आंटी सेक्स की दीवानी थी चूत चुदाई की शौकीन

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आंटी सेक्स की यह मेरी पहली सेक्स स्टोरी है.. तो कुछ लिखने में ग़लती हो तो माफ़ करना। दोस्तो मेरा नाम लव है.. मेरी उम्र 23 साल की है, मैं पुणे से हूँ। मुझे पुणे आए हुए अभी कुछ ही दिन हुए हैं। यहाँ मैं जॉब सर्च करने के लिए आया हूँ.. मैंने एक पेइंग गेस्ट होम में रूम लिया है।

यह सेक्स स्टोरी मैं जो आपको सुनाने जा रहा हूँ.. वो अभी कुछ दिनों पहले की ही है।

मैं जहाँ पर रहता हूँ, वहाँ पर एक खाना बनाने के लिए आंटी आती हैं, उनका नाम गायत्री है, वो दिखने में बहुत ही सुंदर हैं। उनकी उम्र 38 साल है, लेकिन उनकी उम्र देखने पर इतनी लगती नहीं है। उनका फिगर सच में कयामत है.. बिल्कुल तराशा हुआ। जो भी एक बार आंटी को देख ले.. मेरी गारंटी है कि वो लंड हिलाए बिना नहीं रह सकता।

वो हमेशा अपने पति से फोन पर बातें करती रहती थीं। मैं उनकी बातें सुन लेता था.. बातों में आंटी सेक्स की बातें करती थीं और वो भी तब, जब उन्हें मालूम रहता था कि मैं सामने खड़ा हूँ। पहले तो मुझे उन्हें चोदने का ख्याल नहीं आया.. पर बाद में धीरे-धीरे बात बनती गई और उनका नशा जैसे मुझ पर चढ़ने लगा।

फिर एक दिन मेरे पेइंग गेस्ट में सभी लोग होली की छुट्टी पर अपने-अपने घर गए हुए थे। पेइंग गेस्ट होम में बस मैं ही अकेला बचा था।

उस दिन रात को वो बहुत ज़्यादा तैयार होकर आई थीं.. एकदम माल लग रही थीं। उन्हें यूं सजा-धजा देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया। मैंने सोच लिया था कि आज कुछ भी हो जाए, मैं उन्हें चोद कर ही रहूँगा। मैंने देखा कि वो मेरे रूम में ही खाना लेकर आ रही हैं।

मैंने अपने लैपटॉप में जानबूझ कर सन्नी लियोनी की एक चुदाई की मूवी लगा ली और लंड सहलाते हुए देखने लगा।

आंटी मेरे कमरे में आईं और उन्होंने मुझे आवाज़ दी- लव उठो.. खाना खा लो..!

मैंने जानबूझ कर नहीं सुना।

वो मेरे पास आकर बैठ गईं और देखने लगीं कि मैं क्या देख रहा हूँ।

उन्होंने चुदाई की वीडियो की एक झलक देखी और बोलीं- ये सब बाद में देख लेना.. पहले खाना खा लो। मुझे भी यहीं खाना है.. आज मेरे घर पर भी कोई नहीं है। इतना कह कर वो उठीं और कमरे का गेट लगा दिया।

हम दोनों खाना खाने लगे।

खाना खाने के बाद वो बोलीं- मुझे भी ये वाली मूवी देखनी है।

मैं समझ गया कि आंटी सेक्स के मूड में हैं।

हम दोनों मूवी देखने लगे। मूवी देखते देखते आंटी सेक्स से गर्म होने लगीं और मेरे से चिपकने लगीं।

मैंने भी देर ना करते हुए उनके रसीले होंठों पर अपने होंठ रख दिए और उन्हें किस करने लगा। वो बोलीं- लव तुम बहुत ही सेक्सी हो.. मुझे आज तुम सब कुछ दे दो। मैं उनकी पूरी बॉडी पर किस करने लगा।

वो भी मुझे चूमते हुए ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ की आवाजें निकालने लगीं। मेरे मुँह से भी लगातार सिसकारियाँ निकल रही थीं। उनकी गर्म सांसों से मैं पागल हुआ जा रहा था।

वो मेरे मुँह में जीभ डाल कर मेरी जीभ चूसने लगीं। हम दोनों बहुत ज़्यादा गरम हो गए थे।

मैंने धीरे से गायत्री आंटी का ब्लाउज उतार दिया.. और उनके रसीले मम्मों को दबाने लगा। मुझे आंटी के मम्मों को दबाने में बहुत मजा आया, तो मैं उनके मम्मों को दांतों से काटने लगा। वो पागल होने लगीं और अपने हाथों से अपनी साड़ी और पेटीकोट उतार दिया।

अब वो सिर्फ़ पेंटी में मेरे सामने खड़ी थीं। मैं उन्हें बिस्तर पर ले गया और उनकी पेंटी भी उतार दी।

आंटी की रसीली और चिकनी चुत देखने के बाद मैं और पागल हुआ जा रहा था। आंटी की चुत से एक नशीली खुशबू आ रही थी.. जो मुझे मदहोश कर रही थी।

मैंने आंटी को बिस्तर पर लिटाया और उनकी चुत को चाटने लगा। आंटी की चुत में मैं अपनी जीभ डाल कर घुमाने लगा और उनकी चुत के दाने को अपने होंठों और दाँतों में लेकर खींचते हुए काटने लगा। आंटी की चुत ने आन्दोलन शुरू कर दिया और आंटी सेक्स से पागल हो कर मेरे सिर को अपनी चुत में दबाने लगीं।

वो बोलने लगीं- अह.. चाटो मेरे राजा चाटो.. मैं बहुत प्यासी हूँ.. मेरी चुत की आग को अपने लंड के पानी से बुझा दो.. अह..!

मैं और अधिक मस्ती से आंटी की चुत को चाटने लगा। दो मिनट बाद आंटी सेक्स की चरमसीमा पर पहुँच कर मेरे मुँह में झड़ गईं और मैं उनकी चुत का गरम पानी चाट-चाट कर पी गया।

फिर उन्होंने उठ कर मेरे सारे कपड़े उतार दिए और मेरे लंड को चाटने लगीं।

फिर वो उठीं और मेरे कमरे रखी हुई शहद की बोतल उठा कर मेरे लंड पर शहद लगा कर लंड चाटने लगीं। उन्होंने मेरे लंड को ऐसे चूसा कि एक मिनट में ही मेरे लंड से पानी निकलने ही वाला हो गया था।

मैंने गायत्री आंटी से बोला- आंटी, मेरा होने वाला है। आंटी ने कहा- आ जाओ.. मुझे तुम्हारा हनी पीना है।

वो मेरे लंड को तब तक चूसती रहीं, जब तक मैं झड़ ना गया।

झड़ने के बाद भी वो मेरा लंड लगातार चूसती रहीं.. इससे मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया। उसके बाद वो मेरा लंड अपनी चुत पर रगड़ने लगीं।

फिर मैंने गायत्री आंटी की टांगों को पूरा खोला और उनकी चुत के छेद पर अपना लंड टिका कर झटका मारा और पेल दिया। जैसे मैंने लंड उनकी चुत में डाला.. वो चिल्लाने लगीं। मैंने उनकी एक ना सुनी और मैं उन्हें धकापेल चोदे जा रहा था।

फिर मैंने अपना लंड उनकी चुत से निकाला और एक बार फिर झटके से उनकी चुत में जड़ तक अपना लंड पेल दिया।

आंटी भी बहुत बड़ी चुदक्कड़ थीं.. अपनी गांड उछाल-उछाल कर चुदवा रही थीं और साथ में गालियां भी दे रही थीं ‘अह.. चोद दो मेरे राजा.. जोर से चोदो… तेरे लंड में बहुत दम है.. अह.. मेरा पति का तो खड़ा ही नहीं होता है..’

मैं अब और ज़ोर से धक्के देने लगा।

उधर आंटी मेरे हर शॉट पर चिल्ला रही थीं- अह.. तेरी आंटी सेक्स के लिए कब से चुदने के लिए तैयार थी.. तूने ही देर कर दी.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… चोद.. साले.. और ज़ोर से पेल भैन के लंड आआह.. ज़ोर से पेल गांडू.. यह हिंदी सेक्स स्टोरी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!

‘ले मादरचोदी.. कुतिया.. साली रांड.. तेरी तो अब रोज चटनी बजाऊँगा.. आह.. मेरी जान गायत्री.. ले लंड खा..’

हम दोनों की नशीली आवाजें पूरे कमरे में गूँज रही थीं- आह.. एयाया.. आऐईय.. मरर.. गइईए.. रे ज़ोर से चोद दे.. फाड़ दे मेरी चुत भोसड़ी के.. अह.. कब से प्यासी है.. मेरी चुत फाड़ दे राजा.. और जोर से चोद..

मैं भी भी अब जोश में धक्के पे धक्के लगा रहा था।

करीब 25-30 धक्कों के बाद मेरे लंड में से पानी निकलने ही वाला था। मैंने आंटी को कस कर पकड़ लिया.. उनके होंठों को चूसने लगा.. और अपना सारा माल उनकी चुत में निकाल कर उनके ऊपर ही थक कर गिर गया।

कुछ देर हम दोनों यूं ही पड़े रहे। फिर कुछ देर बाद वो उठीं और मेरे लंड को मुँह में लेकर बोलीं- राजा अब ये मेरा है.. जब इसे भूख लगे.. मेरे पास ले आना.. मैं इसकी भूख शांत कर दूँगी।

मैंने भी उन्हें किस करते हुए अपने सीने से लगा लिया। फिर वो कपड़े पहन कर कमरे से चली गईं।

होली की 3 दिन की छुट्टी में मैंने उनकी गांड भी मारी। उन्हें किचन में, बाथरूम और बालकनी में.. सब जगह चोदा। उस सेक्स स्टोरी को भी आगे लिखूंगा।

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