Metro Se Chudai Tak Ka Safar

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हेल्लो दोस्तो। मेरा नाम विशाल शर्मा है, और मै दिल्ली का रहने वाला एक नौजवान लड़का हूं। मेरी हाईट 5 फ़ीट 7 इंच और उमर 23 साल है दिखने में मै एक एवरेज लड़का हूं, पर मेरे लन्ड का साइज 7 इंच है, कोई भी लड़की मेरे लन्ड को लेकर आसानी से संतुष्ट हो सकती है।

खेर अब आपको ज़्यादा बोर ना करते हुए सीधे कहानी पर आते हैं, ये कहानी उस समय की है जब में अपने इंजीनियरिंग सेकेंड ईयर में पढ़ाई कर रहा था मै रोज़ मेट्रो से अपने कॉलेज जाया करता था।

रोज़ की तरह में अपने कॉलेज से लौट रहा था पास ही के मेट्रो स्टेशन पर खड़े होकर सिगरेट पी रहा था तभी अचानक मेरी नजर एक औरत पर पड़ी।

देखने में वो औरत बोहत ही खूबसूरत थी, दोस्तो सच बताऊं तो वो देखने में इतनी सेक्सी थी कि उससे मेरी नज़रे ही नहीं हट रही थी।

उस आंटी की उमर लगभग 36 रही होगी फिगर ऐसा था कि किसी का भी पहली बार में ही देखकर लन्ड के खड़ा हो जाए। उसका फिगर तकरीबन 34-28-36 रहा होगा। दोस्तो ये मेरी पहली कहानी जो की एकदम सच्ची है अगर कोई गलती हो जाए तो माफ़ कीजियेगा।

तो जैसा की मैंने आपको बताया कि मै उस आंटी को लगातर देखे जा रहा था। उसने भी मुझको उसको देखते हुए नोटिस कर लिया था पर वो शायद वहां पर किसी का इंतजार कर रही थी उसने अपना फोन निकालकर किसी को कॉल भी किया।

मगर 10 मिनट तक इंतज़ार करने के बाद वहां कोई नहीं आया तो वो अंदर मेट्रो स्टेशन की तरफ जाने लगी मै भी उसी के पीछे- पीछे आगे बढ़ने लगा।

जैसे ही मेट्रो स्टेशन पर पहुंचा देखा मेट्रो स्टेशन पर बहुत ज्यादा भीड़ थी जैसे तैसे मेट्रो में एंट्री मिली।

दोस्तो अब क्या कहूं शायद मेरी किस्मत उस दिन कुछ ज़्यादा ही अच्छी थी। मैने देखा कि वो आंटी भी मेरे ही कोच में थी उन्हें वहां देखकर मेरी खुशी का कोई ठिकाना ही नहीं था।

वो आंटी अपनी एक रिजर्व्ड लेडीज सीट पर बैठ गई, मै भी वही थोड़े डिस्टेंस पर खड़ा हुआ था। कुछ स्टेशन निकाल जाने के बाद आंटी के बगल वाली सीट खाली हुई।

देर ना करते हुए मै झट से उस सीट पर जा बैठा। मै अपने इयरफोंस में सोंग्स सुन रहा था। तभी अचानक आंटी ने मुझसे कुछ बोला, मैने सुना नहीं फिर मैने अपने इयरफोंस कान से निकाले।

तब उन्होंने कहा कि मेरा फोन स्विचऑफ हो गया आप ज़रा टाइम बताओगे कितना हुआ मैने अपने फोन के टाइम देखा और बताया की 6:30 बजे हैं।

उन्होंने थैंक्स बोला मैने भी बड़ी खुशी के साथ नो प्रॉब्लम बोला फिर मैने सोचा यही सही मौका है क्यू ना आंटी से बात कुछ आगे बढ़ाई जाए…..तभी मैने उनसे झट से पूछ कया आप मेट्रो से रेगुलर ट्रैवल करते हो?

तब उन्होंने बताया कि हां वो नोएडा में एक मल्टीनेशनल कंपनी में सीनियर मैनेजर हैं और वो डेली मेट्रो से ट्रैवल करती हैं क्यूकी कार से ट्रैवल करने में बोहत समय बर्बाद होता है ट्रैफिक की वज़ह से।

मैने भी काफी खुश होते हुए उनसे कहा वेरी नाइस, उन्होंने भी मुझसे पूछा तुम भी किस कंपनी में काम करते हो तब मैने उनको बताया कि दरसअल में अभी स्टूडेंट हूं मैं इंजीनियरिंग सेकेंड ईयर में पढ़ाई कर रहा हूं…..

उन्होंने कहा वाउ वेरी नाइस मेरी बेटी भी यूएस में इंजीनियरिंग कर रही है। मैने उनसे पूछा क्या आपकी कोई बेटी भी है। तब उन्होंने बताया कि उनकी एक बेटी है मेरी ऐज की।

मैने कहा वाउ आंटी आपको देखकर ऐसा बिल्कुल नहीं लगता कि आपकी कोई मेरी ऐज की बेटी भी हो सकती है आप दिखने में इतनी यंग हो, ये सुनते ही वो मुस्कुराई और उन्होंने थैंक्स बोला।

तभी मैने उनसे पूछा कि मेरा एक फ्रेंड है जो अभी फाइनल ईयर में है और अभी जोब सर्च कर रहा है क्या आपका कोई रेफरेंस है, वेसे ये सब मैने उनसे उनकी कॉन्टेक्ट डिटेल्स वगेरा लेने की वज़ह से बोला।

तब उन्होंने बोला कि क्यू नहीं हमारी कंपनी में काफी वेकेंसीज आती रहती हैं और उन्होंने मुझे अपना कार्ड दे दिया उस कार्ड में उनकी फोन नंबर और ईमेल आईडी वागेरा थी दोस्तो मेरी तो खुशी का ठिकाना ही नहीं था।

उसमें उनका नाम सोनिया लिखा हुआ था तब मैने उनसे कहा अच्छा आपका नाम सोनिया है उन्होंने हैं में जवाब दिया और पूछा तुम्हारा क्या नाम है मैने विशाल कहा।

दोस्तो करीब दो दिन के बाद मैने आंटी को व्हाट्स ऐप पे हाय भेजा उनका भी रिप्लाइ आया फिर मैने उनसे रेफरेंस वॉगेरा के बारे में बात की उसके बाद इधर उधर की थोड़ी बोह्त बाते हुई।

ऐसे ही दिन गुजरते गए रोज़ हमारी बाते होने लगी हम दोनों की अच्छी दोस्ती हो गई थी। फिर मेरी रोज़ आंटी से फोन पे बात होती, बाद में मुझे पता लगा कि सोनिया के पति का का देहांत 4 साल पहले एक कार हादसे में हो गई और उसकी एक ही बेटी है जो कि अब्रोड में रहती है।

इसका मतलब साफ था कि वो लाइफ में काफी अकेली थी शायद यही कारण था हम दोनों की फोन पे बहुत बात होने लगी। फिर मै सोनिया को कभी कभी रोमांटिक मेसेज भी भेज देता था।

एक दिन मै कॉलेज में था अचानक मुझे सोनिया का कॉल आया कि उसकी तबीयत कुछ ठीक नहीं है उसने ऑफिस से छुट्टी ले रखी है। उसने बोला मै काफी अकेला फील कर रही हूं क्या तुम मेरे घर आ जाओगे?

दोस्तो मेरी खुशी का तो कोई ठिकाना ही नहीं था मेरे मन में लड्डू फ़ूटने लग गए, मैने सोचा आज तो सोनिया की चुदाई करके रहूंगा।

करीब शाम को 5 बजे मै सोनिया के घर पहुंचा मेरे डोर बेल बजाई उसने दरवाजा खोला, दोस्तो उसको उस दिन देखकर मेरे तो होश ही उड़ गए क्या गज़ब माल लग रही थी वो उसने उस दिन नाइटी पहनी हुई थी।

मुझे देखते ही वो मुस्कुराने लगी उसने कहा ऐसे ही देखते रहोगे या अंदर भी आओगे। दोस्तो सोनिया का घर दिल्ली के काफी पोश इलाके में था। मैने देखा घर पे सोनिया के अलावा घर पे कोई और नहीं था।

मैने पूछा आप अकेली ही रहती हो घर पे, तो उसने हां में सिर हिलाया। मैने पूछा आपको इतने बड़े घर में अकेले डर नहीं लगता, वो हसने लगी और बोली कि अब आदत हो चुकी है।

सोनिया ने मुझसे पूछा कि बताओ क्या लोगे चाय कॉफी ठंडा या ड्रिंक? मैने बस कुछ नहीं आप परेशान ना होए मै बस आपको यह मिलने आया था। दोस्तो अब मै क्या बताऊं बात करते वक़्त मेरी नजर बार बार सोनिया के बड़े बड़े चूचों पर जा रही थी शायद उसने भी ये नोटिस कर लिया था पर जानबूझकर अनजान बन रही थी।

फिर सोनिया ने बोला कि पहली बार तुम घर आए तो मै तुम्हारे लिए काफी बनाकर लाती हूं दोस्तो क्या बताऊं वो अपनी गान्ड मटकते मटकते चली जा रही थी उसकी गान्ड देखकर मेरा लन्ड ने तो अन्दर ही टेंट बना लिया था।

अब वो किचन में काफी बना रही थी पीछे से क्या हॉट लग रही थी वो मुझसे रहा नहीं गया मैने जाकर उसे पीछे से अपनी बाहों में भर लिया।

मेरे ऐसा करने पर सोनिया एक दम से चोंक गई और बोली विशाल तुम ये क्या कर रहे हो. मैने कहा आंटी मैं आपसे बहुत प्यार करने लगा हूं और आपसे शादी करना चाहता हूं।

इससे पहले कि वो कुछ बोलती मैने अपने होंठ उसके होंठो पे रख दिए और उन्हें चूसने लगा थोड़ी देर तक तो उसने मेरा विरोध किया और अपने आप को मुझसे दूर करने की कोसिस करती रही पर थोड़ी देर बाद उसने अपने आप को ढीला छोड़ दिया और वो भी मेरे होंठो को चूसने लगी।

हम दोनों एक दूसरे का रसपान ऐसे ही करीब 10 मिनट तक करते रहे, उसके बाद मै सोनिया की गर्दन पे कभी उसके कान पे किस करने लगा थोड़ी ही देर में मैंने उसे पागल सा कर दिया। फिर ज़्यादा देर ना करते हुए मैने उसे अपनी बाहों में उठाया और पूछा बेडरूम किधर है तो उसने राइट की तरफ इशारा किया और उसको बेडरूम में ले गया।

उसके बाद मैने सोनिया को लेजा कर सीधा बेड पे पटक दिया, अब मै फुल जोश में था।

मैने फटाफट सोनिया कि नाइटी निकाल फेंकी अब सोनिया सिर्फ ब्रा और पैंटी में मेरे सामने बिस्तर पर पड़ी हुई थी। दोस्तो क्या बताऊं कि मुझे जितनी एक औरत ब्रा और पैंटी में लगती है उतनी वो बिना कपड़ों के भी नहीं लगती।

अब मै सोनिया के ऊपर आ गया और मैने उसे पागलों की तरह चूमना और चाटना शुरू कर दिया फिर हम दोनों किस करने लगे उसके होटों को चूसने में एक अलग ही आनंद मिल रहा था, उधर सोनिया भी पूरी गरम हो चुकी थी।

अब मै थोड़ा नीचे आया और उसके मम्मों को ब्रा से आजाद कर दिया और उसकी ब्रा को लेकर सुंगने लगा, क्या मस्त स्मेल थी उसकी मेरे अंदर उस वक़्त पूरी तरह से हवस भर चुकी थी।

अब मैने उसके मम्मों को मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दिया उसका जिस्म एक दम आग की भट्टी की तरह तप रहा था, करीब आधे घंटे तक मैं उसके मम्मों को चूसता और काटता रहा, इधर सोनिया भी पूरी मस्ती में सिसकारियां के रही थी- आआअह्ह ह्ह्हऊऊऊ अओओ ओओह्ह ह्ह्ह शीस्स्स स्स्सस्स … आआअह्ह ईईईई!

फिर मैने उसके एक निप्पल को अपने मुँह में भर लिया और एक दूध को अपने हाथों से मसलने लगा. उसके दूध वास्तव में इतने बड़े थे कि किसी को भी मज़ा आ जाए।

फिर मैं उसके मम्मों के नीचे उसके पेट और नाभि पर आ गया और उसे चूसने और काटने लगा वो अब और ज़ोर ज़ोर से सिसकारियां ले रही थी आअह्ह उम्म्ह… अहह… हय… याह… आआ ऊऊईईई आऊच

और बोल रही थी तो विशाल अब सहा नहीं जा रहा अब जआअह्ह उम्म्ह… अहह… हय… याह… आआ ऊऊईईई आऊच उईईई ल्दी से अपना लौड़ा फूद्दी में डाल दो।

मैने कहा अभी इतनी जल्दी भी क्या है आंटी आराम से डाल दूंगा। उसने कहा प्लीज़ मुझे आंटी मत कहो मुझे सोनिया बुलाओ।

उसने बोला पिछले 4 साल से किसी मर्द ने मेरी चुदाई नहीं की, अब प्लीज़ मुझे चोदो, उसके मुंह से इसे शब्द सुनकर मुझमें और सेक्स चड़ रहा था।

काफी देर तक उसके निप्पलों को काटने के बाद मैने उसे छोड़ा, उसके दूध पर जगह जगह काटने के निशान पड़ गए थे और दूध एकदम लाल हो गए थे।

अब मै उसकी कमर को चूमते हुए नीचे की तरफ जा रहा था जोश में आकर मैने उसकी गुलाबी रंग की पैंटी को फ़ाड़ दिया। उसकी फुद्दी के पास जाकर मैने उसकी दोनो जाँघों को एक झटके में फैला दिया।

मैने अपने सर को उसमें झुका दिया और अपनी जीभ निकालकर पूरी फुद्दी को चाटने लगा।

उसकी फुद्दी में एक भी बाल नहीं था. उसकी फुद्दी एक दम गीली हो चुकी थी उसमें से निकल रहे पानी को मैं पूरा का पूरा चाट गया। वो मेरे सिर को पकड़कर अपनी फुद्दी पे दबा रही थी और ज़ोर ज़ोर से चिल्ला रही थी।

ओह यस विशाल चाटो मेरी चूत को अच्छी तरह से बहुत मज़ा आ रहा है आह्ह उई आआअह्ह बसस्स स्स्स्स्स करोओओओओ आआअह्ह्ह … नहीं ईईई ईईई नाआआआ!

फिर मैं कहाँ रुकने वाले था। और कुछ ही पल बाद वो झड़ गई और अपनी गांड हवा में कर दी, उसकी फुद्दी से पानी निकलता जा रहा था और मैं उसको चाटते जा रहा था।

फिर मैने अपनी दोनों उंगलियां उसकी चूत में पेल दी उसकी चूत काफी समय से ना चुदने के कारण काफी टाईट थी, चूत गीली होने के बावजूद उंगलियां काफी मुश्किल से का रही थीं।

अब मैं अपनी उंगलियों से सोनिया की चुदाई कर रहा था उसको भी फुल मज़ा आ रहा था वो भी सिसकारियां लेकर मेरा फुल साथ दे रही थी आह उम्म आआ आआआअह्ह्ह ह्ह्ह … अह्ह्ह आआअह्ह उम्म्ह … अहह … हय।

उसके बाद वो बेड से उठी और मुझे धक्का देकर नीचे लिटा दिया और मेरे कपड़े खोलने शुरू कर दिए….मेरी टीशर्ट निकालकर मेरे निपल्स को सक करने लगी और मेरी छाती पे भी किस करने लगी।

उसके बाद उसने नीचे आकर मेरी जीन्स भी निकाल दी… अब मैं सिर्फ़ अंडरवियर में था और मेरा लन्ड एक सांप की तरह खड़ा हुआ था, उसने देर ना करते हुए फटाफट मेरा अंडरवियर निकला…….

उसके बाद वो मेरा लन्ड मुंह में लेकर चूसने लगी, मुझे उस वक़्त बहुत मज़ा आ रहा था…. वो मेरा लन्ड एक प्रोफेशनल रण्डी कि तरह चूस रही थी… फिर हम 69 की पोजिशन में आ गए।

फिर वो मेरा लन्ड चूसे जा रही थी और मै अपनी जीभ से उसकी चूत चोद रहा था…ये कार्यक्रम लगभग 15 मिनट तक चला। उसके बाद अब सोनिया बोलने लगी यार विशाल अब मुझे चोदो मुझसे अब सहन नहीं हो रहा है।

ये सुनने के बाद मैं उसकी फुद्दी के पास बैठ गया और लंड के सुपारे को फुद्दी पर रगड़ते हुए बोला- अब तैयार हो न तुम? उसने बस थोड़ी सी मुस्कान के साथ अपना सर हिला दिया। मै अब उसके ऊपर आ गया।

मैने उसके कान में जाकर कहा- डाल दूँ?

“हां … पर आराम से डालना कई सालो से नहीं चुदी हूं!”

मैने कहा जानेमन, चिंता मत करो। आपको बहुत प्यार से चोदना है.”

इतना बोलते हुये मैने अपना एक हाथ नीचे ले जाकर लंड को फुद्दी पर थोड़ा रगड़ा और फिर छेद में सेट करके उसे कसके अपनी बांहों में लेकर सीने से चिपका लिया। मेरे दोनों हाथों ने उसकी पीठ को जोर से थाम लिया और अपने दोनों घुटनों से उसकी जांघों को फैला दिया। अब सोनिया चुदने को पूरी तरह से तैयारी थी।

अब मैंने धीरे से अपनी कमर पे जोर देना शुरू किया और लंड अन्दर छेद में फिसलना शुरू हुआ. मगर मेरा सुपारा काफी बड़ा था और उसकी चूत काफी टाईट … तो जा नहीं रहा था।

उसे भी दर्द महसूस हो रहा था।

मैने उसे हाथ से फुद्दी को फैलाने के लिए कहा।

उसने उँगलियों से फुद्दी को थोड़ा चौड़ा किया और मेरा सुपारा छेद में सेट हो गया।

मैने उसके गालों को चूमते हुए एक हल्का सा धक्का लगाया।

“ऊऊऊऊईईईईई माआआआआअ”

फच से सुपारा छेद में घुस गया। उसने भी मुझे कसके जकड़ लिया।

मैं बहुत ही अनुभव के साथ लंड पेल रहा था ताकि उसे ज्यादा तकलीफ ना हो।

इसके बाद तो वो हुआ जिसके बारे में उसने सोचा नहीं था।

मैने अपनी कमर थोड़ी पीछे की और एक जोरदार धक्का लगा दिया और एक बार में पूरा का पूरा लंड मेरी फुद्दी में उतार दिया।

“आआआ आआअह्ह्ह ह्ह्ह्ह …! मर गईईईई ईईईईई, आआ आआआअह्ह्ह ह्ह्ह … अह्ह्ह आआअह्ह उम्म्ह … अहह … हय … ओह … निकालो उसे … मैं मर जाऊँगी।

उसकी आँखों से तुरंत ही आंसू आ गए.

मैने उसे इतनी ताकत से अपनी आगोश में जकड़ रखा था कि वो हिल भी नहीं पा रही थी।

पूरा का पूरा लंड उसकी फुद्दी को चीरता हुआ बच्चेदानी तक जा पंहुचा था।

उसकी तो आवाज भी नहीं निकल पा रही थी।

वो किसी तरह उस दर्द को सह रही थी. वो जानती थी कि ये दर्द बस कुछ ही पल का है।

अब मैने धीरे धीरे लंड को अन्दर बाहर करना शुरू किया।हर बार उसकी आआअह्ह निकल रही थी, उसमें थोड़ा दर्द और थोड़ा मजा दोनों था।

अब मैने असली चुदाई शुरू की, मैं बहुत ही जोर जोर से धक्के लगाने लगा, वो बहुत ही तेज़ चिल्लाये जा रही थी- ऊऊउईईई आआअह्ह आआह नहींईईई बसस्सस्स स्स्स नहीं ईईई आआअह्ह्ह आअह बसस्स बस्स्स करोओओओ … नहींईईई नाआआ!

मगर मैं कहाँ मानने वाले था, मैं बिल्कुल अन्धाधुन्ध धक्के लगा रहा था। मेरा हर धक्का सोनिया की फुद्दी पर फट फट बज रहा था, पूरा बिस्तर जोर जोर हिल रहा था.

मुझे चोदते हुये 13 से 14 मिनट हो गये थे कि उसका बदन अकड़ने लगा और वो झड़ गई और उसके तुरंत बाद मैने भी अपना पानी उसकी फुद्दी में भर दिया और उसके ऊपर ही लेटे रहा।

लंड अभी भी फुद्दी में ही था।

उसकी फुद्दी से थोड़ा थोड़ा वीर्य बाहर आ रहा था. वो भी चुपचाप लेटी रही। आज पहली बार ऐसी चुदाई करवा कर मस्त हो चुकी थी वो!

मगर उसे क्या पता था कि खेल अभी शुरू हुआ है।

हम दोनों नंगे लेटे हुये थे।

अचानक से मैं उससे लिपट गया और अपने एक हाथ से उसके दूध को दबाते हुए बोला- कैसा लगा जान?

“बहुत अच्छा।”

“मजा आया?”

हाँ …”

करीब 15-20 मिनट तक हम दोनों एक दूसरे से चिपक कर लेट रहे और बाते करते रहे, फिर मेरा लन्ड दोबारा खड़ा होने लगा।

अब मुझे उसकी गान्ड भी मारनी थी….इसलिए मैं उसके गान्ड के छेद में अपनी उंगली घुमाने लगा, उसने बोला क्या कर रहे हो मैने कहा सोनिया अब मुझे पीछे गान्ड भी चोदनी है।

ये सुनते ही सोनिया बोलने लगी पागल हो क्या विशाल आज तक मैने गान्ड में चुदाई नहीं करवाई है, मुझे नहीं करवाना बहुत दर्द होगा इसमें, ना बाबा ना।

पर मै कहां मानने वाला था मैने कहा मुझपर भरोसा रखो, मैने पूछा घर में कोई तेल या बटर जैसा कुछ होगा?

उसने कहा फ्रिज में बटर पड़ा है मै झट से जाकर फ्रिज से बटर ले आया और मैने बटर उसकी गान्ड के छेद में लगा दिया और अपने लन्ड पे भी लगा लिया।

फिर मैने सोनिया को घोड़ी बनने को कहा, वो भी झट से घोड़ी बन गई, मैने उसकी गांड को फैला दिया और छेद में लंड को लगा कर धीरे धीरे लंड पे जोर देकर अन्दर करने लगा। लंड भी छेद को चौड़ा करते हुए अन्दर जाने लगा।

उसके मुंह से उस वक्त बस- मह्ह्ह ओओओ ओह्ह मह्ह्ह आह्ह नहीईईईईई ना … छोड़ो न!

मगर मैं कहाँ मानने वाले था … धीरे धीरे कर के पूरा लंड सोनिया गांड में पेल दिया। मूसल जैसा लंड उसकी गांड मे पूरा घुस चुका था… अब धक्के लगाने में बड़ा ही मज़ा आ रहा था।

उसे उतना ज्यादा दर्द नहीं हुआ क्योंकि मैने बहुत आराम से ही डाला था।

फिर धीरे धीरे मैने उसकी गांड चोदनी शुरू की. लंड बहुत ही ज्यादा टाईट जा रहा था, वो बिल्कुल मछली जैसी मचल रही थी- आअह्ह्ह नहीई ईईई आअह्ह्ह ऊऊऊईईईई आआआअह्ह ऊऊऊईईई छोड़ोओओ ओह्ह्ह ओओओ नहीईईईई ईईईईई बस्स करो! मगर मैं धीरे धीरे उसे चोदे जा रहा था.

कुछ देर में वो कुछ सामान्य हुई, तब मैने अपने धक्के तेज़ कर दिये।

अब उसे भी अच्छा लग रहा था। अब मै भी जोरदार धक्के लगाने लगा. उसके चूतड़ भी मस्त हिल रहे थे और उसको देख मै और जोश में आकर तेज़ी से चुदाई किये जा रहा था।

करीब 15 मिनट तक चुदाई के बाद मैंने अपना पूरा पानी सोनिया की गांड में ही गिरा दिया और फिर से हम दोनों निढाल होकर लेट गए। हम दोनों के ही बदन पसीने से तर थे।

उस रात हमने 4 बार चुदाई की…. वो मेरी ज़िन्दगी का सबसे अच्छा एक्सपीरियंस था। उसके बाद हम 2 सालो तक चुदाई करते रहे उसके बाद सोनिया का ट्रनासफर मुंबई में हो गया। अब हमरी फोन पे कभी कभी बात हो पाती है।

तो दोस्तो मेरी ये सच्ची कहानी कैसी लगी बताइएगा ज़रूर।आपके मेल्स का इंतज़ार रहेगा।

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