होली पे सेक्सी पड़ोसन भाभी की चुदाई

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दोस्तो, मैं आपका दोस्त राहुल. ये मेरी पहली कहानी है. हमारे घर के साथ वाले घर में एक परिवार रहता था, जिसमें रहने वाली एक भाभी मुझे बहुत पसंद थीं. उनके साथ उनके सास ससुर, जेठ जेठानी, उनके बच्चे, देवर देवरानी, ननद सब रहते थे और कुछ कज़िन भी रहते थे.

होली का दिन था, होली पे भाभी के कज़िन्स के कुछ दोस्त भी आए थे, सो मैं भी वहां होली खेलने चला गया था.

पहले मैं आपको अपने बारे में और भाभी के बारे में थोड़ा बता दूँ. मैं एक 29 साल का शादी शुदा मर्द हूँ. मेरा रंग सांवला है, हाइट 6 फीट, लंड का साइज़ 7 इंच के लगभग है और मोटाई 3 इंच है.

मेरी बीवी तो रोज़ मेरा लंड लेने के लिए मरती रहती है. पड़ोस की सीमा भाभी (नाम बदल दिया है) एक मस्त रापचिक माल हैं, गठा हुआ बदन, मस्त 5 फीट 4 इंच की हाइट, उनके 36डी के बड़े बड़े चुचे.. ना ज़्यादा टाइट और ना ज़्यादा ढीले, उन पर ब्राउन कलर के बड़े से कड़क निप्पल, तिस पर 38 इंच की मस्त भारी सी गांड और 30 इंच की लचकती कमर.. उफ्फ़… कोई देख ले तो अपने लंड को बिना हिलाए पानी छोड़ दे.

सुबह से ही सब होली तैयारी में व्यस्त थे, खाने पीने का सब मस्त इंतज़ाम था. वहाँ पे ड्रिंक्स, भांग, वेज, नॉन-वेज सब का इंतजाम था.

सबने होली खेलना शुरू किया और म्यूज़िक पर डांस भी शुरू हुआ, बीच बीच में सब अपने अपने पैग भी ले रहे थे. भाभी ने भी 2 पैग ड्रिंक के लिए और मस्ती से डांस करने लगीं. सब एक दूसरे को रंग लगा रहे थे और होली के गानों पे थिरक रहे थे.

चूंकि सब एक दूसरे को रंग लगा रहे थे सो मैंने भी भाभी को भी रंग लगाया और भाभी को रंग लगाने के बहाने उनके चुचे दबा दिए. आह.. क्या चुचे थे यार.. मज़ा ही आ गया, जैसे रुई के तकिये को दबा रहा हूँ.. उफफ्फ़.. अब होली में इतना तो चलता है.. तो भाभी ने कुछ नहीं कहा और स्माइल करके फिर से डांस करने लगीं.

मगर इस बात से मुझे और हिम्मत आ गई और जब भाभी किचन से खाने का सामान ला रही थीं तो मैंने मौका देख कर उन्हें पीछे से पकड़ लिया और उनके दोनों चुचों को जोर से दबा दिया. इतने में उन्होंने मुझे झिड़क दिया और मैं हट गया, मगर वो फिर से हंसते हुए बाहर चली गईं.

थोड़ी देर में फिर मैंने देखा कि भाभी कहीं दिख नहीं रही हैं तो मुझे लगा कि किसी काम से अन्दर गई होंगी. मुझे बाथरूम जाना था तो मैं अन्दर आया और भाभी के रूम वाले बाथरूम में ही चला गया. वहाँ देखा तो भाभी की ब्रा पेंटी टंगी हुई थी, जो गीली थी. मैंने ध्यान दिया कि ये तो वही ब्रा पेंटी थी जो उन्होंने आज पहनी थी, इसका मतलब भाभी बाथरूम में आई थीं और अपनी ब्रा पेंटी चेंज करके गई थीं या शायद निकाल कर गई थीं.

अब मैं और उतावला हो गया और नीचे आ कर भाभी को ढूँढने लगा. नीचे आते हुए मैंने देखा कि भाभी की एक ननद पीछे आँगन में अपने ही एक कज़िन का लंड मस्ती से चूस रही थी. मैंने देखा तो मेरा भी मन हो गया पर मैंने कुछ कहा नहीं और भाभी को बाहर ढूँढने चला गया.

भाभी बाहर होली के डांस में मस्ती से नाच रही थीं और अपना बदन चिपका चिपका कर सबसे रगड़ रही थीं और रंग लगवा रही थीं. सभी कज़िन और उनके दोस्तों से बदन घिसवा रही थीं. कोई उनके चुचों पर, कोई मोटी गांड पे हाथ फेर रहा था.

फिर अचानक सब एक दूसरे पर पानी डालने लगे और भाभी पर पानी गिरते ही भाभी की गोल मटोल मोटी मोटी चुचियाँ और उनके निप्पल साफ चमकने लगे. इससे साफ था कि भाभी ने ब्रा पेंटी नहीं पहनी थी. मेरी क्या, वहाँ मौजूद सभी की आँखें भाभी के चुचों पे और गांड पे टिकी थी. मगर भाभी नाचने के बहाने अपने चुचों को जानबूझ कर ज़्यादा उछाल रही थीं और अपनी मोटी भारी गांड हिला रही थीं.

क्या बताऊं दोस्तो, उसकी गांड क्या मस्त तुल्ल तुल्ल हो रही थी. मेरा मन तो कर रहा था कि जाकर साली की गांड पे थप्पड़ ही थप्पड़ बजा दूँ.

जैसे ही भाभी फिर से अन्दर किसी काम से गईं तो मैं भी पीछे चला गया और भाभी को पीछे से पकड़ कर दीवार से चिपका दिया और अपनी जेब से रंग निकाल कर उनकी टी-शर्ट के अन्दर हाथ डाल कर उनके चुचों को दबा दिया और रंग दिया. इस बार वो कुछ नहीं बोलीं तो मैंने और रंग निकाल कर उनके सिलेक्स के अन्दर हाथ डाला और उनकी चुत और गांड पे भी बहुत सारा रंग लगा दिया. इसी के साथ मैं भाभी की चुत और गांड को रगड़ने लगा.

उनकी तरफ से कोई विरोध नहीं हुआ तो मेरी हिम्मत और बढ़ गई, मैंने उनके सारे बदन को अपने रंग से रंग दिया और चुचों को और गांड को बहुत दबाया, बहुत मसला. फिर मैंने जोर से उनके होंठों को चूम लिया. वो मुझसे हाथ छुड़वा कर अपने रूम में चली गईं और मैं उसके पीछे चला गया.

वो अपने बाथरूम में घुसीं तो मैं उनके पीछे बाथरूम में घुस गया और दरवाजा बंद कर लिया. वो झूठी विनती करने लगीं. सीमा- ये क्या कर रहे हो.. मुझे जाने दो, ये ठीक नहीं है. मैं- चुप कर साली इतनी देर से नंगी बिना ब्रा पेंटी के रंडी की तरह सबसे अपने चुचे दबवा रही है.. अपनी गांड रगड़वा रही है.. सबके लंडों पर.. और अब ऐसे बोल रही है. अब तेरी सच में चुदाई होगी.. अब असली लंड देख. सीमा- नहीं यार.. मैं तुम्हारी भाभी हूँ मेरे साथ ऐसा मत करो. मैं- चुप कर साली.

मैंने उनके हाथ पकड़ कर उन्हें दीवार से चिपका दिया और पीछे से उनकी गांड पे दो जोरदार थप्पड़ लगाए. गांड गीली होने की वजह से थप्पड़ की आवाज़ बहुत मस्त आई और फिर मैंने उनकी टी-शर्ट को खींच कर फाड़ दिया और सिलेक्स को भी एक झटके में नीचे खींच दिया. अब भाभी पूरी नंगी दीवार से चिपक कर खड़ी थीं. मैंने उनके पैर थोड़े चौड़े किए और उन्हें दीवार से चिपके रहने को कहा. भाभी ने एक मस्त पोज बनाया, मैंने पीछे हट कर उनकी एक फोटो ले ली.

वाह क्या मस्त छिनाल लग रही थीं वो.. मेरा तो लंड तन कर खड़ा हो गया और पैन्ट फाड़ने को तैयार हो उठा. फिर मैंने उन्हें घुमा कर उनके चुचों को जोर से दबाया. इतने मस्त सेक्सी और गोल भरे हुए चुचे मैंने कभी किसी ब्लू फिल्म में भी नहीं देखे थे. मैंने कई मिनट तक भाभी के चुचों को जोर से दबा कर चूसा और लाल कर दिया. फिर भाभी की चुत में उंगली डाल कर रगड़ी तो वो बोलने लगीं- आआहह छोड़ दे कुत्ते.. आआहह हरामी मुझे ऐसे मत तड़पा आअहह.. मैं- तड़पाया तो तूने है भाभी मुझे.. इतने दिनों से तेरी चूत लेने की सोच रहा था आज मौका मिला है.

सीमा- मैं तो कब से तैयार थी तुझसे चुदने को, तेरा लंड तो मैं पहले ही देख चुकी थी, जब तू नहाने के बाद नंगा ही अपने रूम में कपड़े बदलता था, मैं तो तभी से तेरे लंड की प्यासी हूँ. आज चोद कर बुझा दे मेरी इस प्यासी चुत की चुदास साले.. चोद कर फाड़ दे इस चुत को मादरचोद.. मैं- साली रंडी भाभी पहले ही बता देती तो अब तक तो मैं तेरी चुत का भोसड़ा बना चुका होता. सीमा- अब तो तेरे सामने नंगी खड़ी हूँ.. चोद साले मुझे कुतिया की तरह, अपनी रखैल बना ले.. आह चोद दे मुझे.. मार ले मेरी चूत.. ये पूरा बदन तेरा है.. कमीने निचोड़ डाल इसका पूरा रस.. आह.. आज होली में मेरी चुदाई ऐसी कर दे कि मैं तेरे रंग में हमेशा की लिए रंग जाऊं.

मैंने अपनी जेब से रंग निकाला और भाभी की चुत में उंगली से डाल कर चोदने लगा. भाभी ने मेरा हाथ छुड़ाया और नीचे बैठ कर मेरा लंड पकड़ कर जोर से चूसना शुरू कर दिया. सीमा- ये लंड मुझे दे चूसने को, हरामी साले क्या मस्त लौड़ा ले कर बैठा है. ऐसा तो मैंने आज तक नहीं लिया. आज तो मज़ा आ जाएगा. मेरी चुत और गांड की आग बुझा दे. इस गधे के लंड को मेरी चुत और गांड में घुसेड़ घुसेड़ कर चोद दे मुझे.. उम्म्ह… अहह… हय… याह…!

सीमा ने मेरी जेब से रंग निकाल कर मेरे लंड पर लगाया और मेरा लंड अपनी चुत में डलवा लिया. अब भाभी बोलने लगीं- आह बहुत मोटा लंड है साले.. रंग दे मेरी चुत अन्दर तक.. ऊपर से तो तूने मेरा पूरा बदन रंग दिया है.. अब अन्दर से भी मेरी चुत रंग दे.. चोद मुझे.. ले ले मेरी चूत मार जोर से.. आअहह उउफफफ्फ़ आअहह कुत्ते आआहह.. चोद आआहह..

मैं नीचे से भाभी को जोरों से चोद रहा था. क्या मस्त गरम माल थीं यार.. रुकने का नाम ही नहीं ले रही थीं. गांड उठा कर भाभी बड़े बड़े लंबे लंबे शॉट्स लगा रही थीं.. उनमें बहुत आग थी. फिर अचानक उनका बदन टाइट हो गया, भाभी ने मुझे जोर से पकड़ लिया. मुझसे चिपक गईं. एकदम से तेज झटके मार मार कर भाभी झड़ गई और शांत हो गईं.

सीमा- आज बहुत महीनों के बाद मुझे ऐसी शांति मिली है. अब तुझे जो करना है.. कर ले मेरे साथ, मैं तेरी गुलाम हूँ. जैसे चोदना है चोद ले.. जैसे मारनी है मार मेरी चूत.. साले..

मैंने उन्हें कुतिया की तरह खड़ा किया और पीछे से उनकी गांड में लंड रगड़ कर धीरे धीरे घुसाने लगा, पर उन्होंने एकदम झटके से पीछे होते हुए पूरा लंड एक बार में घुसवा लिया. फिर भाभी चिल्लाते हुए गालियाँ देने लगीं- आआआहह.. साले हरामी आराम से नहीं मार सकता था गांड.. मैं कहीं भागी जा रही हूँ क्या.. भोसड़ी के.. अपनी गांड आराम से मारने को दे तो रही हूँ कुत्ते.. आअहह.. मादरचोद ने मेरी गांड फाड़ डाली आआहह…

मुझे पता चल गया कि ये पक्की छिनाल है साली.. मैंने उसकी गांड को पीछे से पकड़ा और जबरदस्त झटके लगाने शुरू कर दिए. मैं भाभी को बहुत तेज़ी से चोदने लगा. कुछ ही देर में मेरा लंड भी झड़ने वाला था तो मैंने गांड से निकाल कर भाभी की चुत में डाल दिया और चुत चोदने लगा.

आठ दस बम पिलाट झटकों के बाद मैं झड़ने वाला हुआ तो मैंने उन्हें बिना बताए उनकी चुत में लंड झाड़ दिया. जैसे ही मैंने भाभी की चुत में लंड झाड़ा वो फिर से गलियाँ देने लगीं- साले हरामी मादरचोद मेरी चूत में क्यों झाड़ा.. मैंने मना किया था ना.. मुझे माँ नहीं बनना है, तूने तो मेरी चुत में अन्दर तक झाड़ दिया हरामी साले भाभीचोद.. तू एक नम्बर का हरामी है.

इतने में अचानक से बाथरूम का दरवाजा खुला और भाभी की ननद अन्दर आ गई और अन्दर आते ही हम दोनों को नंगा देख कर बोली- ये सब क्या चल रहा है… भाभी तुम तो एक नम्बर की चुड़क्कड़ निकली.. भाई का लंड क्या कम पड़ गया था, जो अब इसका भी लेने लगी.

मैंने उसका हाथ पकड़ कर दीवार से लगाया. मेरा लौड़ा अभी भी थोड़ा टाइट था और झूल रहा था. उसे दीवार से लगा कर मैंने उसे बोला- और तू क्या कर रही थी, मैंने देख लिया था तुझे… साली अपने कजिन का लंड चूस रही थी? फिर मैंने उसे शांति से समझाया- देखो ये बात अपने तक रखो.. वरना घर वालों की बदनामी होगी और किसी का फायदा नहीं होगा.

वो मेरी बात मान कर चुप ही रही और इस तरह से मैंने भाभी की चुदाई करके अपनी होली शानदार तरीके से मनाई.

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