मिनट तक उसको लगातार चोदे जा रहा था।

वह कई बार झड़ चुकी थी. फिर मेरा भी निकलने वाला था तो मैंने अपना लण्ड बाहर निकाला और उसके बूब्स पर अपना वीर्य गिरा दिया और हम दोनों थककर एक दूसरे की बांहों में लिपटे पड़े थे। कमरे में पंखा और कूलर दोनों चल रहे थे फिर भी हम दोनों पूरे पसीने से भीग गये थे।

थोड़ी देर बाद मेरा लण्ड फिर से खड़ा हो गया तो इस बार मैंने उसको घोड़ी बनाकर पीछे से चोदा।

करीब 2 घण्टे तक हम भाई बहन ने चूदायी की और उसकी चुत में सूजन आ गयी थी। फिर चाची के आने का टाईम हो गया तो हम बाथरूम में जाकर एक साथ नहाये फिर अपने कपड़े पहने।

मैंने उसको एक पेनकिलर टैबलेट लाकर दी क्योंकि उससे चला नहीं जा रहा था. और उसको बोला कि जब चाची पूछे तो बोलना कि फिसल कर गिर गयी थी, पैर में मोच आ गयी.

उसे मैंने सोने को कह दिया और मैं घर पर आ गया. फिर शाम को मैं वापस चाचा के घर गया देखने के लिए कि कोई गड़बड़ तो नहीं हुई है। मैंने भी अनजान बनते हुए चाची से पूछा- पुण्या नहीं दिख रही है? तो चाची बोली- उसकी तबियत सही नहीं है, उसके पैर में दर्द है. और बोली- तो मैडिकल से दवा लेकर आ।

मैं मैडिकल से दर्द टैबलेट लेकर आया और साथ में गर्भ निरोधक गोली भी लेकर आया और उसको खिला दी।

उसके बाद कुछ दिन ऐसे ही बिना चूदायी किये हुए निकाले. उसके बाद हमे जब भी मौका मिलता चुदायी कर लेते थे।

उसकी गांड की सील भी मैंने ही तोड़ी थी जो मेरी अगली कहानी में लिखूंगा। बहन की कुंवारी चुत की कहानी अच्छी लगी या नहीं? मेल जरूर करना. [email protected] धन्यवाद दोस्तो!

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