मेरा गुप्त जीवन- 147

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सब ने जाते हुए कहा कि सोमु राजा तुम सिर्फ एक अच्छे डांसर ही नहीं हो बल्कि एक मदमस्त चोदु राजा भी हो. थैंक यू वेरी मच- मैंने कहा। मैं उन लड़कियों को छोड़ कर आया ही था कि इतने में सलोनी के आने की खबर चौकीदार राम लाल ने दी, उसके पीछे ही सलोनी जल्दी से अंदर आ गई और उसके साथ एक और लड़की भी थी जो हमारे डांस ग्रुप में थी।

मैंने हैरानी जताते हुए कहा- क्या बात है सलोनी? तुम इस वक्त यहाँ? सलोनी बोली- मैं इधर से गुज़र रही थी तो सोचा सोमु को याद करवा दूँ कि मेरा नंबर अभी बाकी है, तो कब लगा रहे हो मेरा नम्बर? मैंने कहा- कल कॉलेज के बाद इकट्ठे आ जाएंगे और तुम्हारा काम भी कर देंगे। और यह कौन हैं तुम्हारे साथ? सलोनी बोली- अरे इन को नहीं पहचाना क्या? हमारे डांस ग्रुप की रूही है जो लास्ट डांस रिहर्सल में यहाँ आई थी। मैं अपनी भूल सुधारते हुए बोला- अरे हाँ याद आया, इनके साथ तो डांस भी किया था।

तब सलोनी बोली- वो दरअसल मैं सोमू, तुम को न्योता देने आई हूँ, कल रात हमारे घर में एक छोटी सी पार्टी रखी है जिस में 6 जोड़े लड़के लड़कियों को डांस गाना और मौज मस्ती के लिए बुलाया है, तुमको भी आना पड़ेगा अपने पार्टनर के साथ… बोलो आओगे क्या? मैं बोला- लेकिन मेरी तो कोई पार्टनर नहीं है? सलोनी बोली- क्यों रति तो है ना, उसको ले कर आ जाना। मैं बोला- मैं उससे पूछूंगा, अगर मान गई तो आऊंगा, नहीं तो सॉरी!

सलोनी बोली- मैं खुद तुम को लेने आ जाऊँगी, हमारी कोठी तुम्हारे घर के पास ही है। सलोनी ने मुझ को बड़ी सेक्सी नज़र से देखा और इशारा किया कि अंदर बैडरूम में चलने का!

मैं सलोनी की सेक्सी फिगर से काफी आकर्षित था तो उन दोनों को लेकर बैडरूम में आ गया और दरवाज़ा भी बंद कर दिया। सलोनी ने बिना किसी देर के झट से मुझ को आलिंगनबद्ध कर लिया और अपने मोटे और ठोस स्तन मेरी छाती से रगड़ने लगी और उसकी सहेली भी मेरे पीछे खड़े होकर अपने मुम्मों को मेरे शरीर से रगड़ रही थी। हम तीनों ने एक दूसरे के शरीर के साथ पकड़म पकड़ाई का खेल जारी कर दिया।

दोनों जवान लड़कियों के चूतड़ काफी मोटे और उभरे हुए थे, मैं उन पर हाथ फेर कर और थोड़ा टीप कर आनन्द ले रहा था। सलोनी बोली- एक छोटी सी चुदाई कर दो हम दोनों की अभी… हम दोनों ही बहुत गर्म हो चुकी हैं. प्लीज सोमू, क्यों रूही तुम भी तैयार हो ना?

रूही ने जवाब देने के बजाये अपनी सलवार को ढीला करना शुरू कर दिया और सलोनी ने मेरी पैंट के बटन खोल दिए और मेरे खड़े लंड को पैंट से निकाल लिया। जब दोनों की सलवारें उतर चुकी तो मैंने उन को पलंग पर हाथ टेक कर खड़ा कर दिया और फिर मैं अपने खड़े लंड को पीछे से सलोनी की चूत के मुंह पर रख कर उससे पूछा- क्यों सलोनी डार्लिंग, डालूँ क्या? सलोनी ज़ोर से बोली- डाल दो सैयां… पूरा डालो, चूत के अंत तक डालो, जल्दी डालो!

उसकी चूत को हाथ लगाया तो उसमें से खूब रस टपक रहा था। अब मैंने बिना कुछ देर किये एक ज़ोर का धक्का लंड का मारा तो वो पूरा का पूरा अंदर घुस गया। अंदर डाल कर मैं कुछ क्षण के लिए रुक गया और रूही के चूतड़ों पर हाथ फेरता रहा और साथ में उसकी चूत में ऊँगली डाल कर उसकी भग को मसलता रहा।

सलोनी ने अपने चूतड़ों को आगे पीछे कर चुदाई की स्पीड खुद ही निश्चित कर दी और मैं रूही की चूत और भग को हाथ की ऊँगली से छेड़ता रहा और वो भी अब पूरी तरह से पनिया गई थी।

मैंने अब सलोनी के मोटे गदाज़ मुम्मों को पीछे से पकड़ लिया और तेज़ धक्काशाही शुरू कर दी। लंड को पूरा बाहर निकाल कर फिर अंदर डाला और फिर बाहर निकाला और ऐसे मैंने कोई 9-10 बार किया और तभी ही सलोनी ‘उईईइ आआहा…’ करती हुई झड़ गई।

मैंने गीले लंड को सलोनी की चूत से निकाल कर रूही की उभरी हुई चूत में डाल दिया और वो घुप कर के अंदर समा गया। सलोनी चुपचाप बिस्तर पर लेट गई थी और मैं उसकी साइड से उसकी प्रिय सहेली को चोद रहा था। वो चुदवाने में ज्यादा एक्सपर्ट लग रही थी क्यूंकि मेरे हर धक्के का वो बराबर जवाब दे रही थी।

वो मेरी अंदर बाहर करने की स्पीड को समझ चुकी थी और उसी के मुताबिक वो अपने चूतड़ों को भी आगे पीछे कर रही थी और हर बार लंड को पूरा अंदर ले कर ही दम लेती थी। मैंने उसके मम्मों को पकड़ रखा था उसकी कमीज के ऊपर से और उसको हल्के हल्के टीपते हुए रूही की चुदाई में मग्न रहा।

जब उसकी चूत सिकुड़ना शुरू हो गई तो मैंने अपने धक्कों की स्पीड अति तीव्र कर दी और ऐसा करते ही रूही थोड़ी देर में ही स्खलित हो गई।

स्खलित होने के बाद वो भी सलोनी के साथ पलंग पर लेट गई और आँखें बंद कर के अभी हुई चुदाई का आनन्द महसूस करने लगी। मैं आज की चुदाई से इतना उत्तेजित हो चुका था कि मेरा दिल कर रहा था कि किसी की टाइट चूत में अपना वीर्य स्खलित करूँ। लेकिन ऐसी सेफ चूत का मिलना भी तो कठिन था जिसमें मैं अपने वीर्य की तीव्र धार छोड़ सकूँ।

लेकिन मेरे मन में सलोनी के नग्न शरीर को देखने की बड़ी इच्छा था, मैंने उन दोनों को अपने कपड़े उतार कर अपने हुस्न के जलवे दिखाने का अनुरोध किया। दोनों मान गई सिर्फ इस शर्त पर कि दोनों की चुदाई एक बार फिर मैं करूँ जिस पोज़ में वो चाहें!

भला मुझको क्या ऐतराज़ हो सकता था… मैंने पहले सलोनी की सलवार उतार दी और फिर उसकी कमीज भी उतार दी और जब दोनों पूर्ण नग्न हो गई तो रूही ने आगे बढ़ कर मेरी पैंट को भी उतार दिया और मेरे अंडरवियर में छुपे हुए सर्प राज को बाहर निकाल कर आज़ाद कर दिया।

मैं उन दोनों के मस्त नग्न शरीर देख रहा था जिसमें उन दोनों के उन्नत उरोज खजुराहो के मंदिरों में यक्षिणी की मूर्तियों से किसी तरह भी कम नहीं थे। दोनों आकर मेरे से लिपट गई और अपने हाथों से मेरे लंड के साथ खेलने लगी और मैं भी उनके मुम्मों को बारी बारी से चूम रहा था और चूचुकों को चूस रहा था।

रूही पहल करते हुए मुझको बेड के पास ले गई और मुझको लिटा कर मेरे ऊपर चढ़ बैठी और जल्दी से अपनी बालों से भरी चूत में मेरा अकड़ा हुआ लंड डाल दिया और ऊपर से तेज़ तेज़ धक्के मारने लगी।

मैं भी उसके उन्नत उरोजों को मस्ती से मसल रहा था और साथ साथ ही उसके मोटे चूतड़ों को भी मसल रहा था। थोड़ी देर की धक्काशाही में ही रूही धराशाई हो गई और हांफ़ती हुई मेरी चौड़ी छाती पर लेट गई और उसके अंदर से निकल रही अविरल पानी की धारा से अंदाजा लगा कि वो काफी दिनों के बाद ठीक ढंग से चुदी है।

मैंने जल्दी से रूही को अपने ऊपर से उतारा और साथ में ही लेटी हुई सलोनी को अपनी तरफ खींचा। वो फ़ौरन से घोड़ी बन गई और मैंने भी शीघ्र ही अपने गीले लंड को उसकी चूत में पीछे से डाल दिया और आहिस्ता आहिस्ता उसकी चुदाई शुरू कर दी। वो बड़ी मस्ती से चुदा रही थी जैसे उसको यकीन हो कि यह शहसवार जल्दी से घोड़ी से उतरने वाला नहीं।

सलोनी की आशा के अनुरूप ही मैं उसको बड़े ही प्यार से कभी धीरे कभी तेज़ स्पीड चोद रहा था और साथ ही हाथों से उसके चूतड़ों और मुम्मों को सहला भी रहा था।

पूरा अंदर और पूरा बाहर वाला कार्यक्रम चालू करने पर सलोनी को बहुत अधिक आनन्द आ रहा था और इसी तरह सलोनी भी स्खलित होने के कगार पर पहुँच चुकी थी। और जब मैंने अपना घोडा सरपट दौड़ाया तो ‘ओओओ ओओ ओओ आआअह…’ करते हुए एक कंपकंपाहट के साथ झड़ गई।

मैंने भो अपना लौड़ा निकाल कर उसके विजयी होने पर उसको बीच मैदान में खड़ा कर के लहलहाने दिया। दोनों लड़कियाँ यह देख कर चकित थी और बार बार हाथ लगा कर महसूस करने के कोशिश कर रही थी कि वो कोई सपना तो नहीं देख रही हैं। फिर दोनों ने मुझ को प्यार भरे थैंक्स करने के लिए बड़ी ही संतुष्टि से जफ्फी मारी।

थोड़ी देर में मैंने दोनों लड़कियों को उठाया और कहा- अब तुम तैयार होकर घर जाओ, वरना तुम्हारे घर वाले ढूँढते हुए यहाँ आ जाएंगे। दोनों हड़बड़ा कर उठ बैठी और जल्दी से अपने कपड़े पहनने लगी।

जाने से पहले मैंने सलोनी से पूछा- कल वाली पार्टी जो तुम्हारे यहाँ होने वाली है, उसमें क्या करने का इरादा है? सलोनी बोली- वाह सोमू, तुम नहीं जानते कि हाई सोसाइटी की पार्टियों में हर चीज़ मुमकिन है तो यहाँ भी हर चीज़ हो सकती है जिस में पीना पिलाना और ग्रुप सेक्स भी शामिल है।

मैं हैरान होकर बोला- यानि दस लड़के लड़कियाँ आपस में खुले आम सेक्स करेंगे? रूही बोली- यही नहीं, वो एक दूसरे के पार्टनर्स को भी आपस में बदल बदल कर चुदाई कर सकते हैं। मैं बोला- उफ़… यह तो कमाल हो जाएगा। लेकिन एक बात है मैंने आज़मा कर देखी है हमारे लड़के लड़कियों का चुदाई के मामले में पूरा साथ नहीं दे पाते, वो जल्दी ही आउट हो जाते हैं जबकि लड़कियाँ डटी रहती हैं।

सलोनी बोली- हाँ यह तो अक्सर हम देखती हैं, पर सोमू यह सब तुमको कैसे मालूम है? मैं मुस्कराते हुए बोला- पिछले साल कुछ लड़के लड़कियों ने मिल कर ऐसी ही पार्टी हमारी कोठी में की थी। लड़के सब एक दो बार के बाद ही मैदान छोड़ गए और लड़कियाँ डटी रहीं आखिर तक!

सलोनी और रूही ने भेद भरी नज़रों से मुझको देखा और पूछा- तो फिर हम क्या करें? ऐसे तो पार्टी फेल हो जायेगी ना? मैं हँसते हुए बोला- हाँ, वो तो संभव है। दोनों ने घबरा कर पूछा- फिर कैसे करें हम?

मैंने कम्मो को आवाज़ दी और वो झट अंदर आ गई फिर मैंने उसको सारी बात बताई तो उसने कहा- लड़कों को देर तक सेक्स के लिए डटे रहने की समस्या है, क्यों ठीक है ना? दोनों लड़कियों ने हाँ में सर हिला दिया। कम्मो बोली- इसका इंतज़ाम मैं कर दूँगी कि कोई भी लड़का जल्दी आउट ना हो! तुम यही चाहते हो ना?

मैं बोला- तो ठीक है कम्मो कुछ इंतज़ाम कर देगी लेकिन इस काम के लिए उसको भी पार्टी में शामिल करना पड़ेगा। बोलो मंज़ूर है? दोनों एक साथ बोली- मंज़ूर है कम्मो दीदी, आप पूरी तैयारी के साथ आ जाना और पार्टी को ठीक से चलाने की देखभाल आपकी जिम्मेदारी हो गई दीदी। कम्मो ने हँसते हुए हामी भर दी।

कहानी जारी रहेगी। [email protected]

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