देसी गर्लफ्रैंड के साथ पहली चुदाई की कहानी

हेलो दोस्तो, मैं अन्तर्वासना का कई सालों से पाठक रहा हूँ मैंने इस सेक्स कहानी साइट की लगभग सभी कहानियाँ पढ़ी हैं तो मैंने भी सभी की तरह सोचा कि मैं भी अपनी चुदाई की कहानी भेजूँ!

मेरा नाम सरताज है, कानपुर में रहता हूँ। मैं 19 साल का लंबा गोरा और खूबसूरत लड़का हूँ, मैं दिखने काफी खूबसूरत भी हूँ क्योंकि मेरे चेहरा बिल्कुल साफ है, मेरी लंबाई 5 फुट 9 इंच है जिससे आप मेरे लंड का साइज़ समझ सकते हैं.

अब मैं सीधे कहानी पर आता हूँ! बात आज से 10 महीने पहले की है जब मैं स्कूल की पढ़ाई पूरी करके महाविद्यालय में प्रवेश लिया था. उस वक़्त मेरी कोई गर्लफ्रैंड नहीं थी. फिर जब मैं कॉलेज जाने लगा तो मुझे एक लड़की पसंद आई, मैंने सोचा कि अब इसे अपना साथी बनाया जाए. मैं अपनी छुपी छुपी नज़रों से उसे रोज़ घूरता रहा.

उसने एक दिन यह बात एक नोट कर ली कि मैं उसे हमेशा घूरता हूँ. कुछ दिन तक तो वो मुझसे दूर दूर रहने लगी तो मैंने सोचा कि शायद मेरा देखना उसे नहीं पसंद है तो मैंने उसे घूरना कम कर दिया. फिर कुछ दिन बाद हम लोग अपनी अपनी पढ़ाई में लग गए.

फिर एक दिन मैंने नोटिस किया कि अब तो वो मुझे घूरने लगी. इस तरह एक सप्ताह निकल गया।

फिर मैं घर की परेशानी की वजह से कॉलेज कुछ दिन नहीं गया; करीब 14 दिन बाद मैं कॉलेज गया तो देखा कि उस दिन वो भी नहीं आई थी. फिर जब दूसरे दिन मैं कॉलेज गया तो देखा वो उस दिन सलवार कुर्ता पहनी हुई सामने से आ रही थी; उस दिन वो काफी खूबसूरत लग रही थी.

मैंने अपनी नज़र उस पर से हटा कर मोबाइल में लगा ली ताकि उसे यह ना लगे कि मैं अब भी उसे घूरता हूँ; वरना वो अब भाव खाने लगेगी!

तो जब मैं मोबाइल चला रहा तो मैंने महसूस किया कि कोई मेरे बगल में आकर बैठा है. जैसे ही मैं उस तरफ देखा तो वही लड़की थी, उसने स्माइल पास कि. मैं समझ गया कि अब मामला गंभीर है. फिर भी मैं कुछ नहीं बोला तो उसने कुछ देर बाद मुझसे हय बोला और बात शुरू की. उसकी आवाज़ बहुत मीठी थी. मैंने उससे उसका नाम पूछा तो उसने अपना नाम मुस्कान बताया. फिर धीरे धीरे हमारी बात होने लगी और हम लोग अच्छे दोस्त बन गए.

कुछ दिन बाद मैंने उससे उसका फ़ोन नम्बर मांगा तो उसने देते ही बोला- क्या अब आपका भी नंबर मिल सकता है? मैंने कहा- हाँ आज शाम को एक अनजान नंबर से कॉल आएगी, वही मेरा नंबर रहेगा.

उस दिन शाम को मैंने उसे काल किया और बहुत सारी बातें की, उसके परिवार के बारे में पूछा तो उसने बताया कि उसकी एक बड़ी बहन है और दो भाई एक छोटा और एक बड़ा। उसके बाद फिर उसने सब मेरे बारे में पूछा, इस तरह हमारी बातें फोन पर भी होने लगी.

मैं उसे रोज़ कॉल करके बात करता इस तरह हमारी दोस्ती काफी गहरी हो गयी, उसकी बातों से मुझे लगने लगा कि वो अब मुझे पसंद करने लगी है क्योंकि जब मैं कभी कभी बिजी रहता हूँ तो वो मुझे खुद कॉल करके मुझसे बहुत प्यार से बात करती थी और मैं भी उससे प्यार से बात करने लगा.

अब हम लोग कॉलेज में एक साथ जाने लगे और साथ में वापिस आने लगे थे. कॉलेज में सब लोग हमसे जलने लगे थे, शायद कॉलेज के कुछ लोगों को हमारी दोस्ती नहीं पसंद थी. खैर हम लोग अपने से मतलब रखते, बाहरी किसी से भी नहीं बोलते।

फिर ठंडी का मौसम आया तो अब कॉलेज में बहुत कम स्टूडेंट आते थे. तो एक दिन सिर्फ 4 लोग थे, उस दिन कोई टीचर भी क्लास लेने नहीं आया था तो सब लोग वापस चले गए. जब क्लास में कोई नहीं था तो वो मेरे पास आई और उसकी आंखों में धीरे धीरे आंसू आने लगे. मैंने उससे पूछा- क्या हुआ? तो उसने बताया- कुछ नहीं! मैं बोला- ओके! और फिर मैं अपने रूमाल से उसके आंसू पौंछने लगा.

तभी फिर मुस्कान ने मुझसे बोला- सरताज, मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूँ! आई लव यू सरताज! उसने मेरा हाथ पकड़ा और फिर रोने लगी. मैं बहुत खुश हुआ कि जिसे मैं चाहता हूँ उसने मुझे ही परपोज़ कर दिया.

तब मैंने उसका हाथ कस के पकड़ा और बोला- आई लव टू मुस्कान … मैं भी तुमसे बहुत प्यार करता हूँ. उस दिन के बाद से वो हमसे बहुत बातें करने लगी और धीरे धीरे हम दोनों का प्यार बढ़ता गया.

एक दिन मैंने उससे पार्क में अकेले मिलने के लिए बुलाया तो उसने बोला- अभी नहीं। फिर मेरे काफी बोलने पर वो राज़ी हो गयी तो हम दूसरे दिन कॉलेज के टाइम पर वहीं पास के पार्क में गये जहाँ पर फैमिली कम, कपल ज्यादा जाते हैं.

हम दोनों एक किनारे अच्छी जगह देख कर बैठ गए और बातें शुरू की. उसने बोला- मुझसे कितना प्यार करते हो? मैंने कहा- तुम सोच भी नहीं सकती! मुस्कान ने पूछा- कितना? मैंने कहा- इस जिस्म में जान तुम्हारी ही है!

फिर उसकी आंखों में आँसू आ गए तो मेरे कंधे पर सर रख के बैठ गई और मुझे नशीली निगाहों से देखने लगी. तो मैंने पूछा- क्या हुआ? तो उसने बोला- क्या हम लोग किस कर सकते हैं?

मैं बिना कुछ बोले ही उसके लिप्स पर अपने लिप्स रख के किस करने लगा. फिर मैं धीरे धीरे उसकी पीठ पर हाथ ले जा के सहलाने लगा जिससे वो गर्म हो गयी उसकी सांसें तेज़ होने लगी. तभी अचानक वह मेरे सिर को हाथ से सहलाने लगी.

अब हम दोनों पार्क में थे तो उससे ज्यादा कुछ नहीं कर पाए. फिर कुछ फैमिली आ रही थी तो हम दोनों को अपना मन तोड़ के जबरदस्ती अलग होना पड़ा. फिर मैं उसे लेकर एक मॉल गया वहाँ उसने पिज़्ज़ा और गोल गप्पे खाये, फिर वहां से बाहर आकर हम दोनों अपने अपने घर चले गए.

उसी दिन रात में उसने मुझे कॉल किया, उस वक़्त हमारी जनरल बात हो रही थी. तभी मेरे मन में मस्ती सवार हुई मैं उसके चुम्बन की तारीफ करते हुए उससे पूछा- कभी तुमने किसी से किस के अलावा कुछ और किया है? तो वो मुझसे बोली- मैंने आज पहली बार तुम्हारे साथ किस किया है तो उसके अलावा और क्या करेंगे!

मैंने पूछा- कभी मन नहीं करता है क्या? मुस्कान- मुझे ये सब में कोई रूचि नहीं है! मैं- फिर आज किस के लिए क्यों बोली थी? मुस्कान- मेरे मन में अपने आप वो आ गया था! मैं- अगर फिर अपने आप उसका मन करने लगा तो? बोली- मतलब? और हँसने लगी.

मैं- समझ सब रही हो लेकिन कहना नहीं चाहती! मुस्कान- छी … कितने गंदे हो तुम! मैं फिर गुस्सा हो गया.

तो फिर वो मनाने के लिये सब खुल के बात करने लगी, बोली- अच्छा तो आप सेक्स के लिए बोल रहे थे! मैं- हाँ. बोली- अभी नहीं! मैं- क्यों? बोली- शादी के बाद!

मैं हँसने लगा और बोला- तुम अब भी पुराने ख्यालात में हो! वो बोली- मैं ये सब काम शादी से पहले नहीं कर सकती हूँ! मैं- मुझसे तो करना पड़ेगा. बोली- नहीं! मैं- जाओ नहीं बात करना फिर! बोली- समझो सरताज, ये सब अभी नहीं सही है. मैं- सब सही है तुम्हें करना है या नहीं? बोली- नहीं!

मैंने कहा- करना पड़ेगा! और फिर मैं गुस्सा हो गया. फिर मैंने कहा- अब जब करना होगा तो फ़ोन करना।

मैं जानता था कि ये जरूर मानेगी. फिर 3 दिन तक मैं कॉलेज नहीं गया तो चौथे दिन उसने मुझे फ़ोन किया और सीधे ‘आई लव यू…’ बोला. फिर बोली- सरताज, मुझे तुम्हारी हर बात मंजूर है, लेकिन मुझे छोड़ना मत! मैंने कहा- कब? उसने कहा- जब तुम चाहो!

उसके बाद हम लोग मौके की तलाश में रहने लगे और फ़ोन पर सेक्स की बातें करने लगे. कुछ दिनों बाद मुझे वो टाइम मिल ही गया, उसने मुझे कॉल किया और बोली- सरताज, एक खुशखबरी है. मैंने पूछा- क्या? तो बोली- कल मेरे घर वाले शादी में जा रहे हैं. रात में शादी का प्रोग्राम है. मैंने पूछा- तुम भी तो जाओगी? तो बोली- मैं नहीं जाऊँगी, तबियत खराब का बहाना बना लूंगी. मैं बोला- ठीक है. जैसा तुम ठीक समझो! फिर उसके बाद उसने कॉल काट दिया.

अब मुझे रात में नींद नहीं आ रही थी, बार बार यही विचार आ रहे थे कि कल क्या होने वाला है. मुझे यही सोच पड़ गयी.

खैर यही सोचते सोचते मैं सो गया और सुबह 10 बजे सो के उठा तो मैंने मोबाइल चैक किया तो मुस्कान की 2 मिस कॉल लगी थी. मैंने कॉल किया तो उसने फ़ोन नहीं रिसीव किया.

फिर मैं फ्रेश होने लगा और रात का प्रोग्राम प्लान करने लगा. दोपहर में मैंने खाना खाया और घर में बोला कि मैं अपने दोस्त के घर पढ़ाई के लिए जा रहा हूँ, कल सुबह आऊंगा. मैंने एक दोस्त को फ़ोन किया और उसके साथ सब बातें शेयर की और उससे बोला कि रात में थोड़ी देर मुस्कान के घर पास बाहर रहना है तुझे, तू रह पाएगा क्या? तो उसने बोला- क्यों नहीं यार, इतना तो कर सकता हूँ मैं तेरे लिए!

फिर जब रात हुई तो मैंने एक मेडिकल स्टोर से कंडोम लिया और अपने दोस्त को लेकर मुस्कान के मोहल्ले चला गया, फिर रात में करीब 9:30 बजे मुस्कान के घर वाले जा रहे थे, देखा तो उसके घर के सब थे लेकिन मुस्कान नहीं थी.

मैंने अपने दोस्त को कोल्ड ड्रिंक पिलाई और सिगरेट दिला के उसे मुस्कान के घर के पास गया. जैसे ही मैं पहुँचा तो तुरंत मुस्कान का फ़ोन आया, वो बोली- घर वाले शादी में चले गए, कहाँ हो तुम? अब मेरे घर आओ! मैं बोला- दरवाज़ा तो खोलो, तुम्हारे घर के सामने खड़ा हूँ.

उसने दरवाज़ा खोला और मैं अंदर गया तो उसने दरवाज़ा लॉक किया, फिर सारी खिड़की बंद की और मेरे पास आकर बोली- क्या खाओगे? मैंने कहा- जो तुम ले आओ! पर जल्दी लाना, हम लोगों के पास टाइम ज्यादा नहीं है.

वो किचन में जाने लगी, उसका किचन अंदर था, मैं उसे देखते देखते उसके पीछे चलता चला गया और उसे देख रहा था. तभी अचानक मैंने उसे पीछे से पकड़ा और उसके गले पर किस करने लगा. वो कॉफी बना रही थी, तुरंत उसने गैस बंद किया और मेरी तरफ घूम के मेरे लिप्स चूसने लगी. मैंने भी उसके लिप्स को खूब चूसा. इस तरह वो मेरा साथ दे रही थी कि जैसे कोई सेक्स की एक्सपर्ट हो.

खैर मैं उसे लेकर पास के कमरे में गया तो वो उसके मम्मी पापा का बैडरूम था. हम दोनों वहीं पर किस करने लगे, उस वक़्त मेरा लन्ड खड़ा हो कर टाइट हो गया.

पहले तो हम खड़े होकर किस कर रहे थे, तभी अचानक मैंने उसे बेड पर धकेल दिया, फिर मैं उसके पास जाकर उसे निहार रहा था, वो शर्मा के अपनी आंखें बंद कर रही थी. तभी मैंने सभी लाइट बन्द की और नाईट बल्ब जला दिया. बल्ब की महीन रोशनी में कमाल का नज़ारा था.

मैं देर न करते हुए उसके पास गया और उसके लिप्स पर खूब किस किये जा रहा था. फिर धीरे धीरे उसकी गर्दन पर किस करने लगा और वो मेरे सर को अपनी गर्दन पर कस के दबा रही थी. उसकी सांसें अब तेज़ होने लगी थी.

फिर मैंने धीरे से उसे उठाया और उसका कुर्ता कंधे तक उठा दिया. उस बदन बहुत गोरा था जैसे वो रोज दूध से नहाती हो. उसने लाल रंग की ब्रा पहन रखी थी, मैंने ब्रा के ऊपर से ही उसके बूब्स को दबाया. जैसे मैंने दोनों हाठों सर उसके बूब्स दबाये तो क्या बताऊँ दोस्तो … इतने मुलायम उसके बूब्स थे कि क्या कहना! और वो तुरंत आहें भरने लगी, उम्म उम्म की आवाज़ करने लगी.

मैं समझ गया कि अब यह लड़की गर्म हो चुकी है, फिर मैंने आधे उतरे हुए कुर्ते को उसके जिस्म से अलग किया, फिर उसकी ब्रा उतारी. वो अब और शर्मा रही थी जिससे वो अपने दोनों हाथों से अपने बूब्स को छुपा रही थी.

मैंने उसके हाथ में हाथ डाल के उसके बूब्स पर मुँह रखा तो वो तुरंत बिचक गयी. फिर मैं उस पर जोर डाल के उसके बूब्स छोटे बच्चे की तरह चूसने लगा. इतना मज़ा आ रहा था कि क्या बताऊँ यारो … वो बस ‘उम्म उम्म आह …’ की आवाज़ करने लगी.

फिर 10 मिनट उसके बूब्स चूसने के बाद मैं उसके पेट की तरफ गता, उसका पेट बहुत चिकना था, मैं उसके पेट को अपनी जीभ से चाटने लगा, वो और गर्म हो गयी, मुझसे कहने लगी- सरताज, अब मुझसे रहा नहीं जा रहा है … जल्दी कुछ करो … बर्दाश्त नहीं हो रहा है. मैं समझ गया कि ये अब मेरा लन्ड लेने के लिए तैयार है मगर मैं सब आराम से करना चाह रहा था कि जिससे कोई काम गलत न हो.

कुछ देर बाद मैंने उसकी सलवार नीचे सरकाई, उसे निकाल दिया और उस वक़्त वो सिर्फ पैंटी में थी. हल्की लाइट में उसका बदन बहुत चमक रहा था. वो मुझसे बार बार बोल रही थी- सरताज़ प्लीज जल्दी कुछ करो! मगर मैं उस वक़्त उसकी एक बात भी नहीं मानने वाला था, अगर मैं जल्दबाज़ी करता तो उसे दर्द होता फिर वो कभी दुबारा राज़ी न होती.

खैर मैंने उसकी पैंटी उतारी और जैसे ही मैंने उसकी कुंवारी बुर को देखा, बस देखता ही रह गया, उसकी गुलाबी बुर जिस पर एक भी बाल नहीं था, और बगल में उसके एक तिल जो उसकी बुर की खूबसूरती और बढ़ा रहा था. मैंने उसकी बुर चाटने का प्रयास किया लेकिन वो मुझे नहीं करने दे रही थी. आखिरकार मैं उसकी बुर चाटने लगा तो और जोर जोर से आहें भरने लगी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ मेरे सर को अपनी बुर में दबा के खूब ‘उम्म ममम आह सरताज जानू … जोर जोर से!’ कहने लगी.

कुछ देर बाद उसका बदन अकड़ने लगा तो उसकी बुर में से एक सफेद रंग का पानी बाहर आने लगा, मैं उसे सब चाट गया और वो अब थक कर लेट गयी, मैंने उसकी बुर को चाट चाट के साफ किया और फिर अपनी पैंट उतारी, फिर अंडरवियर …

जैसे ही मेरा लन्ड बाहर आया, वो देख कर डर गई क्योंकि उसने पहले कभी किसी का इतना बड़ा लन्ड नहीं देखा था. वो मुझसे कहने लगी- इतना बड़ा लन्ड मेरी बुर में कैसे जाएगा? मैंने कहा- सब चला जायेगा, बस तुम ज्यादा चिल्लाना मत! और मैंने अपने लन्ड पर कंडोम लगाया, तब उसकी बुर पर अपना लन्ड सेट करके धक्का लगाया लेकिन अंदर नहीं गया. दूसरी बार भी नहीं गया. उस वक़्त हम दोनों पसीने से भीग चुके थे.

फिर उसने अपने हाथ से मेरे लन्ड को अपनी बुर के छेद पर सेट किया और इशारा किया कि धक्का लगाओ! मैंने अचानक जोर का धक्का लगाया जिससे मेरा आधा लन्ड उसकी बुर में चला गया और वो जोर से चिल्लाई- उई माँ … मर गयी। मैंने तुरंत अपने होंठों से उसके होंठ बन्द कर दिए और उसके बूब्स दबाने लगे ताकि वो जल्दी नॉर्मल हो जाये.

जब वो नार्मल हुई तो मैंने एक जोर का झटका मारा जो उसकी बुर को फाड़ते हुए उसकी जड़ तक चला गया और वो मुझे नोचने लगी, धकेलने लगी, उसकी आंखों से आँसू आ गए. मैं समझ गया कि अब मुस्कान की बुर की सील टूट गयी है. मैं कुछ देर ऐसे ही लेटा रहा, मैं उसके बूब्स दबा रहा था. जब वो थोड़ा शांत हुई तो मैं धीरे धीरे धक्के लगाने लगा, 1 मिनट के बाद अब उसे भी मज़ा आने लगा था.

धक्का लगाते समय मैंने नीचे देखा तो उसकी बुर से खून निकल रहा था. मगर मैं धक्के पे धक्का दिए जा रहा था और वह ‘ऊह आह ओह्ह फ़क मी कम ऑन फ़क मी माई राजा …’ बोल रही थी. उसकी इन सब बातों से मेरा जोश और बढ़ गया, अब मैं पूरा लन्ड बाहर निकाल निकाल के धक्के लगाने लगा.

तभी उसका बदन अकड़ने लगा और जोर जोर से चिल्लाने लगी- उह आह मम्ह ओह्ह … दो चार झटके के बाद वो झड़ गयी. अब उसकी चूत थोड़ी ढीली हुई, मैं भी अब अपनी चरमसीमा पर आने को था, और मैं कस कस के धक्के मारने लगा.

करीब दस पंद्रह धक्कों में मैं भी झड़ गया और उसी के नंगे बदन के ऊपर लेट गया.

फिर दस मिनट बाद मैं उठा तो पहले कंडोम उतारा. फिर देखा कि मुस्कान बहुत खुश थी, उसने मेरे लिप्स पर किस किया, फिर थैंक्स बोली और किचन में जाने लगी. मगर उसकी बुर में दर्द हो रहा था तो वो सही से नहीं चल पा रही थी.

उसने बेड की चादर बदली और उसे धो के डाल दी.

फिर मैंने एक बार और उसी समय उसके साथ सेक्स किया और अबकी बार उसने मेरे लन्ड को भी चूसा था.

तो दोस्तो, इस तरह मैंने अपनी गर्लफ्रैंड की पहली चुदाई की. अगर कोई गलती हो तो दोस्तो माफ करना और मुझे आप ईमेल करके जरूर बताइयेगा कि मेरी सेक्सी स्टोरी आपको कैसी लगी! [email protected] कहानी पढ़ने के लिए धन्यवाद दोस्तो।