मेरा गुप्त जीवन- 142

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कोई दस मिन्ट के खेल के बाद ही रति फिर चुदाई के लिए ज़िद करने लगी और मैं कम्मो के इशारे पर फिर उसको चूमने लगा और उसके मम्मों को चूसने के बाद ही उसकी चूत में हाथ लगाया तो वो फिर बेहद पनिया रही थी।

अब कम्मो ने रति को घोड़ी बनाया और मैंने उसके पीछे बैठ कर लंड को चूत के अंदर डाला तो वो बहुत अधिक टाइट महसूस हुई और बड़ी मुश्किल से लंड को अंदर घुसेड़ पाया। रति भी ‘आह उह…’ कर रही थी क्यूंकि चूत के अंदर से छिल गई थी और मेरे लंड पर भी खराशें पड़ गई थी लेकिन मैं भी दर्द बर्दाश्त करते हुए रति को बड़े प्यार से हल्के हल्के धक्कों से चोदने लगा।

रति को अब बहुत ही अधिक आनन्द आने लगा और वो अस्फुट शब्दों में कह रही थी- सोमू यार फाड़ दे इस साली चूत को, बहुत ही तंग करती थी मुझ को ! ज़ोर के धक्के मार मेरे लंडम लाल… उफ़, मैं फिर मर रही हूँ… ओह्ह्ह मैं गई रे… ओह्ह्ह… कुछ छूटा अंदर से? आअहाअ! यह कहते हुए रति अपने सर को इधर से उधर मारने लगी और उसकी गांड ज़ोर ज़ोर से मेरे लंड पर आगे पीछे होते हुए मेरे पेट से टकराने लगी।

और फिर रति के मुंह से एक ज़ोर से हुंकार निकली और उसकी चूत के अंदर खुलना और बंद होना शुरू हो गया। फिर रति बिस्तर पर ढेर हो गई और मैं भी उसके साथ लेट गया। मेरा लंड अभी भी तन्ना खड़ा था जिसको देख कर रति थोड़ी हैरान हो रही थी और साथ में खुश भी हो रही थी। कम्मो के इशारे पर मैं बिस्तर से उठा और अपनी सफाई की और कपड़े पहन कर बाहर बैठक में आकर बैठ गया।

थोड़ देर बाद उर्वशी भाभी भी आ गई बैठक में और आते ही उसने मुझको एक कसके जफ्फी मारी और एक हॉट किस भी मेरे होटों पर जड़ दी और मैं भी उसके चूतड़ों पर हाथ फेरने लगा। गोल और सॉलिड चूतड़ थे भाभी के, और जब वो निर्वस्त्र होती थी तो वो एकदम ख़ूबसूरती का मॉडल लगती थी। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !

मेरा बैठा हुआ लंड फिर खड़ा होना शुरू हो गया और भाभी ने मेरी पैंट में उभरते हुए लंड को पकड़ लिया, उसके साथ खेलने लगी। तभी कम्मो थोड़ा ज़ोर से बोली- छोटे मालिक, रति के लिए कोकाकोला तो गिलास में डाल लो, वो बड़ी प्यासी हो रही है।

मैं और भाभी फ़ौरन संभल गए और कुछ समय बाद ही रति और कम्मो बैठक में आ गए लेकिन भाभी को देख कर रति एकदम शरम से लाल हो गई और दौड़ कर भाभी से लिपट गई।

उर्वशी भाभी ने उसको गले लगाया और उसके कान में चुपके से कहा- क्यों री? काम हो गया तेरा? रति ज़रा और शरमा गई और हाँ में सर हिला दिया और फिर आकर मेरे पीछे खड़ी हो गई। हम सब कोक पीने लगे और छोटी मोटी बातें करने लगे।

तब मैं बोला- कल हमारी कोठी में कॉलेज के डांस ग्रुप का डांस रिहर्सल है, शाम को काफी रौनक रहेगी। रति ने भी आना है क्यूंकि वो तो हमारे कॉलेज ग्रुप की जान है उर्वशी भाभी! भाभी यह सुन कर बहुत खुश हुई।

फिर कम्मो उर्वशी भाभी को लेकर कमरे में चली गई और दस मिन्ट बाद जब वापस आई तो उर्वशी भाभी बहुत ही खुश थी। मेरे को देख कर कम्मो ने भी हाँ में सर हिला दिया और मैं समझ गया कि कम्मो ने उर्वशी भाभी की दोबारा जांच की है, प्रेग्नेंट होने की खबर पक्की है।

थोड़ी देर बाद भाभी और रति अपने घर लौट गई और मैं जल्दी से अपने कमरे में पलंग पर लेट गया क्यूंकि मुझको लंड में काफी दर्द हो रहा था। जब कम्मो कमरे में आई तो मुझको इस तरह लेटे देख कर वो मेरे पास आई, पूछने लगी- क्या बात है छोटे मालिक? क्या कुछ तकलीफ है आपको?

मैं बोला- हाँ कम्मो, मुझ को मेरे लंड पर काफ़ी दर्द महसूस हो रहा है, शायद चुदाई में लगी रगड़ ज़्यादा ही गहरी हो गई थी? कम्मो आगे बढ़ कर मेरी पैंट को नीचे सरका कर लंड को देखने लगी। लंड जो बैठा हुआ था धीरे धीरे से फिर अकड़ने लगा।

कम्मो ने देख कर कहा- रुको छोटे मालिक, मैं अभी इस पर एक मलहम लगा देती हूँ, जल्दी ही ठीक हो जाएगा। कम्मो के मलहम लगाते ही मेरा दर्द कम होना शुरू हो गया। मलहम लगा कर कम्मो जाने लगी तो मैंने पूछा- भाभी का गर्भ ठीक है ना?

कम्मो बोली- कसम से छोटे मालिक, आपके अंदर पैदा होने वाले कीड़े एकदम मस्त और ताकतवर हैं, आज तक कोई नहीं बची जो आपके कीड़ों के हमले से गर्भवती ना हुई हो! आप चाहें तो सैकड़ों बच्चो के बाप बन सकते हो! मैं कुछ हैरान होकर बोला- ऐसा क्या है मेरे स्पर्म में कम्मो?

कम्मो बोली- जो मैंने आयुर्वेदिक पुस्तकों और यूनानी चिकत्सा पुस्तकों में पढ़ा है उन सबने केवल इसी बात पर ज़ोर दिया है कि स्त्री के अण्डों और पुरुष के स्पर्म के मिलन से ही बच्चा उत्पन्न होता है और यह बात सदियों से मानी जा रही है और इस बात का सबूत अब विदेशी चिकत्सा पद्धति में हो रही खोज में पूरी तरह से मिल रहा है। मैं तो अपनी आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति के अनुसार ही केवल नब्ज़ देख कर ही अंदाजा लगा लेती हूँ कि कोई स्त्री गर्भवती हुई या नहीं जबकि एलोपैथिक चिक्तिसा पध्दति के अनुसार यह बात गर्भ ठहरने के एक महीने बाद ही पता चलती है जब स्त्री का मूत्र टेस्ट किया जाता है। लेकिन जब आपके स्पर्म का मैंने लैब में टेस्ट करवाया था तो लैब के टेक्नीशियन यह देख कर हैरान रह गए थे कि आपके कीड़े बड़े ही शक्तिशाली और तीव्र गति वाले हैं जो बहुत ही कम दिखाई देता है। यही कारण है आपके द्वारा वीर्यदान एकदम सक्षम होता है किसी भी तंदरुस्त स्त्री को गर्भवती बनाने में! जय हो छोटे मालिक।

मैं केवल मुस्करा दिया और करवट बदल कर सोने की कोशिश करने लगा।

कहानी जारी रहेगी। [email protected]

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