दीदी के ससुर ने मेरी मम्मी को चोदा

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मेरा नाम रितु है और मेरी उम्र 18 साल है. मैं अपनी मम्मी की तरह सेक्सी हूँ. पहले मैं अपने परिवार के बारे में आप सभी को बता दूँ. हमारा परिवार लखनऊ का रहने वाले है. मेरे पापा की उम्र 55 साल की है और मम्मी 52 साल की हैं.

मेरा परिवार खुली विचारधारा का मॉडर्न परिवार है. मेरे दो भाई हैं और हम दो बहनें हैं. दीदी मुझसे बड़ी हैं, उनकी उम्र 22 साल है. एक भाई की उम्र 28 साल है. उनका नाम नीरज है और दूसरे का नाम परम भाईसाब है, उनकी उम्र 30 साल है. मेरी छोटी भाभी नीता 26 साल की हैं और बड़ी शोभा भाभी की उम्र 28 साल की है.

यह कहानी काल्पनिक है. मैं सारा दिन चुदाई, सेक्स के बारे में सोचती रहती हूँ. इस कहानी में मैंने अपनी सेक्स भरी कल्पना से, जो कुछ मेरे दिमाग में आया लिख दिया.आपको यह बेतुका लगेगा लेकिन कल्पना तो होती ही बेमतलब है. इस लिए लॉजिक को एक तरफ डाल कर कहानी पढ़ें!

एक दिन घर पर कुछ लोग दीदी के रिश्ते की बात करने आए और उन्होंने दीदी की सुन्दरता देख कर दीदी को पसंद कर लिया. शादी का मुहूर्त एक महीने बाद का निकला. मेरी दीदी की होने वाली सास की उम्र 46 साल और ससुर 48 वर्ष के हैं. दीदी के ससुर का नाम संपत है और सास का रजनी है.

एक दिन दीदी के सास ससुर हमारे घर आए, रात को वे लोग रुके, फिर तय हुआ कि शादी बाहर की जाए. सब लोग मान गए.

संपत जी मेरी मम्मी के पास कुछ बात कर रहे थे, पर उनकी नजर मम्मी की चुचियों पर थी. मेरी मम्मी की चुचियों की साइज 42 डी है और उनकी गांड भी बड़ी और गोल है. देखने में उनकी उम्र बहुत कम लगती है, वे अपनी जवानी को अभी भी मेंटेन किये हुए हैं.

खैर.. उस वक़्त मम्मी ने साड़ी पहनी थी, पर उनके गहरे गले के ब्लाउज से उनकी चूचियों की लाइन दिख रही थी और संपत जी वहीं पर एकटक देख रहे थे. मम्मी ने उन्हें चूची घूरते देखा तो उन्होंने अपना पल्लू ठीक किया.

कुछ देर बाद जब रात हुई और सभी लोग सोने की तैयारी में थे. उस वक्त मम्मी ने एक थ्री पीस नाइटी पहनी थी. वे काम खत्म करके बस सोने जा रही थीं. दूसरी तरफ संपत जी ने पापा को दारू पिला दी और पापा वहीं सो गए. संपत जी ने मौका देखा और वे मम्मी की रजाई में घुस गए.

अंधेरे की वजह से मम्मी जान नहीं पाईं कि उनके साथ पापा की जगह संपत घुस गया है.

संपत ने मम्मी की नाइटी की ऊपर की डोरी खोल दी और अपना हाथ मम्मी की मोटी चुचियों पर चलाने लगे. मम्मी गर्म होने लगीं, फिर संपत ने मम्मी का हाथ अपने लंड पर रखवाया तो मम्मी बोलीं- आपका लंड इतना बड़ा कैसे हो गया है.

संपत ने कुछ नहीं कहा और वो मेरी मम्मी की चुचियों को तेजी से मसलने लगे. मम्मी के काले रंग के निप्पलों को अपनी उंगलियों से मसलने लगे.

हालांकि मम्मी समझ गई थीं कि ये समधी जी हैं और शायद मेरी मम्मी को संपत जी का लंड भा गया था तो वे भी उनसे चुदवाने को राजी हो गई थीं. तभी कमरे में कुछ आवाज होने की वजह से संपत जी उठकर चले गए. मम्मी भी चुत सिकोड़ कर सो गईं.

सुबह मेरे फूफा और बुआ आ गए. फूफा जी 45 साल के हैं और बुआ 44 की हैं. फूफा का नाम सौरभ है, बुआ का नाम विमला है. मेरी बुआ बड़ी सेक्सी हैं.

रात को सब लाइन से गद्दे डाल कर लेटे थे. फूफा नशे में टुन्न हो गए थे, वे मेरी दीदी की होने वाली सास रजनी जी के पास लेट गए. उस वक्त रजनी जी ने एक नाइटी और उसके ऊपर स्वेटर पहना था. फूफा जी रजनी जी चुचियों पर हाथ फिराने लगे, तभी रजनी जी ने फूफा की तरफ करवट ले ली.. वे गहरी नींद में सो रही थीं.

फूफा जी ने रजनी जी के स्वेटर के ऊपर के दो बड़े बटन खींचे और उनको खोल दिया. स्वेटर खुलते ही फूफा जी रजनी जी की चुचियों को उनकी नाइटी के ऊपर से दबाने लगे. इससे रजनी जी की नींद खुल गयी और वो फूफा के लंड को पकड़ कर हिलाने लगीं. तभी फूफा जी ने उनकी चुत पर हाथ से सहलाना शुरू कर दिया और उनकी नाइटी को ऊपर कर दिया.

अब उन दोनों को चुदास चढ़ गई थी इसलिए वे रजनी जी चुत में उंगली करने लगे. रजनी जी के मुँह से सिसकारियां निकलने लगीं. उनके मुँह से ‘आह.. आह..’ की आवाज निकल रही थी.

रजनी जी समझ रही थीं कि ये उनके पति हैं. वे फूफा के लंड को पकड़ कर बोली- आज प्यार करने का मन कैसे हो गया? तभी लंड के आकार से रजनी जी को पता चल गया कि उनके साथ ये उनके पति नहीं, कोई और है. रजनी जी ने पूछा- आप कौन हो? फूफा जी बोले- मैं सौरभ हूँ.

उनकी बात सुन कर रजनी जी उधर से उठ कर कपड़े ठीक कर जाने लगीं. तभी फूफा जी ने उनका हाथ पकड़ा और कहा- क्यों शर्म आ रही है क्या? यदि शर्म आ रही हो, तो आप मेरे साथ बेडरूम में चलो. रजनी जी ने कहा- पर किसी ने देख लिया तो?

फूफा जी समझ गए कि इनको चुदना तो है.. लेकिन ड्रामा कर रही हैं. वे उनको बेडरूम में ले गए और दरवाजे बंद करके उनके होंठ पर होंठ रख कर चूसने लगे. तभी रजनी जी फूफा जी से बोलीं- सौरभ.. यार आपका लंड बहुत मस्त है इसे जल्दी से मेरी चुत में पेल दो.. मेरे अन्दर बड़ी आग लग गई है राजा.. आप हचक कर मेरी चुत को चोदो.

फूफा जी ने रजनी जी को नंगा करके बिस्तर पर चित लिटाया और उनकी टांगें फैला कर उनकी चुत पर अपना लंड टिकाया कर झट से अन्दर कर दिया. एकदम से लंड पेल देने से रजनी जी की ‘आह..’ निकल गयी और धकापेल चुदाई का खेल शुरू हो गया.

सर्दी में भी इस वक्त रजनी जी बाल बिखरे हुए हो गए थे और उनके शरीर से पसीना निकल रहा था. फूफा जी अपनी कमर को बहुत तेजी से चलाने लगे. रजनी जी- आह.. आहह.. चोदो.. फ़क.. मी.. आह.. चोदो मेरे राजा मेरी भोसड़े को ठीक से चोदो मादरचोद.. आह.. आ.. फूफा जी बोल रहे थे- आह रानी.. हां ले.. तेरी चुत बहुत गर्म है आह.. साली रांड ले.. भैन की लौड़ी लंड खा.

मदमस्त आवाजों के साथ फूफा जी समधन जी की चूत चोद रहे थे. कुछ ही देर में रजनी जी का पानी निकल गया. फूफा जी भी तीन चार धक्कों के बाद बोले कि मैं आने वाला हूँ.. कहां गिरा दूँ? रजनी जी चुत खोल कर बोलीं- अन्दर ही डाल दो मेरे राजा. फूफा जी ने अपना रस रजनी जी की चूत में छोड़ दिया और दोनों सो गए.

फिर अगले दिन शाम को सब ग्रुप में बैठे बात कर रहे थे. तभी संपत जी मम्मी को इशारे से बोले- आपने अपनी जमीन नहीं दिखाई. तब मम्मी जी भी खुल कर बोलीं- तो देख लीजिएगा.. मैंने कब मना किया है. उन दोनों की बात साफ़ हो गई थी कि मम्मी जी भी संपत जी के लंड से चुदना चाह रही थीं.

उस वक्त कई लोगों के होने से संपत जी मुस्कुरा दिए और बोले कि कल दिन में आपकी जमीन देखूंगा. यह कह कर वे उठकर चले गए.

अगले दिन सभी औरतें सज कर तैयार हो गईं सारी ही बड़ी सेक्सी लग रही थी.

मम्मी ने साड़ी पहनी थी और बुआ ने जीन्स और ब्लैक शर्ट डाली थी. बुआ की चुचियां इस टाईट शर्ट ने काफी तनी हुई बड़ी बड़ी लग रही थीं.

संपत जी मम्मी को जमीन देखने के बहाने ले गए. इस वक्त मम्मी और संपत अकेले थे.

संपत जी ने मम्मी से बोला- रचना जी, जो खेल उस रात को नहीं हो पाया था, यहाँ पूरा कर लें? मम्मी इठला कर बोलीं- आपका क्या मतलब है जी.

संपत जी ने मम्मी के सर पर बने बालों के जूड़े को पकड़ कर उन्हें अपनी तरफ खींचा और उनके होंठों पर किस करने लगे.

मम्मी अचानक हुए हमले से उनसे छूटने की कोशिश कर रही थीं, पर संपत जी ने उनकी पूरी लिपिस्टिक चूस ली और खा गए. फिर वो मम्मी की चुचियों को दबाने लगे. अब मम्मी जी भी गर्म हो गयी थीं, वे बोलीं- समधी जी, प्यार से कीजिये न.

संपत ने मम्मी का जूड़ा खोल दिया, बाल भी बिखर चुके थे. फिर संपत जी ने मम्मी के ब्लाउज के ऊपर से ही उनकी चुचियों को मसलना चालू कर दिया. मम्मी के मुँह से ‘आह.. आह..’ की आवाज निकल रही थी.

कुछ ही पलों बाद संपत जी ने मम्मी का ब्लाउज और ब्रा को भी खोल दिया. मम्मी जी की बड़ी चुचियां बाहर फुदकने लगीं.

संपत जी बड़ी तेजी से मम्मी जी की चूचियों को अपने मुँह में ले कर चूसने लगे और निप्पलों को दांतों से काटने लगे.

मम्मी जी के मुँह से ‘आह.. आह.. धीरे आह.. धीरे.. करो न.. समधी जी…’ निकल रहा था. संपत जी बोले- तुम आज से मेरी बीवी हो.. मैं तुम्हें रोज चोदूँगा.

ये कहते हुए गर्म हो चुके संपत जी ने मम्मी जी के पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया और पेंटी को भी खींच कर उतार दिया. मम्मी जी नंगी हो गई थीं. संपत जी ने मेरी मम्मी की नंगी चुत में अपनी उंगली पेल दी और अन्दर बाहर करने लगे.

मम्मी मस्त हो कर सीत्कारने लगीं- आह… ऐसा मत करो आह.. आह.

उनकी कामुक आवाज में मदहोशी की लहरें उठ रही थीं.

तभी संपत ने मम्मी को खेत में ही चित लिटाया और उनकी चूत पर लंड रगड़ने लगे.

मम्मी मस्ताई हुई आवाज में बोलीं- मेरे राजा अब जल्दी से अपने इस समधी लंड को मेरी चुत में पेल डालो. आज आप अपनी समधिन चुत को फाड़ दो.

संपत जी ने एक जोरदार धक्का लगाते हुए अपने लंड को मम्मी जी की चूत में अन्दर कर दिया. संपत जी का लंड एक बार में ही मम्मी की चुत के अन्दर घुस गया. मम्मी की आह निकल गई, वे लंड की शुरूआती तड़फ के बाद मजा लेते हुए कहने लगीं- आह.. आह.. चोदो.. नहीं तो मैं मर जाऊंगी.. मेरे राजा अपनी बीवी की चूत को फाड़ दो… अपनी बीवी को चोदो आह..

मम्मी चुदास से भरी आवाजें कर रही थीं और संपत जी लंड पेलते हुए कहे जा रहे थे- आह.. मेरी जान, आज तो तुम्हारी चुत की भोसड़ा बना दूँगा.

मम्मी भी संपत जी से चुदते हुए मस्त हो गई थीं.

कुछ देर बाद संपत जी ने बोला- कहां छोडूँ? मम्मी बोलीं- अपनी बीवी से क्यों पूछ रहे हो.. सब माल उसकी चुत में ही छोड़ दो मेरे राजा.. आहआह.. मेरा भी बस निकल गया आह..

तभी संपत जी ने भी अपना लावा मम्मी की चूत में छोड़ दिया और वे दोनों निढाल हो गए.

पांच मिनट बाद संपत जी मम्मी की चुचियों को दबाते हुए बोले- समधन जी मेरा एक काम करोगी?

मम्मी संपत जी को चूमते हुए बोलीं- तुम बताओ तो राजा. फिर संपत जी ने बोला- मुझे विमला को चोदना है. मम्मी जी बोलीं- ठीक है.. उसे भी चोद लेना.

फिर वो दोनों घर आ गए. [email protected]

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