कॉलेज गर्ल की इंडियन सेक्स स्टोरी-9

अब तक की इस हिंदी सेक्स कहानी में आपने जाना था कि मेरी शक्ल देख कर शायद मेरे भैया के बॉस का मन फिसल गया था तो उन्होंने भैया को एक बड़ी पोस्ट का ऑफर दे दिया था. अब आगे..

उन्होंने कहा कि इसके लिए तुम्हें एक काम करना होगा अगर बुरा ना मानो और इस पोस्ट पर आना हो तो बताओ. वो पोस्ट पूरे ऑफिस की दूसरे नंबर की पोस्ट थी, सभी उसे पाना चाहते थे तो मेरे भैया ने कहा- बिल्कुल सर मैं बुरा नहीं मानूंगा और इस पोस्ट के लिए कुछ भी कर सकता हूँ.

तो उनके बॉस ने एक फोटो दिखाई और कहा- ये मेरी बहन है.

वो दिव्या जैसी थी, मीडियम सी… मुझसे अच्छी नहीं थी और तुम्हें इसके साथ चक्कर चलाना है और जो मन हो कर लेना, मेरी सगी बहन है. मेरे भैया ने चौंक कर कहा- सर आपकी बहन है? उन्होंने कहा- वो मेरी बहन है उसकी जवानी नहीं.. तुम उसकी जवानी का मज़ा लो, तुम नहीं लोगे तो कोई और ले लेगा.. कोई ना कोई तो लेगा ही. मेरे भैया ने कहा- ठीक है सर.

उनके सर ने कहा- और जिससे अभी तुम बात कर रहे थे, उसे 10-15 दिन के लिए यहाँ बुलाओ, मैं उसके साथ घूमना चाहता हूँ.. बस और करना कुछ नहीं है. लेकिन तुम मेरी बहन के साथ कुछ भी कर सकते हो. भैया मेरे बारे में सुनकर थोड़ा रुके और कहा- सर वो मेरी बहन है.

तो सर ने कहा- तो मैं भी तो तुम्हें अपनी बहन दे रहा हूँ और इतनी बड़ी पोस्ट, जिसके लिए जिंदगी भर लोग मरते हैं. मेरे भैया ने कहा- सर वो एग्जाम देकर 25 दिनों के लिए घर आई है, यहाँ कैसे बुला लूँ? उनके सर ने कहा- ये लो रूपये और उसका यहाँ तक टिकट करवा दो और उससे कहो कि वो यहाँ आ जाए, तुमको उसकी याद आ रही है और बंगलौर भी घूम लेगी.

बस फिर मेरे भैया ने उसी दिन शाम को पापा के पास कॉल किया और वही बताया, जो उनके सर ने कहा था. पापा ने मुझसे कहा कि मिनी तुम कल बंगलौर जा रही हो अपने भैया के पास.. अपना सामान पैक कर लो और जाने की तैयारी कर लो. अब पापा ने कहा था तो मैं कुछ नहीं कह पाई. अब तक मैं बिल्कुल ठीक हो गई थी. अपने भैया से मैं ज्यादा डरती थी तो केवल दो जोड़ी बहुत ही सिम्पल जींस टॉप रखे, बाकी 6-7 जोड़ कुर्ता सलवार रख लिए.

पापा ने मुझे ट्रेन में बैठा दिया और कहा कि तुम्हारे भैया लेने आ जाएंगे. भैया ने अपने बॉस को बताया तो उन्होंने कहा कि जब मिनी को लेने जाना तो मेरी गाड़ी ले जाना.

भैया के पास कार नहीं थी. ट्रेन के रास्ते में कई बार भैया ने पूछा कि मैं कहां तक पहुँच गई हूँ. दूसरे दिन दोपहर को मैं बंगलोर पहुँच गई. मैंने भैया को कॉल करके बताया कि मैं आ गई हूँ.

भैया अपने सर की कार लेने गए तो सर ने कहा- मैं भी चलता हूँ और उसे वैसे भी अब यहाँ मेरे साथ ही घूमना है. तुम मेरी बहन के साथ घूमो.

फिर दोनों भैया और उनके सर स्टेशन आ गए. मैंने भैया को देखा तो मैंने उन्हें आवाज दी, वो आए तो मैंने उनको नमस्ते की. मैं सलवार कुर्ता पहने थी तो मेरी चूचियां थोड़ा कम मस्त लग रही थीं लेकिन मेरा फिगर तो समझ में आ रहा था. भैया ने कहा- अच्छी लग रही हो! और मिनी इनसे मिलो ये मेरे बॉस हैं.. और बॉस से कहा- सर ये मिनी है, मेरी बहन. फिर उन्होंने भी कहा कि अच्छी लग रही हो.

मैं पूरी गाँव वाली लड़की सी बन के गई थी ताकि भैया डांट ना दें. फिर बॉस ने रास्ते में खाना पैक करवाया और फिर मुझे अपने फ्लैट में छोड़ा और कहा कि खा पी कर आराम कर लो, मैं शाम तक आता हूँ. बॉस और भैया चले गए.

बाद में उनके सर ने मेरी काफी तारीफ की और कहा कि बहुत अच्छी है.. क्या हमेशा ऐसे ही रहती है? मेरे भैया ने हाँ कहा तो उन्होंने कहा कि इसे थोड़ा मॉडर्न बनाओ तो क़यामत लगेगी. भैया ने कहा- वो वैसे नहीं बन पाएगी. सर ने कहा कि बन जाएगी, तुम चाहो तो.. और अब उसके सारे काम मैं करूँगा. कहीं ले जाना हुआ, या कहीं से लाना हुआ तो मुझे बताना. कुछ देना हुआ या कुछ भी काम हुआ सब मैं ही देखूंगा.. और ऑफिस चलो तुम अपनी नई पोस्ट का ज्वाइनिंग लेटर ले लो. भैया ने हाँ में सर हिला दिया.

बॉस ने कहा कि आज शाम को उसे लेकर साथ में खाना खाने चलेंगे. भैया ने हाँ कर दिया.

शाम को भैया आए और मुझसे कहा- तैयार हो जाओ, हम दोनों बॉस के साथ खाना खाने जा रहे हैं. मैंने केवल दूसरा ड्रेस सलवार सूट का ही पहना, वैसे मैं कभी नहीं निकली थी लेकिन भैया की वजह से निकल रही थी. भैया ने कहा- अरे मिनी, शीशा तो देख लिया कर कि चेहरे पर कुछ लगा तो नहीं है. अब मैं क्या भैया को बताऊँ कि बिना मेकअप के मैं नहीं निकलती थी, आज निकल रही हूँ. मैंने कहा- कुछ नहीं लगा है भैया.. चलें? उन्होंने कहा- रुको सर आ जाएं तो चलते हैं.

फिर भैया कहने लगे- मान लो मैं कभी बिजी हुआ या ना हुआ तो सर आएं तो जैसे मुझसे नहीं डरती हो, सब कह देती हो.. वैसे ही उनसे भी कह देना.. कहीं जाना हो या कोई काम हो ओके! मैंने भी ओके कहा. फिर उन्होंने कहा- मिनी तुम ब्यूटी पार्लर नहीं जाती हो क्या? मैंने कहा- दो साल पहले गई थी बस लेकिन मेरी समझ में ही नहीं आया कि क्या करने जाऊं. भैया ने कहा- जाया कर और ये जो आई ब्रो हैं इनको तो सैट करवा लिया करो.. अच्छी नहीं लग रही हैं. मुझे घर आना था तो मैंने नहीं करवाई थी ताकि मुझे कोई गलत ना समझे. मैंने कहा- ठीक है भैया किसी दिन चली जाऊँगी.

फिर भैया ने कहा- और तू शहर में रह कर कुर्ता सलवार पहन रही है.. जींस टॉप पहना कर.. कोई है कि नहीं? मैंने भी कहा- हां एक लिया था लेकिन आपके डर से कभी घर में नहीं पहना, वहां कभी कभी पहन लेती थी. भैया ने कहा- यहाँ लाई है? मैंने हाँ कहा तो उन्होंने कहा- ठीक.. वो पहन कर आ और डर मत.

मैं गई और पहन के आ गई. अब मेरा फिगर ज्यादा समझ में आ रहा था. मेरे भैया ने देखा तो उनका मुँह खुला का खुला रह गया और कहा कि क्या लग रही है मेरी गुड़िया.. तुम यही कुछ और ले लो और यहाँ भी यही पहना करो, गाँव वाले घर में मत पहनना बस. मैंने कहा- ठीक है.

उनके सर आ गए तो उन्होंने मुझे देखकर लम्बी सांस ली और देखते रह गए. सर ने कहा कि आज मिनी कुछ ज्यादा ही अच्छी लग रही है. फिर मेरे भैया ने उनके कान में कहा- अभी जबरदस्ती पहना कर लाया हूँ और किसी दिन ब्यूटी पार्लर भी जाने को कहा है. उनके सर ने कहा- ठीक है.. तुम अपना काम अच्छे से कर रहे हो.

इसके बाद हम सब खाना खाने चले गए. खाना खाने और बाकी समय उनके सर मुझसे ज्यादा ही बातें कर रहे थे और किसी ना किसी बहाने से मेरे करीब ही रहते थे. उस दिन मैं और भैया खाना के बाद घर आए और सो गए.

दूसरे दिन भैया ऑफिस में थे तो भैया ने कॉल किया- मिनी, सर आ रहे हैं तो उनके साथ जीन्स टॉप पहन कर चली जाना.. कल ब्यूटी पार्लर जाने को कहा था ना.. उनको उधर ही कोई काम है तो तुम भी साथ चली जाना और करवा लेना. ठीक है? मैंने हाँ कर दिया और तैयार हो गई.

थोड़ी देर बाद उनके सर आ गए और बोले- चलें मिनी? मैंने कहा- हाँ चलिए.. मैं पीछे बैठ गई तो वो बोले कि मिनी आगे आओ.. अब क्या आगे मैं अकेला और पीछे तुम अकेली बैठोगी?

मैं आगे बैठ गई और वो चल दिए. मैं कुछ बोल नहीं रही थी तो उन्होंने कहा- मिनी कुछ तो बोलो ना.. क्या हुआ? मैंने कहा- कुछ नहीं क्या बोलूँ? वो बोले- क्या करवाने जा रही हो? मैं- आईब्रो ठीक करवाने.. भैया ने कहा था वही सही करवाऊंगी बस. सर- अरे बस आईब्रो? मैं- हाँ भैया ने यही कहा है.

सर- भैया को मारो गोली और मैं जो जो कहूँ.. वो सब करवा लेना. मैं- नहीं भैया से डांट पड़ेगी और मैं कुछ जानती भी नहीं हूँ. सर- वो कुछ नहीं कहेगा और वहाँ तुम कुछ मना मत करना, बस मैं सब बता दूंगा वो कर देगी. मैं- ठीक है सर. सर- तुम तो सर ना कहो मेरा नाम विक्की है.. तुम विक्की कहो.. ठीक. मैं तुम्हारे भैया का सर हूँ उन्हें कहने दो. मैं- ठीक है विक्की जी.

फिर हम पहुँच गए और विक्की ने उस से कह दिया कि इसकी फुल बॉडी का वैक्स कर दो और जो भी करना हो एक दुल्हन की तरह सजा दो.. पैसे की चिंता मत करो.

मैं अपने शरीर का वैक्स आदि सब करवाने लगी. मैंने काफी दिन बाद पूरे शरीर पर वैक्स करवाया था. उसने मेरी बुर भी शेव की और सब कुछ मस्त कर दिया. फिर मैं बाहर आई तो विक्की के मुँह से अचानक निकल गया कि क्या मस्त सेक्सी हॉट माल लग रही हो..? मैंने घूरा तो उसने सॉरी बोला.

फिर उसने मुझे खाना खिलाया और घर ले जाने लगा कि रास्ते में मेरे हाथ पर अपना हाथ रख दिया. मैंने हटा दिया और फिर विक्की ने मुझे घर पर उतार दिया. मैं अन्दर चली गई.

इसी तरह शाम को हम खाना खाने गए तब उसने मेरे बिल्कुल बगल में बैठ के खाया खाना. खाने के बाद हम घर आ गए.

दूसरे दिन दोपहर में भैया ने कॉल किया और बताया कि उनका प्रमोशन हो गया है तो आज ऑफिस में एक पार्टी है. तुम तैयार हो जाओ और मेकअप कर लेना, मुझसे डरना मत.. उसमें तुम ज्यादा अच्छी लगती हो. विक्की सर आएंगे उनके साथ चली आना. मैं यहाँ उसकी तैयारी में लगा हूँ.. ओके..!

मैंने भी ओके किया और तैयार हो गई. फिर उनके सर आ गए तो उन्होंने मुझे देखा और कहा- तैयार हो जाओ, फिर चलते हैं. मैंने कहा- विक्की मैं तैयार हूँ. विक्की ने कहा- क्या ऐसे ही एक हॉट और सेक्सी लड़की पार्टी में जाती है? मैंने कहा- हाँ. विक्की ने कहा- अपनी ये ड्रेस बदलो और कुछ आजकल की पहनो. मैंने कहा- मेरे पास यही है बस. वो बोले- चलो मैं बताता हूँ कि पार्टी में कैसे जाते हैं.

वो एक शॉपिंग माल में ले गए और वहां ड्रेस देखने लगे. काफी देखने के बाद उन्होंने एक मिनी स्कर्ट और टॉप दिया और ये उसी तरह का था, जैसे अवी ने दिया था. विक्की ने कहा- इसे यहीं पहनो फिर चलते हैं. मैंने कहा- ये कुछ ज्यादा छोटा है, भैया मारेंगे मुझे. उन्होंने कहा- तुम पहनो इसे… उसे मैं संभाल लूँगा.

मैंने उस ड्रेस को पहन लिया, उसमें आधी पीठ खुली थी और दोनों कंधे.. लेकिन दाहिना कंधा इतना ज्यादा खुला था कि मेरी ब्रा में से आधी चूची दिख रही थी.. नीचे आधा पेट दिख रहा था.

मैं चेंजरूम से बाहर आई तो विक्की ने देखा और कहा- हाँ, अब हुस्न की परी लग रही हो. मैं मुस्कुरा दी.

विक्की ने मेरी ब्रा पर उंगली रखते हुए कहा- सुनो मिनी इसे निकाल दो.. ये कम अच्छी लग रही है. मैं फिर से अन्दर गई और उसे निकाल दिया. वैसे मुझे ऐसे ही कपड़े पसंद थे और मैं पहनती भी ऐसे थी कि मेरी आधी बॉडी दिखे, तभी इस जवानी और इस जिस्म का मज़ा है.. नहीं तो क्या फायदा.

फिर सर ने कहा- चलो. चलते वक्त विक्की सर ने मेरी कमर में हाथ डाल कर मेरी कमर को कस के दबा दिया. मैं दूर को हुई और कहा- विक्की, ये क्या कर रहे हो आप? वो बोले- मैं अपनी मिनी को चैक कर रहा हूँ कि पक गई है या कच्ची है?

हम पार्टी में पहुँच गए.. पार्टी में मेरे भैया मेरे इस रूप को देख कर समझ ही नहीं पाए कि ये कौन है. फिर हमने पार्टी एन्जॉय की, विक्की ने मेरे साथ मेरी कमर में हाथ डाल कर, मेरी पीठ पर हाथ लगा कर बहुत डांस किया. पार्टी के बाद हम घर आ गए.

दूसरे दिन भैया ऑफिस चले गए. उनके सर आए और कहा- चलो मैं तुम्हें स्वीमिंग के लिए ले चलता हूँ. वही कल वाली ड्रेस पहन लो. मुझे अब पता चल गया था कि विक्की मेरे किस रूप को देखना चाहता था और मुझे भैया का भी डर नहीं था, तो मैंने तुरंत पहन ली.

हम दोनों स्वीमिंग पूल आ गए. विक्की ने यहाँ मुझे तैरने के लिए कहा तो मैंने कहा- इस ड्रेस में कैसे? विक्की ने कहा- मैं स्वीमिंग ड्रेस लाया हूँ.

उसने बिकनी निकाल कर मुझे दी. मैंने वाशरूम में जाकर बिकनी पहन ली और आकर पानी में तैरने लगी. बिकनी में मुझे देखकर तो मानो विक्की में जान ही ना रही हो.. वो देखता ही रह गया. कुछ देर बाद वो भी कपड़े निकाल के पूल में आ गया. अब मेरी बॉडी को कहीं यहाँ तो कहीं वहां गांड को छूने लगा, तो कहीं मम्मों को दबाने लगा. मैंने कुछ नहीं कहा तो उसने मुझे पानी में ही कस के गले लगा लिया.

फिर कुछ देर के बाद हम चलने लगे तो विक्की मुझे अपने घर ले गया और मुझे कॉफ़ी लाकर दी, जो उसने मेरे ऊपर गिरा दी. फिर सॉरी बोल कर कहा कि निकालो मैं इसे सुखा दूँ. मैंने मना किया- मैं क्या पहनूंगी?

उसने कहा- अभी जैसे स्वीमिग में थी वैसे ही रह लेना और यहाँ तो सब बंद है, मैं ही हूँ बस.. जल्दी निकालो भी. वो जिद करने लगा, मुझे भी चुदास सी चढ़ गई थी.

मैंने स्कर्ट टॉप निकाल दिया लेकिन इस समय मैंने ब्रा नहीं पहनी थी तो मेरी नंगी चूचियां उसके सामने आ गईं. उसने कहा- ओह गॉड क्या मस्त हो यार…

अब मैं केवल पैंटी में थी. मैंने तौलिया मांगा तो उसने दे दिया. मैंने तौलिया अपने मम्मों पर ओढ़ लिया और कहा- भैया इंतजार कर रहे होंगे. तो विक्की ने कहा- मैं कॉल कर देता हूँ. उसने भैया को कॉल करके कहा- आज मिनी रात को मेरे यहाँ रुकेगी तुम इंतजार मत करना. मैंने कहा- मैं रात को नहीं रुकूँगी. तो उसने कहा- चलो रूम में चलते हैं.

फिर मैं उसके साथ रूम में चली गई. मैं आगे आगे जा रही थी कि विक्की ने पीछे से आकर मेरी तौलिया हटा कर मेरी चूचियों को पकड़ लिया और कहा- जब से इन्हें देखा है, तब से मुँह में लेने का मन है.. आज तो लेकर ही रहूँगा.

वो जोर जोर से मेरी चूचियां दबाने लगा और पीठ पर किस करने लगा, फिर आगे किस करने लगा और मम्मे दबाने लगा. उसने मेरी पैंटी उतार दी और मेरी बुर पर हाथ फेर कर कहा- देखो कितनी मस्त छोटी कुंवारी चूत है. पर उसे क्या पता कि मैं कैसी लड़की हूँ.

वो अपने कपड़े निकालने लगा और सारे कपड़े निकाल कर नंगा हो गया. उसका लंड 9 इंच का रहा होगा और बहुत मोटा था. इतना बड़ा लंड देख कर मैं खुश भी हुई और दुखी भी कि अब आज फिर दर्द होगा. उसने सभी की तरह अपना लंड मेरे मुँह में दे दिया और मैं लंड चूसने लगी.

उसने मुझे चोदने की स्थिति में लिटा कर मेरी बुर पर अपना लंड रखा और धक्का दे मारा. उसका लंड थोड़ा गया, मुझे आज दर्द कम हुआ लेकिन मैं चीखी ज्यादा तेज ताकि उसे लगे कि मैं पहली बार कर रही हूँ. फिर उसने कहा- बड़ी टाइट है तुम्हारी बुर..

उसने दूसरा धक्का और जोर से मारा और तीन बार में पूरा लंड मेरी चूत में अन्दर तक कर दिया. मेरी चूत से फिर से खून निकल आया. मैंने सोचा अब क्यों निकला, सील तो टूट चुकी है.. विक्की ने खुश होकर कहा- देखो तुम्हारी सील टूट गई, अब तुम कुंवारी नहीं बची.. तुम्हें चोदने वाला मैं पहला हूँ.

लेकिन वो तो पहला सैम था, दूसरा अवी फिर ये था.. मैंने हाँ में सर हिलाया और उसने मुझे दो बार जम के चोदा और मेरा भी पानी निकाल दिया.

उसने सुबह मुझे घर भेज दिया. मैं दिन भर घर में रही और शाम को विक्की फिर मुझे लेने आ गया और ले जाकर आज एक बार फिर चोदा. अब इसी तरह वो रोज शाम को ले जाता 1-2 बार चोदता और सुबह भेज जाता. अब यही रोज होने लगा. मेरा भैया भी उसकी बहन के साथ यही करता था, तो बॉस से क्या कहता.

उस दिन मेरी आखिरी रात थी और दूसरे दिन शाम को मुझे आना था तो वो मुझे ले गया और मुझे 2 बार चोदा. अब मुझे भी बहुत मज़ा आने लगा था तो मैं भी जम कर चुदवा रही थी. मेरी गांड और चूची दोनों और बड़ी हो गई थीं. मुझे चुदने में मजा आने लगा था. मुझे ज्यादा दिक्कत नहीं होती थी. रात को विक्की ने मुझे जम कर चोदा और सुबह मुझे घर भेज आया.

शाम को मुझे जाना था तो भईया आ गए.. मैं भी तैयार हो गई और फिर मैं घर चली गई. दो दिन बाद दिल्ली चली गई. दिल्ली पहुँचने पर मैं उसी तरह रहने लगी जैसे सेक्सी कपड़े पहनना, जिस्म दिखाना और एन्जॉय करना. अब मुझे सेक्स अच्छा लगने लगा था और किस और बूब्स दबवाना भी मजेदार लगने लगा था.

यह बात तब की है जब मैं मार्किट गई थी तो वहां अवी का दोस्त मिला जिसने उसकी बर्थडे पार्टी पर मेरे साथ डांस किया था. उससे मैंने हाई की और सामान खरीद कर मैं घर आ गई.

उसके दूसरे दिन कि बात है कि मैंने एक लड़के को टीवी सही करने के लिए घर बुलाया तो उसने आने से मना कर दिया. मैंने अवी को कहा तो वो एक मैकेनिक ले कर आया और सही करवा दिया.

उधर अब मेरे आखिरी एग्जाम थे तो मैं पढ़ाई ज्यादा करने लगी. अवी, अमित और कभी कभी सैम, विक्की से भी बात कर रही थी. इसी तरह मेरी लाइफ कट रही थी कि अचानक ही एक रोमांटिक मोड़ आ गया उसमें हुआ ये कि मैं एग्जाम देने दूसरे स्कूल गई थी तो वहां ड्रेस पहन के ही जाना था, तो मैं भी उसी ड्रेस में गई.

वहां के एक प्रोफ़ेसर ने मुझे बुलाया और कहा- नक़ल करनी है तुम्हें? मैंने हां कह दिया. फिर उन्होंने कहा- कल तुम इस ड्रेस में मत आना, किसी और सेक्सी ड्रेस में आना ओके. तब मैंने कहा- सर मुझे और मेरी सहेली दिव्या को भी नकल करनी है. उसने कहा- ठीक है, कितने नंबर लाने हैं? मैंने कहा- पूरे स्कूल में सबसे ज्यादा. उसने कहा- आ जाएंगे लेकिन तुम्हें सेक्सी ड्रेस में आना होगा.

फिर दूसरे एग्जाम में मैं थोड़ा सेक्सी बन के गई तो उन्होंने देखा और कहा- अच्छी लग रही हो.. कल और सेक्सी ड्रेस में आना.

हम दोनों गए और उन्होंने मुझे दिव्या को अलग बैठा कर कॉपी से लिखवाया, जब तक पूरा पेपर नहीं हो गया. फिर मैं सेक्सी बन के जाने लगी और सभी पेपर मस्त होने लगे.

एक दिन उन्होंने अपने घर का पता दिया और कहा कि मिनी तुम शाम को 7 बजे अकेली आना. लास्ट पेपर 2 दिन बाद था. मैंने दिव्या से पूछा- क्या करूँ? तो उसने कहा- चली जा, एक लंड और सही.

फिर मैं उनके घर चली गई. जब मैं उनके घर पहुँची तो सर ने मुझे अन्दर बुलाया और कहा- तुम्हारा परसों वाला पेपर के लिए मैं सोच रहा हूँ आज ही करा दूँ.. ताकि तुम जल्दी फुर्सत पा जाओ.

मैं उनके साथ बातें करनी लगी. करीब 9 बजने को हुए तो मैंने कहा- सर अब मैं चलती हूँ. उन्होंने कहा- खाना खा लो फिर चली जाना.

मैंने और उन्होंने खाना खाया और सर ने मुझे अपने रूम में बैठने को कहा.

वो नहाने चले गए, नहाने के बाद उन्होंने बाथरूम से आवाज दी कि मिनी बाहर तौलिया है.. जरा पकड़ा दो.

मैंने तौलिया पकड़ाने के लिए अन्दर गई तो वो बिल्कुल नंगे खड़े थे. मैंने मुँह फेर लिया तो वो बोले- क्या हुआ.. जरा इधर तो दो?

मैं उधर को बढ़ी कि उन्होंने फव्वारा खोल दिया.. मैं भीग गई. वो आकर मुझसे लिपट गए और मुझे किस करने लगे. एक एक करके मेरे कपड़े निकालने लगे और मुझे पूरी नंगी कर दिया. ऊपर से पानी गिर रहा था. अब मुझे शर्म कम लगती थी, फिर उन्होंने वहीं मेरे साथ सेक्स किया, मुझे चोदा और अपना लंड चुसाया और फिर कमरे में लाकर फिर चोदा.

सर ने दो बार चोदने के बाद मुझे छोड़ा और मैं चुद कर घर आ गई. अब सारे एग्जाम ख़त्म हो गए थे. दिव्या ने पूछा- सर ने क्या कहा? मैंने कुछ नहीं बताया और कहा- नार्मल बात हुई.

एग्जाम के दूसरे दिन अमित ने मुझे कस के चोदा. अब तक मैं सैम अवी विक्की सर और अमित 5 लोगों से चुद चुकी थी तो मुझे अलग अलग लंड लेने की आदत सी हो गई थी. अवी मुझे 20-25 दिन में चोदता ही रहता था.

एक दिन मैं यहाँ के एक मेट्रो स्टेशन के बाहर खड़ी थी कि अचानक मेरे पास एक कार आकर रुकी और उसका गेट खुला. अन्दर बैठे आदमी ने कहा- आओ बैठ जाओ. मैंने मना किया पर उसने बैठने को कहा तो मैं बैठ गई. वो साला मुझे रंडी समझ रहा था. कार वाला- कितना लेती हो एक रात का एक आदमी का? मैं- क्या मतलब है तुम्हारा? कारवाला- मैं 10000 दे सकता हूँ बोलो चलोगी? मैं- मुझे उतारो, मुझे नहीं जाना है. कारवाला- 12000 में? मैं- नहीं. कारवाला- अच्छा ठीक है 25000.. अब बस भी करो.. दो लोग रहेंगे ओके? मैं- नहीं मैं ऐसी नहीं हूँ.. मैं सीधी लड़की हूँ. उसने कहा- मुझे पता है. फिर उसने मुझे उतार दिया और अपना नंबर देकर कहा- अगर कभी मन हो जाए तो कॉल कर लेना. मैं नंबर लेकर घर आ गई.

करीब 2 महीने बाद अमित मुझसे मिलने आया और मुझे गले लगाया और बताया कि आज तुमको एक पार्टी ज्वाइन करनी है तो तैयार हो जाओ.

मैं तैयार होने लगी तैयार होकर बाहर आई तो अमित ने कहा कि कोई दूसरी ड्रेस पहनो. मैंने कहा- देखो कौन सी पहनूं?

उसने एक निकाल के दी, वो ड्रेस फुल थी कंधे से नीचे सैंडल तक लेकिन पूरी पीठ खुली थी और बाईं तरफ की स्कर्ट पैर से लेकर पैंटी तक कटी थी.. मतलब मैं चलती तो एक पैर बाहर निकल जाता था.

फिर मैं तैयार होकर पार्टी में चली गई उसमें बड़े बड़े लोग आए थे, नेता थे ऑफिसर थे, बिजनेसमैन थे. अमित ने मुझे एक अपने नेता के बेटे दोस्त से मिलवाया. उसने मुझे सीधे गले से लगाया और कहा- पार्टी एन्जॉय करो.. बाद में मिलता हूँ. मैं एन्जॉय करने लगी.

फिर 2 घंटे बाद उसी लड़के ने कहा कि मिनी आओ चलते हैं. वो और उसके 2 और दोस्त और मैं चलने लगी. उसमें एक वही लड़का था जिसने मुझे कार में बैठ कर पैसे के लिए कहा था.

हम सब एक कमरे में पहुँच गए जहाँ अमित पहले से था, वो किसी लड़की को किस कर रहा था. मैं समझ गई कि सारे लड़के उसी तरह के होते हैं.

अमित ने मुझे गले लगाया और मेरे कपड़े निकालने लगा. मैंने मना किया पर वो नहीं माना और मुझे नंगी कर दिया. उस दूसरी लड़की को भी नंगी कर दिया गया.

अब वो 4 लड़के हो गए और फिर हम दो लड़कियों के साथ बारी बारी से सेक्स करने लगे. उन चारों ने दो दो बार किया, मतलब मुझे कुल 8 बार चोदा गया. मेरी गांड भी मारी गई.

फिर चुदने के बाद रात में मैं घर आ गई. अब तक मैं 8 लोगों से चुदवा चुकी थी.

फिर तो यही चलता रहा कि जहाँ मौका मिला, वहां चुदवा लिया. बीच बीच में विक्की मुझे चोदने आ जाया करता था और सैम भी.. अमित और अवी तो हफ्ते में दो बार चुदाई करते ही थे. कभी कभी तो दोनों साथ में ही मुझे आगे पीछे से लंड पेल कर सैंडविच बना कर चोदते थे.

अब तक मैं गांव में भी एक से चुदवा चुकी थी. मुझे जिससे काम होता था उससे चुदवा लेती थी.

अब तक मैं 28 लोगों से चुदवा चुकी हूँ और अभी भी ये खेल जारी है. कोई मिल जाए बस.. दिव्या के भैया ने भी मुझे चोदा है, पर ये बात दिव्या को नहीं पता है.

मेरी ये हिंदी सेक्स कहानी कैसी रही? अन्तर्वासना पर कमेन्ट जरूर कीजिएगा.. अभी के लिए इतना ही, फिर मिलूँगी. [email protected]