बगल वाले ऑफिस की लड़की को पटा कर चोदा

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मेरे पाठक दोस्तो, मेरा नाम राज है और मैं भी आप ही की तरह अन्तर्वासना सेक्स कहानी का नियमित पाठक हूँ. मैंने इस साईट पर बहुत से लोगों की कहानियां पढ़ीं और हमेशा सोचता रहा कि कब मुझे अपनी कहानी डालने का मौका मिलेगा. आख़िरकार कुछ महीनों पहले वो मौका आ गया. तो दोस्तो, यह फ्री सेक्स कहानी करीब 6 महीने पहले की है, जब मैं दिल्ली से पुणे आया था. दिल्ली में रोज सुन्दर सुन्दर लड़कियों को देखता और कैसे तो भी अपने आपको कंट्रोल करते रहता. पुणे आने के बाद थोड़ी उदासी हुई क्योंकि यहां वो बात नहीं थी.

पर मेरे नसीब में सेक्स तो पुणे में ही लिखा था. हुआ यूं कि जिस ऑफिस में मैंने ज्वाइन किया, उसी बिल्डिंग में काफ़ी सारे ऑफिस है. हमारे बगल वाले ऑफिस में बहुत सारी लड़कियां हैं. वहां पर एक ग्राउंड फ्लोर पर बड़ी सी कैंटीन है… जहां सब लोग खाना खाने आते हैं.

बगल वाले ऑफिस से जब लड़कियां खाना खाने जातीं तो हम भी उसी टाइम निकलते ताकि हमें उन्हें ताकने का मौका मिले. उनमें से एक लड़की मुझे पसंद थी और मैं उसी को देखता रहता था. उसको भी पता था कि मैं उसको देखता रहता हूँ.

एक दिन मैं एक सेमिनार में गया, जो मुझ जैसे ऑफिस वालों के लिए था. वहां मैं किसी को जानता नहीं था तो में आखिरी पंक्ति में एक कुर्सी पर बैठ गया और सेमीनार शुरू होने की प्रतीक्षा कर रहा था.

अचानक मैंने देखा कि सामने से एक लड़की मेरे तरफ आ रही है. वो लड़की दूसरी कोई नहीं, ऑफिस के बगल वाली वही लड़की थी जिसे मैं देखा करता था.

मैंने उसकी तरफ देखा तो उसने कहा कि वो भी सेमिनार अटेंड करने आई है और वो भी किसी को नहीं जानती. चूंकि उसने मुझे कैंटीन में कई बार देखा था तो उसने मुझसे बात की. उसने अपना नाम शीतल बताया.

फिर हमने एक दूसरे के नंबर्स एक्सचेंज किए और उसके बाद से ऑफिस कैंटीन में भी बात होने लगी. हम दोनों को एक ही फील्ड के होने के कारण एक दूसरे से बात करने का मौका मिल जाता था. इस बातचीत में हम दोनों हमेशा एक दूसरे से काम के बारे में चर्चा करते रहते थे. ऐसे ही फिर मैसेज होने आगे, फिर मैसेज में नॉनवेज बातें भी होने लगीं. वो यहाँ पुणे में जॉब के कारण अपनी किसी सहेली के साथ एक कमरा लेकर रहती थी.

फिर एक दिन मैंने उसको प्रपोज़ किया और साथ घूमने चलने को कहा.

दोस्तो, वो मेरी आशा के विपरीत झट से मान भी गई और हम लोनवाला घूमने चले गए. वहां मैंने उसके साथ काफ़ी रोमांस किया. मैंने उस दिन उसको सिर्फ़ किस किया और मैंने परोक्ष रूप से उससे कहा कि कोई ऐसी जगह चाहिए जहां सिर्फ़ तुम और मैं होऊं, तो वो समझ गई कि मैं क्या कहना चाहता हूँ. उसने हंस कर टाल दिया.

ऐसे ही बातों का रोमांस का सिलसिला चलता रहा. हम दोनों एक दूसरे के बदन की गरमी को भोगना चाह रहे थे लेकिन मौक़ा नहीं मिल रहा था. उसकी नोन वेज बातों से मुझे उसकी बढ़ती कामुकता का अहसास हो रहा था. मेरी कामवासना भी उसकी चूत की मांग कर रही थी.

अचानक एक दिन बातों बातों में उसने बताया कि उसकी रूममेट कुछ दिन के लिए अपने घर चली गई है और वो आजकल बिल्कुल अकेली है. फिर क्या था, मैंने भी बात छेड़ी और कहा- तो यार, हमें भी तो कभी अपने घर बुलाओ. वो मेरी बात का आशय समझ कर शर्मा गई और कुछ नहीं बोली.

मैं भी समझ गया कि उधर से ‘हां’ है. मैंने कहा- आप तो बुलाएंगी नहीं, तो हम ही आ जाते हैं.. बोलो कब आएं? उसने कहा- बताती हूँ. फिर दो दिन बाद उसने कहा- आज तुम मेरे रूम पर आ जाओ.

उस दिन मैंने भी मेरे घर पर बता दिया कि आज ऑफिस में बहुत काम है और मैं रात को घर नहीं आऊंगा. उस दिन वो और मैं दोनों ऑफिस से लगभग 7 बजे निकले, बाद में हमने बाहर से कुछ ख़ाने के लिए ले लिया और मैंने अपने लिए दो बियर ले लीं.

फिर हम दोनों करीब 8.30 बजे उसके रूम पर पहुँच गए. हम फ्रेश हुए और रूम में बैठ गए. थोड़ी देर बाद मैंने बियर खोली और पास बैठ कर पीने लगे. इस वक्त वो बहुत ही गजब माल लग रही थी. उसके बदन की खुशबू मुझे पागल कर रही थी.

मैं बियर खत्म करके उसके और पास को बैठा और उसके हाथ को अपने हाथ में ले लिया और सहलाने लगा. कुछ देर बाद मैंने उसे चूमना शुरू किया तो वो भी मेरा साथ देने लगी. उसके होंठों को मैंने बहुत देर तक चूसा और धीरे धीरे उसकी पीठ पर हाथ फेरने लगा.

मैं लगातार उसको किस कर रहा था और उसकी पीठ पर हाथ फेर रहा था. फिर मैं धीरे धीरे एक हाथ उसके मम्मों पर ले गया और हल्के से दबाने लगा. उसने कुछ भी नहीं कहा तो मैं दूसरा हाथ उसकी गांड पे ले गया और गांड मसलने लगा.

बस कुछ ही पलों में मैं उसको बेतहाशा किस कर रहा था. वो मुझे भी पूरी शिद्दत से चूम और चूस रही थी. हम दोनों कामवासना से चुदासे हो उठे थे.

मैं उसके कान में जोर से ‘आआहहा..’ करके चिल्ला रहा था और उसको किस भी कर रहा था. वो एकदम गरम हो गई थी और मेरी पीठ पर जोर जोर से अपने नाख़ून गड़ा रही थी. उसकी साँसें तेज हो गई थीं. मैंने धीरे से उसका कुर्ता उतार फेंका और उसको गोदी में उठा कर बेड पर ले गया और उसको बेड पर चित लिटा दिया.

अब मैं उसकी ब्रा में से उसके एक बूब को आज़ाद करके चूसने लगा. उसकी चूची ऐसी थी जैसी स्पंजी रसगुल्ला… मैं उसका निप्पल चूस रहा था और वो आनन्द से जोर जोर से तड़फ़ रही थी. मैंने अब उसकी ब्रा निकाल फेंकी, अब मैं दोनों हाथों से उसके मम्मों को मसल रहा था और उसको चूमे जा रहा था. वो भी पूरी तरह से गरम हो चुकी थी.

मैंने उसकी चूची चूसते उसकी लेगी में हाथ घुसा दिया और पेंटी के ऊपर से उसकी चूत सहलाने लगा. फिर मैं धीरे धीरे उसके पेट को चाटे गये नीचे की ओर सरका और उसकी लेगी को उसकी जांघों पर से सरका कर पूरा उतार दिया. वो मेरे सामने सिर्फ पेंटी में लेती हुई कामुकता से मचल रही थी.

मैं उसकी जांघों पर चुम्बन करने लगा और फिर पेंटी के ऊपर से उसकी चूत को सूंघा. बहुत कामुक चूत की गंध आ रही थी उसमें से! मैंने देर ना करते हुए उसकी पेंटी को भी उतार दिया. अंदर से उसकी फूली हुई चिकनी चूत निकल कर आई तो मैं वासना से पगला गया, मैंने अपने होंठ उसकी चूत पर टिका दिये और उसे चूमने चाटने लगा. जैसे ही मैंने चूत पे मुँह रखा, तो वो एकदम से सिसक उठी- आअहह.. प्लीज़ मत करो.. मुझे कुछ हो रहा है.

मैं धीरे धीरे उसकी पूरी चूत को चूम रहा था और चाटते चाटते उसकी चूत की दरार में मैंने अपनी जीभ घुसा दी और उसके दाने को चाटने लगा. वो भी वासना से एकदम पागल हो कर सिसकारियां भर रही थी. मैंने फटाफट अपने सारे कपड़े निकाल दिए अब तो मेरे मुँह से गालियां निकल रही थीं- साली कुतिया कब से तुझे चोदने की सोच रहा था.. आज तो मैं तेरी चूत फाड़ दूँगा चुत की लौड़ी. वो भी बोली- फाड़ दे.. रोका किसने है! उसकी सीत्कार निकली, वैसे ही मैंने और जोर जोर से उसकी चुत को चाटना शुरू कर दिया और वो अपनी गांड ऊपर करके मेरी जीभ को अन्दर तक लेने की कोशिश करने रही थी. अभी मुझे अपने लंड को भी शांत करना था तो मैंने उसको 69 की पोज़िशन में आने को कहा और अपना लंड उसके हाथ में दे दिया. मेरे लंड को सहला कर वो बोली- हय्यई… क्या लोड़ा है तेरा!

मैं उसकी चुत चाटने लगा. ऐसे ही चुत और लंड चुसाई का ओरल सेक्स का प्रोग्राम करीब 5 मिनट चला.

बाद में मैंने उसे पलटा के सीधा किया और मैं उसके ऊपर चढ़ गया. अब वो जोर जोर से सिसकारियां भर रही थी. ‘उहह आह उहह आ..’

मैंने उसको और तड़पाया और उसकी चूत में लंड डालने से पहले उसके मम्मों को दबाना शुरू किया, साथ ही क़िस करना भी शुरू कर दिया.

वो चिल्ला रही थी- आह.. प्लीज़ डाल दो मेरी चूत में अपना लंड.. उफ़.. अब सहन नहीं होता… प्लीज़.. फाड़ दो मेरी चूत को.. प्लीज़..

अब मुझे लगा कि चूत चुदाई के लिए एकदम तैयार है, अब देर नहीं करनी चाहिए. मैंने अपना लंड उसकी चूत पर टिकाया और अन्दर डालने की कोशिश करने लगा. पहली बार में लंड फिसल गया और टाँगों के बीच में चला गया. उसकी चूत इतनी टाइट थी कि मुझे समझ ही नहीं आया कि कैसे पेलूँ. उसने कहा- अभी अन्दर नहीं गया, पेलो ना. मैंने कहा- मुझे मालूम है कि मेरा लौड़ा तेरी चूत में नहीं गया है.. अभी फाड़ता हूँ तेरी चुत को साली..

फिर मैंने और एक बार थूक लगाया और लंड को सैट करके जोर से धक्का दिया. इस बार मेरे लंड को बहुत ज़्यादा गर्मी महसूस हुई, मानो जैसे मैंने तपती हुई भट्टी में लंड घुसा दिया हो. वो एकदम से चिल्लाने लगी- आअहह… बहुत दर्द हो रहा है… आहह… नहीं… उम्म… आह… हह!

मैं रुक गया और वैसे ही रुका रहा. फिर थोड़ी देर बाद और मैंने एक धक्का मारा और लंड को धीरे धीरे अन्दर बाहर करने लगा. वो लगातार चिल्ला रही थी- नहींईईईई.. आह… अह.. दर्द हो रहा है… नहीं.. प्लीज़ धीरे..

पर मैं नहीं रुका, इस बार और मैंने चोदन प्रोग्राम चालू रखा. थोड़ी देर बाद उसको मज़ा आने लगा और वो अपनी गांड को हिला हिला के मेरे लंड को अन्दर बाहर लेने लगी. अभी तक वो झड़ी नहीं थी.. तो कुछ देर बाद मैंने उसको ऊपर आने को कहा और मैं नीचे लेट गया. वो मेरे ऊपर आकर बैठी और उसने मेरा लंड अपनी चूत में ले लिया.

अब वो ऊपर नीचे करके मेरे लंड को ले रही थी. इस आसन में उसको काफ़ी मज़ा आ रहा था और वो बार बार मुझे बोल रही थी कि राज और जोर से और जोर से मुझे बहुत अच्छा लग रहा है.

थोड़ी देर बाद वो झड़ गई. जैसे ही वो रुकी, मैंने अपन स्पीड तेज कर दी और उसको जोर जोर से चोदने लगा.

मैंने उसको पलटा के फिर से नीचे किया और जोर जोर से धक्के मारने लगा. अब मेरा भी रस गिरने वाला था तो मैंने उसकी चूत में ही पानी छोड़ दिया.

फिर हम दोनों बेड पे गिर गए और लेटे रहे. हम दोनों बातें करने लगे, मैंने उससे पूछा- कैसा लगा? वो बोली- शुरू में जब तुमने अंदर घुसाया तो थोड़ा दर्द हुआ था लेकिन फिर तो मजा आने लगा था. फिर उसने मुझसे पूछा- और तुम्हें मजा आया? मैंने कहा- हाँ… बहुत!

उस दिन मैंने उसको रात को पूरे 3 बार चोदा हम दोनों को काफ़ी मज़ा आया. उसके बाद हमने और कई बार मौक़ा पाकर सेक्स किया.

दोस्तो, आपको मेरी ये फ्री चुदाई कहानी कैसी लगी, प्लीज़ मुझे जरूर लिखिएगा. मेरी मेल आईडी है. [email protected]

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