गांव की लड़की चोद डाली

दोस्तो, मेरा नाम राज शर्मा है. मैं चण्डीगढ़ में रहता हूँ. मैं अर्न्तवासना का नियमित पाठक हूँ. आप सब लोगों ने मेरी पिछली कहानियों को बहुत सराहा और बहुत ज्यादा संख्या में मेल करके अपनी राय मुझे बताई, इसके लिए आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद. अर्न्तवासना से मेरी कहानियों को पढ़कर बहुत से लोग फेसबुक पर मुझसे जुड़कर मेरे बहुत अच्छे दोस्त बने हैं, इसलिए इस साइट का भी बहुत बहुत धन्यवाद. बस आप सभी से एक इल्तिजा है कि आप किसी महिला मित्र का नम्बर मांगने की जिद न किया करें… आप सिर्फ एक कहानी समझ कर ही इसका आनन्द लें.

दोस्तो, मुझे चुदाई का बहुत शौक है और मुझे शादीशुदा आंटियां और भाभियां चोदना ज्यादा पसंद हैं. अब तक मैंने बहुत सी लड़कियों, आटियों व भाभियों के साथ चुदाई का मजा लिया है और उन्हें खूब मजा दिया भी है. अब भी जो भी मेरे साथ मजा लेना चाहती हैं, वे मुझे मेल करके मुझसे जुड़ कर मजा लेती हैं. ये मेरी पूरी जिम्मेदारी होती है कि मेरे साथ कोई भी लड़की, आंटी या भाभी दोस्ती करती हैं, उनकी निजता बनाए रखूं.

वैसे तो मैं सभी के भेजे गए ईमेल का हरसंभव जल्दी जवाब देने की कोशिश करता हूँ, फिर भी यदि देर होती है तो देर से ही सही, पर सभी के मेल का जवाब मैं अवश्य देता हूँ. इसलिए प्लीज़ मुझे ज्यादा से ज्यादा मेल करें या फेसबुक पर मैसेज भेज कर कहानी पर अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दें ताकि मेरा हौसला बढ़े और मैं ज्यादा से ज्यादा कहानियां आप तक भेज सकूं.

जिन्होंने मेरी पहले की कहानी नहीं पढ़ी वो चूत चुदवाने को बेताब पड़ोसन भाभी एक ही घर की सब औरतों की चुदाई और मस्त देसी भाभी की चुदास… के सभी भाग जरूर पढ़ें.

दोस्तो, मेरी यह कहानी मेरे एक दोस्त नितिन की है. नितिन अर्न्तवासना पर प्रकाशित मेरी कहानियों के नियमित पाठक हैं. उनके कहने पर ही मैंने यह कहानी लिखी है. आगे की कहानी उन्हीं की जुबानी सुनिए.

मेरा नाम नितिन है, उम्र 26 साल है, शादीशुदा हूँ. मेरी यह कहानी मेरी शादी से पहले की है. जब मैं 12वीं में पढ़ता था. मेरे गांव की एक लड़की कमला मुझे बहुत लाइन देती थी, पर वो दूसरी बिरादरी की थी. धीरे धीरे दोस्तों की संगत में मुझे मुठ मारने का चस्का लग गया और उन्हीं कमीने दोस्तों के साथ मैं ब्लू फिल्में भी देखता था.

मैंने उन्हीं कमीने दोस्तों से जब ये सुना कि लड़की की चूत मारने में बहुत मजा आता है, हाथ से लंड हिलाने में तो कुछ भी मजा नहीं है. जब मैंने ये जाना तो अब मुझे भी एक चूत की जरूरत होने लगी थी. मैंने भी कमला को लाईन देनी शुरू कर दी.

वो भी मेरे ही कालेज में पढ़ती थी. उसकी उम्र 18-19 साल की होगी, वो थोड़ी सांवली सी भी थी. छोटी छोटी चूचियां और पतली सी कमर थी. वैसे तो उसमें कुछ भी ऐसा खास नहीं था, पर चूत तो थी ना उसके पास. बस मैंने उसे ही चोदने की ठान ली. धीरे धीरे मेरी उससे बातचीत शुरू हुई और उसने मुझे बोल भी दिया कि वो मुझे पसंद करती है.

मैंने भी उसे बता दिया कि तुम भी मुझे पसंद हो, पर एक बात पहले ही सुन लो कि हमारी शादी नहीं हो सकती है क्योंकि एक तो हम एक ही गांव के हैं. दूसरा तुम दूसरी कास्ट की हो, फिर भी मेरे से मिलना है तो सोच लो. वो बोली- मैं सब जानती हूँ, पर बातचीत और मिलने में क्या बुराई है. मैंने कहा- बस तो ठीक है… अब हम रोज मिला करेंगे.

वो मान गई और धीरे धीरे हम कालेज के बाहर मिलने लगे.

एक दिन मैंने उसे किस कर दिया, उसने भी किस का बुरा नहीं माना. इससे मेरी हिम्मत बढ़ गई. दूसरे दिन जब वो मिली तो शरमा रही थी. मैंने उससे आज कालेज से जल्दी छुट्टी लेने को बोला. वो दो पीरियड पहले ही छुट्टी लेकर कालेज से बाहर आ गई थी. मैंने भी यही किया था.

कालेज के कुछ दूरी पर ही सरकारी जंगल था. हम दोनों उसकी दीवार फांदकर उसमें अन्दर घुस गए. एक साफ़ और सुरक्षित जगह देख कर हम दोनों बैठ गए. थोड़ी देर इधर उधर की बातें करने के बाद मैंने उसे चूमा तो वो शरमाने लगी. मैंने उससे कहा- देखो कमला, शरमाओ मत और मेरे साथ मजे लो.

फिर मैंने अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए और उन्हें चूसने लगा. वो भी चुसाई में मेरा साथ देने लगी. उसके होंठ चूसते हुए मैंने अपने हाथों से पहले उसके हाथ सहलाए, फिर थोड़ी देर गाल सहलाए और फिर गर्दन से हाथ फेरते हुए अपने हाथ उसकी चुचियों तक ले गया. उसकी चूचियां छोटे छोटे संतरे के आकार की थीं. मैंने उन्हें दबाना शुरू किया. उसने मेरा हाथ पकड़ लिया. मैंने उसे बांहों में भर लिया और वैसे ही जमीन पर लिटा कर चूमते हुए फिर से धीरे धीरे उसकी छोटी सी चुचियां दबाने लगा. थोड़ी देर में वो गरम होने लगी और सिसकारी भरने लगी.

मैंने पूछा- कमला तुम्हें मजा आ रहा है ना? वो बोली- हां, मजा तो बहुत आ रहा है, पर बहुत डर भी लग रहा है. यहां हमें कोई देख लेगा तो आफत हो जाएगी. मैं- बस थोड़ी देर और मजे लेने दो, फिर चलते हैं.

मैंने उसके चूचे जोर जोर से दबाए, होंठ चूमें और उसकी सलवार के ऊपर से ही उसकी चूत पर हाथ फिराना शुरू किया. वो आहें भरने लगी थी- आहहह आहहहह मत करो ना… अजीब सा लग रहा है.

मैंने उसका हाथ अपने पैंट के ऊपर से ही लंड पर रख दिया. पहले तो उसने हाथ हटा लिया, पर जब मैंने उसकी चूत सहलाई तो उसने भी थोड़ी देर बाद उसे पकड़ लिया और लंड सहलाने लगी. अब मैंने उसकी कमीज ऊपर उठानी शुरू की और उसकी ब्रा साईड में हटा के उसके निप्पल चूसने लगा. इसके साथ ही मैंने अपने हाथ को नीचे ले जाकर उसकी सलवार को नाड़ा खोलना चाहा. पहले तो उसने नाड़ा खोलने ही नहीं दिया, पर जब थोड़ी देर चुत रगड़ने के बाद जब उसकी चूत गीली होकर पानी छोड़ने लगी तो उसकी पकड़ भी ढीली होने लगी. मैंने उसकी सलवार और पेन्टी घुटनों तक नीचे कर दी और उसकी गीली चूत में हाथ चलाने लगा.

आज मैंने पहली बार किसी लड़की की चूत देखी थी. उसकी चूत बड़ी प्यारी लग रही थी. ब्लू फिल्में देखने के कारण मुझे पता था कि अब आगे क्या करना है. थोड़ी देर हाथ से उसकी चूत सहलाने के बाद मैंने अपनी जीभ उसकी चूत पर लगा दी और धीरे धीरे उसे चाटने लगा. कमला ने तो मजे के कारण अपनी आखें ही बंद कर लीं और जोर जोर से आहें भरने लगी. उसकी चूत बहुत पानी छोड़ रही थी. थोड़ी ही देर की उसकी चूत चुसाई और चुचियां दबाने के बाद ही वो झड़ने लगी. मैंने उसकी चुत का सारा नमकीन पानी चाट कर साफ कर दिया.

अब मेरे लंड का बहुत बुरा हाल हो गया था. मैं उसकी चूत मारना चाहता था पर वो यहां हो नहीं सकता था क्योंकि जंगल के अन्दर इस खुली जगह पर कोई भी आ सकता था. मैंने अपने पैंट की जिप खोलकर लंड को उसके हाथ में दे दिया. उसने शरमा कर नजरें नीची कर लीं.

मैंने कहा- मेरी जान अब शरमाओ मत… ये तुम्हारा ही तो है, चलो अब इसे थोड़ा प्यार करो, जैसे मैंने तुम्हारी चूत को प्यार किया था. वो बोली- मैं इसे कैसे प्यार करूँ? मैं- अरे इसे अपने मुँह में लेकर चूसो जान. कमला- नहीं मैं नहीं चूसूंगी इसे… ये गंदा है. मैं- अरे मेरी रानी, कोई चीज गंदी नहीं होती है. मैंने तुम्हारी चूत नहीं चाटी क्या? इसमें बहुत मजा आता है, एक बार करो तो, मेरी खातिर इसे अपने मुँह में लो.

उसने लंड मुँह में ले लिया, पर अगले ही पल बाहर निकाल दिया और उल्टी करने जैसा करने लगी.

कमला- नहीं… मैं नहीं ले पाऊँगी, मुझे अजीब सा लग रहा है. मैं- रानी कोई बात नहीं, फिर कभी सही, अभी इसे अपने नरम हाथों में लेकर हाथ से ही हिला दो.

मैं उसकी चूचियों पर हाथ चला रहा था और वो मेरे लंड पर हाथ चला रही थी. मैंने थोड़ी ही देर में उसके हाथ रस से सराबोर कर दिए. फिर हमने एक दूसरे को साफ किया और अपने कपड़े सही किए. एक बार फिर एक दूसरे को किस किया और घर की तरफ निकल पड़े.

रास्ते में मैंने पूछा- अच्छा बता तो, कमला मजा आया न तुम्हें? कमला- हां मजा तो बहुत आया… पर वहां डर भी बहुत लग रहा था, कोई आ जाता तो. आज के बाद मैं तुम्हें ऐसे नहीं मिलूँगी. मैंने- ठीक है मेरी जान, जब कभी और मौका मिला तो देखेंगे.

हम ऊपरी मजा तो कभी कभी ले लेते थे, पर मैं उसे चोद नहीं पा रहा था. मेरे लंड का बड़ा बुरा हाल था. सामने चूत खुली होती थी, पर उसके मजे अब तक नहीं मिल सका था. मैंने कमला को बोल भी दिया था कि अब सहन नहीं होता है. मेरा लंड तुम्हारी चूत में जाना चाहता है. उसका अपनी चूत के साथ मिलन करवा दो.

उसका भी मन अब चुदने को कर रहा था पर कोई ढंग की जुगाड़ नहीं बन पा रही थी. आग दोनों तरफ लगी थी, पर बुझ नहीं पा रही थी. वो रात में कहीं आ नहीं सकती थी और दिन में गांव वालों का देखने का डर था. पर कुंवारी चूत कब तक बचती. अब वो समय भी नजदीक आने वाला था, जब मैंने उसकी कुंवारी चूत में लंड डालकर उसकी सील तोड़ डालने का मौका तलाश लिया.

कुछ दिनों बाद ही हमारे गांव में एक लड़की की शादी थी. सभी गांव वाले शादी देखने में व्यस्त थे क्योंकि वो दिन की शादी थी और शादी देखने कमला भी आई थी. मैंने उसे इशारा किया तो वो मुझे पानी पीने के बहाने पानी की टंकी के पास मिल गई. मैंने उसे शादी के घर से थोड़ी दूर दिख रहे खेतों पर आने को बोला. पहले तो वो मान ही नहीं रही थी, पर थोड़ा समझाने पर वो वहां आ ही गई. मैं तो पहले से ही उसका वहां इन्तजार कर रहा था.

वो बोली- यहां क्यों बुलाया? कोई आ गया तो? मैं- अरे शादी में कौन यहां आएगा, सभी तो शादी देखने में मस्त हैं. चलो खेतों के अन्दर चलते हैं… भरी दोपहरी में खेतों के अन्दर कौन झाँकेगा.

उसको भी ये बात जम गई और वो भी मेरे साथ अन्दर आ गई. हम फसलों के बीच में जा पहुंचे. अब दूर दूर से कुछ नहीं दिखाई दे रहा था. खेतों के पास कोई इस समय आने वाला नहीं था.

मैंने उससे कहा- देखो कमला आज हमारे पास मौका है. एक दूसरे को प्यार करने का फिर ऐसा मौका बार बार नहीं मिलेगा. आज मैं तुम्हें चोदना चाहता हूँ. क्या तुम भी अपनी चूत में मेरा लौड़ा लेने को तैयार हो? वो अब भी डर रही थी, बोली- चुदने का मन तो मेरा भी बहुत कर रहा है पर… बहुत डर भी लग रहा है. यहां हमें किसी ने पकड़ लिया तो… नहीं नहीं… मैं यहां नहीं चुदूँगी… चलो वापस चलते हैं.

मेरा तो आज उसे चोदने को पक्का मन था. आज उसे बिना चोदे छोड़ नहीं सकता था. आखिर लंड कब तक प्यासा रहता और वो साली मान नहीं रही थी. इसलिए मैंने अपना आखिरी दांव फेंका.

मैं- देखो, आज किसी ने तुम्हें मेरे साथ पकड़ लिया तो मैं तुमसे शादी कर लूँगा और नहीं पकड़ा तो ऐसे ही छुप छुप कर हम दोनों चुदाई का मजा लेते रहेंगे.

इस बात पर अब वो मान गई. मैंने उसकी चुन्नी नीचे बिछाई, उसे लिटा दिया और उसके ऊपर आकर उसे गरम करने लगा. थोड़ी ही देर में हम दोनों गरम हो गए. मैंने एक एक कर उसके और अपने सारे कपड़े उतार दिए. अब तक रोज रोज दबाने से उसके संतरे अब कुछ बड़े हो गए थे. कुछ दिन पहले ही शायद उसने चूत के बाल बनाए थे इसलिए उसकी सांवली चूत भी चिकनी लग रही थी.

होंठ के बाद मैंने उसकी चूचियां मसलीं, चूसीं और नीचे होते हुए अपना मुँह उसकी चूत पर लगा दिया. वो टांग फैला कर सिसकारने लगी. फिर मैंने उसकी चूत चाटनी शुरू कर दी. वो बहुत मजे ले रही थी. मैंने उसका दाना सहलाया और चूत जोर जोर से चूसने लगा. वो तो मजे से उछलने लगी और कुछ ही देर में झड़ गई. मैंने उसका सारा पानी चाट लिया. अब उसकी बारी थी चूसने की, मैंने अपना लंड उसके सामने कर दिया.

मैंने कहा- देखो कमला, जैसे मैंने तुम्हारी चूत चाटी वैसे ही तुम भी इसे चूसो.

उसने भी मेरा लंड मुँह में ले लिया और चूसने लगी, पर थोड़ी देर में ही उसने लंड बाहर निकाल दिया और बोली- मुझे लंड चूसना अच्छा नहीं लग रहा है.

मेरा लंड तो उसके चूसने से गीला हो गया था. अब तो चूत सामने थी ज्यादा क्या चुसाना था. मैं बोला- रानी, कोई बात नहीं इतना ही काफी है. अब चुदाई का असली खेल खेलते हैं, जिसके लिए इतने दिनों से हम दोनों तड़फ रहे थे. वो अब तुम्हें बहुत अच्छा लगेगा.

मैंने थोड़ा थूक अपने लंड पर और लगाकर उसकी चूत पर रगड़ा तो वो मचलने लगी. मैंने उससे कहा- जान देखो, तुम्हारा और मेरा भी पहली बार है, इसलिए थोड़ा सा दर्द होगा. मेरे लिए सहन कर लेना… ठीक है जान! उसने सहमति में सिर हिलाया.

मैंने जैसे ही उसके चूत के मुँह में अपना लंड रखकर हल्का धक्का मारा, मेरा लंड का सुपारा उसकी चूत के अन्दर घुस गया. वो चीखने लगी- आहहहहह बाहर निकालो इसे… आहह… माँ रे… मैं मर गई… बहुत दर्द हो रहा है… मुझे नहीं चुदवाना.

मैंने उसके होंठ चूसे और लंड बाहर खींच लिया- देखो जान, थोड़ा दर्द तो होगा ही पर बाद में मजा बहुत आएगा. पहली बार सबको दर्द होता है, मुझे भी हो रहा है… पर चुदाई का मजा लेने के लिए थोड़ा दर्द तो सहन करना ही पड़ेगा. थोड़ा सा सहन कर लो प्लीज प्लीज.

मैंने फिर से उसे थोड़ा गरम किया और फिर उसके होंठों पर अपने होंठ रख कर सुपाड़ा फिर उसकी चूत पर सैट करके एक जोरदार झटका दे मारा. अब मेरा आधा लंड उसकी चूत के अन्दर घुस चुका था. मुझे भी मेरे लंड पर दर्द हुआ… उसके तो दर्द से आंसू ही बाहर आ गए. चीख तो वो सकती थी नहीं, उसके होंठ दबे थे. उसने मुझे अपने ऊपर से धकेलने की बहुत कोशिश की, पर ये हो नहीं पाया. नीचे मेरे लंड पर कुछ गर्म गर्म गीला गीला सा लगा. मैं थोड़ी देर वैसे ही पड़ा रहा.

फिर जब वो ढीली हुई तो मैंने उसके होंठ आजाद कर दिए. कमला- उम्म्ह… अहह… हय… याह… बहुत दर्द हो रहा है. मेरी चूत शायद फट गई है. प्लीज इसे बाहर निकाल लो, मैं इसे सहन नहीं कर पा रही हूँ. मैं बोला- जान जो होना था हो गया. बस अब दर्द नहीं होगा. मुझे देखने दो क्या हुआ है.

मैंने जैसे ही लंड उसकी चूत से बाहर निकाला तो उसकी चूत से खून निकलने लगा. मैंने उसकी पेन्टी से ही उसकी चूत साफ की और थोड़ी देर ऐसे ही उसकी होंठ और चूचियां चूसीं. जैसे ही वह कुछ नार्मल हुई, मैं फिर उसके ऊपर चढ़ गया. और लंड को उसकी चूत पर सैट किया. मैंने उसे कसके पकड़ लिया. फिर उसके होंठों पर हाथ रखकर एक जोरदार झटका दे मारा, मेरा पूरा को पूरा लंड उसकी चूत को फाड़ता हुआ अन्दर घुस गया. वो तो शायद बेहोश ही हो गई.

मैंने धीरे धीरे धक्के लगाने शुरू किए. थोड़ी ही देर में वो मचलने लगी. उसकी चूत बिल्कुल कसी हुई थी. लंड को अन्दर डालने में ताकत लगानी पड़ रही थी. थोड़ी देर की चुदाई के बाद उसकी चूत गीली होने लगी और अब लंड आराम से उसकी चूत के अन्दर जा रहा था.

अब उसे भी चुदवाने में मजा आने लगा था. उसकी कराहें अब मादक सिसकारियों में बदल गई थी. वो भी अब मेरे लंड का मजा लेने लगी. उसने मुझे कस कर पकड़ लिया. कमला- आहहह… आहहहह ओहह आहह अमम चोदो मुझे… आहह मजा आ रहा है… आह… अब मजा आ रहा है. कब से चुदना चाह रही थी ये चूत मेरी, आज तमन्ना पूरी हुई… आज रगड़ दो मुझे… आहहह आहह और जोर से चोदो उफ अइरहहह बड़ा दर्द भी हो रहा है अब भी आहहहह…

मेरे भी धक्के तेज हो गए. मेरी भी लड़की की चूत मारने की आज आरजू पूरी हो गईं. मेरे कमीने दोस्त सच ही कहते थे कि मुठ मारने में कोई मजा नहीं है, जो मजा किसी लड़की की चूत मारने में आता है.

मेरा लंड फच फच की आवाज के साथ उसकी चूत में जा रहा था. वो भी उछल उछल कर मजे ले रही थी. फिर मैंने उसकी चूत में से लंड निकाला और उसे उठने को बोला. मैं अब बैठ गया और उसे अपनी गोदी में बैठने को बोला. वो मेरी गोद में आकर बैठ गई मैंने अपने खड़े लंड को उसकी चूत के छेद में फिट किया और उसे अपने लंड पर बैठा लिया. उसने पूरा लंड अपनी चूत के अन्दर ले लिया और मेरे लंड पर जोर जोर से उछल कर मजे लेने लगी. थोड़ी ही देर की चुदाई के बाद उसने अपने पानी में मेरा पूरा लंड गीला कर दिया.

फिर मैंने उसे नीचे लिटा कर उसकी दोनों टागें अपने कंघे पर रखी और उसकी जोरदार चुदाई शुरू कर दी. उसकी कामुक सिसकारियां बहुत तेज गूंज रही थीं, पर वहां सुनने वाला कोई नहीं था. उसकी टाइट चूत के आगे अब मेरा लंड ज्यादा टिक नहीं पाया और वो पिघलने वाला था, इसलिए मैंने आठ दस दमदार झटके और उसकी चूत में मारे और अपना लंड उसकी चूत से बाहर निकालकर सारा पानी उसकी चूचियों पर गिरा दिया और उसके ऊपर ढेर हो गया.

थोड़ी देर ऐसे ही पड़े रहने के बाद मैंने उसकी चूत देखी वो फूल कर लाल हो रखी थी. उसकी चूत की फांकें खुल गई थीं. मेरे लंड ने आज उसकी सील तोड़ डाली थी. उसकी चूत से अब भी हल्का हल्का खून बह रहा था. उसकी पेन्टी से ही मैंने उसके खून और उसकी चुचियों से अपने वीर्य को साफ किया. हम दोनों ने अपने कपड़े पहन लिए. उसकी खून से और मेरे वीर्य से भीगी हुई उसकी पेन्टी को मैंने निशानी के तौर पर अपने पास रख लिया.

अब मैंने उससे पूछा- कमला तुम्हें मुझसे चुद कर मजा आया ना? कमला- हां तुमने तो पहले मेरी जान ही निकाल दी थी. पर बाद में मजा भी बहुत आया लेकिन लगता है मेरी चूत फट गई है. मुझे अभी भी बहुत दर्द हो रहा है.

मैंने उसे उठाया और कपड़े ठीक किये और हम दोनों खेतों से बाहर निकलने लगे, तो उससे तो चला ही नहीं जा रहा था. वो लंगड़ा कर चल रही थी. तो मैंने उससे सीधे अपने घर जाने को कहा. शादी में उसकी बिगड़ी चाल देख कर कोई भी शक कर सकता था कि कहीं ये ठुक कर तो नहीं आ गई और हम फॅस सकते थे. वो सीधे अपने घर चली गई और मैं वापस शादी में आ गया और वहां के कामों में लग गया. मैं कमला की कुंवारी चूत चोद भी आया था और किसी को पता भी नहीं चला.

इसके बाद दो बार और मुझे कमला को चोदने का मौका मिला फिर उसके 6 महीने बाद ही उसकी भी शादी हो गई. आज वो दो बच्चों की मॉ है और मैं भी शादीशुदा हूँ, पर उसकी वो पहली चुदाई भुलाए नहीं भूलती. उसकी वो पेन्टी आज भी मेरे पास है.

तो साथियो, आपको कैसी लगी मेरी जान की चुत चुदाई की कहानी… अपनी राय मेल कर जरूर बताइएगा. आप इसी आईडी से मुझसे फेसबुक पर भी जुड़ सकते हैं. आपके अमूल्य विचार एवं सुझावों की आशा में आपका राज शर्मा. [email protected]