होने वाली भाभी की चुत चुदाई की हसीन रात

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मेरा नाम रोहित मिश्र है, मैं नागपुर का रहने वाला हूँ। यह सेक्स कहानी मेरे जीवन की है, जिसमें मेरे साथ हुआ अनुभव मैं आपसे शेयर कर रहा हूँ।

मैं एक कुशल डीजे हूँ.. मेरा काम ही मेरा नाम है, जिस वज़ह से कई लड़कियां भाभियाँ और आंटियां मुझे लाइन देती हैं। इसके चलते मुझे सेक्स के लिए चुत की कभी कमी नहीं हुई।

एक दिन मैं काम पर गया, वहाँ सब लोग मेरी तारीफ कर रहे थे।

अचानक वहाँ एक लौंडिया आई, सुडौल.. कामुकता से भरपूर उसके नितम्ब माहौल में आग लगा रहे थे.. उसके मम्मे एकदम तबाही थे.. उसके उसका फिगर 36-24-38 था। उसे देख कर तो मेरे होश ही उड़ गए।

मेरा पूरा ध्यान उस पर था.. मैं अपना काम भी भूल गया था। मेरे दिल सोचने लगा कि इसके साथ सेक्स करने में कितना मजा आएगा। अभी मैं उसे चोदने की सोच ही रहा था.. और इसी सोच के चलते उसके बारे में जानकारी लेनी चाही, मैंने वहाँ के वेटर से पूछा- ये कौन है? उसने बताया कि ये दूल्हे की बहन है।

मैंने उसका नाचने आने का इंतज़ार किया और सोचा यहीं बात बढ़ाऊंगा।

मैंने कुछ देर ऐसे गाने लगाए, जिससे उसका ध्यान मेरी तरफ आए। कुछ देर बाद वो मेरी आँखों में आँखें डालकर देखने लगी और अगले कुछ ही पलों में वो डांस करने आ गई।

मैंने उसे आँख मारी.. तो वो हँसने लगी। अब लौंडिया हंसी तो समझो फंसी!

थोड़ी देर बाद वो कॉफी पीने चली गई.. मैं भी उसके पीछे आ गया। मैंने उससे बात करना शुरू किया, उसकी आँखों में साफ़ दिख रहा था कि वो भी मुझसे चुदवाने के लिए उतावली है।

मैंने उससे पूछा- क्या तुम्हारा कोई ब्वॉयफ्रेंड है? वो बोली- हाँ.. पर उससे क्या फर्क पड़ता है..! तुम अपने काम के बारे में बोलो.. बाकी ताक-झांक क्यों कर रहे हो?

मैंने सीधे-सीधे कह दिया- कुछ देर पहले तुम्हे देखा, तो लगा कि तुमसे कोई तो रिश्ता होना चाहिए.. वैसे तुम्हारे पिताजी क्या आतंकवादी हैं? वो सकपका कर बोली- नहीं तो.. क्यों? मैंने कहा- ऐसा बम तो कोई क्रिमिनल ही बना सकता है.. सर से पाँव तक पटाखा हो!

वो मेरे बिंदास अंदाज को देखकर हंसने लगी और बोली- तुम क्या मुझ पर लाइन मार रहे हो? मैं बोला- नहीं मैं तुम पर लाइन नहीं, पूरा बिजली विभाग मार रहा हूँ.. ताकि लाइन कम ना पड़ जाए! फिर वो हंस कर बोली- यहाँ बहुत लोग हैं.. चलो छत पर चलते हैं, वहाँ बात करेंगे।

हम लोग छत पर आ गए, वो मुझे देख मुस्कुरा रही थी, तो मैं मन ही मन सोच रहा था कि उसे गले लगा ही लूँ। तभी अचनाक उसने मेरा हाथ पकड़ा और बोली- तुम मुझे बहुत अच्छे लगे..! यह सुनकर मेरे होश गुम हो गए.. क्योंकि इतना मस्त माल आज मुझे चोदने मिलने वाला था।

हम लोग वहाँ से एक कमरे में आ गए। फिर मैंने उससे कहा- क्या मैं तुम्हें चूम सकता हूँ? वो शरमाकर बोली- कर लो..

मैंने उसे गले लगाया और उसके रसीले होंठों को चूसने लगा.. साथ ही मैंने धीरे से अपना हाथ उसकी कमर में डाल दिया, इससे वो अचानक सिसक गई उसके रोंगटे खड़े हो गए। अब मैं भी मूड बना चुका था, मैंने उससे कहा- तुम लेट जाओ।

वो आँखें बंद कर लेट गई, मैंने धीरे से उसके मम्मों को सहलाना शुरू किया.. वो कामुकता से सिसकने लगी। फिर धीरे से मैंने उसकी कुर्ती उतार दी, नीचे की सलवार भी उतार दी। अब वो सिर्फ ब्रा और पेंटी में थी.. वो ब्लैक कलर की ब्रा और ब्लू कलर की पेंटी में पूरी आग लग रही थी।

वो मुझे देख कर नशीली आवाज में बोली- तुम भी तो अपने कपड़े उतारो मुझे शर्म आ रही है। मैंने झट से अपने कपड़े निकाल दिए और अपना लंड उसके हाथ में दे दिया।

लंड थामते ही वो डर गई- हाय राम इतना बड़ा.. मैं तो मर जाऊँगी! मैंने कहा- इसे गर्म कर दो! वो बोली- कैसे? मैंने कहा- मुँह में लेकर चूसो ना..

वो हँस दी और लंड मुँह में लेकर चूसने लगी।

आह्ह.. क्या बताऊँ उसके मुँह की गर्मी क्या जलजला थी.. साली लंड को चाट-चाट कर चूस रही थी वो.. उम्म्ह… अहह… हय… याह…

फिर थोड़ी देर बाद मैं उसके मुँह में ही झड़ गया और वो मेरा सारा वीर्य पी गई।

कुछ देर बाद मैंने उसे लेटा दिया और उसकी ब्रा खोल दी.. अब मैं उसके मम्मे चूसने लगा। उसकी कामुक सिसकारियों से रूम गूंज रहा था ‘आह.. ओह.. ऊऊऊह..’

फिर मैंने उसकी पेंटी निकाल दी और देखा कि उसकी गुलाबी मखमली चुत बिल्कुल चिकनी कुंवारी दिख रही थी। उसकी चुत की सील तोड़ने का सौभाग्य मुझे प्राप्त हुआ था।

मैंने झट से चुत को चाटना शुरू कर दिया और वो पूरी तरह गर्म हो गई ‘ऊऊह.. आआह.. उई.. मर गई..’ कुछ ही पलों की चुत चुसाई के बाद वो अब पूरी तरह चुदने को तैयार थी। उससे रहा नहीं जा रहा था.. वो बोली- रोहित जल्दी से मेरी सील तोड़ दो.. मुझसे रहा नहीं जा रहा है।

मैंने झट से अपने लंड का सुपारा उसकी चुत पर लगाया और ज़ोर से धक्का लगा दिया.. पर लंड चुत में अन्दर न जाते हुए फिसल गया। फिर मैंने हाथ से लंड पकड़ कर सुपारा उसकी गुलाबी चुत में लगाया और पूरी ताकत लगा दी।

अबकी बार निशाना लग गया.. थोड़ा लंड अन्दर घुस गया, पर सील तो टूटना बाकी थी, वो दर्द से तड़फ रही थी। मैंने थोड़ा और जोर से लंड पेला, तो वो चिल्ला उठी- बाहर निकालो.. मैं मर जाऊँगी..! मैंने उसे कसके गले से लगाया और हम दोनों कुछ देर यूं ही पड़े रहे।

थोड़ी देर बाद मैं धीरे-धीरे हिलने लगा.. उसकी चुत से खून बह रहा था.. पर उससे भी अब मज़ा आ रहा था। मैं जोर-जोर से चोदने लगा.. फिर अलग-अलग पोजीशन में मैंने उसे चोदते हुए पूरा निचोड़ लिया। वो झड़ गई.. पर मेरा झड़ना अभी बाक़ी था।

मैंने अपना लंड चुत से बाहर निकाल लिया और उसे रूमाल से पोंछ कर चूसने को कहा.. तो वो चूसने लगी।

करीब 5 मिनट की लंड चुसाई के बाद मैं उसके मुँह में झड़ गया और वो मेरा वीर्य पी गई, उसने लंड चाट कर साफ किया।

ये सब होने के बाद हम कपड़े पहना कर तैयार हुए और नीचे शादी में चले गए। थोड़ी देर बाद मुझे पता चला कि उसी लड़की का रिश्ता मेरे भाई से जुड़ा है और कुछ समय में वो दोनों शादी करने वाले थे।

मैं सोच में पड़ गया कि मैंने अपनी होने वाली भाभी को चोद दिया।

आप सभी को मेरी ये सेक्स कहानी कैसी लगी.. मुझे रिप्लाई करें। [email protected]

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