आपा के हलाला से पहले खाला को चोदा-2

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कहानी का पिछला भाग: आपा के हलाला से पहले खाला को चोदा-1

नूरी खाला ने कहा- आमिर, मेरे दूल्हे, धीरे करो, बहुत दर्द होता है. फिर मैंने उनके गालों पर अपनी जीभ फेरनी चालू कर दी और फिर उनके ऊपर के होठों को चूमता हुआ, उनके नाक पर अपनी जीभ से चाट लिया. अब नूरी खाला उत्तेजित हो चुकी थी और सिसकारियां भरती हुई मुझसे लिपटी जा रही थी. अब मैं उनके चेहरे को चूसते हुए उनकी गर्दन को चूमने, चाटने लगा था और मेरे ऐसा करते ही वो सिसकारी लेती हुई मुझसे लिपटी जा रही थी.

अब मैंने खाला के कपड़े उतारने शुरू किये तो खाला बहुत उत्तेजित थी, कि आज वह पहली बार किसी मर्द के सामने बिना कपड़ों के होने वाली थी. और तो और आज एक पुरुष को पूर्ण नग्न देखने का मौका मिलने वाला था.

धीरे से मैंने उसकी गोरी पेशानी चूम ली और धीरे से उनकी चुनरी हटाने लगा. उन्होंने भी मुझे चुनरी हटाने में मदद की. मैंने खाला को कहा- नूरी खाला आप मुझे बिल्कुल मुमताज लगती हैं! तो वे बोली- मेरे शाहजहां, मैं आपकी मुमताज ही हूँ! आप आगे से मुझे मुमताज ही कहें!

अब मैंने उसका मांग टीका हटा दिया, उनकी नशीली आंखें मुझे नशे में कर रही थी। फिर मैंने उनकी दोनों नशीली आँखों पर एक चुम्मा दिया. फिर अपनी मुमताज का नाक को चूमा तो वे सिहर उठी.

मैंने चुनरी के एक पल्लू को लहंगे और एक कंधे से हटाया और वो एक तरफ गिर गया, अब चुनरी एक कंधे पर थी साथ ही चुनरी का दूसरा हिस्सा जो लहंगे में घुसा हुआ था होता है, वे मेरे सामने लहंगे और चोली में थी और चुनरी आधे बदन पर थी क्या क़यामत का नज़ारा था. मेरा लंड फिर सनसनाने लगा. मैंने खाला को एक बार फिर से अपनी बाहों में भर लिया और हम दोनों एक दूसरे की आँखों में देखने लगे.

उनकी चोली में उनके स्तन पूरी तरह फिट थे और बाहर आने को आतुर थे. उसकी चोली स्लीव लेस थी, मैंने उसकी चोली के ऊपर की डोरी खोल दी और उसके कंधों और बाँहों पर किस करने लगा. उसके बाद नीचे की भी डोरी खींच कर चोली की अलग कर दिया और खाला के उरोज आजाद कर दिए. नूरी खाला शर्मा कर बांहों से अपनी छाती छुपाने लगी और मुझसे लिपट गयी. मैंने धीरे से उनको अलग किया और छातियों को हाथों से पकड़ लिया और जोर से दबाने लगा, दोनों बूब्स एकदम लाल हो गए. फिर मैंने उनके निप्पल्स को पकड़ लिया और मसलने लगा. खाला के गुलाबी चूचुक उत्तेजना से खड़े हो चुके थे. मेरे हाथों ने उनके स्तनों को अपनी हथेलियों में भरा और उन्हें किस करने लगा. हम दोनों की साँसें तेज तेज चलने लगी.

मैंने अपना कुर्ता उतार दिया और खाला को अपनी छाती से लगा कर अपनी बाँहों में जकड़ लिया, उनके नर्म मुलायम बूब्स का मेरी छाती से दबने लगे. मैं अपने आनंद को बयां नहीं कर सकता! मैं उनके स्तनों को देखे जा रहे था और उनका दिल जोर जोर से धड़क रहा था. मैंने एक निप्पल अपने मुख में रखा और चूसने लगा. अल्लाह… नहीं बता सकता कि उस पल क्या अनुभूति हुयी. फिर मैंने दूसरे निप्पल को किस किया और उसे भी चूसना शुरू कर दिया. उन्होंने अपना सर उत्तेजना और आनंद के मारे पीछे की ओर कर लिया था.

मैंने चूचियों को दांतों से काटा तो खाला कराह उठी और वो मादक आवाजें निकालने लगी, आह उह आह की आवाजें पूरे कमरे में गूंज रही थी, खाला कह रही थी- धीरे मेरे राजा, धीरे प्यार से चूसो सब तुम्हारा ही है!

उनके बूब्स अब लाल हो चुके थे, उनके पूरे शरीर में एक आग सी लग गयी. तभी पता नहीं क्या हुआ, उनके शरीर में एक उफान सा आया और वे सिस्कारती हुई निढाल सी हो गयी. मैं समझ गया कि वे झड़ चुकी हैं. और मैंने पहली बार उसकी चूत को छुआ, मुझे योनि में गीलापन सा महसूस हुआ. वो उसका पहला ओर्गास्म था उस सुहागरात में!

और उन्हें लगा कि उन्होंने पैंटी में पेशाब कर लिया है. खाला बहुत शर्मिंदगी महसूस करने लगी. “यह क्या था? मुझे लगा कि मैंने पेशाब कर दिया.” नूरी खाला ने पूछा. “नहीं, आपको ओर्गास्म हुआ है.” मैंने जवाब दिया.

फिर मैंने लहंगे का नाड़ा खोल कर उतार दिया दिया और उनकी चूत पैंटी के ऊपर ही हाथ फेरने लगा. उन्हें जैसे करंट सा लगा, उन्होंने मुझे कस कर पकड़ लिया और मुझसे लिपट गयी, उनका गोरा बदन सुर्ख लाल हो गया था. और फिर पैंटी पर भी किस किया. मैंने उसके हिप्स को पकड़ा और अपने चेहरे को पैंटी से सटा डाला और उसे चूमने लगा.

मैंने धीरे से अपनी उंगलियाँ पैंटी के इलास्टिक में डाली और धीरे धीरे उसे नीचे करना शुरू कर दिया और पैंटी उतर फेंकी. उनकी चुत पर कोई बाल नहीं था. खाला ने अपनी चूत से बाल साफ़ किये हुए थे, चूत थोड़े गुलाबी रंग की थी और गीलेपन की कुछ बूंदे साफ़ दिख रही थी. नूरी खाला की कमर बल खा रही थी … मेरी हालात भी ख़राब हो चली थी.

अब उनकी हालत देखकर मैंने भी सोचा कि देर करना उचित नहीं है और उनको पूरी नंगी कर दिया, क्या मस्त माल था! थैंक यू अल्लाह, शुक्रिया. फिर मैंने सिर्फ़ गहनों में लदी नूरी … सपाट पेट, लहराती हुई कमर, गहरी नाभि और बूब्स पर तनी हुई निपल्स, आँखें अधमुंदी चेहरा और गला मेरे चाटने के कारण गीला और शेव्ड हल्के ब्राउन कलर की चूत, केले के तने जैसी जांघें और गोरा बदन.

मेरा मन तो कर रहा था कि बस चूमता, चाटता रहूँ और अपनी बांहों में जकड़ कर मसल डालूँ और जिंदगी भर ऐसे ही पड़ा रहूँ! फिर अपनी जीभ उनकी चूत पर लगाकर उनकी चूत को चाटने लगा तो वो उछल पड़ी और मेरे बालों को अपने हाथ में लेकर सिसकारी भरने लगी और बड़बडाने लगी- आमिर मैं 10 साल से तेरे बड़े होने का इंतज़ार कर रही थी, मेरी 30 साल की कुँवारी चूत की प्यास तूने आज और भड़का दी है.

मैंने अपना पायजामे का नाड़ा खोला और खाला ने मेरा पायजामा अपने हाथों से निकाल दिया. फिर मेरे कहने पर खाला ने अपना हाथ मेरे अंडरवियर पर रखा और खाला ने मेरा कठोर लिंग पकड़ा. अब मेरा 8 इंची लम्बा 3 इंची मोटा लंड तनकर पूरा 90 डिग्री का हो गया था। खाला मेरे लंड पकड़कर सहलाने लगी और अपनी उँगलियों में दबोच लिया. वो बहुत बड़ा था.

खाला बोली- आमिर, क्या ये मेरे अंदर जा पायेगा? ये मेरी चूत फाड़ तो नहीं देगा? मैं बोला- नहीं मेरी रानी, ये तो तुम्हारा आशिक़ है और हमारे प्यार और आनंद का औज़ार है, इसी से तो हम दोनों को प्यार के मजे मिलेंगे.

मैंने उन्हें मेरे लंड पर प्यार करने को कहा. पहले तो वे घबराई फिर मेरे कहने पर लंड पर एक मीठी चुम्मी की. मेरे हिप्स भी हरकत करने लगे थे.

उसके बाद मैंने खाला को इस तरह लिटा दिया कि मेरी छाती के साथ नूरी खाला की पीठ लगने लगी. मैंने अपने दोनों हाथों में उनके स्तन दबा लिए. हम दोनों पूरी तरह से नंगे थे. मेरा लंड उनकी चूतड़ों की दरार में घुस रहा था.

मैं उनकी चूत पर हाथ फेरने लगा उन्हें जैसे करंट सा लगा और उन्होंने मुझे कस कर पकड़ लिया और मुझसे लिपट गयी, मैंने उनकी चूत में अपनी एक उंगली की पंखुरियों को अलग करने की कोशिश की पर वह बहुत टाइट थी. मैंने दो उंगलियों की मदद से चूत की पंखुड़ियों को अलग किया, मैंने धीरे धीरे चुत में उंगली घुसानी शुरू की तो वो ज़ोर से चिल्लाई- आहह अब लंड डाल दो, अब और इंतज़ार नहीं होता, प्लीज जल्दी करो ना, प्लीज आहहह!

मैं उन्हें उंगली से लगातार चोद रहा था और वो ज़ोर से सिसकार कर रही थी- ये तूने क्या कर दिया? अब मुझसे रहा नहीं जा रहा है, जल्दी से चोद दो, मेरी चूत में आग लग रही है। वो ज़ोर-जोर से हाँफ रही थी और जैसे कोई कई मीलों से दौड़कर आई हो!

अब मैं भी उनको चोदना चाहता था मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रखा और चूत खोलने की कोशिश की लेकिन वह बहुत टाइट थी, मैंने अपने उँगलियों से चूत को खोला और लंड का गुलाबी सुपारा बीच में रख दिया, फिर नूरी खाला से बोला- खाला आप तैयार हो? वो बोली- हाँ मैं पूरी तरह से आपकी ही हूँ मुझे सुहागरात का पूरा सुख चाहिए! “देखो, हो सकता है कि तुम्हें थोड़ा दर्द हो… पर बाद में अच्छा लगेगा.” मैंने कहा. “मैं जानती हूँ. बस आप मुझे प्यार करो.” खाला ने बोला.

मैं बोला- खाला, मेरी आँखों में देखो! मैंने उनकी छाती पर अपना हाथ फिराना शुरू कर दिया. फिर मैंने धीरे धीरे अन्दर डालना शुरू किया. फिर धीरे से थोड़ा पीछे और फिर अन्दर की ओर दबाया लेकिन चूत बहुत टाइट थी और लंड अंदर जा नहीं रहा था.

मेरे लिए भी रुकना मुश्किल हो रहा था, फिर मैंने कस कर जोर लगाया और लंड दो इंच अंदर चला गया. खाला चीखने चिलाने लगी- हाआअ… आमिर आईईईईई ईईई दर्द उउउउइई ईईईई हो रहा है! उउउईईईई माँ, आहहहाँ! उनकी चीख से मैं और मदहोश हो गया, मैंने कहा- धीरे से चिल्लाओ खाला, सब सुन कर क्या सोचेंगे!

एक बार फिर मैं पीछे हटा और फिर अन्दर की ओर दबाव दिया. मैंने थोड़ा सा लंड पीछे किया उठा और फिर से धक्का दिया, अन्दर अवरोध महसूस होने लगा था. लंड झिल्ली तक पहुँच चुका था मेरा लंड खाला की हायमन से टकरा रहा था और जब उसने उसे भेदकर आगे बढ़ना चाहा तो खाला चिल्लाने लगी कि दर्द के मारे मर जाऊँगी.

मैंने पूरी ताकत के एक धक्का लगा दिया. “ओह अम्मी…” खाला के मुख से निकला, खाला के स्तन ऊपर की ओर उठ गए और शरीर एंठन में आ गया. मेरा गर्म, आकार में बड़ा लिंग पूरी तरह से गीली हो चुकी योनि में घुस गया. अन्दर, और अन्दर वो चलता गया, नूरी खाला दर्द के मारे चिललाने लगी- आहह आमिर उउइइ ओह्ह्ह्हह बहुत दर्द हो रहा है! प्लीज इसे बाहर निकाल लो, मुझे नहीं चुदना तुमसे! तुम बहुत जालिम हो! यह क्या लोहे की गर्म रॉड घुसा डाली है तुमने मुझमें! निकालो इसे! बहुत दर्द हो रहा है, मैं दर्द से मर जाऊँगी. प्लीज निकालो इसे! और खाला की आँखों से आंसू निकल आये.

मैंने कहा- मैं 2 मिनट में बाहर खींच लूँगा और अब और नहीं फाड़ूँगा! और धीरे से उन्हें सहलाने लगा और चूमने लगा और अपना लंड 2 इंच बाहर निकालकर फिर से एक ज़ोर का शॉट मारा तो मेरा लंड उसकी चूत को चीरता हुआ चूत की जड़ में समा गया.

खाला की चूत बहुत टाइट थी मुझे लगा कि मेरा लंड भी छिल गया है, मेरी भी चीखें निकल गयी… हम दोनों एक साथ चिल्ला रहे थे. थोड़ी देर तक मैंने खाला को धीरे धीरे चोदा, फिर हम दोनों झड़ गये और मैं खाला के ऊपर गिर गया. मैं कुछ देर के लिए उसके ऊपर ही पड़ा रहा तो कुछ देर के बाद वो शांत हुई.

मेरा लंड खाला की चूत के अंदर ही था, उनकी चूत ने मेरे लंड को जैसे जकड़ लिया था. कुछ देर बाद जब मुझे लगा कि झड़ने के बाद भी मेरा लंड खड़ा है. मेरे साथ पहली बार ऐसा हुआ था कि झड़ने के बाद भी लंड खड़ा था.

फिर मैंने अपना लंड बाहर निकाला तो वह वीर्य, खाला के चूतरस और खून से भीगा हुआ था . बेड शीट खून से सन चुकी थी. मैंने फिर खाला को चूमा और उनके बदन को सहलाया और बोला- आप तो जानती हो कि पहली बार थोड़ा दर्द होता है और खून भी आता है, उसके बाद तो मजा ही मजा है. खाला बोली- पर क्या कोई ऐसे भी चोदता है जैसे तुमने मुझे चोदा. तुम बड़े जालिम हो.

फिर मैंने उनको प्यार से चूमा तो कहने लगी- मेरा महबूब बड़ा प्यारा कसाई है, बहुत बेदर्दी से चोदता है, लेकिन मुझे जन्नत की सैर कराई.

हम दोनों उठ कर वाशरूम चले गए और अपने अंगों को धोया. मैंने उनकी चूत पर क्रीम लगाई. फिर हम बिस्तर पर वापिस आ गए तो खाला बोली- चूत में अभी भी दर्द हो रहा है! मैंने कहा- मुझे देखने दीजिये. मैंने चूत पर किस किया और चाटने लगा तो वो बोली- आअह्ह्ह… आराम मिल रहा है, बहुत अच्छा लग रहा है, प्लीज और चाटो! उन्हें दस मिनट तक मैंने चाटा और चूसा और फिर खाला झड़ गयी. मैंने उन्हें किस किया और हम दोनों एक दूसरे से चिपट कर सो गए.

कभी हो सका तो आगे की कहानी भी लिखूँगा.

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