पूजा का पुजारी-2

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दोस्तो, अभी तक अपने पूजा का पुजारी-1 में पढ़ा कि पूजा अब मेरे घर रहने आ चुकी थी. अब उसके आगे: चूंकि पूजा को अब यही रहना था तो उसको अलग कमरा दे दिया गया. कुछ दिनों तक ऐसे ही चलता रहा फिर उसकी कोचिंग क्लास शुरू हो गई.

पर मैं उसको पटाने के बारे में सोचता रहता था. मैं हमेशा पूजा के नहाने के बाद नहाता था ताकि मुझे उसकी ब्रा और पैंटी देखने को मिलती थी. मैं रोज उसमें मुट्ठ मार कर उसे धोकर टांग देता था ताकि उसको पता न चले.

पूजा की कोचिंग शाम की होती थी, मेरी बहन दिन में कॉलेज जाती थी और शाम को आती थी. इधर मम्मी अपने काम में व्यस्त रहती थीं तो पूरा दिन हम दोनों साथ रहते थे और बातें करते थे. धीरे धीरे हम करीब आने लगे थे. जब वो कहीं जाती तो मुझे अच्छा नहीं लगता था और मैं कहीं चला जाऊँ तो उसको अच्छा नहीं लगता था. हम दोनों बहुत अच्छे दोस्त बन गए थे, वो शायद मुझे पसंद करने लगी थी पर उसको यह नहीं पता था कि मैं भी उसको पसंद करता हूं.

एक दिन दोपहर में मम्मी पड़ोस में गई हुई थीं और बहन कॉलेज का भी कॉलेज था तो कालेज में थी, सिर्फ मैं और पूजा ही घर पर थे पर पूजा उस समय सो रही थी. तभी मैं उसके पास गया और धीरे धीरे उसके शरीर में हाथ फेरने लगा और उसके साथ ही बेड पर लेट गया. फिर उसके गाल पर हाथ फेरते हुए उसकी चूची तक ले गया और उसकी चूचियों की गोलाई को नापने लगा. पर शायद वो जाग गई और मेरे हाथ हटा कर, मेरी तरफ मुंह कर के लेट गई. जैसे ही उसने मुंह मेरी तरफ किया, वो मेरे इतनी करीब आ गई कि हमारी सांसें आपस में टकरा रही थी. मैंने और पास जाते हुए उसके होंठों से अपने होंठ मिला दिए. जैसे ही हमारे होंठ आपस में मिले, तभी मैंने जो सोचा नहीं था वो हुआ, वह खुद मेरे होंठों को अपने होंठों में जकड़ कर जोर से चूसने लगी और हम किस करने लगे.

फिर मैंने अपने मुँह को अलग किया और उसको ‘आई लव यू’ बोला. उसने भी मुझे तुरंत ‘आई लव यू टू’ बोल कर फिर से मुझे किस करने लगी. तभी अचानक हमारे घर का गेट खटका, हम तेजी से अलग हो गए.

मैंने गेट खोला, तो देखा कि मम्मी आ गई थी. उसके बाद हमें जब भी कभी मौका मिलता, हम लोग किस कर लेते, कभी कभी मैं उसकी चूची भी दबा देता जिससे वो चिहुँक जाती. पर इससे ज्यादा कुछ न हो पाता था क्योंकि मम्मी घर पर ही रहती थीं तो उनका डर रहता था.

खैर 10-12 दिन ऐसे ही बीत गए और एक दिन भगवान ने मेरी सुन ली, हमारे रिलेशन में एक शादी पड़ी जिसमें मम्मी को जाना था, चूंकि जिस लड़की की शादी थी वो मेरी बहन की सहेली भी थी तो वो भी जा रही थी. और ये दोनों दूसरे ही दिन आ पाएंगी, यह मैं जानता था जिससे मैं पूरी रात पूजा के साथ बिता सकता था.

तभी मेरी बहन ने पूजा को भी शादी में चलने को कहा, पर मैंने यह कह कर मना करवा दिया कि मैं अकेला नहीं रहूंगा रात भर. मम्मी और बहन मान गई और शाम को शादी में चली गई.

जैसे ही वे गई, मैंने तुरंत सारे दरवाजे बंद किये और जोर से उसको किस किया. फिर मैंने सोचा कि अभी नहीं, रात को पूरे मजे करेंगे क्योंकि अभी कोई आ सकता है. इसलिये हम अलग हुए और रात का इंतजार करने लगे.

फिर हमने जल्दी से खाना खाया. तब तक रात के 9 बज चुके थे और हमें किसी के आने का डर भी नहीं था. इसलिए हम अपने बिस्तर पर आ गए और आपस में चिपक कर लेट गए. मैंने उसके चेहरे को दोनों हाथों से पकड़ा और फिर उसके गुलाबी होटों पर किस किया. मैं जानता था कि पूजा पहली बार चुदाई करवाने जा रही थी इसलिए मैं आराम से पूजा को किस कर रहा था, क्योंकि अब मम्मी या बहन के आने का डर भी नहीं था औऱ हमारे पास सारी रात थी इसलिए मैं भी उसे प्यार से किस करने लगा और धीरे-धीरे दूसरे हाथ से उसकी गोल और बड़ी चूची को दबाने लगा जिससे उसको हल्का दर्द भी हो रहा था और मजा भी आ रहा था.

इधर मेरा भी लंड खड़ा होने लगा, मैंने तुरंत अपनी टी शर्ट और जीन्स उतार दी, केवल अंडरवियर में बचा, और फिर पूजा से अपनी अंडरवियर उतारने को कहने लगा. उसने एक ही झटके में मेरी अंडरवियर उतार दी. वो मेरे खड़े लंड को आँखें फाड़ कर देखने लगी और बोली- ये बहुत बड़ा है, कैसे जा पायेगा? मैं तो मर ही जाऊँगी.

तब मैंने उसको समझाया कि कुछ नहीं होगा, सभी करते हैं. पर फिर भी पूजा को भी अजीब लग रहा था.

उसके बाद मैंने किस करना चालू किया, हमारे होंठों से होंठ, जीभ से जीभ लड़ रहे थे, हम दोनों के शरीर में सिहरन सी होने लगी, अब मैं अपना एक हाथ उसकी चूची पर ले गया और उसे बड़े प्यार से उसकी कुर्ती के ऊपर से ही सहलाने लगा. उसको भी अच्छा लगने लगा था तो वो भी मेरा भरपूर साथ दे रही थी.

अब मैंने पूजा से बोला- बाबू, प्लीज मेरा लंड पकड़ो. पूजा ने अपना हाथ बढ़ा कर मेरे लंड को ऊपर से पकड़ लिया और धीरे धीरे ऊपर नींचे करने लगी. जिससे मेरे मुँह से एक मीठी आह निकलने लगी. अब मैंने पूजा को बेड पर लिटा दिया और उसकी कुर्ती उतार दी, साथ में उसकी लैगी को भी उतार दिया.

अब वो मेरे सामने सिर्फ ब्रा और पैंटी में थी, मैं उसके पूरे शरीर को चूमने चाटने लगा. थोड़ी देर बाद मैंने प्यार से ब्रा और पैंटी को भी उतार दिया. अब वो मेरे सामने बिल्कुल नंगी थी, उसने शर्म से एक हाथ से अपनी चूत और एक से अपने चेहरे को छुपा लिया. मैंने बड़े प्यार से उसके हाथों को हटाया और उसकी चूत को देखा.

उसकी चूत बिल्कुल गुलाबी रंग की थी, उस पे बाल नहीं थे, उसने आज ही साफ किये थे और उसकी चूत बिल्कुल मुलायम थी. मैंने बड़े ही प्यार से उसकी चूत को छुआ, जिससे उसके शरीर में कर्रेंट सा दौड़ गया. अब मैंने उसकी चूत पर एक किस कर दिया, जिससे उसके मुँह से प्यार भरी आह निकल गई. मैंने धीरे धीरे चूत पर किस करना चालू रखा और बड़े ही प्यार से उसकी नाज़ुक चूत में अपनी जीभ को आराम से फिराता रहा. वो भी बड़े आराम से मज़े ले रही थी.

दस मिनट तक चूसने के बाद पूजा का शरीर अकड़ने लगा और वो मेरे चेहरे को अपनी चूत में दबाने लगी. तभी पूजा ने कहा- आर्यन, मुझे कुछ हो रहा है. मैं जानता था कि पूजा अब झरने वाली है, कुछ ही समय में वो झड़ गई और बेड पर बेहाल हो गई.

उसके बाद मैंने पूजा को बाहों में भर लिया और उसकी गर्दन और उसकी चूची पर किस करना शुरु कर दिया. वो फिर धीरे धीरे पागल होने लगी पर मेरा अभी उसको चोदने का मन नहीं हो रहा था क्योंकि मैं अभी उसे और गरम करना चाहता था.

फिर पूजा ने तिरछी नज़र से मेरे लंड को देखा, उसने बड़े ही प्यार से मेरे लंड को पकड़ा और हौले से सहलाने लगी. मैंने भी बड़े आराम से पूजा को अपने लंड से खेलने दिया. फिर मैंने कहा- बाबू इसको मुँह में डालो! पहले तो मना करने लगी, पर बाद में उसे मुँह में डाल कर प्यार से चूसने लगी, साथ ही धीरे-धीरे पूजा ने मेरे गोलियों को सहलाना शुरु कर दिया.

दस मिनट का चूसने के बाद मैंने अपने लंड को बाहर निकाला क्योंकि मैं भी झड़ने वाला था और उसकी पेट पर अपना रस गिरा दिया.

अब मैंने पूजा को नीचे से किस करना शुरु कर दिया, उसके हर एक अंग को चूमना शुरू कर दिया. फिर धीरे से उसकी चूत में एक उंगली डाली, जिससे वी एकदम चिहुँक गई. मैंने उसकी चूत में धीरे धीरे उंगली करना शुरू कर दिया. अब वो पूरी तरह बेचैन हो गई. फिर मैं उसकी चूचियों के दाने को चूसने लगा, एक तरफ उसकी चूत में उंगली कर रहा था और दूसरी तरफ उसके दूध को चूस रहा था.

तब पूजा ने मुझसे कहा- अब मुझे बर्दाश्त नहीं हो रहा है, प्लीज डाल दो.

यह सुनकर मैंने उसकी गांड के नीचे तकिया लगाया और अपने लंड को उसकी चूत में सेट किया. जैसे ही हल्का सा धक्का लगाया तो लंड फ़िसल गया क्योंकि वो कुंवारी थी और उसकी चूत टाइट थी इसलिए मेरा लंड घुस नहीं पा रहा था.

तब मैंने अपने लंड और उसकी चूत पर ढेर सारी वैसलीन लगाई. फिर अपने लंड के सुपारे को पूजा की चूत पर रगड़ने लगा ताकि उसकी चूत में चिकनाई आ जाए. उसकी चूत में लंड रगड़ने से उसके मुँह से आह-आह, शह्ह अह अह्ह्ह अह्ह्ह की आवाज़ें निकलने लगी और उसने अपनी आँखें बंद कर ली.

मैंने फिर कोशिश की और थोड़ा जोर से लंड को अन्दर डालने के लिए धक्का लगाया, जिससे मेरा सुपारा चूत को फाड़ते हुए जैसे ही थोड़ा अन्दर गया, पूजा की एक जोर से चीख निकली. चूंकि मेरे घर में कोई नहीं था तो उसकी चिल्लाने से कोई डर भी नहीं था. तभी वो मुझे धकेलने लगी, बोलने लगी- प्लीज बाहर निकल दो, नहीं तो मैं मर जाऊँगी.

और उसकी आँखों से तेज आंसू बहने लगे. उसके दर्द को देखकर मैं कुछ देर के लिए रुका और कहा- बाबू प्लीज थोड़ा सा बर्दाश्त कर लो, बाद में बहुत अच्छा लगेगा. यह कहते हुए पूजा की चूची को पीना चालू कर दिया.

फिर मैंने एक मिनट में धीरे-धीरे धक्के लगाना शुरु कर दिया और हौले-हौले लंड को अन्दर डालता रहा. बीच-बीच में उस की कमर और शरीर के सभी हिस्सों को छूना और किस करना जारी रखा. और जब पूरा लंड उसकी चूत में जब चला गया, तब मैं रुका. पूजा को अभी भी बहुत दर्द हो रहा था, उसकी आँखों से आंसू बहे जा रहे थे. उसकी सील टूटने की वजह से उसे ब्लीडिंग काफी हुई थी. जब कुछ समय बाद वो थोड़ी नार्मल हुई, तब मैंने फिर आराम से धक्के लगाना शुरु किया.

कुछ मिनट में जब पूजा का दर्द कम हुआ और वो भी अपने कूल्हे उठा उठा कर मेरा साथ देने लगी. हम दोनों चुदाई की चरम सीमा पर पहुंच चुके थे, उस समय का आनन्द बढ़ता ही जा रहा था. और मैंने अपनी रफ़्तार बढ़ा दी.

थोड़ी देर बाद मैंने पोजीशन बदलने की सोची, मैंने पूजा से कहा- बाबू तुम घोड़ी बन जाओ. उसने मेरी तरफ देखा, मैं हल्का सा मुस्कुरा दिया. उसने मेरी बात मानी और घोड़ी बनने को तैयार हो गई. जैसे ही पूजा ने लंड अपनी चूत से निकाला, तो उसने देखा कि मेरे लंड और उसकी चूत पर ढेर सारा खून लगा था जिसे देख वो डर गई. पर मैंने उसे समझाया कि पहली बार में थोड़ी ब्लीडिंग और दर्द होता है, मगर अब ऐसा नहीं होगा.

फिर मैंने उसे घोड़ी बनाया और अपने लंड को पकड़ के उसकी चूत पर रखा. लंड गीला होंने की वजह से उसकी चूत में समाहित होने लगा और जड़ तक पहुंचा तो उसको हल्का सा दर्द हुआ और वो एकदम से आगे बढ़ गई. चूंकि मुझे पता था कि ये ऐसा करेगी इसलिए मैंने उसकी कमर पहले से ही पकड़ रखी थी और फिर धीरे धीरे धक्के लगाने लगा.

मेरे हर धक्के में उसके मुंह से एक प्यार सी आह निकल रही थी और हम दोनों चुदाई के आनन्द में फिर खो गए. मैं बीच बीच में पूजा की बड़ी सी चूचियों को मसलता रहता था. अब पूजा को बहुत मजा आ रहा था, वो बोल रही थी- और तेज करो, मेरी चूत में बहुत खुजली हो रही है, प्लीज इसे मिटा दो. उसके मुंह से चूत शब्द सुनते ही मैं और तेज तेज झटके मारने लगा.

काफी देर तक झटके मारने के बाद पूजा का शरीर अकड़ने लगा और वो झड़ गई और बेड पर औंधे मुंह गिर पड़ी, पर मेरा अभी बाकी था तो मैं उसके ऊपर ही लेट गया.

फिर मैंने उसको सीधा किया और उसके होंठों को चूसने लगा. उसके मुंह में जीभ देकर एक दूसरे की जीभ चूसने लगे और उसकी चूची भी दबाने लगा. अब वो फिर गर्म हो गई, इस बार पूजा ने खुद ही मेरा लंड पकड़ा और अपने मुँह में डाल कर मज़े से चूसने लगी. दोस्तो वो इतने प्यार से मेरा लंड चूस रही थी कि मैं बयाँ नहीं कर सकता.

फिर मैंने पूजा को लेटाया, उसके ऊपर आया, उसके दोनों पैर अपने कंधे पर रखे और अपने लंड को उसकी चूत में सेट करके जोर से धक्का दिया, पूरा लंड एक बार में चूत में घुसता हुआ बच्चेदानी से टकरा गया. तभी उसके मुंह से एक जोरदार आह निकली. यह आह दर्द के साथ साथ चुदाई की मिठास की थी.

मैं उसको तेज तेज चोदने लगा और वो हर झटके में आह जैसी कामुक आवाज निकालने लगी और साथ ही नीचे से अपनी गांड उछाल उछाल कर चुदने लगी. मैं भी जोर जोर से धक्के मारने लगा. वो हर धक्के का मजा ले रही थी और हमारी चुदाई का मजा हर धक्के में साथ बढ़ता जा रहा था.

करीब 15 मिनट तक ऐसे ही चुदाई करने के बाद हम दोनों एक साथ झड़ गए और एक दूसरे को बांहों में लिपट कर सो गए. उसी रात मैंने उसको 3 बार और चोदा.

वो मेरे घर में 3 महीने रही, हमें जब भी मौका मिलता हम चुदाई करते और उसने कभी मुझे मना नहीं किया क्योंकि वो मुझे बहुत प्यार करती है. अभी भी कभी जब वो मेरे घर आती है, तो मौका मिलने पर हम चुदाई कर लेते हैं.

दोस्तो, यह थी मेरी कहानी! मुझे जरूर मेल करें तथा किसी भी सहायता के लिए भी मुझे बेझिझक मेल करें. [email protected]

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