मेरा गुप्त जीवन- 140

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कम्मो कुछ देर सोचते हुए बोली- छोटे मालिक रति को भी एक तरह से एक बिमारी है इस कारण कई औरतें काम क्रीड़ा के लिए ठंडी पड़ जाती हैं। इसको इंग्लिश में FRIGIDITY कहते हैं!

यह कह कर कम्मो ने रति की चूत को बड़े ध्यान से देखना शुरू कर दिया। फिर उसने रति की चूत में अपनी दो उंगलिययों को डाल कर देखा और फिर उसकी भग का निरीक्षण किया। फिर कम्मो ने रति को उल्टा लिटा कर उसकी गांड का भी अच्छी तरह से निरीक्षण किया और फिर उसके पास बैठ गई और उससे पूछताछ शुरू की।

इससे पहले रति कुछ जवाब देती, कम्मो ने मुझको बाथरूम में नंगे ही भेज दिया ताकि वो उससे कुछ प्राइवेट बातें कर सके।

दस मिन्ट के बाद में मुझको बाहर आने को कहा और फिर बोली- देखो छोटे मालिक, रति अभी सेक्स के लिए तैयार नहीं है, उसकी पहले ट्रीटमेंट होगी और फिर मैं चेक करूंगी कि यह प्रेमालाप के लिए पूरी तरह से तैयार है या नहीं! और दूसरी बात यह है कि रति अभी सील बंद कुंवारी लड़की है, इसके साथ कुछ भी करने से पहले उसकी भाभी को सब बताना पड़ेगा। तो अभी कुछ दिन ठहर जाओ, फिर देखेंगे की रति सेक्स के लिए तैयार है या नहीं।

मैंने कहा- ठीक है, जैसे तुम कहो वही ठीक है, हम वैसे ही करेंगे। तब कम्मो ने रति से पूछा- अच्छा रति, यह बताओ क्या तुमने कभी किसी को सेक्स करते देखा है या नहीं? रति शर्माते हुए बोली- मैंने कभी किसी स्त्री पुरुष को सेक्स करते नहीं देखा, लेकिन हाँ, कुत्तों को आपस में करते हुए देखा है और एक दो बार गाँव में गाय के ऊपर सांड को चढ़ते देखा है।

कम्मो ने फिर रति से पूछा- क्या तुम किसी स्त्री पुरुष के बीच सेक्स होते हुए देखना चाहती हो? रति शरमा गई और फिर आहिस्ता से उसने हाँ में सर हिला दिया। कम्मो बोली- अगर मैं और छोटे मालिक आपस में तुम्हारे सामने सेक्स करें तो तुमको बुरा तो नहीं लगेगा?

रति का मुंह हैरानी से खुला का खुला रह गया और टूटे हुए शब्दों में बोली- आप दोनों? तब मैं बोला- सुनो रति, कम्मो मेरी टीचर है हर मामले में, जिसमें सेक्स भी शामिल है। वो मेरे बचपन से मेरे साथ है और उसकी निगरानी में बड़ा हुआ हूँ और सेक्स के दाव पेच सीखा हूँ। कम्मो मेरी हर मामले में खास उल ख़ास है, उसकी सलाह हर मामले में मेरे लिए बहुत ज़रूरी है।

रति बोली- लेकिन कम्मो आंटी आपकी सेक्स पार्टनर कैसे हो सकती हैं? मैं बोला- देखो रति, कामकला के बारे में जो कम्मो को पता है वो बड़े बड़े डॉक्टरों को भी नहीं पता होगा। उसने कई बाँझ औरतों को गर्भवती बनाने के लिए इलाज किया है और आज तक वो कभी फेल नहीं हुई है।

रति हैरान होकर बोली- तो क्या कम्मो आंटी मेरी भाभी को ठीक कर सकती हैं? क्या वो कभी माँ बन सकती हैं? कम्मो बोली- तुम्हारी भाभी मेरे पास इस बात का ही इलाज करवाने तो आती हैं। ईश्वर ने चाहा तो वो जल्दी ही माँ बन जायेंगी। रति खुश होकर बोली- अच्छा कम्मो आंटी, आपको विश्वास है ऐसा हो सकता है क्या? कम्मो बोली- देखो रति, हम लोग कोशिश कर सकते हैं, आगे सब तो ईश्वर के हाथ में है।

रति बोली- ऐसा हो जाये तो कितना अच्छा हो जाएगा। अगर कम्मो आंटी को कोई ऐतराज़ नहीं तो वो सोमू से सेक्स कर सकती हैं। कम्मो बोली- यह सोमू के साथ सेक्स हम दोनों सिर्फ तुम्हारे इलाज के लिए कर रहे हैं, क्यूंकि मैं समझती हूँ तुम्हारे अंदर सेक्स के बारे में काफी गलत धारणा बन चुकी है जिसको मिटाना बहुत ज़रूरी है, वरना तुम सेक्स से हमेशा से डरती रहोगी और तुम्हारा सारा जीवन बेकार हो जायेगा।

रति बोली- अगर सेक्स का काम सिर्फ मेरे इलाज के सिलसिले में कर रहे हो, तो वो ठीक है। आप दोनों एक दूसरे से प्यार कर सकते हो और यह देख कर मुझे बहुत ही ख़ुशी होगी। मैं रति से बोला- अब तुम कम्मो आंटी के कपड़े उतारो और फिर देखना कि हम कैसे एक दूसरे को कामकला के लिए तैयार करते हैं।

रति ख़ुशी ख़ुशी कम्मो के कपड़े उतारने लगी और कम्मो भी इस मौके का फायदा उठाते हुए रति के खूबसूरत लेकिन कुंवारे शरीर के साथ खेलने लगी। रति ने कम्मो का ब्लाउज उतारा तो कम्मो ने रति के मम्मों को चूसना शुरू कर दिया और उसके निप्पलों को मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दिया और साथ में एक हाथ उसकी चूत पर फेरना शुरू कर दिया।

अब रति ने कम्मो की ब्रा को उतार दिया तो कम्मो ने रति की नाभि में अपनी जीभ डाल दी और उसको गोल गोल घुमाने लगी। उसके ऐसा करने से रति में थोड़े आनन्द की लहर दौड़ गई तो कम्मो ने उसकी भग को रगड़ना जारी रखा और साथ ही उसकी नाभि में जीभ को घुमाना जारी रखा। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !

रति ने अब कम्मो की साड़ी उतार दी और उसके पेटीकोट के नाड़े को पकड़ा ही था कि कम्मो ने रति के होटों पर अपने गर्म होंट रख दिए और अपनी जीभ को उसके मुंह में डाल कर रति की जीभ से खेलने लगी। रति ने अब कम्मो की साड़ी भी उतार दी और जैसे ही कम्मो अल्फ नंगी हुई तो रति के मुंह से हाय निकल गया।

रति कुछ शर्माते हुए बोली- वाह कम्मो आंटी, आपका शरीर तो बहुत ही सुंदर है, अब से मैं आपको कम्मो आंटी नहीं बोलूंगी क्योंकि आप का शरीर बहुत ही जवान और सुन्दर लग रहा है बिल्कुल मेरे जैसा। यह कह कर रति भी कम्मो के मुम्मों को चूसने लगी और उसके गोल चूतड़ों को मसलने लगी।

अब मुझसे यह सब नहीं देखा गया और मैं भी जंग के मैदान अपने खड़े लौड़े को लेकर कूद पड़ा। मैं भी रति के पीछे खड़ा होकर अपने लौड़े से उसकी गांड को छूने लगा और कभी थोड़ा सा लंड गांड के अंदर डालने की कोशिश करने लगा लेकिन रति गांड के एक झटके से मेरे लंड को हटा देती।

फिर कम्मो रति को साथ लेकर बिस्तर पर लेट गई और मैं कम्मो के साथ लेट गया। कम्मो की चूत पर हाथ लगाया तो वो एकदम गीली हो चुकी थी और अब मैंने रति के हाथ को कम्मो की चूत पर रख दिया और उसको कम्मो की गीली चूत का अहसास करवाया।

कम्मो ने एक हाथ से रति की चूत को हाथ लगा कर देखा तो उसमें थोड़ा सा गीलापन आ रहा था। अब कम्मो ने मेरी तरफ देखा और आँख मार कर इशारा किया कि मैं चुदाई शुरू करूँ।

कम्मो सीधी टांगें सिकोड़ कर लेटी थी और मैं कम्मो की टांगों के बीच बैठ कर अपने लंड को कम्मो की चूत के मुंह का निशाना लगाया और एक धक्के में अपने मोटे लौड़े को अंदर धकेल दिया। लंड के गीली चूत में प्रवेश पर एक हल्की सी सिसकारी कम्मो के मुंह से निकली और उसने अपनी टांगें उठा कर मेरी कमर के चारों और घेर कर रख दी।

मैंने चोर नज़रों से रति को देखा, वो बड़े ध्यान से चूत और लंड का यह खेल देख रही थी और अपने हाथ से मेरे चूत के अंदर जाते हुए लंड को फील कर रही थी। ऐसा करते हुए उसके चेहरे के भाव देखने लायक थे, वो ऐसा दिखा रही थी वो कि जैसे उसको भी लंड का चूत में अंदर जाने से पूरा आनन्द आ रहा था।

कम्मो ने अब मुझको इशारा किया और मैं रुक गया चुदाई करते हुए और कम्मो को घोड़ी बना दिया और पुनः लंड को उसकी उभरी हुई गीली चूत में डाल दिया और रति को इशारे से समझाया कि वो देखे कैसे घोड़ी की चुदाई होती है।

रति अब अपने आप हमारे बहुत ही निकट आ गई और बड़ी तल्लीनता से चुदाई का यह काण्ड देखती रही। कम्मो ने रति का एक हाथ मेरे लौड़े पर रख दिया और रति ने उसको गोल कर दिया और मेरा लंड को उसके बीच में से कम्मो की चूत में आते जाते महसूस करवा दिया।

मैंने पूरा ध्यान कम्मो की चुदाई में केंद्रित कर दिया और उसकी चूत में कम्मो के छूटने के आसार देख कर मैंने रति को कम्मो की चूत पर हाथ रखने को कहा ताकि वो महसूस कर सके कि कैसे चूत से पानी छूटता है।

कम्मो का जब छूटा तो वो बड़े ज़ोर से हुंकार भरने लगी और उसकी चूत में से पानी का फव्वारा छूट पड़ा जो रति ने अपने हाथ में ले लिया। अब कम्मो बिस्तर पर पूरी लेट गई और उसने रति को अपने साथ सीधे लिटा लिया और तब मैंने रति की टांगें चौड़ी करके उनके बीच में बैठ गया और अपने लंड को रति की चूत के मुंह पर रख कर हल्के हल्के अंदर बाहर करने लगा।

लंड की सिर्फ टिप ही अंदर जा रही थी जिससे रति की चूत में अपने आप कुछ और ज़्यादा गीलापन आना शुरू हो गया। मैंने तीन चार बार ही ऐसा किया कि रति अपनी कमर नीचे से उठाने लगी और मेरे लंड को पूरा अंदर जाने के लिए उकसाने लगी।लेकिन कम्मो ने मुझको रोक दिया और कहा- अभी कुछ मत करना, कल इसकी भाभी से सलाह करके ही आगे बढ़ेंगे।

कहानी जारी रहेगी। [email protected]

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