भाभी चुदाई के लिए बेताब थी-1

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: storyrytr@gmail.com. Starting price: $2,000

नमस्कार दोस्तो, मैं कमल राज सिंह आपका पुराना दोस्त एक बार फिर अपनी कहानी लेकर हाज़िर हूँ. मेरी उम्र 27 वर्ष कद 5 फीट 10 इंच, सीना 44 इंच है. मैं एक मज़बूत बदन का पंजाबी लड़का हूँ. मैं चंडीगढ़ में एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम करता हूँ और अपने मम्मी पापा, जो रिटायर्ड हैं, के साथ अपनी बड़ी सी कोठी में रहता हूँ.

मेरे पापा को यहां रहना ज्यादा पसंद नहीं है. वो अपने फार्म हाउस, जो शिमला के पास है, में रहना पसंद करते हैं और इसलिए बीच-बीच में वहां जाते रहते हैं. आपने मेरी पिछली कहानी सहकर्मी भाभी ने दोस्ती करके चूत चुदाई पढ़ी होगी. अब मेरी नयी कहानी का मजा लें!

बात 5 साल पुरानी है. मैं बाईस साल का था और सीए का एग्जाम पास करके नौकरी शुरू ही की थी. हमारे बराबर वाली कोठी में मेरे ताऊ जी का बेटा विजय राज सिंह और उसकी पत्नी नेहा रहते थे.

विजय तीस साल का था और नेहा भाभी छब्बीस साल की थी. नेहा पर मेरा दिल आ गया था और मैं हर समय उसके बारे में सोचता रहता था.

नेहा बहुत सुन्दर थोड़ी सांवली दुबली पतली, लंबी करीब 5 फुट 4 इंच की थी. वो तीखे नयन नक्श वाली मस्त मनचली औरत थी और मेरे साथ खूब दिल खोल कर बातचीत, धींगा मुश्ती, हंसी मज़ाक करती रहती थी.

एक दिन मैं शाम को ऊपर छत पर घूम रहा था. नेहा भाभी कपड़े उठाने आ गई. मुझे देख कर बदमाशी वाली मुस्कान से बोली- क्यों राजू यहां क्या कर रहा है? किसी लड़की पर तो लाइन नहीं मार रहा न?

मैंने हंस कर उसके ब्लाउज में तनी हुई चूचियों और साड़ी में नंगी कमर देखते हुए कहा- अरे भाभी हमारी ऐसी किस्मत कहां. कोई लड़की हाथ ही नहीं लगती.

उसने अपना पल्लू दोनों चट्टानों के बीच संभालते हुए हंस कर जवाब दिया- हाय राम.. ऐसी क्या बात है राजू, इतना सुन्दर है, हंसमुख है, अच्छा कमाता है.. और क्या चाहिए.. चल आज से तू मुझे ही अपनी गर्ल फ्रेंड बना ले.

चूंकि उसके साथ मस्ती चलती रहती थी तो मैंने उसके चूतड़ दबाते हुए कहा- हाय सच्ची.. फिर तो मज़ा आ जाएगा, खूब मस्ती करूँगा. “हाय राम अभी से मसलने लगा बदमाश..” वो भी मुस्कराते हुए चली गई.

उसकी इस हरकत से लगा कि वो भी मस्ती और चुदाई के लिए मचल रही है.

इसके बाद कई बार दबाना छूना चलता रहा. मेरा उसकी मस्त कसी खड़ी 36-28-36 साइज की फिगर वाली रेशम सी चिकनी चिकनी जवानी को घूरना और उसका मस्ती में अपनी गर्म जवानी का दिखावा, हम दोनों को ही मज़ा दे रहा था.

कुछ दिन बाद एक दिन मैं शाम को ऑफिस से वापिस आने के बाद ऊपर छत पर कमरे में बैठ कर लैपटॉप में ऑफिस का कुछ काम कर रहा था. नेहा भाभी अपनी तरफ कपड़े उठाने आई तो मैं उसे खिड़की से देख रहा था. नेहा कपड़े छोड़ कर मेरे कमरे में आ गई और बोली- हाय राम राजू, आज तुझे क्या हो गया, बहुत जोर से घूर रहा है? उसके सुन्दर चेहरे पर सेक्सी चंचल चुलबली मुस्कान थी.

“हाय राम नेहा भाभी, मुझे कुछ हो गया है या तुझे बदमाशी सूझ रही है. कितनी नीची साड़ी पहन रखी है. क्या मस्ती से बदमाशी से अपनी मस्त चिकनी-चिकनी कमर, पेट, नाभि, ब्लाउज में तनी हुई चूचियां दिखा रही हो.” “मैं दिखा रही हूँ?” नेहा मेरे सामने खड़े हो कर बनावटी गुस्से से मेरी तरफ देख रही थी और लड़ना चाहती थी.

मैंने दोनों हाथ से उसकी लम्बी पतली कटाव वाली रेशमी कमर पकड़ कटाव पर काट लिया. नेहा मस्ती और उत्तेज़ना से तड़फ उठी- हाय मैं मर गई.. सी.. अह्ह.. मसल डाला.. खा गया. “सी.. सी.. चुप.. चुप भाभी.. दरवाज़ा खुला है.. कोई सुन लेगा.. कम ऑन भाभी तू यही तो चाहती है और खेल खेलना चाहती है. ठीक है.. चल आज तुझे खेल खिलाता हूँ.”

मैंने साड़ी के ऊपर से उसके चूतड़ मसल डाले, नाभि पर चूम लिया और दूसरे हाथ से ब्लाउज में चूची मसल दी. नेहा दाँत भींच कर सिस्याते हुए वो फुसफुसा उठी थी- उई.. ई.. उई.. हह.. हाय.. हाय राम जालिम राजू क्या कर रहा है. आज तो सच में गर्ल फ्रेंड की तरह मसल रहा है. सारा रस ऐसे ही निचोड़ डालेगा. मैंने भी फुसफुसा कर उसकी गहरी सेक्सी नाभि में अपनी जीभ चलाते हुए पूछा- बोल देगी कि नहीं? “उह्ह्ह.. सी.. हाय ले लेना जालिम चोदू सांड.. पर अभी तो छोड़ दे.. मुझे जाने दे.”

नेहा पीछे हट गई. मुस्कराते हुए उसने जाकर दरवाज़ा बंद कर दिया और वापिस आकर मेरे सामने टेबल से लग कर खड़ी हो गई.

उसने प्यार से मुझे देखा और मेरा चेहरा अपने हाथ में ले कर बोली- हां अब बोल क्या कह रहा था.. देगी कि नहीं? हाय मेरे राजा तू नहीं लेगा, तो और कौन लेगा? तू तो मेरी जान है राजा.. सबसे सुन्दर सपना.. मेरी कल्पना का शहजादा. ये कहते हुए उसने मेरा सर अपनी ब्लाउज में रुई सी मुलायम चूची पर दबा लिया.

“उफ़ भाभी, तुझे हर समय धींगा मस्ती क्यों चढ़ी रहती है?” मैं मस्ती से बदमाशी से उसकी कमर पेट पर चूम रहा था, चाट रहा था, काट रहा था. नेहा चुदास से भरी कामुक आवाजें निकाल रही थी- एहह.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… हाय.. सी.. उई.. उई.. ई.. बस तुझे देख कर कुछ बदमाशी करने को दिल करता है राजा.. सच तो यह है राजा कि आज मैंने सोच लिया था कि पूछ के रहूँगी कि क्या तू मेरे साथ सेक्स करेगा?

उसकी बात सुन कर मैं हंस पड़ा और अपने हाथ उसके उसकी साड़ी के ऊपर से चूतड़ों पर लपेट लिए. “ओह.. ओह.. तो यह बात है.. आज तू देने आई थी.” मैंने उसकी ब्लाउज में बंद चूची को काट लिया. नेहा उछल पड़ी- हाय.. सी.. मर गई साले ऐसे लेगा मसल मसल कर.. उफ़ जालिम.. ऐसे तो बिना कुछ करे हो जाएगा.. मेरे जादूगर राजा. “ओह.. ईहह.. यही तो मैं चाहता हूँ मेरी प्यारी भाभी जान.. यही तो जवानी का असली मस्ती है. यही तो तू चाहती है.. दबा कर चूस कर मसल कर, चूतड़ पर कमर पर जांघों पर सहला कर, तेरा रस निकाल दूँ.” “वो सब दबाना चूसना सहलाना सही है पर मेरे राजा तू मेरा इस तरह निकाल नहीं सकता. जब तक तू अपना मस्त मोटा तगड़ा लंड मेरी चूत में नहीं घुसा कर जोरदार धक्के मार कर चुदाई नहीं कर देता. इसके लिए बहुत दम चाहिए.” नेहा भाभी मुझे चिढ़ा रही थी.

मुझको इस में बहुत मज़ा आ रहा था और मालूम था कि यह सब नेहा को इतना उत्तेजित कर देगा कि चुदाई के बिना ही वो इतनी गर्म और चुदासी हो कर झड़ जाएगी. “ओह.. कम ऑन भाभी, मुझे ऐसे मत ललकारो. तुझे और मुझे दोनों को मालूम है कि तुझे चुसाई में, दबाने में.. और चूत में उंगली करवाने में बहुत मज़ा आता है और तुझे ऐसे झड़ने में चुदाई से ज्यादा मज़ा आता है. क्यों कर दूँ उंगली चूत में?” मैंने हंस कर उसकी चूची दबा दी.

“हाय मार डाला चोदू राजा, ठीक है कर ले, पर पहले मुझे तेरा मोटा तगड़ा गोरा-गोरा लंड अपने हाथ में पकड़ना है.” नेहा ने खींच कर मुझे खड़ा कर दिया और पजामे के ऊपर से खड़ा लंड अपने हाथ में ले कर दबा दिया. “वाह.. वाह.. अब आया न कुछ मज़ा.”

मैंने नेहा का हाथ रोक कर कहा- एक मिनट रुक भाभी यहाँ नहीं, चल नीचे चलते हैं. आज मम्मी पापा फार्म हाउस गए हैं, घर में कोई नहीं है. “ठीक है, तू नीचे चल मैं अभी आती हूँ. जरा माँ जी से कोई बहाना बना कर आती हूँ.”

नेहा ने उचक कर मुझे होंठों पर चूम लिया. मैंने भी उसकी चूची दबा कर मसल दी. वो “उह.. हाय..” करके मुस्कराती हुई चली गई. मैं भी कमरा बंद करके नीचे आ कर डाइनिंग टेबल पर बैठ कर काम करते हुए नेहा भाभी का इंतज़ार करने लगा.

नेहा भाभी की रेशम सी कसी जवानी, मस्त गोल-गोल चूची, चिकने चूतड़ का याद करके अपना लंड तूफ़ान मचा रहा था और पजामे में टेन्ट बना था.

जरा सी देर में नेहा मुस्कराती हुई आ गई. उसने मुझे हाथ पकड़ कर खड़ा कर होंठों पर चूमते हुए लंड पकड़ कर बोली- सच राजू, आज तुझे इस तरह प्यार करके मुझे सपने जैसा लग रहा है. “क्यों मेरी जान ऐसा क्यों लग रहा है?” “उस दिन तूने ऊपर छत पर मेरे चूतड़ दबाए थे.. उसी दिन रात को मैंने सपने में देखा था कि तू मुझे छत पर घोड़ी बना कर अपना मोटा तगड़ा लंड मेरी चूत में घुसा कर धमाधम चोद रहा है और मैं चिल्ला रही हूँ कि निकाल ले चूत फट रही है.. पर तू पेले जा रहा है और मैं इतनी जोर से झड़ गई कि क्या बताऊं. जब आँख खुली तो देखा सच में साड़ी जांघों तक गीली हो गई थी. उसके बाद मैंने यह सपना तीन चार बार देखा था और हर बार झड़ गई थी. इसीलिए आज सोच लिया था कि तेरे लंड का मज़ा तो ले कर देखना ही है.”

नेहा ने मेरा पजामा नीचे खिसका दिया. मेरा 7 इंच का लंड उछल कर बाहर आ गया. उसने झट से लंड हाथ में थाम लिया. “उई.. वाह.. राजा.. सच में तेरा लंड तो सपने जैसा ही है.” “हाय राम, भाभी मेरी इज़्ज़त लूट रही है नंगा करके..”

मैंने हंस कर उसकी साड़ी खींच कर निकाल दूसरे हाथ से उसके 36 साइज के चूतड़ दबा दिए. फिर पेटीकोट का नाड़ा खींच कर पैंटी के साथ नीचे खिसका कर नीचे से पूरा नंगी कर दिया.

“भाभी तेरी चूत, चूतड़, जाघें भी तो मेरी कल्पना से भी सुन्दर हैं. मैंने अपनी उंगली उसकी चूत पर लगा दी. नेहा मस्ती और चुदास से मचल गई- ई.. ई उई.. राजा तू भी तो मुझे नंगा करके मस्त दबा कर चूस रहा है. वो लंड को अपनी नंगी जांघ पर रगड़ रही थी.

“उह्ह्ह.. अह्ह्ह.. वाह भाभी तेरी चिकनी-चिकनी जांघों से रगड़ कर लंड बहुत मस्ती में है. सच भाभी तेरा माल बहुत गर्म और मस्त है.” मैंने उसकी चूत में उंगली घुसा दी और अंगूठे से दाना रगड़ दिया. नेहा उछल पड़ी- हाय.. सी.. ई.. ई.. ई..ए..हाय.. जालिम बहुत मज़ा आ रहा है.. सी.. सी.. जरा लंड को चूत पर रगड़ने दे ना राजा.. बहुत मज़ा आएगा.

मुझे धक्का देकर नेहा ने पीछे करने की कोशिश की, पर मैंने उसे कस कर पकड़ रखा था. मैंने ब्लाउज के ऊपर से उसकी चूची काट ली और कहा- नहीं भाभी.. आज तो तेरी जवानी का रस चूस कर निकालना है.

नेहा भाभी मस्ती और चुदास से भरी और भी मज़ा ले रही थी. उसने अपना ब्लाउज खोल ब्रा के साथ निकाल दिया. मैं झट से उसकी गोल-गोल चूची मुँह में ले कर चूसने लगा.

मैं एक हाथ उसके दाने को रगड़ रहा था और दूसरे हाथ से उसके चूतड़ कमर जांघ सहला रहा था. बीच बीच में मैं अपनी उंगली उसके चूतड़ों के बीच उसकी गांड पर दबा रहा था. इससे भाभी को बहुत मज़ा आ रहा था और वो झटके से अपने चूतड़ आगे कर देती तो उसकी चूत में घुसी उंगली अन्दर तक घुस जाती.

नेहा की चूत, रस से भर गई थी और छप छप कर रही थी. नेहा मस्ती में मचल रही थी. उसका सर पीछे लटका था और आँखें बंद थीं और वो धीरे-धीरे अपने चूतड़ हिला रही थी और कामुक आहें भर कर मस्ती में झूम रही थी- ई.. ई.. हां.. सी.. ई.. उई गई मेरे राजा गई.. सी.. हाय बस निकलने वाला है. उसकी कमर पीछे को मुड़ी हुई थी और उसके चूतड़ झटके मार रहे थे.

“हाय.. हाय.. गई राजा.. गई.. निकल गया बस.. अपनी उंगली रोक दे. उसने अपनी जांघों को कसके भींच लिया और झटके देती हुई झड़ गई.

कहानी जारी रहेगी. आपको भाभी की चोदन कहानी कैसी लग रही है? अपने विचार अवश्य लिखें. [email protected]

कहानी का अगला भाग: भाभी चुदाई के लिए बेताब थी-2

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: storyrytr@gmail.com. Starting price: $2,000