शालिनी ने जो चाहा वो पाया-2
नहाते समय उसने जो कुछ देखा, महसूस किया और उसके बा…
मुझे तो तेरी लत लग गई
यह आपबीती मुझे मेरे दोस्त जय पाण्डेय ने भेजी है… और…
मेरी परीक्षा और मेरी चूत चुदाई-2
तभी दरवाजे की घण्टी बजी, शायद मौसी आ गई थी। सौरभ द…
दिल का क्या कुसूर-5
आखिर इंतजार की घड़ी समाप्त हुई और बुधवार भी आ ही ग…
दिल का क्या कुसूर-8
तभी अचानक मुझे अपने अन्दर झरना सा चलता महसूस हुआ।…
दिल का क्या कुसूर-9
मुझे लगा कि इस बार मैं पहले शहीद हो गई हूँ। अरूण …
दिल का क्या कुसूर-1
वैसे तो संजय से मेरा रोज ही सोने से पहले एकाकार ह…
दिल का क्या कुसूर-2
संजय मेरे ऊपर आकर लगातार धक्के लगा रहे थे… अब मेर…
हसीन धोखा-2
इशरत की गोरी गोरी मुलायम टाँगें, मांसल जाँघें और …
पुणे वाली मेरी सहेलियाँ
लेखक : अनुज पटियाला मैं पूना में पढ़ता था तब की यह…