Lockdown me sex kahani pathika ki chudai

इस कहानी में पढ़िए कैसे मेरी कहानिया पढ़के एक लड़की ने मुझसे संपर्क किया और फिर किस तरह मैंने उसके चूत मार के उसके तन और मन की प्यास बुझाई।

सबसे पहले तो मै अपने सभी उन सेक्सी भाभी और लड़कीओ को धन्यवाद देना चाहता हु जिन्होंने मेरी कहानिया पढ़के मुझे मेल लिखे। आप इसी तरह से मेरी कहानिओ को पढ़ते रहे और अपनी चूत में उंगलिया करती रहे और लड़के अपने लंड को हिलाते रहे।

ये कहानी शुरू होती ही मेरी पिछली प्रकाशित कहानी के साथ। उसे पढ़के मेरी इस कहानी की नायिका सोना ओबेरॉय (बदला हुआ नाम) ने मुझे मेल लिखी। मै अपनी सुबह की कसरत करके जैसे ही घर आया मुझे अपने मोबाइल के नोटिफिकेशन में उसका मैसेज देखा। मैसेज में लिखा था की, “आपको कहानी पढ़ी, बहुत मस्त लिखी गयी है। क्या मुझे भी आपके ८ इंच लम्बे लंड का सुख मिल सकता है।”

मेरे लंड महाराज ने फुफकार मारी और मेरी उंगलिया जवाब लिखने लगी। मैंने उसके प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया था। मैंने उसे अपनी हैंगऑउट दी और हमारी बाते चालू हो गयी। बातो से पता चला की सोना दिल्ली से है और शादी सुदा है। उसका पति सऊदी में है और वो यहां अपनी सास के साथ रहती है।

लॉक डाउन की वजह से मिलना मुश्किल था पर हमारी बाते बढ़ती जा रही थी और उन बातो के साथ ही हमारी प्यास। मैंने उससे उसकी फोटो मांगी तो उसने कहाकी मिल कर ही देख लेना। मै भी पूरा हरामी था..

मैंने कहा – ” तस्वीर न सही , समझ सकता हु की बिना मिले डर लगता है पर वीडियो कॉल ही कर लो, अपना चेहरा न दिखाना।”

उसे ये विचार पसंद आया और बोली, ” सेक्सी के साथ समझदार भी हो। ”

मैंने उसको वीडियो कॉल मिलाई, मेरी दिल की धड़कने तेज थी और उस तरफ उसकी भी। जैसे ही कैमरा पर हमारी नजरे मिली, चेहरे पर एक मुस्कराहट आ गयी।

मैंने कहा, “तुमने तो कहा था की चेहरा छुपा कर रखोगे पर तुमने तो नहीं छुपाया।”

उसने कहा, “जब तुमने चेहरा छुपाने को कहा तभी मै समझ गयी थी की तुम पर विश्वास किया जा सकता है।”

मैंने कहा, “जब चेहरा दिखा दिया तो जवानी के भी दर्शन करा दो।”

वो नहीं मान रही थी तो मैंने ही अपनी शर्ट उतार दी और अपनी अंडरवियर में आके बैठ गया। उसकी नजरे मेरे अंडरवियर में छुपे लंड पर टिक गयी।

वो बोली, “यार, अब इसे क्यों छुपा रहे हो।”

मैंने कहा , “हमने तो इतना दिखा दिया अब आप तो कुछ दिखाओ तो आपको इसके दर्शन कराने का सोचा जाये।”

वो फिर मुस्कुराई और अपनी टी-शर्ट उतारद। लाल ब्रा में उसकी कासी हुई चुचुईया ऐसा लग रहा था जैसे किसी ने सफ़ेद माखन में लाल रंग मिला दिया हो। मैं एक तक उसे देखे जा रहा था।

“कहाँ खो गए , मनोज जी ?” वो मुस्कुराते हुए बोली।

मैंने कहा , “तुम्हारी जवानी के उफान में ही डूब रहा हु मेरी जान।”

उसने कहा, “अब तो दिखा दो अपन।”

मैंने कहा, ” अभी नहीं, अभी तो नीचे का बचा है।” उसने अपना लोअर भी उतार दिया।

लाल रंग की पैंटी और ब्रा में उसका दूध की तरह उजला बदन। ऐसा लग रहा था की मै कैमरे के अंदर घुस जाऊ और चोद दू।

वो बोली “अब तो दर्शन करा दो यार।”

मेरे से भी रहा नहीं जा रहा था तो मैंने भी अंडरवियर निकल दिया। मेरा ८ इंच लम्बा लंड निकल कर उछलने लगा। उसे देख कर सोना ने एक लम्बी सांस ली और ब्रा के ऊपर से ही अपने बूब्स मसलने लगी।

उसकी ये हरकत देख कर मि पागल हो गया और मि भी अपने लंड को मसलने लगा और मुठ मारने लगा। उधर वो भी पागल हुई जा रही थी और अपनी ब्रा उतार चुकी थी। एक हाथ से वो अपने बूब्स मसल रही थी और एक हाथ से पैंटी के अंदर अपनी चूत|

थोड़ी देर में ही हम दोनों ऐसे करते हुए झड़ गए। अब हमारी प्यास और ज्यादा बढ़ चुकी थी और हमारा रोज रात का ये काम हो गया था। एक दूसरे को वीडियो कॉल पर देखते हुए ऐसे ही एक दूसरे की आग भड़काते हुए अपने तन की प्यास बुझाना या कहु और ज्यादा भड़काना।

अचानक एक दिन उसने कहा की , “कल शनिवार है और मेरे सास ससुर अपने भाई के यहां जा रहे है। तुम किसी तरह आ जाओ”

मैंने कहा, “तुम एड्रेस भेज दो , मै आ जाऊंगा।”

उसने मुझे अपना एड्रेस मैसेज कर दिया। किसी तरह जुगाड़ करके मै अगले दिन उसके घर पहुंच गया।

मेने डोरबेल बजाई तो सोना ने दरवाजा खोला और मुझे अंदर खींच लिया की कोई और न देख सके। उसने फटाफट दरवाजा बंद किया , उसकी साँसे बहुत तेज चल रही थी ऐसा लग रहा था जैसे दौड़ कर आई हो। उसकी छाती ऊपर नीचे हो रही थी और उसे इस हालत में देख कर मेरे दिल की धड़कन तेज।

किसी तरह मैंने खुद को रोका और उसकी तरफ मुस्कुराते हुए देखा , वो भी मुस्कुरा दी। वो अब भी दरवाजे पर ही खड़ी थी। मै उसके करीब गया और उसकी आँखों में देखने लगा। वो अब भी शर्माते हुए अपनी पलके नीचे किये हुए खड़ी थी। उसका ये रूप देख के मुझे उसपर बहुत प्यार आ रहा था।

मैंने उसके माथे पर किस किया और उसकी आँखों पर। वो और सिकुड़ गई खुद में।

मै बोला, “क्या आज दरवाजे पर ही रोके रखना है।”

वो जैसे एक दम से होश में आयी और बोली , “नहीं जी, चलिए अंदर बैडरूम में चलते है।”

वो आगे बढ़ी तो मैंने उसे अपनी तरफ खींच लिया वो समझ नहीं पाई की क्या हुआ।

“अरे, ये क्या ?” वो बोली।

मैं मुस्कुराया और उसे अपनी गोदी में उठा लिया। वो मुस्कुरा पड़ी, उसकी आँखों में वासना के साथ अपने लिए प्यार मै साफ़ देख सकता था। उसने मेरे गालो पर किस किया और अपने बैडरूम का रास्ता बताने लगी। मै उसे बैडरूम में लाया और बेड पर लिटा दिया।

वो मेरी तरफ देखते हुए खड़ी हुई और मेरे से चिपक गई। मैंने उसके चेहरे को ऊपर उठाया और उसके होठो को अपने होठो में भर लिया और उसके होठो को चूसने लगा। हम दोनों एक दूसरे में खो गए और एक दूसरे के होठो को चूसते हुए एक दूसरे को कपड़ो से आजाद करने लगे।

उसकी हरकतों से साफ़ पता चल रहा था की वो कितनी प्यासी है। हम दोनों के शरीर से कपडे उतर चुके थे। अब वो अपनी काली ब्रा और पैंटी में खड़ी थी।

उसकी पैंटी में उसकी चूत की जगह पर तितली बनी हुई थी जो जालीदार पैंटी की खूबसूरती और बढ़ा रही थी। उसकी ३६ डी की चूचिया उसकी ब्रा से बहार आने को बेताब हो रही थी। उसकी पतली कमर और उसपर वो गहरी नाभि , उसके बदन की खूबसूरती और बढ़ा रही थी। उसकी आँखों में प्यास बढ़ती जा रही थी।

मैंने उसकी ब्रा के ऊपर से ही उसके चूचियों को दबाते हुए उसकी गर्दन पर काटा और उसके कंधो को चूमते हुए उसके होठो को फिर से अपनी होठो में भर लिया। उसके होठो को चूसते हुए मैंने अपनी जीभ उसकी जीभ से टकराई और उसकी जीभ को चूसने लगा। इसी बीच मैंने उसकी ब्रा खोल दी और उसके मोटे मोटे बूब्स को दबाने लगा। वो सिसकारियां ले रही थी।

“आह, मनोज, आह!!!!!!!, जान आज मेरी प्यास बुझा दो , प्लीज।”

उसने जैसे ही ये कहा मैंने उसे बेड पर पटक दिया और उसके पैंटी को पकड़के कहा, “बेबी, अपने चूतड़ उठाओ।”

वो जैसे मेरे हर हुकुम को मानाने को तैयार थी। उसने अपनी मस्त गांड उठा दी और मैंने उसकी गांड को पैंटी से आजाद कर दिया।

मै उसकी बगल में आके लेट गया और उसके होठो को चूसते हुए उसके पूरे शरीर को नापने लगा। उसके मोटे मोटे बूब्स को दबा रहा था और अपने दातो से उसके गालो को हलके हलके काट रहा था। वो मेरे लंड से खेल रही थी और आहे भर रही थी।

अब मैंने उसके बूब्स को अपने मुँह में भर लिया और चूसते हुए उसकी निप्पल्स को काटते हुए उसकी जांघो को सहलाने लगा। क्या मस्त चिकनी जाँघे थी साली की। मै एक दम से उसकी चूत को अपनी मुठी में भर लिया और साथ ही निप्पल्स को काट लिया।

“आह, साले क्या जान ही निकलेगा मेरी।” सोना के मुँह से एक आह के साथ ये शब्द निकले जिन्हे सुन के मै और पागल सा हो गया और मैंने अपनी दो उंगलिया उसकी चूत में घुसा दी और कसके उसके बूब्स को चूसते हुए उसकी चूत में उंगलियों को अंदर बाहर करने लगा।

उसके मुँह से सिसकारिओ का शोर बढ़ता जा रहा था। “आह, मनोज, तुम बहुत अच्छे हो, आह ऐसे ही मेरे दिल के साथ साथ मेरे बदन की प्यास मिटा दो मेरे राजा। मै तेरी गुलाम बांके रहूंगी हमेशा।”

मै अब उसके बूब्स को छोड़ कर उसके पेट पर अपने दातो से हलके हलके से काटते हुए उसकी नाभि को चूसने लगा और उसकी चूत को सहलाये जा रहा था। अब मै उसकी टांगो के बीच में आ गया और उसकी छूट को अपने मुँह में भर लिया।

जैसे ही मैंने ऐसा किया वो उछल पड़ी जिससे मेरे डाट उसकी चूत पर लग गए और वो तड़प उठी। उसने मेरे बालो में अपने हाथ डाल दिए और मेरे सर को अपनी चूत पर दबाने लगी। मि उसकी चूत को चाट रहा था और अपनी जीभ से उसकी चूत की गहराई नापे जा रहा था।

अचानक से उसका शरीर कांपने लगा और उसने अपना सारा जूस मेरे मुँह पर डाल दिया। मै उठा और उसके जूस से सने होठो के साथ उसके होठो को चूसने लगा।

वो बोली, “मनोज , जान ऐसा मजा मुझे कभी नहीं आया। आई लव यू बेबी ”

मैंने उसके होठो पर फिर से किस किया और उससे कहा “अभी तो शुरवात हुई है बेबी।”

वो मुस्कुरा दी और मेरे लंड को चूमने लगी। चूमते हुए उसने उसे अपने मुँह में भर लिया और चूसने लगी। क्या चुस्ती थी ऐसा लग रह था की बस ऐसे है चलता रहे।

५ मिनट चूसने के बाद वो बोली ,”राजा अब मेरी प्यास बुझा दो।”

मै मुस्कुराते हुए उसे किस किया और उसे लिटा दिया। मैंने उसकी टांगो को अपने कंधे पर रखा और अपने लंड को उसकी चूत पर टिकाया।

तभी वो बोली, “जान, आराम से करना। बहुत दिनों बाद कर रही हु और तुम्हरा लंड तो मेरे पति से बड़ा भी है और मोटा भी।”

मैंने उसे किस किया और अपने लंड को धीरे धीरे उसकी चूत की गहराइयों में उतरने लगा।.. वो कसमसा रही थी और दातो को कास के दबा के अपने दर्द को संभालने की नाकाम कोसिस कर रही थी।

मैने अचानक से एक तेज झटका मारा और उसकी चीख निकल गए, ” मार डाला बहनचोद।”

मैंने कहा ” साली, रंडी है तू मेरी, तुझे कहा था न ऐसे रगडूंगा की तू कभी नहीं भूलेगी मुझे।” और उसके बूब्स को चूसने लगा।

थोड़ी देर बाद उसने मेरे कंधे को किस किया और नीचे से अपनी गांड उठा के मुझे सिग्नल दिया की आगे का खेल सुरु करे। मेरे लिए इतना है काफी था और मै उसे चूमते हुए उसकी चूत पर अपने लंड से ठोकरे मारने लगा।

उसकी आहे और उसके हाथो की हरकते मेरे बदन पर बढ़ती जा रही थी। “आह, मनोज, साले , कुत्ते, कहा था तू अब तक। चोद मुझे, और चोद , बुझा दे मेरी प्यास। बना ले अपनी रंडी मेरे राजा। मुझे अपनी चुदाई से पागल कर दे, ऐसे चोद मुझे की मेरी चूत बस तेरा है लंड मांगे हमेसा। आह, मार डाला तूने मुझे, जन्नत दिखा दी साले तूने मुझे।”

उसकी ये बाते मेरा जोश बढ़ा रही थी और मेरी रफ़्तार बढ़ती जा रही थी। हम दोनों का शरीर एसी में भी पसीने से भीगा जा रहा था। ऐसा लग रहा था एक दौड़ चल रही है एक दूसरे को हारने की, जिसमे कभी वो आगे कभी मै। पूरे कमरे में बस हम दोनों की आहों का शोर था था या चूत पर पड़ने वाली मेरे लंड की ठोकरों का। हम दोनों एक दूसरे में समै जाना चाहते थे। एक दूसरे में डूब जाना चाहते थे। समय रुक सा गया था।

अचानक से उसका शरीर कापने गए और उसके पैरो की मेरी कमर पर पकड़ बढ़ गए मै समझ गया था की लावा बहार आने वाला है मैंने अपनी रफ़्तार और बढ़ा दी और उसके जिस्म को कस कर पकड़ के और तेजी से चुदाई करने लगा। वो बह निकली थी उसका सारा शरीर ढीला पद गया था पर मै तब तक नहीं रुका जब तक मैंने अपना लावा उसके चूत की गहराई में नहीं उतर दिया।

अब मै भी उसकी साइड में आके लेट गया और बोला, “कैसा लगा मेरी जान ?”

वो मुस्कुराई और मेरे होठो पर किस करके बोली, “मिल गया जवाब।”

मैं भी मुस्कुरा दिया तभी उसके फ़ोन की घंटी बजी। उसने फ़ोन उठाया। दूसरी तरफ उसके ससुर ज थे और उन्होंने कहा की जहाँ वो गए थे वह लॉक डाउन लग गया है तो वो अगले १५ दिन नहीं आएंगे। ये सुनके वो सातवे आसमान में आ गए और चरण है मेरे लंड को पकड़ के बोली अब अगले १५ दिन तक ये मेरा है।

आपको ये कहानी कैसी लगी मुझे मेल से जरूर बताये। किसी भी अकेली भाभी, आंटी या लड़की को अगर दोस्ती करनी हो तो मुझे मेल करे। उम्मीद है की हमारी दोस्ती बहुत आगे तक जाएगी।

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